म्यूचुअल फंड के फायदे और नुकसान

आज के दौर में सब अपने निवेश को लेकर सजग हैं। सभी व्यक्ति किसी न किसी माध्यम से निवेश कर एक अच्छी वेल्थ बनाना चाहते हैं और यह करना सही भी है। Mutual funds आज के दौर में सबसे लोकप्रिय विकल्पों में से एक है। परन्तु क्या आपको पता है की म्यूचुअल फंड के फायदे और नुकसान क्या हैं। (Advantages and Disadvantages of Mutual funds).

दोस्तों, किसी भी माध्यम से इन्वेस्ट करने से पहले यह जान लेना अति आवश्यक है कि उस निवेश के क्या फायदे और क्या नुकसान हैं?

इस आर्टिकल के माध्यम से सबसे पहले हम बात करेंगे की Mutual Fund के फायदे क्या हैं। उसके बाद हम म्यूच्यूअल फण्ड के नुकसान के बारे में भी बात करेंगे।

इस आर्टिकल के बाद स्वयं आप तय कर पाएंगे की आपको म्यूच्यूअल में निवेश करना हैं या नहीं, क्योंकि मैं आपको अपने म्यूच्यूअल फण्ड के 9 वर्ष के अनुभव से सम्पूर्ण जानकारी दूंगा। 

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1 म्यूचुअल फंड के फायदे और नुकसान

म्यूचुअल फंड के फायदे और नुकसान

mutual fund ke fayde aur nuksan

कोई भी निवेश प्लान के कुछ फायदे होते हैं तो कुछ नुकसान। अगर आप एक म्यूच्यूअल फण्ड बिगिनर हो तो ये जानकारी आपके बहुत काम आएगी।

म्यूच्यूअल फंड के फायदे ( Advantages of Mutual Funds)

Mutual Funds के फायदे (Benefits of Mutual funds) हम निम्न पॉइंट्स के माध्यम से समझेंगे-

[1] प्रोफेशनल मैनेजमेंट की सुविधा

जब भी आप mutual fund खरीदते हो तो आपकी राशि में से कुछ पैसा एक्सपेंस रेश्यो के रूप में काट लिया जाता है। इसी पैसे से आपके पोर्टफोलियो को मैनेज करने के लिए कुछ हिस्सा पेशेवर फंड मैनेजर को दिया जाता है। यहां फंड मैनेजर अपने ज्ञान एवं अनुभव से आपके लिए कम जोखिम पर ज्यादा रिटर्न प्राप्त करने का प्रयास करते हैं।

जैसा की आपको मालूम है कि एक्सपेंस रेश्यो बहुत कम होता है। इस बहुत कम खर्च में आप प्रोफेशनल की सेवाएं प्राप्त कर सकते हैं। Mutual funds में कम खर्चे का कारण है कि बहुत से व्यक्ति मिलकर एक फंड में निवेश करते हैं जिससे उस फंड को मैनेज करने का खर्चा सभी व्यक्तियों में विभाजित हो जाता है।

[2] कम पूंजी से भी निवेश का विकल्प

अगर आपको सीधे स्टॉक मार्केट में निवेश करना है तो आपको अधिक पूंजी की आवश्यकता होगी। परंतु आप बहुत कम पैसे से म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करके स्टॉक मार्केट के रिटर्न का फायदा उठा सकते हैं।

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म्यूच्यूअल फंड का यह सबसे बड़ा फायदा है कि आप ₹500 या ₹1,000 रुपए से भी SIP की शुरुआत कर सकते हैं। अगर आपको लम सम करना है तो भी आप अपने बजट के अनुसार ₹1000 से ₹5000 से लम सम करवा सकते हैं। इसमें आपको बहुत ज्यादा रकम की आवश्यकता नहीं होती हैं। साथ ही आपको निवेश करने के लिए इंतजार नहीं करना होगा की जब आपकी इनकम ज्यादा होगी तब आप निवेश करेंगे।

[3] लक्ष्यों की प्राप्ति में सहायक

Mutual funds के जरिए हम व्यवस्थित (systematic) तरीके से निवेश कर के अपने लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं। म्युच्युअल फंड फायदे में ये सबसे बढ़िया बेनिफिट माना जाता हैं।

जैसे कि आप कार खरीदने के लिए, घर खरीदने के लिए लक्ष्य निर्धारित कर पोर्टफोलियो का निर्माण कर सकते हैं। मार्केट में हजारों स्कीम उपलब्ध है उनमें से आप अपने निवेश की जरूरत एवं लक्ष्यों के अनुसार निवेश कर सकते हैं। आप अपने लक्ष्यों के मुताबिक बेस्ट म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करके अपना गोल हांसिल कर सकते हैं।

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[4] अच्छा रिटर्न और पॉवर ऑफ़ कम्पाउंडिंग

