स्विंग ट्रेडिंग क्या है, कैसे सीखें और इससे पैसे कैसे कमायें?

दोस्तों आजकल लोग शेयर बाजार में स्विंग ट्रेडिंग करना इसलिए पसंद करते हैं क्योंकि इसमें बहुत कम रिस्क लेकर अच्छा प्रॉफिट कमाया जा सकता है। इसमें आप कुछ दिनों से लेकर कुछ हफ्तों तक स्टॉक को खरीद कर होल्ड कर सकते हैं।

समय आने पर उस स्टॉक को बेचकर अच्छा प्रॉफिट कमा सकते हैं लेकिन यह उतना आसान नहीं है जितना सुनने में लगता है।

क्योंकि अगर ऐसा होता तो सभी लोग इंट्राडे या ऑप्शन ट्रेडिंग की बजाए स्विंग ट्रेडिंग ही करने लगते।

लेकिन यह बात सच है कि कुछ ऐसी strategies होती हैं जिनको फॉलो करके आप शॉर्ट टर्म में अपने पैसों पर स्विंग ट्रेडिंग के द्वारा अच्छा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं।

स्विंग ट्रेडिंग क्या है? What is Swing Trading in Hindi

स्विंग ट्रेडिंग ऐसी ट्रेडिंग होती है जिसमें किसी शेयर को एक दिन से अधिक समय के लिए खरीदा जाता है जैसे; 1 हफ्ता या 1 महीना। स्विंग ट्रेडर का मकसद होता है स्टॉक की शॉर्ट टर्म मूवमेंट से प्रॉफिट कमाना।

मतलब शेयर को कम दाम में खरीद कर उसे अधिक दाम में बेचना ही स्विंग ट्रेडिंग कहलाता है।

बहुत से लोग इसे positional trading भी कहते हैं लेकिन यह उससे थोड़ी अलग है क्योंकि इसमें बहुत ज्यादा लॉन्ग टर्म के लिए इन्वेस्टमेंट नहीं करना पड़ता बल्कि शॉर्ट टर्म में होने वाले प्राइस के बदलाव से ही प्रॉफिट कमाना हमारा मकसद होता है।

swing trading in hindi

स्विंग ट्रेडिंग का उदाहरण

मान लीजिए आपको लगता है आने वाले कुछ दिनों में टाटा मोटर्स कंपनी के शेयर का भाव बढ़ने वाला है क्योंकि कंपनी दिन प्रतिदिन नए-नए इलेक्ट्रिक व्हीकल मार्केट में लॉन्च कर रही है जिसके कारण भविष्य में इसके सेल्स और प्रॉफिट बढ़ने की संभावना बहुत ज्यादा है।

और इसीलिए आप टाटा मोटर्स कंपनी का शेयर खरीदने की सोचते हैं।

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अब आप देखते हैं कि अभी टाटा मोटर्स कंपनी का शेयर प्राइस 900 Rs चल रहा है जिसकी भविष्य में बढ़ने के चांसेस बहुत ज्यादा हैं।

और इसीलिए आप 90000 रुपये लगाकर इसके 900 Rs के हिसाब से 100 शेयर खरीद लेते हैं।

अब एक हफ्ते बाद आप देखते हैं कि कंपनी में पॉजिटिव न्यूज़ के चलते शेयर प्राइस 950 Rs चला गया है।

तो अब आप अपने खरीदे गए 100 शेयर बेच देते हैं और प्रति शेयर 50 रुपये का प्रॉफिट कमा लेते हैं मतलब आपका टोटल प्रॉफिट हुआ 10×50 = 5000 रुपये

अब कुछ लोग सोच रहे होंगे कि अगर हम इस प्रकार की किसी शेयर को कुछ और दिनों के लिए hold करते तो शायद प्रॉफिट और भी ज्यादा मिल सकता था।

लेकिन यहीं पर बहुत सारे लोग गलती करते हैं। मतलब जब स्टॉक को बेचने की बारी होती है तब उसे होल्ड करते हैं 😐

यानी कि हो सकता है कि अगर आप शेयर को नहीं बेचेंगे तो उसका प्राइस बढ़ने की बजाय और कम हो जाए और वही शेयर प्राइस आने में दुगना समय लग सकता है।

