NPS क्या हैं | NPS में पेंशन कैसे प्राप्त होगी

उम्र के एक पड़ाव पर हम सभी को पैसों की आवश्यकता पड़ती है। जब हम अपने आर्थिक कार्यों से रिटायर हो जाएं तब हमें फाइनेंशियल सपोर्ट की आवश्यकता होती है। हम ये कतई नहीं चाहेंगे की 60 वर्ष की उम्र के बाद हमें काम करना पड़े। इसीलिए हमें समय रहते रिटायरमेंट प्लानिंग अवश्य करनी चाहिए।

बढ़ती जीवन प्रत्याशा के बीच रिटायरमेंट प्लानिंग बहुत ही जरूरी है। आपकी रिटायरमेंट लाइफ 20 से 25 वर्ष तक हो सकती हैं। रिटायरमेंट की उम्र के बाद में हमारे पास एक आय का जरिया होना बहुत आवश्यक है। इसी रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए NPS Account एक बेहतरीन विकल्प हैं।

NPS के माध्यम से पुरानी पेंशन स्कीम को बदल दिया गया हैं। जनवरी – 2004 से सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए NPS scheme लागू कर दी गई हैं। बाद में 2009 में न्यू पेंशन स्कीम को आम लोगों के लिए भी से खोल दिया गया। आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से NPS के बारें में विस्तार से बात करेंगे जिसमें शामिल होगा NPS क्या हैं (What is NPS), NPS Account क्या होता हैं और क्या आपको NPS में निवेश करना चाहिए। 

सबसे महत्वपूर्ण सवाल जो हर NPS निवेशक का होता हैं की NPS में पेंशन कैसे मिलेगी, इसका जवाब भी आर्टिकल में दिया गया हैं।   

NPS क्या हैं (What is NPS in Hindi)

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NPS यानि National Pension Scheme जिसका हिंदी में मीनिंग होता हैं राष्ट्रीय पेंशन योजना। NPS भारत सरकार द्वारा प्रायोजित एक पेंशन योजना है। NPS का मुख्य लक्ष्य पेंशन सुधारों के अतिरिक्त लोगों में बचत के साथ एक अच्छी रिटायरमेंट लाइफ देना है। वर्तमान में NPS Scheme में सरकारी कर्मचारियों के अलावा आम नागरिक जिनकी उम्र 18 से 70 वर्ष के बीच में है, निवेश कर सकते हैं। हाल ही न्यू पेंशन स्कीम में निवेश करने की उम्र 65 वर्ष से बढ़ाकर 70 वर्ष कर दी गई हैं। 

NPS में मैच्योरिटी में एक हिस्सा लम सम व् बाकी बची राशि Annuity के माध्यम से रेगुलर इनकम (पेंशन) के रूप में प्राप्त होती रहती है। NPS या राष्ट्रीय पेंशन योजना का रेगुलेटर, पेंशन फंड रेगुलेटर एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी, PFRDA है। 

NPS Account क्या हैं (What is NPS Account)

जो व्यक्ति NPS में निवेश करने के लिए NPS Account के लिए अप्लाई करता है, उसे एक नंबर आवंटित किया जाता है। यह नंबर स्थाई सेवानिवृत्ति खाता संख्या या PRAN कहलाता है। यह खाता संख्या स्थाई होता है एवं जीवन पर्यंत बना रहता है जैसे EPF में UAN  होता है ठीक वैसे NPS में PRAN नंबर होता है। 

NPS Account के प्रकार (Types of NPS Account)

NPS में दो प्रकार के अकाउंट होते हैं-

TIER – 1 Account

टियर – 1 अकाउंट मुख्य रिटायरमेंट खाता होता हैं। आप Tier – 1 अकाउंट मात्र ₹500 के न्यूनतम बैलेंस से खुलवा सकते हैं। इसके बाद आपको न्यूनतम ₹1,000 प्रति वर्ष Tier – 1 अकाउंट को एक्टिव रखने के लिए जमा करवाने होंगे। ऊपर की कोई सीमा नहीं रखी गई है, आप जितने चाहे पैसे इसमें जमा करवा सकते हैं। मुख्य पेंशन अकाउंट होने के कारण इसकी मेच्योरिटी 60 वर्ष के पश्चात ही होती है। 

