डीमैट अकाउंट के नुकसान | खाता खुलवाने से पहले जरूर ध्यान रखे

नमस्कार दोस्तों, आज इस आर्टिकल में हम डीमैट अकाउंट के नुकसान के बारें में चर्चा करेंगे। आज के समय कई लोग शेयर मार्केट में निवेश करते हैं। जबकि शेयर मार्केट में निवेश करने के लिए एक डीमैट अकाउंट की आवश्यकता होती हैं।

लेकिन आपको अपने निवेश को लेकर सदैव सतर्क रहने की जरूरत हैं क्योंकि यदि हम पहले से सचेत रहेंगे तो हमें कम से कम हमारी गलती से तो नुकसान नहीं होगा। इसलिए आपको अपने डीमैट अकाउंट के नुकसान के बारें में सही जानकारी होनी चाहिए।

डीमैट अकाउंट के माध्यम से आप शेयर मार्केट में शेयर खरीद सकते हैं। जो भी शेयर आपने खरीदें हैं वो इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में डीमैट अकाउंट में स्टोर रहते हैं। इसलिए यहां ऑनलाइन होने की वजह से स्वतः ही रिस्क बन जाती हैं।

तो चलिए बिना समय गवाएं बात करते हैं डीमैट अकाउंट के नुकसान के बारें में।

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1 डीमैट अकाउंट के नुकसान (Disadvantages of Demat Account in Hindi)

डीमैट अकाउंट के नुकसान (Disadvantages of Demat Account in Hindi)

डीमैट अकाउंट के बहुत से फायदे हैं जैसे की हम आसानी से शेयर खरीद सकते हैं, शेयर्स को डिजिटली स्टोर करके रख सकते हैं। डिजिटली स्टोर रहने की वजह से स्टॉक्स का चोरी या खो जाने का डर नहीं रहता।

लेकिन इन सबके बाउजूद भी कई ऐसे नुकसान हैं जो की डीमैट अकाउंट का इस्तेमाल करने के दौरान हो सकते हैं। इसलिए आपको एक समझदार निवेशक की भांति इन नुकसानों की सही जानकारी होनी चाहिए।

चलिए अब हम एक-एक करके डीमैट अकाउंट के नुकसान को विस्तार में समझ लेते हैं।

Demat account ke nuksan

1. डीमैट अकाउंट वार्षिक शुल्क का नुकसान

जब भी हम किसी स्टॉक ब्रोकर के पास अपना डीमैट अकाउंट खुलवाते हैं तो वो ब्रोकर हमसे एक वार्षिक शुल्क (AMC) वसूल करता हैं। ये वार्षिक शुल्क फुल सर्विस ब्रोकर्स का ज्यादा होता हैं जबकि डिस्काउंट ब्रोकर्स का कम।

ये एनुअल मैंटेनस चार्ज हमारे डीमैट अकाउंट को मेन्टेन करने की एवज में चार्ज किया जाता हैं। चाहे आप अपने डीमैट अकाउंट को प्रयोग करें या नहीं आपको AMC चार्जेज तो देने ही होते हैं। ये चार्जेज स्वतः ही आपके अकाउंट से डेबिट हो जाते हैं।

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जब आप न तो कोई शेयर ख़रीदते हैं या आपके डीमैट अकाउंट में एक भी शेयर नहीं हैं तो भी आपको AMC का भुगतान करना होता हैं। इसलिए आप शेयर मार्केट से कुछ पैसा तो कमा नहीं पाए जबकि आपको अपनी जेब से शुल्क ओर देना पड़ गया।

“इसलिए आपको डीमैट अकाउंट के नुकसान से बचने के लिए तभी डीमैट खाता खुलवाना चाहिए जब वाकई में आपको इसकी आवश्यकता हो” 

2. डीमैट अकाउंट के हैक हो जाने का ख़तरा

आज का समय जितना डिजिटल हुआ हैं उतना ही हैकर्स इसका फायदा उठाने की कोशिश में लगे रहते हैं। यदि किसी निवेशक ने अपने वर्षों की पूंजी शेयर मार्केट में लगा रखी हो और एक दिन उसका डीमैट अकाउंट हैक हो जाएं। ये सबसे दयनीय स्थिति बन जाती हैं।