कहने का मतलब है कि जब आप स्विंग ट्रेडिंग करते हैं तो स्टॉक को जितना जल्दी हो सके कम रिस्क लेकर उसे अच्छे भाव पर बेचना ही हमारा मकसद होता है।

जब हम कहते हैं कि स्विंग ट्रेडिंग में 1 हफ्ते, 1 महीने या उससे भी ज्यादा समय के लिए इन्वेस्ट रह सकते हैं तो कुछ लोग इसे लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट समझ लेते हैं लेकिन वास्तव में ऐसा कुछ नहीं है।

Points Need to be Remember

  • लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट का मतलब होता है 1 साल, 5 साल या उससे अधिक समय के लिए पैसा इन्वेस्ट करना।
  • जबकि स्विंग ट्रेडिंग का मतलब होता है किसी पॉजिटिव न्यूज़, अच्छे तिमाही रिजल्ट या किसी सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल के ब्रेकआउट या ब्रेकडाउन से होने वाली मूवमेंट से प्रॉफिट कमाना।

इंट्राडे और स्विंग ट्रेडिंग में क्या अंतर है?

इंट्राडे में ज्यादा रिस्क इसलिए होता है क्योंकि उसमें आपको एक ही दिन के अंदर शेयर को buy और sell करना पड़ता है चाहे स्टॉक का प्राइस उस दिन आपके खरीदे गए प्राइस से कम ही क्यों ना चल रहा तो intraday में आपके लॉस होने की संभावना बहुत ज्यादा होती है।

जबकि स्विंग ट्रेडिंग में Risk बहुत कम होता है क्योंकि इसमें अगर आज शेयर का प्राइस आपके buying price से नीचे भी चला जाता है तो आपको उसे बचना जरूरी नहीं है।

मतलब आप उसका दाम बढ़ने का इंतजार कर सकते हैं जो कि आप इंट्राडे ट्रेडिंग में नहीं कर सकते थे।

अब सवाल यह आता है कि इसमें हम किस प्रकार के स्टॉक सेलेक्ट कर सकते हैं, स्विंग ट्रेडिंग आखिर काम कैसे करती है और हम इसके द्वारा पैसे कैसे कमा सकते हैं।

तो चलिए अब इसी के बारे में बात करते हैं–

स्विंग ट्रेडिंग कैसे काम करती है (How स्विंग ट्रेडिंग works in Hindi)

स्विंग ट्रेडिंग ना सिर्फ स्टॉक्स बल्कि इंडेक्स (जैसे; निफ्टी या बैंकनिफ्टी) के लिए भी काम करती है। मतलब आपको लगता है कि कुछ दिनों बाद Nifty index ऊपर जाएगा तो आप उसमें buying कर सकते हैं।

Nifty में पैसा इन्वेस्ट करने के लिए आप Niftybees ETF खरीद सकते हैं या फिर ऑप्शन ट्रेडिंग के जरिए निफ्टी के कॉल या पुट ऑप्शंस को खरीद सकते हैं।

आप चाहें तो stocks या index के अलावा cryptocurrencies या commodities में भी स्विंग ट्रेडिंग कर सकते हैं।

स्विंग ट्रेडिंग से पैसे कैसे कमाएं

स्विंग ट्रेडिंग से प्रॉफिट कमाने के लिए बस आपको शॉर्ट टर्म में होने वाले प्राइस के ऊपर या नीचे जाने का अनुमान लगाना होता है।

किसी भी स्टॉक या इंडेक्स का प्राइस कब ऊपर या नीचे जाता है इसका पता लगाने के लिए आप नीचे दिए गए कुछ पॉइंट फॉलो कर सकते हैं–

1। टेक्निकल एनालिसिस को समझना

प्राइस किस तरफ जाएगा यह पता लगाने के लिए आपको टेक्निकल एनालिसिस सीखना बहुत जरूरी है। इसके अंतर्गत आप–

  • चार्ट पर होने वाली प्राइस मूवमेंट को पढ़ना सीखते हैं,
  • चार्ट पेटर्न्स और कैंडलस्टिक पेटर्न्स के बारे में सीखते हैं,
  • टेक्निकल इंडिकेटर्स लगाना सीखते हैं,
  • RSI या moving avarage आदि के बारे में जानते हैं,