म्यूच्यूअल फंड्स में निवेश करने का सबसे बड़ा फ़ायदा हैं की आपको म्यूच्यूअल फंड्स में अन्य निवेशों के मुकाबले ज्यादा और आकर्षक रिटर्न्स मिलते हैं।

यहाँ आपको पॉवर ऑफ़ कम्पाउंडिंग भी देखने को मिलती हैं। जितने लम्बे समय के लिए आप अपना इन्वेस्टमेंट होल्ड करोगे आपके रिटर्न उतनी तेजी से बढ़ेंगे। SIP अपनी पॉवर ऑफ़ कम्पाउंडिंग की वजह से काफी लोकप्रिय हैं।

[5] विभिन्न प्रकार की योजनाओं में निवेश की सुविधा

मार्केट में बहुत से म्यूचुअल फंड के प्रकार या कैटेगरी उपलब्ध हैं। उनमें से आप अपनी रिस्क प्रोफाइल के अनुसार कोई भी स्कीम का चुनाव कर सकते हैं। आप अपनी आवश्यकता और लक्ष्यों के मुताबिक म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम चुन सकते हैं।

म्यूच्यूअल फंड्स में इक्विटी, डेट, हाइब्रिड आदि स्कीम्स के विकल्प उपलब्ध हैं। मान लीजिए आपको रिस्क के साथ अच्छे रिटर्न प्राप्त करने हैं तो आप इक्विटी फंड के साथ जा सकते हैं। ऐसे निवेशक जिन्हें बहुत कम रिस्क चाहिए वह debt funds का चुनाव कर सकते है।

[6] निवेश में विविधता (Diversified Investment)

म्यूच्यूअल फण्ड का एक बड़ा फायदा होता है कि यह आपके पैसे को अलग-अलग सेक्टर और एसेट में निवेश करता हैं जिससे आपके निवेश में विविधता बनी रहती है।

मान लीजिए किसी सेक्टर जैसे बैंकिंग या ऑटो सेक्टर में किसी कारणवश मंदी आ जाती है तो भी इससे संपूर्ण पोर्टफोलियो पर अधिक फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि इस सेक्टर में थोड़ा सा निवेश होगा जिससे सम्पूर्ण पोर्टफोलियो पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा।

[7] निवेश करने में आसान

कई निवेश ऑप्शन ऐसे होते हैं जिनमें निवेश करने की प्रक्रिया बहुत जटिल होती है। परंतु म्यूच्यूअल फण्ड कैसे खरीदे इसका जवाब बहुत आसान हैं। आप स्वयं ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी की वेबसाइट, किसी मोबाइल एप्प या किसी एजेंट के माध्यम से आसानी से म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश कर सकते हैं।

आजकल कई ऐसे प्लेटफार्म लॉन्च हो चुके हैं जिनके माध्यम से आप एक जगह से कई म्यूच्यूअल फण्ड हाउस की स्कीम खरीद सकते हैं जैसे की groww app, Kuvera app, Cams आदि।

इतना ही नहीं आप अपनी म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम की ग्रोथ, रिटर्न आदि की तुलना एवं ट्रैकिंग भी आसानी से कर सकते हैं। ऑनलाइन निवेश ने म्यूचुअल फंड को ओर आसान बना दिया है।

[8] निवेश करने की कम लागत

निवेश करने के लिए आपको मात्र एक्सपेंस रेश्यो के रूप में फीस चुकानी होती है जो कि बहुत कम होती है। एक्सपेंस रेश्यो 1 से 2% के आस-पास रहता हैं। इस प्रकार बहुत ही कम लागत पर एक प्रोफेशनल फण्ड मैनेजर आपके पैसे को मैनेज करता हैं।

[9] म्यूच्यूअल फंड से समय की बचत

अगर आप सीधे स्टॉक मार्केट में निवेश करते हैं तो आपको लगातार मार्केट के उतार-चढ़ाव को मॉनिटर करना होता है। साथ ही रिसर्च एवं analysis करने के लिए आपको समय निकालना पड़ेगा लेकिन म्यूच्यूअल फण्ड में ऐसा नहीं है। बस आपको निवेश करके निश्चित हो जाना है।  अगर आप 6 महीने या 1 वर्ष में एक बार भी अपने पोर्टफोलियो को रिव्यु करेंगे तब भी आपका काम चल जाएगा।

[10] सुरक्षित निवेश

म्यूच्यूअल फण्ड का नियामक (regulator) संस्था सेबी (SEBI) है जो इन पर कड़ा नियंत्रण रखता है एवं नियमों की पालना करने हेतु बाध्य करता है। जैसे सभी बैंको का रेगुलेटर आरबीआई होता है वैसे ही म्यूच्यूअल फंड्स का रेगुलेटर सेबी होता है।