इसलिए यदि डीमैट अकाउंट के सबसे बड़े नुकसान की बात की जाये तो डीमैट अकाउंट के हैक होने का खतरा सबसे बड़ा नुकसान हैं।

यदि आप अपने डीमैट अकाउंट की गोपनीय जानकारी को लेकर थोड़ी सी भी लापरवाही बरतते हो तो आपका भी डीमैट अकाउंट हैक हो सकता हैं। अभी हाल ही में कई लोगों के डीमैट अकाउंट हैक होने की न्यूज़ चर्चा में रही थी।

ऐसा भी नहीं हैं की आपका डीमैट अकाउंट आसानी से हैक हो जाता हैं। यदि आप अपने डीमैट अकाउंट को लेकर थोड़ी सावधानियां बरतते हो तो आप काफी हद तक सुरक्षित रह सकते हैं। सिर्फ डीमैट अकाउंट हैक होने के डर से शेयर मार्केट में निवेश नहीं करना समझदारी नहीं होगी। क्योंकि हैक तो कुछ भी हो सकता हैं जैसे की हमारा बैंक अकाउंट।

अपने डीमैट अकाउंट को फ्रॉड से कैसे बचाएं के लिए ये पोस्ट जरूर पढ़ें।

3. तकनीकी जानकारी की आवश्यकता

अभी के समय ट्रेडिंग या इन्वेस्टिंग करना पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक हो चुका है। इसका मतलब हैं कि शेयर मार्केट में निवेश करने के लिए अब आपको अपने कंप्यूटर या मोबाइल एप्प का इस्तेमाल करना होगा।

डीमैट अकाउंट को सही तरीके से इस्तेमाल करने के लिए आपको शेयर होल्डिंग, शेयर Buy-Sell, पोर्टफोलियो, पैसा ऐड करने जैसी जानकारी होनी चाहिए। उचित तकनीकी ज्ञान और कौशल के बिना, आपको अपने डीमैट अकाउंट को मैनेज करना थोड़ा बहुत मुश्किल लग सकता हैं।

आप जिस भी स्टॉक ब्रोकर के डीमैट खाते इस्तेमाल करते हैं उसके ट्रेडिंग प्लेटफार्म और इंटरफ़ेस को समझना आपके लिए बहुत जरुरी हो जाता हैं। यदि आप टेक्नोलॉजी के साथ बिलकुल भी used to नहीं हैं तो आप आसानी से अपना डीमैट अकाउंट हैंडल नहीं कर पाएंगे।

इस तरह टेक्नोलॉजी के ज्ञान की आवश्यकता डीमैट अकाउंट के नुकसान में शामिल हैं। हालांकि टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना इतना भी मुश्किल नहीं हैं। आप इसे थोड़ी-बहुत मेहनत से सीख सकते हैं।

4. हिडन चार्जेज के नुकसान

आपका स्टॉक ब्रोकर आपके डीमैट अकाउंट पर कई हिडन चार्जेज काटता हैं। जब आप डीमैट अकाउंट ओपन करवाते हैं जब ये सभी हिडन चार्जेज डिस्क्लोज़ नहीं किये जाते हैं। लेकिन जब आपके ट्रेडिंग अकाउंट में बैलेंस पड़ा होता हैं तो स्टॉक ब्रोकर आपके बैलेंस से हिडन चार्जेज काट सकता हैं।

इसलिए आपको डीमैट अकाउंट के नुकसान से बचने के लिए पहले से हिडन चार्जेज का सही से पता कर लेना चाहिए।

5. हाई ब्रोकरेज से नुकसान

शेयर मार्केट में मुख्यतः दो प्रकार के शेयर ब्रोकर रहते हैं पहला फुल सर्विस ब्रोकर और दूसरा डिस्काउंट सर्विस ब्रोकर। फुल सर्विस ब्रोकर आपसे डिलीवरी और शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग दोनों में हाई ब्रोकरेज वसूल करता हैं। हालांकि डिस्काउंट ब्रोकर के मामले ये ब्रोकरेज अपेक्षाकृत कम रहती हैं।