यह सभी टूल्स आपको किसी स्टॉक की टेक्निकल रिसर्च करने में मदद करते हैं जिससे आपको पता चलता है कि आखिर स्टॉक कब ऊपर जाएगा और कब नीचे।

इसके बाद दूसरा तरीका है–

2। सपोर्ट और रेजिस्टेंस पता करना

किसी स्टॉक का सपोर्ट और रेजिस्टेंस वह लेवल होता है जहां से प्राइस बढ़ना या गिरना शुरू होता है। यह कुछ specific price levels होते हैं जहां से प्राइस तेजी से ऊपर या नीचे जाता है।

उदाहरण के लिए– अपने अक्सर देखा होगा कि जब Nifty 18000, 18500, 19000, 19500 या 20000 जैसे levels को टच करता है तो वहां से प्राइस या तो वापस लौटकर रिवर्स कर जाता है या फिर उस लेवल को तोड़ने के बाद तेजी से ब्रेकआउट करता है मतलब ऊपर जाता है।📈

और ऐसे ही बहुत सारे levels आप शेयर्स में देख सकते हैं जिसमें किसी विशेष लेवल से टकराकर प्राइस बार-बार रिवर्स करता है। और ऐसे ही लेवल को आपको ढूंढना है।

इस प्रकार के सपोर्ट और रेजिस्टेंस एरिया (जहां से प्राइस बार-बार रिवर्स होता है) उसका पता लगाने के बाद आप उस लेवल से प्रिंस रिवर्स होने पर तुरंत उसे शहर में entry ले सकते हैं।

मतलब मान लो अगर रिलायंस का शेयर प्राइस 2500 रुपये पर आकर बार-बार नीचे चला जाता है। और अभी रिलायंस का शेयर प्राइस 2450 पर ट्रेड कर रहा है।

तो अब आपको अगली बार प्राइस 2500 Rs पर जाने का इंतजार करना है।

आप देखेंगे की प्राइस 2500 Rs को टच करने के बाद थोड़ी देर sideways हो सकता है मतलब उसी 2500 Rs की रेंज के आसपास घूम सकता है

लेकिन थोड़ी देर बाद आपके ऊपर या नीचे की ओर एक बड़ा मूवमेंट देखने को मिलेगा। मतलब या तो प्राइस ₹2500 को क्रॉस करके तेजी से ऊपर की तरफ जाएगा या फिर हर बार की तरह वापस नीचे रिवर्स चला जाएगा।

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और इस प्रकार के स्टॉक में यह स्विंग ट्रेडिंग करने का बहुत अच्छा मौका होता है।🙂

मतलब मान लो आप देखते हैं कि रिलायंस का शेयर प्राइस 2500 रुपये को क्रॉस करके ऊपर जाने लगता है जबकि यह बार-बार नीचे जा रहा था तो इस बार आप इस शेयर को buy कर सकते हैं क्योंकि यहां से ऊपर की ओर एक बड़ा मूवमेंट आने की उम्मीद बहुत ज्यादा है।

ठीक इसी प्रकार अगर price हर बार की तरह इस बार भी जैसे ही नीचे की तरफ जाना शुरू होता है वैसे ही आप तुरंत रिलायंस शेयर को short sell कर सकते हैं।

जी हां– शॉर्ट सेल करने का मतलब होता है पहले आप शेयर को बेचते हैं और फिर खरीदते हैं।

यह आप तब करते हैं जब आपको लगता है कि प्रिंस बढ़ाने की बजाए गिरने वाला है। और अगर आपका अनुमान सही निकलता है तो आप प्रॉफिट कमाते हैं।

अभी तक आपने स्विंग ट्रेडिंग से प्रॉफिट कमाने के दो तरीकों के बारे में सीखा टेक्निकल एनालिसिस और सपोर्ट रेजिस्टेंस।

चलिए अब तीसरे तरीके के बारे में जानते हैं–

3। न्यूज़ और इवेंट को ट्रैक करना

किसी कंपनी के स्टॉक में आने वाली न्यूज़ और इवेंट के द्वारा ट्रेड करके भी swing traders अच्छा प्रॉफिट कमा सकते हैं।