SEBI एक सरकारी संस्थान है जो Mutual fund Houses को अपने अधीन पंजीकृत करता है। इसलिए आपका निवेश म्यूच्यूअल फंड में शत-प्रतिशत सुरक्षित रहता है।

आप SIP के बेनिफिट्स जानने के लिए ये वीडियो भी देख सकते हैं – 

[11] पैसा निकालने में आसानी/ तरलता (Liquidity)

कई बार ऐसा होता है कि हम निवेश तो कर देते हैं परंतु कुछ कारणवश हमें पैसों की बीच मे ही जरूरत पड़ जाती है और निवेश किया हुआ पैसा निकालने की आवश्यकता पड़ती है।

कई निवेश विकल्पों में लॉक-इन-अवधि रहती है जिसके कारण आप उनमें से पैसा बिना लॉक-इन-अवधि के समाप्त हुए नहीं निकाल पाते हैं। परन्तु म्यूच्यूअल फण्ड में ऐसी कोई समस्या नहीं है। आप जब चाहे अपना पैसा निकाल सकते हैं। Withdrawal request की तारीख से अमूमन 2 से 3 दिन के भीतर पैसा आपके अकाउंट में क्रेडिट कर दिया जाता है।

म्यूच्यूअल फण्ड टैक्स सेवर ELSS में अवश्य 3 वर्ष का लॉक-इन-पीरियड रहता हैं।

लिक्विडिटी का फायदा म्यूच्यूअल फंड स्कीम्स को अधिक लोकप्रिय बनाता है।

Advantage of mutual funds, Meaning and benefits of mutual funds

म्यूचुअल फंड के नुकसान (Disadvantages of Mutual Funds)

प्रत्येक निवेश विकल्प में कुछ फायदों के साथ कुछ नुकसान भी होते है। वैसे ही म्यूच्यूअल फण्ड के नुकसान भी हैं।

दोस्तों, आपको म्यूच्यूअल फण्ड के फ़ायदों के साथ-साथ म्यूच्यूअल फण्ड के नुकसान भी सही से समझ लेने चाहिए जिससे की आपको बाद में कोई समस्या न हो।

Mutual Funds के नुकसान (Disadvantages of Mutual funds) निम्न पॉइंट्स के माध्यम से समझाए गए हैं –

[1] रिटर्न की अनिश्चितता

बाजार में मौजूद कई इन्वेस्टमेंट ऑप्शन आपको एक निश्चित रिटर्न ऑफर करते हैं। परंतु म्यूच्यूअल फण्ड में ऐसा नहीं है। Mutual Funds का मुनाफा सीधा स्टॉक मार्केट से जुड़ा हुआ है जहां हमेशा उतार-चढ़ाव लगा रहता है।

स्टॉक मार्केट हमेशा अपने साथ रिस्क की अनिश्चितता लेकर चलता है। इसी वजह से म्यूच्यूअल फंड्स का मुनाफा भी लगातार ऊपर-नीचे होता रहता हैं।

अगर आप म्यूच्यूअल फण्ड से कम समय में अच्छा मुनाफा कमाने का प्रयास कर रहे हैं तो शायद आप इसमें असफल हो जाओ। अगर यही निवेश आप धैर्य के साथ लंबे समय तक बना कर रखते हो तो आपको निश्चित तौर पर बड़ा मुनाफा होगा।

[2] Mutual Fund की लागत

Mutual Fund को मैनेज करने लिए आपके निवेश में से कुछ पैसा Expense Ratio के रूप में फंड हाउस को चला जाता हैं। यह खर्चा आपको निवेश की छोटी अवधि के लिए कम लगेगा परंतु लंबे समय में यह बहुत अधिक हो जाता हैं।

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इसलिए आप जब भी किसी म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम में निवेश करने के लिए जाएं उससे पहले उसके खर्चों के बारे में अच्छी तरह से जानकारी प्राप्त कर लें।

अगर आप अपने म्यूच्यूअल फण्ड इन्वेस्टमेंट को एक वर्ष के भीतर रीडीम करवाते हैं तो आपको रिटर्न का 1% Exist Load भी देना होता हैं।

Mutual Fund ke Nuksan :

[3] लॉक-इन-अवधि

वैसे लगभग सभी म्यूच्यूअल फंड में लॉक-इन-अवधि नहीं होती। परंतु क्लोज एंडेड स्कीम्स और ELSS स्कीम में लॉक-इन-पीरियड होता है।

अतः आपको लॉक-इन-पीरियड वाली स्कीम्स में उन्हीं पैसो को निवेश करना चाहिए जिन की आवश्यकता आपको उस लॉक-इन-पीरियड तक ना पड़े। अन्यथा आपको पैसों की आवश्यकता पड़ने पर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता हैं।