अगर आप एक सरकारी कर्मचारी हैं तो आपके नियोक्ता का अंशदान (Employer contribution) भी टियर-1 अकाउंट में ही जमा होता हैं। सरकारी कर्मचारियों के लिए नियोक्ता का अंशदान 14% (बेसिक + DA) होता हैं।   

TIER – 2 Account

Tier – 2 अकाउंट खुलवाने के लिए Tear – 1 अकाउंट होना अनिवार्य है। इसका मतलब हैं की आपको पहले Tier – 1  अकाउंट खुलवाना होगा। इस अकाउंट में कोई न्यूनतम कंट्रीब्यूशन की आवश्यकता नहीं होती है। आप Tier – 2 अकाउंट से आप जब चाहे पैसे निकलवा सकते हैं। आसान भाषा में समझे तो Tier – 2 अकाउंट म्यूच्यूअल फण्ड  की तरह कार्य करता है, जिसमें निकासी (withdrawal) से संबंधित कोई प्रतिबंध नहीं होते हैं। 

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NPS Account कौन खुलवा सकता हैं (NPS eligibilty)

प्रारंभ में NPS scheme मात्र सरकारी कर्मचारियों के लिए लाई गई थी, जिसमें केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारी शामिल थे। परंतु 2009 में PFRDA के कंट्रोल में आने के बाद इसे आम जनता के लिए भी खोल दिया गया हैं।

चाहे आप एक आम नागरिक हो और आपकी उम्र 18 से 70 वर्ष के बीच हैं तो आप निश्चित तौर पर NPS खाता खुलवा सकते हैं। एक NRI भी NPS खाता खुलवा सकता है परंतु सिटीजनशिप में परिवर्तन आने पर अकाउंट क्लोज कर दिया जाता है। 

NPS Account कैसे खोलें

अगर आप NPS खाता खुलवाने के लिए ऑफलाइन मोड यूज़ करना चाहते हैं, तो आपको नजदीकी PoP यानी पॉइंट ऑफ प्रजेंस पर जाकर अपने KYC डॉक्यूमेंट जमा करवाने होते हैं। यहां आपको ₹125 की रजिस्ट्रेशन शुल्क का भुगतान करना होगा। NPS अकाउंट खुलवाने के लिए Identity Proof, एड्रेस प्रूफ और डेट ऑफ बर्थ के दस्तावेज जमा करवाने होंगे। 

अगर आप NPS अकाउंट ऑनलाइन खुलवाना चाहते हैं तो आप ENPS की वेबसाइट के माध्यम से भी खुलवा सकते हैं। इसके अतिरिक्त आजकल सभी बड़े बैंक ऑनलाइन NPS अकाउंट खोलने की सुविधा प्रदान करते हैं। इसके लिए आपका आधार कार्ड आपके मोबाइल नंबर से लिंक होना आवश्यक है। 

क्या दो NPS Account खुलवा सकते हैं?

एक व्यक्ति का बस एक ही NPS खाता हो सकता हैं, जो 12 डिजिट के PRAN नंबर से जुड़ा होगा। एक से अधिक NPS अकाउंट खुलवाने का कोई मतलब भी नहीं है क्योंकि यह कहीं पर भी ट्रांसफर किया जा सकता है। 

NPS आपका पैसा कहां लगाता है?