अगर आप stock market news पढ़ते हैं तो आपको रोजाना अलग-अलग कंपनियों के स्टॉक्स के बारे में पता चलता है जैसे–

  • किसी स्टॉक का प्राइस एक ही दिन में 20% या 30% बढ़ जाना,
  • स्टॉक में upper या lower सर्किट लग जाना,
  • पेनी स्टॉक्स में रॉकेट की तरह तेजी आना,

यह सब केवल तभी होता है जब किसी शेयर में कोई पॉजिटिव या नेगेटिव न्यूज़ आती है।

उदाहरण के लिए– मान लो अगर आज रिलायंस कंपनी यह अनाउंसमेंट कर दे की Jio Sim बिकना काम हो गई है जिसकी वजह से कंपनी को लॉस हो रहा है तो अगले ही दिन Jio financials का शेयर प्राइस तेजी से गिर जाएगा।

ठीक इसी का उल्टा अगर रिलायंस कंपनी में यह न्यूज़ आती है कि कंपनी ने इस क्वार्टर में अच्छा प्रॉफिट कमाया है तो अगले ही दिन शेयर प्राइस आपको बढ़ता हुआ देखने को मिलेगा।

और ऐसा नहीं है कि इस प्रकार की खबरों का असर केवल एक या दो दिन ही देखने को मिलता है।

बल्कि कुछ न्यूज़ का असर तो 1 हफ्ते या एक महीने तक भी देखने को मिलता है जब तक की कोई दूसरी बड़ी न्यूज़ ना आ जाए।

और इस प्रकार की पॉजिटिव या नेगेटिव न्यूज़ के चलते स्विंग ट्रेडिंग करने वालों को तगड़ा मुनाफा होता है।

चलिए अब जानते हैं कि–

स्विंग ट्रेडिंग कैसे करें (How to do Swing Trading in Hindi)

  • स्विंग ट्रेडिंग या फिर किसी भी प्रकार की ट्रेडिंग करने के लिए आपको सबसे पहले अपना डिमैट अकाउंट खोलना होगा।
  • इसके लिए आप सबसे पहले upstox पर जाकर अपना free demat account खोल सकते हैं।
  • डीमैट खाता खोलने के बाद आपको उसे अपने बैंक अकाउंट से लिंक करें और उसमें कुछ पैसा ट्रांसफर करें जिससे आप शेयर को खरीद और बेच सकते हैं।
  • इसके बाद आप सर्च बॉक्स में stock का नाम डालकर उसे आसानी से खरीद या बेच सकते हैं।

Upstox में अकाउंट कैसे बनाये

शायद यह सभी बेसिक स्टेप्स आपको पहले से पता ही होंगे।

लेकिन मेन सवाल यह आता है कि आखिर स्विंग ट्रेडिंग के लिए कौन सा स्टॉक चुने?

स्विंग ट्रेडिंग के लिए कौन सा स्टॉक कैसे सेलेक्ट करें?

स्विंग ट्रेडिंग के लिए Nifty next 50 और Nifty next 100 stocks सबसे बेस्ट होते हैं। इनके फंडामेंटल मजबूत होने के साथ-साथ इनमें अच्छी खासी मूवमेंट भी देखने को मिल जाती है।

मैंने आपको निफ़्टी 50 इंडेक्स वाली कंपनियां को खरीदने को इसलिए नहीं बोला क्योंकि उन कंपनियों के फंडामेंटल बेशक बहुत अच्छे होते हैं लेकिन उनमें मूवमेंट उतना ज्यादा देखने को नहीं मिलता है।

इसीलिए स्विंग ट्रेडर्स के लिए Nifty next 50 स्टॉक सबसे बढ़िया माने जाते हैं।

अब आपने इतना तो सीख लिया कि स्विंग ट्रेडिंग के लिए आपको कौन से स्टॉक में ट्रेड (buy और sell) करना है।

उदाहरण के लिए– अगर आप Nifty next 50 इंडेक्स के शेयर में ट्रेड करना चाहते हैं तो आपको इस इंडेक्स की 50 कंपनियों के शेयर को ट्रैक करना होगा।

चिंता मत कीजिए आपको सभी 50 कंपनियों के प्राइस चार्ट को नहीं देखना है बल्कि इसमें भी कुछ 8-10 पॉपुलर कंपनी होती है जिनमें अक्सर अच्छा खासा प्राइस मूवमेंट देखने को मिलता है।