जब कोई व्यक्ति या ट्रेडर शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग करता हैं जैसे की इंट्राडे ट्रेडिंग, F&O ट्रेडिंग तो उसे हाई ब्रोकरेज का भुगतान करना होता हैं। ये ब्रोकरेज इतनी ज्यादा होती हैं जो की डीमैट अकाउंट के नुकसान में सबसे बड़ी मानी जाती हैं।

जब भी आप अपने डीमैट & ट्रेडिंग अकाउंट से ट्रेडिंग करते हैं तो आपको ब्रोकरेज यानि की कमिशन लगता हैं। ये ब्रोकरेज स्टॉक ब्रोकर द्वारा लगाई जाती हैं जो की इनकी कमाई का एक मुख्य जरिया होती हैं।

6. लगातार स्टेटमेंट्स को वेरीफाई करना

यदि आप भी स्टॉक मार्केट में निवेश करते हैं तो आपको नियमित रूप से स्टॉक ब्रोकर, एक्सचेंज, BSE, NSE और CDSL/NSDL से मेल प्राप्त होते रहते हैं ,

अब एक जागरूक और सतर्क निवेशक होने के नाते आपकी जिम्मेदारी बनती हैं की इन स्टेटमेंट्स को नियमित रूप से अपनी होल्डिंग, फंड बैलेंस आदि से वेरीफाई करें। क्योंकि कई बार ऐसा हो सकता हैं की आपके डीमैट होल्डिंग में कुछ आ रहा हैं और आपके स्टेटमेंट्स में कुछ।

इसलिए आपके डीमैट अकाउंट और इन स्टेटमेंट्स में मिलान होना आवश्यक हैं। जिससे आप ये सुनिश्चित कर सके की आपके साथ कोई धोखाधड़ी तो नहीं हो रही।

लेकिन साथ में इन स्टेटमेंट्स को नियमित रूप से वेरीफाई करना एक झंझट वाला काम हो जाता हैं। विशेषतौर पर जब आप अपनी नौकरी या बिज़नेस में काफी व्यस्त रहते हैं। इसलिए स्टेटमेंट्स को वेरीफाई करना डीमैट अकाउंट के नुकसान में बड़े नुकसानों में शामिल हैं।

7. डीमैट अकाउंट फ्रीजिंग या डोरमैट होने का नुकसान

अगले महत्वपूर्ण डीमैट अकाउंट के नुकसान में डीमैट अकाउंट के फ्रीज़ या डोरमैट होने का खतरा हैं। कई बार ऐसा होता हैं की हम डीमैट खाता खुलवा लेते हैं और शेयर्स भी खरीद लेते हैं। लेकिन उस डीमैट खाते को निरंतर उपयोग में नहीं लेते।

जब हम अमूमन अपने डीमैट अकाउंट को एक वर्ष तक यूज़ नहीं करते हैं तो उसे डोरमैट कर दिया जाता हैं। यूज़ करने का मतलब हैं की न तो हम कोई शेयर ख़रीदते हैं न ही बेचते हैं।

यदि आप भी लंबी अवधि से कोई ट्रांसेक्शन नहीं करते हैं तो आपका भी डीमैट अकाउंट निष्क्रिय हो सकता हैं। जिसे वापस सक्रिय करवाने में समय लगता हैं। ऐसे में आप इमरजेंसी में समस्या में पड़ सकते हैं।

“जैसे की आपने किसी आईपीओ में अप्लाई किया था। आपको IPO अलॉट हुआ हैं और आप उन शेयर्स को लिस्टिंग के साथ ही बेचना चाहते हैं। लेकिन जब आप ट्रांसेक्शन करने जाते हैं तो आपको पता चलता हैं की आपका Demat Account तो एक्टिव ही नहीं हैं। ऐसे में आप प्रॉब्लम में पड़ सकते हैं।”

इसलिए आपको अपने डीमैट अकाउंट को एक्टिव रखने के लिए वर्ष में कम से कम एक बार तो ट्रांसेक्शन करना ही चाहिए।

8. बिना नॉलेज के ट्रेडिंग करना

जब कोई नया निवेशक डीमैट अकाउंट खुलवा लेते हैं तो वो बिना किसी जानकारी और रिसर्च के शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग जैसे की फ्यूचर एंड ऑप्शन करने लग जाता हैं।