NPS अपने निवेशकों का पैसा अलग-अलग जगह निवेश करता है। इसको हम इस टेबल के माध्यम से समझते हैं-

Sr. No.InvestmentDescriptionRisk
1.Equityपैसा Stock market में निवेश किया जाता हैं High
2.Govt. BondsGovt. को पैसा उधार दिया जाता हैं Low
3.Corporate Bondsपैसा कंपनियों को उधार दिया जाता हैं Moderate
4.Alternative InvestmentREIT- Real estate investment trust. Infrastructure Investment trust. AIF- Alternative investment funds. Very High

इस टेबल से आपको समझ में आया होगा कि NPS आपका पैसा अलग-अलग सेक्टर में लगाता है, जिसमें रिस्क भी अलग-अलग होती है। 

NPS कितना रिटर्न देता हैं?

जैसा कि आपने समझा NPS अपना पैसा स्टॉक मार्केट, बांड्स आदि अलग-अलग सेक्टर्स में लगाता है जिसके कारण इसमें कोई निश्चित रिटर्न नहीं होता है। रिटर्न प्रतिभूतियों के प्रदर्शन के आधार पर कभी कम कभी ज्यादा रहता है। पिछले कुछ समय से ट्रेंड देखा जाये तो रिटर्न्स औसत 10% के आस-पास रहते हैं।  

सभी पेंशन फण्ड मैनेजर की NPS योजना के रिटर्न में थोड़ा बहुत अंतर जरूर होता हैं। 

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NPS में लगाए पैसे कौन मैनेज करता है?

NPS में जमा किया पैसा PFRDA के रजिस्टर्ड पेंशन फंड मैनेजर्स द्वारा मैनेज किया जाता हैं। इन फण्ड मैनेजर्स की सेवाओं के लिए निवेशकों को 0.01% की बहुत ही कम लागत अदा करनी होती हैं। वर्तमान समय में 8 पेंशन फंड मैनेजर रजिस्टर्ड हैं जो निम्न प्रकार से हैं –

  1. Aditya Birla Sun Life Pension Management Limited.
  2. HDFC Pension Management Company Limited.
  3. UTI Retirement Solutions Limited.
  4. SBI Pension Funds Private Limited.
  5. ICICI Prudential Pension Funds Management Company Limited.
  6. Reliance Pension Fund.
  7. Kotak Mahindra Pension Fund Limited.
  8. LIC Pension Fund.

आपको स्वयं अपना पेंशन फण्ड मैनेजर तय करना होता हैं। आप अपने पेंशन फण्ड मैनेजर को एक वित्त वर्ष में एक बार बदल भी सकते हैं। 

NPS में Asset allocation कैसे होता हैं?

जैसा कि आपने समझा NPS में इक्विटी, गवर्नमेंट बॉन्ड्स, कॉरपोरेट बॉन्ड्स और अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट प्रकार की एसेट क्लास में इन्वेस्टमेंट किया जाता है। इसमें आपके पास कुछ अलग-अलग विकल्प होते हैं जिसमें आप चुन सकते हैं की आपको कौनसे विकल्प के साथ जाना हैं। NPS में मुख्य रूप से दो निवेश के विकल्प मौजूद है – Active Choice और Auto Choice

(1) Active Choice

इस विकल्प में आप स्वयं निर्धारित कर सकते हैं की आपकी रिस्क लेने की क्षमता के अनुसार आप किस एसेट क्लास में निवेश करना चाहिए। एक्टिव चॉइस विकल्प में आप ऐसेट एलोकेशन को साल में दो बार बदल भी सकते हैं।

परंतु आप यहां अपनी उम्र के 50 वर्ष तक इक्विटी में अधिकतम 75% का एलोकेशन रख सकते हैं। 50 वर्ष उम्र के बाद यह लिमिट 2.5% से प्रतिवर्ष घटती जाएगी। 60 वर्ष में इसमें आप इक्विटी में अधिकतम 50% ही निवेश कर पाएंगे (कृपया नीचे वाले चित्र को देखे) । ऐसी सीमाएं इसलिए लगाई गई है क्योंकि इक्विटी में रिस्क ज्यादा होता है। इक्विटी में लिमिटेड निवेश होने से आपकी निवेशित राशि पर ज्यादा जोखिम नहीं होगा।  

