शेयर मार्केट क्या है | What is Share Market in Hindi |
Share Market के बारे में आप सब जरूर जानते होंगे। परन्तु Share Market की सही जानकारी बहुत ही कम लोगों के पास हैं। आज के समय में प्रत्येक व्यक्ति किसी साइड बिज़नेस या किसी इन्वेस्टमेंट द्वारा सेकंड इनकम कमाना चाहता हैं।
हम में से कई लोग जल्दी अमीर बनने के लिए Stock Market में निवेश करते हैं तो कई लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट प्लानिंग के तहत। लेकिन आपको शेयर मार्केट में निवेश करने से पहले शेयर बाजार की अच्छी जानकारी होनी आवश्यक हैं।
इस आर्टिकल के माध्यम से मैं आपको शेयर मार्केट क्या है (Share Market in Hindi), शेयर मार्केट में कैसे इन्वेस्ट करे और शेयर बाजार से सम्बंधित सभी सवालों का जवाब दूंगा जिससे आप स्टॉक मार्केट में एक सही तरीके से शुरुवात कर सके।
आजकल मार्केट में निवेश के कई विकल्प मौजूद है। परंतु उनमें से अधिकांश निवेश विकल्प मुद्रास्फीति (inflation) को भी बीट नहीं कर पाते या थोड़े से मार्जिन से आगे रहते है। वही शेयर मार्केट में निवेश हमें अपनी पूंजी को तेजी से बढ़ाने का विकल्प प्रदान करता है।
लेकिन भारत में शेयर मार्केट को बर्बादी का रास्ता माना जाता है। वास्तव में शेयर मार्केट बर्बादी का रास्ता बनता हैं अगर आपने बस किसी की टिप को फॉलो करके निवेश किया हैं या बिना सोचे-समझे किसी शेयर या स्टॉक में निवेश कर दिया हैं।
आप स्टॉक मार्केट में तभी फायदे में रहेंगे जब आप सोच-समझकर एवं रिसर्च करके शेयर्स में निवेश करेंगे और शेयर मार्केट क्या है, की सही जानकारी प्राप्त कर लेंगे।
आसान भाषा में समझे तो Share Bazar या Stock Market उस जगह को कहते हैं जहाँ शेयर्स की खरीद और बिक्री की जाती हैं।
शेयर मार्केट एक ऐसा मार्केट होता हैं जहाँ सूचीबद्ध कंपनियों (listed companies) के शेयर्स स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से ख़रीदे और बेचे जाते हैं। ये ख़रीदारी और बिकवाली किसी स्टॉक ब्रोकर के माध्यम से की जाती हैं। सूचीबद्ध कंपनिया वो होती हैं जो किसी स्टॉक एक्सचेंज पर अपने शेयर्स ट्रेड करने के लिए लिस्टेड हो।
ऐसा नहीं है कि मात्र शेयर ही स्टॉक मार्केट में ट्रेड किए जाते हैं। इसके अलावा बांड्स, म्यूच्यूअल फंड्स, डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट भी शेयर बाजार में ट्रेड किये जाते हैं।
अभी के समय में भारत में दो स्टॉक एक्सचेंज कार्यरत हैं –
- NSE – National Stock Exchange
- BSE – Bombay Stock Exchange
Share Market में लिस्टेड कम्पनियां अपने शेयर्स ख़रीदने के लिए आम जनता को आमंत्रित करती हैं। किसी भी कंपनी के शेयर्स खरीदकर कोई भी व्यक्ति उस कंपनी में अपने शेयर के अनुपात में मालिक बन जाता हैं।
कंपनी अपने शेयर पब्लिक को क्यों जारी करती हैं?
आखिर आप यह सोच रहे होंगे की कोई कंपनी अपने शेयर जनता को क्यों जारी करती है या मार्केट में बेचने को क्यों निकालती है?