शेयर मार्केट में शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग काफी रिस्की मानी जाती हैं। जब तक इसे डंग से सीखा नहीं जाता इससे प्रॉफिट नहीं कमाया जा सकता। आज के समय में मात्र एक दिन में ट्रेडिंग अकाउंट ओपन हो जाता हैं।

नए निवेशक जल्दी पैसा बनाने के चक्कर में शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग करने लग जाते हैं जिससे की उन्हें बहुत बड़ा नुकसान हो जाता हैं। आपको सबसे पहले ये समझने की आवश्यकता हैं की शेयर मार्केट में नुकसान कैसे होता है

इसलिए आपको कभी भी किसी की टिप्स को फॉलो करके ट्रेडिंग नहीं करनी चाहिए। नहीं तो आपके डीमैट अकाउंट मेन्टेन करने का फायदा तो होगा नहीं बल्कि नुकसान ओर हो जायेगा।

9. शेयर ट्रेडिंग की हाई फ्रीक्वेंसी का नुकसान

डीमैट अकाउंट के नुकसान में अगला पॉइंट हैं शेयर ट्रेडिंग की फ्रीक्वेंसी ज्यादा हो जाना। वर्तमान में शेयरों के डीमैटेरियलाइज़ेशन के कारण, हम सिर्फ एक क्लिक से शेयर मार्केट में ट्रेडिंग कर सकते हैं।

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साथ ही आप नियमित रूप से अपने स्टॉक के करंट वैल्यू की जांच कर सकते है। जब पुराने समय में शेयर भौतिक रूप (physical form) में उपलब्ध थे तब ऐसा करना मुमकिन नहीं था।

लेकिन अभी अपने पोर्टफोलियो को नियमित रूप से चेक करने की वजह से हम ट्रेडिंग भी अधिक करते हैं। जिससे हम अपने निवेश को लम्बे समय तक होल्ड नहीं कर पाते हैं। परिणामस्वरूप हम लॉन्ग टर्म कम्पाउंडिंग का फायदा भी नहीं उठा पाते हैं और निरंतर शेयर खरीदते और बेचते रहते हैं। 

10. अतिरिक्त चार्जेज का भुगतान

डीमैट अकाउंट होल्ड करने का एक ओर बड़ा नुकसान ये भी हैं कि आपको स्टॉक ब्रोकर की फीस के अतिरिक्त ओर भी कई सारे चार्जेज का भुगतान करना होता हैं। जैसे कि ट्रांजैक्शन चार्जेज, डीपी चार्जेज, प्लेज चार्जेज, STT आदि।

यदि आप अपने अकाउंट से बहुत ज्यादा ट्रांजैक्शन करते हैं तो ये चार्ज आपके लिए बहुत ज्यादा नुकसानदेह हो सकते हैं। इसलिए, आपको डीमैट खाता खोलने से पहले इन सभी चार्जेस को सही से समझना चाहिए और सही शेयर ब्रोकर को चुनना चाहिए।

11. जटिल अकाउंट ओपनिंग प्रोसेस

जब भी किसी को पहली बार डीमैट अकाउंट खुलवाना होता हैं तो उसे काफी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता हैं। डीमैट अकाउंट खुलवाने के लिए आपके पास आधार कार्ड, पैन कार्ड और एक बैंक अकाउंट होना जरुरी हैं।

यदि इनमें से कोई भी एक चीज आपके पास नहीं हैं तो आप अपना डीमैट अकाउंट नहीं खोल पाएंगे। साथ ही डीमैट अकाउंट ओपन करने के लिए एक बड़ी प्रक्रिया होती हैं जो की एक नए व्यक्ति के लिए काफी मुश्किल हो सकती हैं।

12. डीमैट अकाउंट से सिक्योरिटीज से फ्रॉड होने का ख़तरा

डीमैट खाते का अगला बड़ा नुकसान यह हैं की आपके डीमैट खाते के जरिए सिक्योरिटीज में फ्रॉड होने का खतरा भी बना रहता हैं।

डीमैट अकाउंट के नुकसान

आसान भाषा में कहें तो आपका डीमैट अकाउंट गलत तरीके से हैक भी हो सकता हैं। यदि ऐसा होता हैं तो आपके स्टॉक्स की वैल्यू कम हो सकती हैं। अन्यथा आपके शेयर्स कहीं फंस भी सकते हैं।