यहां यह बात ध्यान देने योग्य है की इसमें आप अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट में 5% से अधिक निवेश का विकल्प नहीं ले सकते। 

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(2) Auto Choice

अगर आप तय नहीं कर पर रहे की किस एसेट में कितना प्रतिशत डालना चाहिए तो आप Auto Choice का भी उपयोग कर सकते हैं। इसमें रिस्क उम्र बढ़ने के साथ-साथ कम होता जाती है। इस विकल्प में आपको स्वयं कोई एलोकेशन निर्धारित नहीं करना होता। Auto Choice में आपको नीचे गए तीन विकल्पों में से किसी एक विकल्प का चुनाव करना होता है-

(i) Aggressive Life Cycle Fund

यह विकल्प एग्रेसिव निवेशकों के अनुसार बनाया गया है जो ज्यादा रिस्क उठा सकते हैं। इसमें 35 वर्ष तक की उम्र में Equity (Stock market) में अधिकतम 75% का निवेश होता है। इसके बाद प्रत्येक वर्ष में Equity Exposure 4% के हिसाब से कम होता रहता है जो 55 वर्ष की उम्र में 15% पर आकर रुक जाता है। 

(ii) Moderate Life Cycle Fund

इस केटेगरी में 35 वर्ष की उम्र तक इक्विटी का हिस्सा 50% तक रहता हैं। उम्र के साथ ये 55 वर्ष की आयु में 10% तक पहुंच जाता है। ये विकल्प उन निवेशकों के लिए बढ़िया हो सकता हैं जो मॉडरेट रिस्क लेने को तैयार हैं।  

(iii) Conservative Life Cycle Fund

इस विकल्प में सबसे कम रिस्क होती है। इसमें 35 वर्ष की उम्र तक Equity Exposure 25% रहता हैं। 55 वर्ष की उम्र में ये मात्र 5% तक ही रह जाता है। कम रिस्क लेने वाले निवेशक इस विकल्प का चुनाव कर सकते हैं।  

आप NPS के लिए बनाया गया ये वीडियो भी देख सकते हैं – 

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NPS में टैक्स लाभ (Tax Benefits of NPS)

भारत सरकार एवं PFRDA लोगों में बचत की आदत डालने हेतु NPS स्कीम में कई टैक्स बेनिफिट प्रदान करते हैं। यहां यह बात ध्यान देने योग्य है की सभी NPS टैक्स बेनिफिट Tier -1 अकाउंट में ही प्राप्त होते है। Tier – 2 अकाउंट आपका Saving cum investment account होता है, जिसमें आपको कोई टैक्स लाभ प्राप्त नहीं होते हैं।

PPF Account की तरह NPS भी Exempt-Exempt-Exempt की केटेगरी में आता है। 

  • E – Exempt on invested amount
  • E- Exempt on NPS Returns
  • E- Exempt on maturity 

निम्न धाराओं में आपको NPS में टैक्स छूट प्राप्त होती हैं। 

(i) Section- 80 CCD(1)

इसमें आप Self contribution पर टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं। इसमें आप अपनी सैलरी के Basic+ DA का 10% क्लेम कर सकते हैं। इस छूट की सीमा अधिकतम ₹1,50,000 के निवेश तक होगी। ये सेक्शन 80(C) के अंतर्गत आता हैं जिसमे आपके PPF, ELSS, EPF भी आते हैं।  

(ii) Section- 80 CCD(1B)

अगर आपने NPS में ज्यादा पैसा निवेश कर दिया हैं तो आप इसमें ₹50,000 का अतिरिक्त टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं। 

(iii) Section- 80 CCD(2)

