इन 5 तरीकों से आप भी अपने म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो को रिव्यु कर सकते हैं

कुछ समय पहले मेरे एक मित्र ने मझे अपना म्यूच्यूअल फंड पोर्टफोलियो दिखाया। उसने कहा कि स्टॉक मार्केट तो अच्छा प्रदर्शन कर रहा हैं परंतु मेरी म्यूच्यूअल फंड स्कीम मुझे काफी कम रिटर्न दे रही हैं।

ये मेरे दोस्त की कहानी आप में से मेरे कई दोस्तों की हो सकती हैं। आप में से कई तो ऐसे निवेशक होते हैं जो एक बार म्यूच्यूअल फंड ख़रीदने या SIP चालू करने के बाद उसे कभी भी रिव्यू नहीं करते।

अगर आप भी म्यूच्यूअल फंड इन्वेस्टमेंट के द्वारा अपने गोल्स को समय रहते प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको समय-समय पर अपने म्यूच्यूअल फंड पोर्टफोलियो को रिव्यु करते रहना चाहिए। जिससे आप अंडर परफॉर्मिंग म्यूच्यूअल फंड्स को अच्छी स्कीम से रिप्लेस कर सकें।

इस आर्टिकल के माध्यम से मैं आपको 5 ऐसे महत्वपूर्ण पॉइंट्स बताऊंगा जिनकी मदद से आप स्वयं बिना किसी एडवाइजर के अपने म्यूच्यूअल फंड पोर्टफोलियो को रिव्यु कर सकते हैं।

म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो को रिव्यु कैसे करें?

mutual fund portfolio review kaise kare

ऐसा नहीं है कि आपको प्रत्येक महीने में अपने म्यूच्यूअल फंड पोर्टफोलियो को रिव्यु करना है। अगर आप अपने पोर्टफोलियो को वर्ष में एक बार भी रिव्यू कर लेते हैं तो भी पर्याप्त होगा।

आप निम्न पांच पॉइंट्स की सहायता से अपने पोर्टफोलियो को रिव्यु कर सकते हैं।

(i) फंड के रिटर्न को पीअर्स (Peers) से तुलना करें

आपकी SIP अच्छा कर रही है या नहीं, इसका अंदाजा आप उसके peers से लगा सकते हैं। अगर आपकी म्यूच्यूअल फंड स्कीम के रिटर्न उसके पीअर्स से बढ़िया है तो इसका मतलब हुआ की आपकी स्कीम बहुत ही बढ़िया प्रदर्शन कर रही हैं।

उदाहरण के लिए अगर आपकी स्कीम फ्लेक्सी कैप केटेगरी की हैं तो आप फ्लेक्सी कैप केटेगरी की अन्य स्कीम्स के साथ आपके फंड की तुलना कर सकते हैं। अगर पीअर्स के रिटर्न आपकी स्कीम के आस-पास है तो कोई समस्या नहीं हैं।

लेकिन आपके रिटर्न पीअर्स से बहुत ही कम हैं तो आप स्कीम में बदलाव के बारे में सोच सकते हैं।

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आप अपनी म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम के पीअर्स के बारें में वैल्यू रिसर्च की वेबसाइट से पता कर सकते हैं।

(ii) बेंचमार्क रिटर्न से तुलना

अगर आपके पास एक एक्टिव फण्ड हैं तो आप उसकी तुलना उसके बेंचमार्क इंडेक्स से अवश्य करनी चाहिए। एक्टिव फण्ड में आप थोड़ा अधिक एक्सपेंस रेश्यो का भुगतान कर रहे होते हैं। इसमें फण्ड मैनेजर की जिम्मेदारी बनती हैं की वो निवेशकों को बेंचमार्क से अधिक रिटर्न बना कर दे।

अगर आपकी स्कीम बेंचमार्क से भी कम रिटर्न दे रही हैं और आप एक्टीव फण्ड में अधिक एक्सपेंस रेश्यो भी दे रहे हैं तो आपके वास्तविक रिटर्न काफी कम हो सकते हैं।

आपको अपने अंतिम एक वर्ष के रिटर्न बेंचमार्क से compare करने चाहिए। अगर फंड के रिटर्न बेंचमार्क से कम हैं तो आपको फंड में बदलाव के बारे में सीरियसली सोचना चाहिए।

बेंचमार्क वो इंडेक्स होता हैं जिसके रिटर्न को फण्ड ट्रैक करता हैं। उदाहरण के लिए एक्सिस ब्लू चिप फण्ड का बेंचमार्क S&P BSE 100 TRI हैं। बेंचमार्क इंडेक्स के बारे में भी जानकारी भी आपको मनीकण्ट्रोल और वैल्यू रिसर्च से प्राप्त हो जाएगी।

(iii) Mutual Fund Ratios

म्यूच्यूअल फंड रेश्यो किसी भी म्यूच्यूअल फंड को analyze करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। आपको निम्न रेश्यो म्यूच्यूअल फण्ड को रिव्यु करते समय देखना चाहिए।