  • जैसे की, यदि किसी का डीमैट अकाउंट हैक हो जाता हैं तो उसके शेयर गायब हो सकते हैं या फिर उसके डीमैट अकाउंट में कुछ अनाधिकृत लेनदेन भी हो सकता हैं। यदि ऐसा होता हैं तो ये काफी नुकसानदायक हो सकता हैं।

इसलिए, आपको एक समझदार निवेशक की भांति अपने डीमैट अकाउंट की सिक्योरिटी को नियमित रूप से मॉनिटर करना चाहिए। इसके लिए, आपको एक मजबूत पासवर्ड का इस्तेमाल करना चाहिए। साथ ही आप अधिक सुरक्षा के लिए अपने डीमैट अकाउंट पर टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन भी चालू कर सकते हैं।

13. डीमैट अकाउंट से शेयर ट्रांसफर करना काफी मुश्किल

अगले डीमैट अकाउंट के नुकसान की बात की जाए तो डीमैट अकाउंट से शेयर ट्रांसफर करना बहुत मुश्किल होता हैं।

कई बार हम किसी वजह से अपने डीमैट अकाउंट से शेयर ट्रांसफर करना चाहते हैं। लेकिन इस डिजिटल युग में भी एक डीमैट अकाउंट से दूसरे डीमैट अकाउंट में शेयर ट्रांसफर करना बहुत मुश्किल हैं।

यदि आपको किसी दूसरे डीमैट अकाउंट में शेयर ट्रांसफर करने हैं तो आपको DIS स्लिप भरकर अपने ब्रोकर को देनी होती हैं। ये हंस्तांतरण प्रक्रिया काफी जटिल हैं जिसे पूरा होने में काफी समय लग जाता हैं।

14. डीमैट घोटाला होने का नुकसान

कई बार हो सकता हैं की आप ऐसे स्टॉक ब्रोकर के साथ में अपना डीमैट अकाउंट खुलवा ले जो की घोटाला कर दे या दिवालिया हो जाये। तो ऐसी स्थिति में ग्राहकों को सर्वाधिक नुकसान होता हैं। 

यदि डीमैट घोटाला होता हैं तो निवेशकों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं। हालांकि सेबी आपके शेयर्स या सिक्योरिटीज दिलवाने में पूरी मदद करता हैं। लेकिन फिर भी मानसिक तनाव और भागा दौड़ी डीमैट अकाउंट के नुकसान में से एक हैं। 

अगर आपका शेयर ब्रोकर दिवालिया हो जाता हैं या भाग जाता हैं इसके लिए आप यह आर्टिकल पढ़ सकते हैं। 

FAQ’s Demat Account ke Nuksan

  1. डीमैट अकाउंट कहां खोला जाता है?

    आप किसी भी स्टॉक ब्रोकर के साथ ऑनलाइन कुछ ही समय में अपना डीमैट अकाउंट खुलवा सकते हैं। आप ज़ेरोधा, अपस्टॉक्स, एंजेल वन जैसे शेयर ब्रोकर्स के साथ में डीमैट खाता खुलवा सकते हैं।

  2. डीमैट अकाउंट खोलने के लिए क्या क्या चाहिए?

    डीमैट अकाउंट खोलने के लिए पैन कार्ड, आधार कार्ड, बैंक अकाउंट, एक फोटो या सेल्फी चाहिए। इन सब डाक्यूमेंट्स की सहायता से आप घर बैठे डीमैट अकाउंट ओपन करवा सकते हैं।

  3. डीमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते हैं?

    आमतौर पर 3 प्रकार के डीमैट अकाउंट होते हैं – रेगुलर डीमैट अकाउंट, रिपेट्रिएबल डीमैट अकाउंट, नॉन-रिपेट्रिएबल डीमैट अकाउंट।

  4. डीमैट अकाउंट बंद कैसे करे?

    आप ऑनलाइन अपने स्टॉक ब्रोकर के प्लेटफार्म से अपना डीमैट अकाउंट बंद करवा सकते हैं। दूसरे तरीके में आप स्टॉक ब्रोकर के ऑफिस में विजिट करके फॉर्म भरकर अपना डीमैट अकाउंट बंद करवा सकते हैं।

  5. डीमैट अकाउंट के नुकसान क्या है?