इस सेक्शन के अंतर्गत वेतनभोगी कर्मचारी नियोक्ता के NPS में अंशदान (Employer contribution) के ऊपर टैक्स छूट का लाभ ले सकता हैं। इसमें प्राइवेट कर्मचारी अपनी सैलरी के Basic+ DA का अधिकतम 10% क्लेम कर सकते हैं। वही सरकारी कर्मचारियों के लिए ये सीमा 14% की हैं।

Self employed व्यक्ति को इस सेक्शन के अंतर्गत को टैक्स में छूट नहीं मिलेगी।

NPS का बड़ा लाभ ये भी हैं की अगर आप कभी partial withdrawal करते हैं तो उस राशि पर भी आपको कोई टैक्स भुगतान नहीं करना तो होता हैं। परन्तु NPS Maturity पर एन्युटी से मिलने वाली इनकम टैक्स योग्य होती हैं।  

मेच्योरिटी और लॉक-इन पीरियड

NPS के Tier – 1 अकाउंट में निवेशित राशि आप 60 वर्ष बाद यानि आपके रिटायरमेंट पर ही निकाल सकते हैं। NPS Tier -1  अकाउंट में 60 वर्ष की समाप्ति पर आप अधिकतम 60% अपने बैंक में ट्रांसफर कर सकते हैं या नगद में निकलवा सकते हैं। जबकि 40% अमाउंट से आपको किसी इंश्योरेंस प्रोवाइडर से एन्युटी प्लान ख़रीदना होता है, जिससे आपको रेगुलर इनकम प्राप्त होती रहती हैं। आप चाहे तो 40% से अधिक राशि का भी एन्युटी प्लान खरीद सकते हैं। ये पूर्णतया आपकी इच्छा और आवश्यकता पर निर्भर करता हैं।

Tier – 2 अकाउंट पर ऐसे कोई प्रतिबंध नहीं है। आप जब चाहे अपने निवेशित पैसे निकलवा सकते हैं। 

NPS में पेंशन किस प्रकार मिलेगी?

60 वर्ष की उम्र के बाद आपको अपने NPS स्कीम के 40% न्यूनतम अमाउंट से एन्युटी प्लान खरीदना होगा। आप चाहे तो 40% से भी ज्यादा राशि का एन्युटी प्लान खरीद सकते हैं। 

वर्तमान में आप इन 12 एन्युटी सर्विस प्रोवाइडर्स से एन्युटी प्लान खरीद सकते हैं –

  1. Life Insurance Corporation of India
  2. HDFC Life Insurance Co. Ltd.
  3. ICICI Prudential Life Insurance Co. Ltd
  4. SBI Life Insurance Co. Ltd
  5. Star Union Dai-ichi Life Insurance Co. Ltd
  6. Kotak Mahindra Life Insurance Co. Ltd.
  7. IndiaFirst Life Insurance Co. Ltd.
  8. Max Life Insurance Co. Ltd.
  9. Canara HSBC Oriental Bank of Commerce Life Insurance Company Limited
  10. BAJAJ ALLIANZ LIFE INSURANCE COMPANY LIMITED
  11. Tata AIA Life Insurance Company Ltd.
  12. Edelweiss Tokio Life Insurance Company Limited

NPS में पेंशन किस प्रकार मिलेगी?

मान लीजिये आपकी वर्तमान उम्र 30 वर्ष हैं। आपने प्रति माह ₹1,000 का कंट्रीब्यूशन NPS स्कीम में 60 वर्ष की उम्र तक किया। 

मान लेते हैं की NPS योजना में हमें 10% के वार्षिक रिटर्न प्राप्त हुए। रिटायरमेंट की उम्र पर आपने 40% कोर्पस का एन्युटी प्लान लेने का फैसला किया। 

इस स्थिति में आपका कुल निवेश ₹ 3.60 लाख होगा और आपकी maturity ₹22.80 लाख होगी।      

आपको मिलने वाली लम सम राशि ₹13.67 होगी। ये राशि कुल maturity का 60% हैं। 

बाकी बचे 40% जो की ₹9.11 लाख रूपये हैं इससे आपको ऊपर दिए गए 12 एन्युटी सर्विस प्रोवाइडर्स से वार्षिक प्लान लेना होगा। 