अल्फा रेश्यो – ये रेश्यो हमें बताता है कि क्या फंड अपने बेंचमार्क से अधिक रिटर्न बना पा रहा हैं या नहीं? अगर किसी फण्ड का अल्फा रेश्यो 5% हैं तो इसका मतलब हुआ की फण्ड अपने बेंचमार्क से 5% अधिक रिटर्न बना रहा हैं।

अल्फा रेश्यो जितना अधिक होगा उतना अच्छा माना जाएगा। नेगेटिव अल्फा होने का मतलब हैं की फण्ड अपने बेंचमार्क से कम रिटर्न बना कर दे रहा हैं।

बीटा रेश्यो – बीटा रेश्यो आपके फण्ड की वोलैटिलिटी को मापता हैं। आदर्श (standard) बीटा रेश्यो एक माना जाता हैं।

जिस फण्ड का बीटा रेश्यो एक से कम होगा उसकी वोलैटिलिटी कम होगी। जिस फण्ड का बीटा एक से अधिक होगा उसमें अधिक वोलैटिलिटी होती हैं।

इसलिए अपने फण्ड का बीटा रेश्यो अवश्य देखें वो जितना “एक” के आस-पास होगा उतना अच्छा होगा।

(iv) Fund Overlapping

आपके म्यूच्यूअल फंड पोर्टफोलियो में तीन से पांच स्कीम हो सकती है। हो सकता है कि आपकी एक स्कीम में दूसरी स्कीम के कई स्टॉक समान (common) हो।

उदाहरण के लिए आपकी A स्कीम के पोर्टफोलियो में 10% HDFC बैंक का हिस्सा हैं। आपकी B स्कीम में भी 10% पोर्टफोलियो HDFC बैंक का ही हैं। ऐसी स्थिति में दोनों में कॉमन स्टॉक होने की वजह से इसे फण्ड ओवरलैप कहा जायेगा।

अधिक कॉमन स्टॉक होने से अलग-अलग म्यूचुअल फंड स्कीम रखने का कोई विशेष महत्व नहीं रह जाता। फण्ड ओवरलैप जितना कम हो उतना अच्छा होता हैं।

आप इस लिंक पर जाकर अपने फण्ड का ओवरलैप चेक कर सकते हैं – Mutual Fund Portfolio overlap check

(v) फण्ड मैनेजर

किसी भी म्यूच्यूअल फंड की अच्छी परफॉर्मेस के पीछे फंड मैनेजर का हाथ होता हैं। इसलिए फंड मैनेजर को ट्रैक करना आपके लिए जरूरी हो जाता हैं।

अगर पिछले कुछ समय से आपकी म्यूच्यूअल फंड बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रही थी और अचानक से उसके रिटर्ंस में गिरावट आती हैं तो आप चेक कीजिए कि कहीं फंड का फंड मैनेजर तो नहीं बदल गया हैं।

अगर ऐसा होता है तो आप नए फंड मैनेजर के ट्रैक रिकॉर्ड को चेक कीजिए कि उस फंड मैनेजर ने कौन-कौन से फंड मैनेज किये हैं और उनका प्रदर्शन कैसा रहा हैं।

आप कुछ समय उस फंड मैनेजर को दीजिए फिर भी अगर आपकी म्यूच्यूअल फंड स्कीम की परफॉर्मेंस में इजाफा नहीं होता हैं तो आप उस स्कीम से ऑप्ट आउट सकते हैं।

निष्कर्ष

आज के समय में हम म्यूचुअल फंड के माध्यम से अपने लंबे लक्ष्यों को निर्धारित करते हैं। अगर ये म्यूच्यूअल फंड अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए तो हम अपने गोल्स को प्राप्त करने से वंचित रह सकते हैं।

इसलिए समय-समय पर अपने म्यूच्यूअल फंड पोर्टफोलियो को रिव्यू करना बहुत आवश्यक हो जाता हैं। अगर आप म्यूच्यूअल फंड के अच्छे जानकार भी नहीं है तो ऊपर दिए गए पांच पॉइंट्स की मदद से आसानी से अपने म्यूच्यूअल फंड पोर्टफोलियो को रिव्यु कर सकते हैं।

आज आपने इस आर्टिकल में समझा कि अपने म्यूच्यूअल फंड पोर्टफोलियो को कैसे रिव्यू करें।

दोस्तों, अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो तो इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और अगर आपके कोई सवाल है तो मुझे कमेंट बॉक्स के माध्यम से बता सकते हैं।

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नमस्कार दोस्तों ! मैं राज कुमार बैरवा पूंजी गाइड ब्लॉग का फाउंडर हूँ। मैं पूंजी गाइड ब्लॉग पर शेयर मार्केट, म्यूचुअल फंड, पर्सनल फाइनेंस से सम्बंधित जानकारियां शेयर करता हूँ।

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