किसी भी कंपनी को अपने विस्तार, विकास एवं व्यापार को बढ़ाने के लिए पूंजी की आवश्यकता होती है। ऋण लेने के बजाय ये आवश्यक पूंजी कंपनी अपने शेयर जनता को बेचकर जुटाने का प्रयास करती हैं। जिस प्रक्रिया के तहत कंपनियां पहली बार शेयर जारी करती है, वह IPO (Initial Public Offer) कहलाता हैं।
शेयर मार्केट क्या है, समझने के बाद शेयर का मतलब भी जानना आवश्यक हैं।
Share का अर्थ होता हैं “हिस्सा”। मान लीजिये XYZ कंपनी की वैल्यू ₹1 लाख रुपये हैं। वह कंपनी ₹1.00 के हिसाब से 1 लाख शेयर्स मार्केट में इशू करती हैं। अब मान लीजिये आपने XYZ कंपनी के 5,000 शेयर्स ख़रीद लिए।
अब आप उस कंपनी के 5% शेयर्स के मालिक हो चुके हैं। जैसे-जैसे कंपनी की value बढ़ती जाएगी आपके Shares की कीमत भी बढ़ती जाएगी। कंपनी की ख़राब प्रदर्शन पर शेयर्स की कीमत में गिरावट भी आ सकती हैं।
आप जब चाहे अपने शेयर ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफार्म या अपने स्टॉक ब्रोकर के माध्यम से बेच सकते हैं।
Shares को दो भागों में बांटा जा सकता हैं।
(i) Equity Share – इक्विटी शेयर होल्डर्स को कंपनी के लाभ-हानि में भागीदार होते है। साथ में इक्विटी शेयरहोल्डर को कंपनी की AGM में वोटिंग का अधिकार भी होता है।
(ii) Preference Share – परेफरेंस शेयर होल्डर्स को कोई भी वोटिंग राइट नहीं होता हैं। Preference शेयरहोल्डर को लाभ के रूप में एक डिविडेंड इनकम प्राप्त होती हैं।
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लोग इस आशा में किसी कंपनी के शेयर में इन्वेस्ट करते हैं कि कंपनी का बिजनेस ग्रो करेगा और कंपनी के शेयर की प्राइस भी बढ़ेगी। जब भी आप किसी शेयर को खरीदते हैं और कुछ समय बाद उसकी प्राइस बढ़ जाती है तो उस समय उस शेयर को बेचने से आपको मुनाफा प्राप्त होता है।
Equity Shareholders को कंपनी के द्वारा समय-समय पर डिविडेंड का भुगतान किया जाता है। कभी-कभी कंपनी द्वारा बोनस शेयर, राइट शेयर भी इशू किए जाते हैं।
डिमैट अकाउंट क्या हैं (What is Demat Account)
डिमैट अकाउंट ख़रीदे हुए शेयर्स को स्टोर रखने के काम आता हैं। Demat Account का उपयोग शेयर और सिक्योरिटीज को इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखने में किया जाता हैं।
पहले के समय में शेयर्स कागज के रूप में भौतिक रूप में होते थे। परंतु 1996 में डीमेट अकाउंट का विकल्प लाया गया। ये एक बैंक अकाउंट की तरह होता हैं। जिसमे अकाउंट को शेयर खरीदने पर क्रेडिट और बेचने पर डेबिट किया जाता हैं।
भारत में सभी डीमेट अकाउंट NSDL और CDSL द्वारा मेन्टेन किए जाते हैं।
अगर आपको भी इन्वेस्टमेंट या IPO के लिए एक डीमैट अकाउंट खुलवाना है तो आप इस लिंक पर जाकर अपने लिए Upstox में Free डिमैट अकाउंट खुलवा सकते हैं।
Trading Account क्या होता हैं (What is Trading Account)
अधिकतर निवेशक ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट को एक ही समझते हैं परन्तु ऐसा नहीं हैं। Share Bazar में शेयर खरीदने या बेचने के लिए ट्रेडिंग अकाउंट का उपयोग किया जाता है।
यह शेयर बाजार का एक इलेक्ट्रॉनिक अकाउंट है जिसमें ऑनलाइन सिस्टम से Shares की बिकवाली एवं खरीदारी होती है। ट्रेडिंग अकाउंट आने के बाद शेयर्स खरीदने-बेचने के लिए क्रेता-विक्रेता को स्वयं स्टॉक एक्सचेंज पर उपस्थित नहीं रहना पड़ता।
हम में से अधिकांश लोग शेयर मार्केट से भयभीत रहते हैं और इसे समझने में बहुत कठिनाई महसूस करते हैं। परंतु जब आप धीरे-धीरे अपने ज्ञान का विस्तार करने लगेंगे तो आपका स्टॉक मार्केट का ज्ञान बढ़ता जायेगा।
शेयर मार्केट कैसे काम करता हैं, इसे आप निम्न स्टेप्स से समझ सकते हैं –
- Share Market में स्टॉक ब्रोकर, इन्वेस्टर और एक्सचेंज के बीच एक मध्यस्थ या इंटरमीडियरी का काम करते हैं। एक इन्वेस्टर के तौर पर हम अपने स्टॉक ब्रोकर के माध्यम से Buy या Sell का आर्डर प्लेस करते हैं।
- स्टॉक ब्रोकर हमारा ऑर्डर एक्सचेंज को भेजता है।
- एक्सचेंज हमारे लिए buyer या seller जैसा भी हो, ढूंढता है।
- इसके बाद एक्सचेंज ऑर्डर को शेयर ब्रोकर को कंफर्म कर देता है।
- इससे हमारा आर्डर कंप्लीट हो जाता है और क्रेता और विक्रेता में मनी एक्सचेंज हो जाती हैं।
मार्केट कितने प्रकार का होता है?