मान लेते हैं की आपको आपकी एन्युटी पर 6% का रिटर्न दिया जायेगा। इस स्थिति में आपको मिलने वाली पेंशन ₹4,559 प्रति माह होगी। 

दोस्तों, आप NPS पेंशन कैलकुलेटर को यहां से एक्सेस कर सकते हैं –  NPS पेंशन कैलकुलेटर  

समय पूर्व निकासी (NPS partial withdrawal) 

अगर किसी निवेशक को 60 वर्ष से पूर्व ही रुपयों की आवश्यकता हो गई है तो वह पार्शियल विड्रोल भी करवा सकता है। समयपूर्व निकासी कुछ विशेष परिस्थितियों में ही की जा सकती है जैसे की सीरियस बीमारी, चिल्ड्रन हायर एजुकेशन, शादी आदि। 

पार्शियल विड्रोल अधिकतम 3 बार ही किया जा सकता है। समयपूर्व निकासी आप स्वयं के निवेश के 25% तक ही निकाल सकते हैं। साथ ही आपको समय पूर्व पैसा निकलवाने के लिए NPS योजना ज्वाइन किये हुए 10 वर्ष हो जाने चाहिए। साथ ही लगातार पार्शियल विड्रोल  के मध्य न्यूनतम 5 वर्ष का गैप होना भी आवश्यक है।  

NPS नॉमिनेशन

आप अपने NPS अकाउंट के लिए नॉमिनी भी जोड़ सकते हैं। ये नॉमिनी खाताधारक के फैमिली सदस्यों में से ही कोई व्यक्ति होना चाहिए। कोई ऐसा व्यक्ति जो NPS अकाउंट होल्डर का फैमिली मेंबर नहीं हैं और उसका नॉमिनेशन किया गया हैं तो ऐसा नॉमिनेशन अमान्य होगा। 

हालाँकि नॉमिनेशन के समय NPS अकाउंट होल्डर की कोई फैमिली नहीं होने पर नॉमिनेशन किसी भी व्यक्ति के नाम किया जा सकता हैं। 

NPS खाता धारक के विवाह पूर्व किया गया नॉमिनेशन विवाह के उपरांत अमान्य हो जायेगा। ऐसी स्थिति में दोबारा नॉमिनेशन करना होगा। 

क्या NPS के नॉमिनेशन में बदलाव किया जा सकता हैं?

अगर आपको अपने NPS अकाउंट में नॉमिनी में बदलाव करना हैं तो आप ऐसा कर सकते हैं। आप सब्सक्राइबर लॉगिन के माध्यम से ‘ई – साइन’ फैसिलिटी द्वारा ऑनलाइन अपना नॉमिनी चेंज कर सकते हैं। 

आप चाहे तो एक से अधिक व्यक्तियों को भी नॉमिनी बना सकते हैं।  

निष्कर्ष 

दोस्तों अगर आप सरकारी कर्मचारी हैं तो आप NPS में निवेश कर ही रहें होंगे। परंतु स्वनियोजित और प्राइवेट नौकरी करने वाले व्यक्ति भी NPS Scheme में निवेश करके अपनी रिटायरमेंट लाइफ को बेहतरीन बना सकते हैं।

NPS Scheme भारत सरकार की एक बहुत बढ़िया रिटायरमेंट योजना हैं। इसमें आपको टैक्स बेनिफिट्स के साथ अच्छी maturity भी प्राप्त होती हैं। इसलिए अगर आप चाहे तो NPS योजना में निवेश कर सकते हैं।

अगर आपको NPS से संबंधित कोई भी सवाल हो तो हमें नीचे कमेंट बॉक्स के माध्यम से पूछ सकते हैं। साथ ही NPS की ये जानकारी आपको अच्छी लगी हो तो इस अपने साथियों के साथ जरूर शेयर कीजियेगा। 

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