STP क्या होता हैं | सिस्टेमेटिक ट्रांसफर प्लान

म्यूच्यूअल फंड में निवेश करने के अनेक प्रकार होते हैं जैसे कि SIP, SWP, STP आदि। STP को लेकर भी कई निवेशक काफी उत्साहित रहते हैं कि इसके माध्यम से कैसे निवेश किया जाए?

ऐसे निवेशक जो प्रत्येक महीने कुछ निश्चित धनराशि किसी म्यूचुअल फंड में डालते रहते हैं उन्हें कोई समस्या नहीं होती। वे SIP के द्वारा अपना निवेश कर सकते हैं। परंतु जब आप लम सम करना चाहते हैं तब आपके मन में सवाल आते हैं की कहीं आप हाई मार्केट में तो निवेश नहीं कर रहे?

STP in Mutual Funds meaning in HIndi

इस समस्या का समाधान हैं STP. इस आर्टिकल में आज हम जानेंगे कि STP क्या होता हैं, STP के फायदे, STP किसे करना चाहिए और STP कैसे करें।

STP क्या होता हैं (What is STP in Mutual Fund – Hindi)

STP का मतलब होता हैं Systematic Transfer Plan. सिस्टेमेटिक ट्रांसफर प्लान में आप एक म्यूच्यूअल फंड स्कीम से दूसरी म्यूच्यूअल फंड स्कीम में आसानी से पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं। STP एक बार में नहीं होकर, अलग-अलग समय पर होता हैं जो कि निवेशक के द्वारा स्वयं किया जाता हैं।

इस प्रकार पैसा एक म्यूच्यूअल फण्ड से दूसरे म्यूच्यूअल फण्ड में अलग-अलग समय पर ट्रांसफर किया जाता हैं जिससे मार्केट की अनिश्चताओं से बचा जा सकें।

यहाँ सबसे महत्वपूर्ण हैं की STP में दोनों स्कीम्स एक ही म्यूच्यूअल फण्ड हाउस की होती हैं। जैसे कि HDFC AMC की एक स्कीम से दूसरी स्कीम में ट्रांसफर। आफ HDFC फण्ड हाउस से SBI या Axis की किसी स्कीम में ट्रांसफर नहीं कर सकते।

आमतौर पर एसटीपी का उपयोग लिक्विड फंड या डेट फंड से पैसा इक्विटी फण्ड में ट्रांसफर करने के लिए किया जाता हैं। इसलिए STP को पोर्टफोलियो रिएलोकेशन या रीबैलेंसिंग का तरीका भी माना जाता हैं।

STP कैसे काम करता हैं (How STP works)

अगर आपके पास में ₹1 लाख हैं और आप उसे सिस्टेमेटिक ट्रांसफर प्लान के माध्यम से इक्विटी फंड में निवेश करना चाहते हैं। इसके लिए आपको एक लिक्विड फंड या डेट स्कीम ढूंढने होगी और पूरा ₹1,00,000 उस स्कीम में डालना होगा।

मान लेते हैं आपने ABC डेब्ट फण्ड में अपना पैसा डाला हैं। इसके बाद आपको अपनी डेब्ट स्कीम से एक STP चालू करनी होगी। आपको समान फण्ड हाउस की एक इक्विटी स्कीम सलेक्ट करनी होगी जिसमें आप निवेश करना चाहते हैं।

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यदि आप प्रत्येक महीने की पहली तारीख को XYZ इक्विटी फण्ड में ₹10,000 ट्रांसफर करना चाहते हैं तो आपके 10 महीनों में पूरे ₹1,00,000 ABC डेब्ट फण्ड से ट्रांसफर होकर XYZ इक्विटी फण्ड में चले जाएंगे।

इस प्रकार आपका पैसा एक व्यवस्थित रूप से दूसरे म्यूच्यूअल फण्ड में ट्रांसफर हो जाता हैं जिससे रिस्क भी कम हो जाती हैं और आपकी कॉस्ट भी एवरेज हो जाती हैं।

STP के फायदे (Benefits of STP)

(i) High Returns – STP के द्वारा आप थोड़ा-थोड़ा करके सिस्टेमेटिक तरीके से निवेश करते हैं जिससे हाई रिटर्न प्राप्त करने की सम्भावना अधिक हो जाती हैं।

(ii) Stability – STP के माध्यम से किसी अन्य म्यूच्यूअल फण्ड में पैसा ट्रांसफर करने से पहले आप अपना पैसा लिक्विड फंड या डेट फंड में रखते हैं। इस निवेश के दौरान भी आप स्टेबल रिटर्न्स प्राप्त करते रहते हैं।