मार्केट को मुख्यतः दो भागों में विभाजित किया जा सकता हैं – Primary Market और Secondary Market.
(i) Primary Market – प्राइमरी मार्केट वह मार्केट होता हैं जहां पर शेयर अपने अस्तित्व में आते हैं। Primary Market में कंपनी अपने शेयर की प्राइस स्वयं तय करके जनता को ख़रीदने के लिए ऑफर करती है।
इसके अंतर्गत पब्लिक या निवेशक सीधे कंपनी से शेयर खरीदते हैं। जब भी किसी कंपनी द्वारा पहली बार शेयर जनता को बिक्री के लिए निकाले जाते हैं तो वह आईपीओ (IPO) कहलाता हैं।
(ii) Secondary Market – प्राइमरी मार्केट में शेयर बेचे जाने के बाद में वे शेयर्स सेकेंडरी मार्केट में ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध हो जाते हैं। सेकेंडरी मार्केट में बिना फर्स्ट issuer के शेयर खरीदे-बेचे जाते हैं।
उदाहरण के लिए आपको SBI के शेयर खरीदने हैं तो आप सीधे SBI के पास नहीं जाएंगे। आप अपने स्टॉक ब्रोकर के माध्यम से अपनी बिड (BID) लगाकर शेयर खरीदेंगे।
आपकी बिड प्राइस पर जब भी कोई seller मिलेगा तो आपको शेयर्स मिल जाएंगे। सेकेंडरी मार्केट में शेयर या स्टॉक की प्राइस पर कंपनी का कोई हस्तक्षेप नहीं होता।
सेंसेक्स क्या हैं (What is Sensex)
एक नए निवेशक के तौर पर What is Stock Market in Hindi जानने के बाद आपको सेंसक्स के बारे में भी जानकारी होनी आवश्यक है। सेंसेक्स मुख्य रूप से एक सूचकांक या इंडेक्स है जो बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) को दर्शाता है। सेंसेक्स पूरे BSE मार्केट का प्रतिनिधित्व करता है। सेंसेक्स 1986 में अस्तित्व में आया था।
यह निवेशकों को Share Market के रुझान का एक अंदाजा देता है जैसे कि शेयर मार्केट ऊपर जा रहा है या नीचे।
सेंसेक्स BSE की 30 सबसे बड़ी मार्केट केपीटलाइजेशन वाली कंपनियों से मिलकर बना होता है। इन कंपनियों के औसत मूल्य के आधार पर ही सेंसेक्स की वैल्यू निकाली जाती हैं। ये कंपनियां भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रतिनिधित्व करती हैं।
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निफ़्टी 50 क्या हैं (What is NIFTY)
NIFTY 50 सेंसेक्स की भांति एक इंडेक्स ही हैं। NIFTY 50 , NSE (National Stock Exchange) पर लिस्टेड 50 सबसे बड़ी कंपनियों का प्रतिनिधित्व करता है। इन 50 बड़ी कंपनियों का ट्रेंड ही हमें NSE के स्टॉक्स की तेजी और मंदी का अनुमान देता है।
भारत में स्टॉक मार्केट को कौन रेगुलेट करता हैं?