    इस डिजिटल युग में डीमैट खाते के कई नुकसान हैं जैसे की सिक्योरिटीज के चोरी होने खतरा, ब्रोकर या डिपॉजिटरी में घोटाला होने खतरा, मेन्टेन करने की जटिल प्रक्रिया, शेयर हस्तांतरणीयता और लाभांश भुगतान में चुनौतियां आदि डीमैटअकाउंट के कुछ नुकसान हैं।

  6. क्या डीमैट खाता खोलना सुरक्षित है?

    यदि आप किसी भरोसेमंद स्टॉक ब्रोकर के पास डीमैट अकाउंट खोलते हैं तो ये लगभग सुरक्षित रहता है। हालाँकि आपको अपने डीमैट खाते को लेकर स्वयं भी सावधानियां बरतने की आवश्यकता होती हैं।

  7. डीमैट अकाउंट में कितना न्यूनतम बैलेंस रखना होता हैं?

    डीमैट अकाउंट में न्यूनतम बैलेंस की कोई आवश्यकता नहीं होती।

  8. भारत में कौन सा डीमैट खाता सबसे सुरक्षित है?

    अभी के समय Zerodha, Upstox, Angel One, SBI, ICICI, Kotak या HDFC के डीमैट अकाउंट सुरक्षित माने जाते हैं।

  9. डीमैट घोटाला क्या हैं?

    जब स्टॉक ब्रोकिंग कंपनी अपने कस्टमर्स के साथ धोखा करके भाग जाये या दिवालिया हो जाए तो इसे डीमैट घोटाला कहा जाता हैं।
    हालांकि सेबी अपने ग्राहकों के हितों की सुरक्षा की सम्पूर्ण गारंटी लेता हैं।

डीमैट अकाउंट के नुकसान का निष्कर्ष

इस पोस्ट के माध्यम से हमने डिमैट अकाउंट के नुकसान के बारे में बात की। इसमें हमने समझा कि हमें एक सही जगह डीमैट अकाउंट खोलना चाहिए। साथ में डीमैट अकाउंट से संबंधित सभी महत्वपूर्ण बातों का ध्यान भी रखना चाहिए। जिससे कि हम सही तरीके से डीमेट अकाउंट को मेंटेन कर पाए।

साथ ही में आपको अपने डिमैट अकाउंट की सिक्योरिटी से संबंधित चीजों का भी ध्यान रखना चाहिए।  जिससे कि आसानी से कोई आपके डीमैट खाते को हैक ना कर सके। इसके अतिरिक्त आपको सभी महत्वपूर्ण पॉइंट जो कि मैंने ऊपर डिस्कस किए हैं उनको जरूर से ध्यान में रखना चाहिए। इससे आपको डीमैट अकाउंट के नुकसान नहीं उठाने पड़ेंगे। 

यदि आप सतर्क और सजग रहेंगे तो आपको कोई समस्या नहीं आने वाली। साथ में ऐसा भी नहीं है कि डीमैट अकाउंट के सिर्फ नुकसान है डिमैट अकाउंट के कई फायदे भी हैं जो कि इसे काफी अलग बनाते हैं।

यदि आपको स्टॉक मार्केट में या म्यूचुअल फंड में निवेश करना है तो आपको डिमैट अकाउंट खुलवाना ही होगा। आज के समय में निवेश करना सबसे महत्वपूर्ण है। इसलिए ऊपर बताए महत्वपूर्ण पॉइंट्स का ध्यान रखें और आसानी से डिमैट अकाउंट का उपयोग करें।

दोस्तों, उम्मीद करता हूं कि आपको यह हमारी पोस्ट डीमैट अकाउंट के नुकसान (Disadvantages of Demat Account in Hindi)) पसंद आई होगी। आप इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें। साथ में यदि आपके कोई सवाल या सुझाव हैं तो आप हमें कमेंट बॉक्स के माध्यम से बता सकते हैं। 

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नमस्कार दोस्तों ! मैं राज कुमार बैरवा पूंजी गाइड ब्लॉग का फाउंडर हूँ। मैं पूंजी गाइड ब्लॉग पर शेयर मार्केट, म्यूचुअल फंड, पर्सनल फाइनेंस से सम्बंधित जानकारियां शेयर करता हूँ।

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