(iii) Low Risk – लम सम के द्वारा किसी इक्विटी फण्ड में काफी ज़्यादा पैसा डालना काफी जोखिम भरा हो सकता हैं। खासतौर पर जब आपको मार्केट की कोई विशेष नॉलेज नहीं हैं। इसलिए जब आप STP के माध्यम से थोड़ा-थोड़ा करके मार्केट में निवेश करते हैं तो आपकी रिस्क काफी हद तक कम हो जाती हैं।

(iv) Rupee Cost Averaging – जब भी आप म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं तो आपको कुछ यूनिटआवंटित की जाती हैं। ये यूनिटआपको NAV के आधार पर अलॉट की जाती हैं। NAV एक म्यूच्यूअल फण्ड यूनिट का दाम होती हैं।

STP के द्वारा आप एक निश्चित समय अंतराल (सामान्यतः एक महीना) में पैसा ट्रांसफर करते हैं जिससे आपको रूपी कॉस्ट एवरेजिंग का वास्तविक लाभ प्राप्त होता हैं।

STP के प्रकार (Types of STP)

मुख्य रूप से एसटीपी तीन प्रकार से की जा सकती हैं –

(i) Flexible STP – इस प्रकार की STP में डेस्टिनेशन फण्ड में कितना अमाउंट ट्रांसफर किया जाएगा, ये निवेशक द्वारा स्वयं तय किया जाता हैं। वह जब चाहे जितना चाहे अमाउंट ट्रांसफर कर सकता हैं।

निवेशक हर बार अपनी आवश्यकता के अनुसार ट्रांसफर किये जाने वाले अमाउंट में बदलाव भी कर सकता हैं।

(ii) Fixed STP – इस STP में एक निश्चित अमाउंट ही एक म्यूचुअल फंड से दूसरे म्यूचुअल फंड में ट्रांसफर किया जा सकता हैं। एक बार आपके द्वारा तय किए जाने के बाद इसमें कोई बदलाव नहीं किया जा सकता।

(iii) Capital Systematic Transfer Plan – इस विकल्प में पहली स्कीम में आपको जो कैपिटल गैन होता हैं, वह पहली स्कीम से दूसरी स्कीम में ट्रांसफर कर दिया जाता हैं। कहने का मतलब हैं की जो प्रॉफिट हर महीने होता हैं वो ट्रांसफर किया जाता हैं।

Features of Systematic Transfer Plan

एसटीपी को लेकर सभी फंड हाउसेस की अलग-अलग शर्ते और कंडीशन हो सकती हैं। STP के लिए आवश्यक न्यूनतम राशि सभी AMC के लिए अलग-अलग हो सकती हैं। लेकिन अधिकतम म्यूच्यूअल फंड हाउस में STP के लिए न्यूनतम ₹12,000 की आवश्यकता होती हैं।

साथ ही न्यूनतम STP इंस्टॉलमेंट की संख्या भी सभी फंड हाउसेस में भिन्न-भिन्न हो सकती हैं। किंतु अधिकतम फंड हाउसेस में न्यूनतम 6 STP इन्सटॉलमेंट रखी गई हैं।

इसलिए सिस्टेमेटिक ट्रांसफर प्लान शुरू करने से पहले आपको सभी शर्तों को ध्यान से पढ़ लेना चाहिए।

  • जिस फंड में पैसा ट्रांसफर होता हैं उसे सोर्स फंड (Source Fund) और जिस फंड में पैसा पहुंचता हैं उसे डेस्टिनेशन फंड (Destination Fund) कहा जाता हैं।
  • सिस्टेमेटिक ट्रांसफर प्लान में यूनिट सेल होने पर पैसा बैंक में नहीं आता बल्कि सीधा दूसरे फंड्स में पहुंच जाता हैं।
  • आप इक्विटी फंड से डेब्ट फंड में भी STP कर सकते हैं। यह पूर्णतया आपकी आवश्यकता पर निर्भर करता हैं।
  • अगर सोर्स फण्ड डेब्ट फण्ड या लिक्विड फण्ड हैं तो कोई एक्सिस्ट लोड भी नहीं लगता।

STP Taxation

STP लेते समय टैक्सेशन का ध्यान रखना भी आवश्यक हैं। आमतौर पर STP डेब्ट फण्ड या लिक्विड फण्ड में से शुरू की जाती हैं। इसलिए डेब्ट फंड से जब भी कोई पैसा रीडीम होकर सेकंड फंड में पहुंचता हैं तो इसे रिडेम्पशन माना जाता हैं।

इस रिडेम्पशन के प्रॉफिट पर आपको टैक्स देना होता हैं।

डेब्ट फंड में 36 महीने से कम होल्ड करने पर होने वाला प्रॉफिट निवेशक की आय में जुड़कर टैक्सेबल होता हैं। 36 महीने या अधिक पर 20% का लॉन्ग टर्म कैपिटल गैन (LTCG) टैक्स लगाया जाता हैं। परंतु इन सब के बाद भी इक्विटी फंड में निवेश से आपको अच्छा रिटर्न मिल जाता हैं।