SEBI यानि की Securities Exchange Board of India भारत में प्रतिभूति एवं कमोडिटी मार्केट का रेगुलेटर है। SEBI इन्वेस्टर प्रोटेक्शन, स्टॉक एक्सचेंज रेगुलेटर के रूप में कार्य करता है। सेबी की स्थापना 12 अप्रैल 1988 को की गई थी।
SEBI ही स्टॉक मार्केट सम्बंधित नियम और विनियमन बनाता हैं और उनकी पालना सुनिश्चित करता हैं।
अब अगला सवाल आता हैं की शेयर मार्केट में कैसे इन्वेस्ट करें? शेयर मार्केट में दो तरह से निवेश किया जा सकता हैं एक डायरेक्ट और दूसरा इन डायरेक्ट। डायरेक्ट में सीधा Share Market में निवेश किया जाता हैं जैसे की किसी कंपनी के शेयर खरीदना।
जबकि इनडायरेक्ट में स्टॉक मार्केट में सीधा निवेश नहीं किया जाता हैं जैसे की म्यूच्यूअल फंड। स्टॉक मार्केट में निवेश करने के लिए आपके पास एक डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट होना आवश्यक है।
डिमैट अकाउंट आप किसी भी ऑनलाइन ब्रोकर या बैंक के माध्यम से खुलवा सकते हैं। मैं आपको सजेस्ट करूंगा कि आप ऑनलाइन डिस्काउंट ब्रोकर के साथ ही डिमैट अकाउंट खुलवाएं क्योंकि इनका ऑनलाइन सपोर्ट बहुत अच्छा रहता है और ब्रोकरेज एवं AMC चार्जेस फुल सर्विस ब्रोकर्स के मुकाबले बहुत कम होते हैं।
डिमैट अकाउंट के लिए आपको निम्न डॉक्यूमेंटस की आवश्यकता होगी –
- पैन कार्ड
- बैंक अकाउंट
- एड्रेस प्रूफ
- एक Cancelled चेक / बैंक पासबुक कॉपी
- एक या दो पासपोर्ट साइज फोटो
डिमैट अकाउंट खोलने के बाद आप ऑनलाइन बैंकिंग की सहायता से अपने बैंक अकाउंट से ट्रेडिंग अकाउंट में पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं। इसके बाद आप अपने ब्रोकर के ऑनलाइन टर्मिनल से या ब्रोकर की सहायता से शेयर खरीद सकते हैं।
शेयर्स बेचने के बाद आप अपने पैसे वापस अपने बैंक अकाउंट में भी ट्रासंफर कर सकते हैं।
Intraday Trading क्या होती हैं?
जैसे की इसके नाम से ही मालूम पड़ रहा है यह किसी एक ही ट्रेडिंग डे में Buy-Sell का किया गया सौदा होता है। यानि की एक ही दिन में शेयर खरीद कर बेच दिए जाते हैं या बेचकर वापिस खरीद लिए जाते हैं (Short sell में)।
किसी शेयर की प्राइस में होने वाली उठा-पटक का फायदा उठाने के लिए इंट्राडे ट्रेडिंग की जाती है। इंट्राडे ट्रेड में अगर आपने शेयर खरीद रखे हैं और किसी कारणवश उन्हें आप बेचना भूल जाते हैं तो आपके शेयर्स ट्रेडिंग डे की समाप्ति से पूर्व स्वयं ही स्क्वायर ऑफ यानि की बिक जाते हैं।
इंट्राडे ट्रेडिंग बहुत ज्यादा रिस्की होती है। इसलिए नए निवेशकों से मेरी सलाह है कि इंट्राडे ट्रेडिंग से दूर रहे।
शेयर की डिमांड-सप्लाई के कारण शेयर की प्राइस ऊपर-नीचे होती रहती है।
यदि निवेशक किसी शेयर को ज्यादा बेच रहे हैं यानी की उसकी सप्लाई ज्यादा है। इस स्थिति में उस शेयर का प्राइस नीचे की ओर आएगा।
यदि किसी शेयर के sellers कम है और buyers अधिक है इस स्थिति में मांग में वृद्धि होने के कारण शेयर की प्राइस ऊपर की ओर जाएगी।
शेयर की प्राइस हमेशा Buyers और Sellers की बिड्स से तय होती है।
शॉर्ट टर्म में कंपनी की कोई न्यूज़ से भी शेयर प्राइस पर असर पड़ सकता हैं। परन्तु लम्बी अवधि में कंपनी का वैल्यूएशन, कंपनी की वित्तीय स्थिति, लाभ-हानि आदि ही शेयर की प्राइस को तय करते हैं।
Bull Market और Bear Market क्या होता हैं?