[4] स्टॉक मार्केट से कम रिटर्न

जैसा कि आप जानते हैं कि म्यूचुअल फंड स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करने का एक इनडायरेक्ट तरीका हैं। अगर आपको स्टॉक मार्केट की अच्छी नॉलेज है तो आप डायरेक्ट स्टॉक मार्केट में निवेश करके म्यूच्यूअल फंड से कहीं अधिक रिटर्न बना सकते हैं।

लंबी अवधि में समझदारी से किए गए स्टॉक मार्केट रिटर्न से म्यूच्यूअल फंड के रिटर्न कम रह जाते हैं। इसकी वजह से म्यूच्यूअल फंड थोड़ा कम आकर्षक हो जाता हैं।

लेकिन आप एक ऐसे निवेशक हैं जिसे स्टॉक मार्केट की अच्छी जानकारी नहीं है तो म्यूच्यूअल फंड आपके लिए बेस्ट विकल्प हो सकता हैं।

[5] पोर्टफोलियो को रिव्यु करना

चाहे आपके म्यूच्यूअल फंड पोर्टफोलियो को एक पेशेवर फंड मैनेजर मैनेज कर रहा हो। लेकिन एक निवेशक के तौर पर आपकी भी जिम्मेदारी बन जाती हैं कि आप अपने पोर्टफोलियो को समय-समय पर रिव्यू करें।

अगर आपकी कोई म्यूच्यूअल फंड स्कीम अंडरपरफॉर्म कर रही हैं तो आप उसे रिव्यू करके किसी बढ़िया स्कीम से रिप्लेस कर सके।

लेकिन एक ऐसा इन्वेस्टर जिसने म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट तो कर दिया हैं लेकिन उसे जानकारी नहीं हैं की म्यूच्यूअल फण्ड को रिव्यु कैसे करें तो उसके लिए ये समस्याजनक हो सकता हैं।

इसलिए हो सकता हैं कि वह ऐसी स्कीम के साथ ही लगातार बना रहे जो निरंतर रूप से अंडरपरफॉर्म कर रही हैं। इससे निवेशक को वो रिटर्न नहीं मिल पाते जो आशा करता हैं।

[6] Mutual Fund रिटर्न पर टैक्स

आपके म्यूच्यूअल फंड के रिटर्न पर भी टैक्स लगता है जिससे आपका मुनाफा कुछ प्रतिशत से घट जाता है।

इक्विटी में 12 महीने से कम अवधि के लिए STCG टैक्स (Short term capital gain) 15% से और 12 या अधिक महीनों के लिए आपको LTCG टैक्स 10% से (Long term capital gain) देना होता है।

इस तरह लम्बी अवधि तक म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करने से आपको मैच्योरिटी राशि पर भारी टैक्स देना पड़ सकता हैं।

अगर आप भी म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करने की सोच रहे हैं तो ये म्यूचुअल फंड के नुकसान आपको सही तरीके से समझ लेने चाहिए।

निष्कर्ष – म्यूचुअल फंड के फायदे और नुकसान

दोस्तों, निवेश करना बहुत अच्छी आदत हैं और अगर निवेश समझदारी से किया जाए तो आपको ये बहुत बढ़िया मुनाफा दे सकता हैं। अगर आप म्यूच्यूअल फण्ड में समझदारी से निवेश करते हैं तो यकीन मानिए आप लंबे समय में अवश्य अच्छा-खासा रिटर्न कमा लेंगे।

निष्कर्तः Mutual funds में निवेश करके अमीर बना जा सकता है परंतु कम समय में नहीं।

दोस्तों, आपने इस पोस्ट के माध्यम से Benefits of Mutual Fund investment, म्यूच्यूअल फंड्स के फायदे और म्यूच्यूअल फण्ड के नुकसान के बारे में जानकारी प्राप्त की। अगर आपके कोई मन मे कोई भी सवाल हो तो आप हमें नीचे कमेंट बॉक्स के माध्यम से पूछ सकते।

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नमस्कार दोस्तों ! मैं राज कुमार बैरवा पूंजी गाइड ब्लॉग का फाउंडर हूँ। मैं पूंजी गाइड ब्लॉग पर शेयर मार्केट, म्यूचुअल फंड, पर्सनल फाइनेंस से सम्बंधित जानकारियां शेयर करता हूँ।

11 thoughts on “म्यूचुअल फंड के फायदे और नुकसान”

  1. मैं sip चला रहा हूं पर अभी मेरे पास कुछ पैसा है उसे कहा लगाए कि हमें तीन साल के बाद अच्छा रिटर्न मिल सके जो पैसा तीन साल के बाद मिलेगा उस पर क्या टैक्स फ्री होगा

    Reply
    • इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड में 3 वर्ष का समय काफी कम होता हैं। म्यूच्यूअल फण्ड के रिटर्न टैक्स फ्री नहीं होते।

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