STP कैसे स्टार्ट करें (How to start STP)

STP को आप ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरीके से शुरू कर सकते हैं। ऑफलाइन तरीके में आपको STP फॉर्म भरकर नजदीकी म्यूच्यूअल फंड हाउस के ऑफिस में जमा करवाना होता हैं।

ऑनलाइन तरीक़े में आपने जिस भी प्लेटफार्म से म्यूचुअल फंड में निवेश किया हैं, वहां से आप STP चालू करवा सकते हैं।

आपको किस फंड में अपना पैसा ट्रांसफर करना हैं, इंस्टॉलमेंट की राशि और STP की अवधि की जानकारी देनी होती हैं।

STP किसे करनी चाहिए

सभी निवेशकों की जरूरतें अलग-अलग होती हैं। उसके अनुसार म्यूच्यूअल फंड्स की अलग-अलग स्कीम भी बनाई गई हैं।  अगर आपके पास में एक बड़ा लम सम अमाउंट हैं और आप उसे किसी इक्विटी म्यूचुअल फंड में डालना चाहते हैं। तो संपूर्ण धनराशि एक साथ मार्केट में डालने से बढ़िया हैं कि आप सिस्टेमेटिक ट्रांसफर प्लान के माध्यम से थोड़ा-थोड़ा करके उस स्कीम में जाने दें।

इससे आपकी कॉस्ट एवरेज होती रहेगी और रिस्क की मात्रा भी काफी कम हो जाएगी। कम रिस्क लेने वाले निवेशकों के लिए ये एक बेहतरीन विकल्प हो सकता हैं।

अगर किसी व्यक्ति के पास कोई रेगुलर इनकम नहीं हैं तो भी वह एक मुश्त राशि प्राप्त होने पर STP का चुनाव कर सकता हैं।

SIP vs STP

SIP और STP के मध्य अंतर को आप इस टेबल के माध्यम से समझ सकते हैं –

SIPSTP
निवेश प्लानइन्वेस्टमेंटट्रांसफर
प्रक्रियाबैंक अकाउंट से पैसा डेबिट होकर म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम में जमा होता हैंएक म्यूच्यूअल फण्ड से दूसरे म्यूच्यूअल फण्ड में पैसा जमा होता हैं
टैक्सेशननिवेश करने पर कोई टैक्स नहीं लेकिन रिडेम्पशन पर टैक्स देना होता हैंप्रत्येक ट्रांसफर पर टैक्स अप्लाई होता हैं क्योंकि यूनिट रीडीम होकर दूसरी स्कीम में पहुँचती हैं।

निष्कर्ष

सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लान उन निवेशकों के लिए एक बढ़िया विकल्प हो सकता हैं जो एक बहुत बड़ा अमाउंट एक साथ मार्केट में निवेश करने से डरते हैं और थोड़ा-थोड़ा करके दूसरी स्कीम में ट्रांसफर करना चाहते हैं।

लेकिन अगर मेरी राय में पूछा जाए तो मुझे सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लान कोई विशेष पसंद नहीं हैं। क्योंकि ये अधिकतर निवेशकों के लिए काफी कॉम्प्लिकेटेड हो सकता हैं। साथ ही इसे शुरू करना प्लस टैक्सेशन इसे ओर अधिक कॉम्प्लिकेटेड बनाता हैं।

अगर इसकी जगह आप थोड़ा मार्केट को ट्रैक करके जब मार्केट में गिरावट हो तब पैसा अपनी स्कीम में ट्रांसफर करें तो ओर भी बढ़िया हो सकता हैं।

लेकिन STP भी अपनी जगह ठीक हैं क्योंकि इसमें आपका निवेश एक अनुशासित रूप में निर्धारित समय अवधि में दूसरी स्कीम में जमा हो जाता हैं। इसलिए कोई भी निवेश करते समय अपनी आवश्यकताओं को जरूर ध्यान में रखकर अपना निवेश शुरू करें।

दोस्तों, आज आपने इस आर्टिकल के माध्यम से जाना कि STP meaning in Mutual Fund, STP कैसे काम करता हैं और STP कैसे शुरू करें।

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नमस्कार दोस्तों ! मैं राज कुमार बैरवा पूंजी गाइड ब्लॉग का फाउंडर हूँ। मैं पूंजी गाइड ब्लॉग पर शेयर मार्केट, म्यूचुअल फंड, पर्सनल फाइनेंस से सम्बंधित जानकारियां शेयर करता हूँ।

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