Bull Market – Market में Bull run तब माना जाता हैं जब शेयर मार्केट बढ़ रहा हो या बढ़ने वाला हो। Bull Market में स्टॉक/शेयर्स के मूल्य में इजाफा होता है। यहां तक कि खराब कंपनीयो के शेयर के दाम भी बुल मार्केट में बढ़ सकते हैं।
Bear Market – जब मार्केट तेजी को छोड़कर मंदी की ओर बढ़ने लगे तब Bear Market कहा जाता है। इस समय अधिकतर शेयर्स में, सेंसेक्स और निफ्टी में अच्छी-खासी गिरावट देखी जाती है।
बियर मार्केट में निवेश करना एक अच्छा विकल्प हो सकता है क्योंकि यहां स्टॉक सस्ते में मिल जाते हैं। बियर मार्केट इकोनामी की खराब स्थिति को भी इंगित करता हैं।
निष्कर्ष – What is Stock Market in Hindi
अगर निष्कर्ष में आसान भाषा में बात की जाये तो शेयर मार्केट एक ऐसा मार्केट होता हैं जहां आप लिस्टेड कंपनियों के शेयर ख़रीद सकते हैं। किसी कंपनी के शेयर ख़रीदने के लिए आपके पास एक डीमैट अकाउंट होना आवश्यक हैं।
दोस्तों, शेयर बाजार पैस्सिव इनकम बनाने का एक अच्छा जरिया हैं। लेकिन जहाँ भी बात पैसो से पैसा कमाने की आती हैं वहां रिस्क भी बहुत ज्यादा होती हैं।
लेकिन आप सही तरह से रिसर्च और जानकारी हांसिल करके Share Market में इन्वेस्ट करेंगे तो आपको जरूर फायदा होगा। साथ में आपको शेयर मार्केट को समझने के लिए थोड़ा समय भी निकालना होगा। अगर आप बिना रिसर्च और समय दिए स्टॉक मार्केट में निवेश करना चाहते हैं तो शायद Share Market आपके लिए नहीं हैं।
आज आपने समझा की शेयर मार्केट क्या हैं (What is Share Market in Hindi) और Share Market basics in Hindi.
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FAQ
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शेयर बाजार में पैसा कैसे इन्वेस्ट करें?
शेयर मार्केट में पैसा इन्वेस्ट करने के लिए आपके पास एक डीमैट अकाउंट होना जरुरी हैं। आप अपना पैसा बैंक अकाउंट से डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में डाल कर अपने स्टॉक ब्रोकर के माध्यम से शेयर खरीद सकते हैं?
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भारतीय शेयर बाजार सप्ताह के कितने दिन खुलता है?
भारतीय शेयर बाजार सप्ताह के 5 दिन खुलता हैं जो की सोमवार से शुक्रवार होता हैं। सार्वजनिक अवकाश के दिन शेयर बाजार भी बंद रहता हैं।
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शेयर बाजार का क्या अर्थ है?
जहां लिस्टेड कंपनियों के शेयर ख़रीदे और बेचे जाते हैं शेयर बाजार कहलाता हैं। ये सारे लेन-देन स्टॉक एक्सचेंज के नेटवर्क से जुड़े कंप्यूटरों के जरिये होते है।
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दुनिया का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज कौनसा हैं?
न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज (NYSE) दुनिया का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। इसकी स्थापना 8 मार्च, 1817 को हुई थी।
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शेयर मार्केट को कैसे सीखे?
शेयर मार्केट के कोई निश्चित रूल नहीं हैं जिसे रटकर आप शेयर बाजार के महारथी बन जायेंगे। शेयर मार्केट सीखने के लिए आपको अच्छी स्टॉक मार्केट की बुक्स, मैगज़ीन पढ़नी चाहिए, वित्तीय विवरणों को समझने का प्रयास करना चाहिए। आपको सफल होने के लिए निरंतर सीखना होगा।
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NSE क्या हैं?
NSE भारत का एक स्टॉक एक्सचेंज हैं। ये मुंबई में स्थित हैं। NSE का इंडेक्स या सूचकांक निफ़्टी 50 हैं।
पढ़े –
पुरी तरह से जानकारी देने के लिये शुक्रिया सर !!! आयपीओ और क्रिप्टो के बारे में कृपया अपडेट्स दे सर !!!
आईपीओ के बारे में जानकारी उपलब्ध हैं। क्रिप्टो के ऊपर जल्दी जानकारी मिल जाएगी। धन्यवाद।