इनमें आपको देखना है कि–

  • कौनसा स्टॉक अपने सपोर्ट या रेजिस्टेंस लेवल के आसपास है।
  • किस स्टॉक में बड़ी न्यूज़ या इवेंट देखने को मिल रहा है,
  • किस कंपनी के स्टॉक का क्वार्टरली रिजल्ट आने वाला है,

यही कुछ factors है जिन पर आपको नजर रखना है।

और इन्हीं सब चीजों का फायदा उठाते हुए आप स्विंग ट्रेडिंग से प्रॉफिट कमा सकते हैं।

बहुत सारे ट्रेडर्स already इस प्रकार ट्रेडिंग करके खूब पैसा कमा रहे हैं और आप भी इन सभी तरीकों को फॉलो करके कमा सकते हैं बस जरूरत है तो सिर्फ लगातार प्रैक्टिस करने की।

स्विंग ट्रेडिंग स्ट्रेटजीस (स्विंग ट्रेडिंग Strategies in hindi)

वैसे तो स्विंग ट्रेडिंग से पैसा कमाने की Strategies बहुत सारी हैं लेकिन यहां पर मैं आपको कुछ सबसे बढ़िया स्ट्रेटेजीस के बारे में बता देता हूं जैसे–

  1. Moving Avarage– आपको तब buy करना है जब शॉर्ट टर्म मूविंग एवरेज, लॉन्ग टर्म मूविंग एवरेज को क्रॉस करता और तब सेल करना है जब इसका उल्टा होता है।
  2. RSI Overbought/Oversold– चार्ट पर आपको RSI इंडिकेटर लगाना है जब यह Overbought जोन में जाता है तो शेयर को sell करते हैं और Oversold जोन में जाने पर शेयर को buy कर सकते हैं।
  3. Support and Resistance Breakout– किसी स्टॉक का सपोर्ट या रेजिस्टेंस ब्रेक होने पर उसे buy या sell कर सकते हैं। याद रखिए जितना स्ट्रांग सपोर्ट योर रेजिस्टेंस एरिया होगा उतना ही तेज प्राइस मूवमेंट होगा।
  4. कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न– स्टॉक के चार्ट पर आपको अलग-अलग पैटर्न बनते हुए दिखते हैं जैसे; हैमर, शूटिंग स्टार, डोजी, डबल टॉप, डबल बॉटम, हेड एंड शोल्डर पैटर्न आदि। इन सभी पैटर्न पर ट्रेड करके भी आप अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं।
  5. Trendline breakout– टेक्निकल एनालिसिस करते समय आप चार्ट पर ट्रेंडलाइन खींचते हैं। अगर प्राइस इन ट्रेंड लाइन को ब्रेक करता है तो यह stock में entry करने का अच्छा मौका होता है।
  6. वॉल्यूम एनालिसिस– किसी स्टॉक में कितने buyers या sellers ने पोजीशन बना रखी है इसका पता लगाने के लिए आप उसका ट्रेडिंग वॉल्यूम चेक कर सकते हैं। अगर आपको निफ्टी या बैंक निफ्टी का volume पता करना है तो इसका सबसे आसान तरीका है ऑप्शन चेन में जाकर ओपन इंटरेस्ट देखना।

स्विंग ट्रेडिंग कैसे सीखें (How to learn स्विंग ट्रेडिंग in Hindi)

स्विंग ट्रेडिंग सीखने के कुछ सबसे बेस्ट तरीके नीचे दिए गए हैं–

  1. टेक्निकल एनालिसिस को स्टडी करें मतलब इसके बेसिक कॉन्सेप्ट और अलग-अलग टेक्निकल टूल्स का उपयोग करना सीखें जैसे कि कैंडलेस्टिक पेटर्न, मूविंग एवरेज, सपोर्ट और रेजिस्टेंस आदि।
  2. स्विंग ट्रेडिंग पर लिखी गई किताबें पढ़ें, यूट्यूब पर वीडियो देखें और ऑनलाइन ब्लॉक्स पढ़ें इसके अलावा experienced traders से सोशल मीडिया पर जुड़कर भी आप काफी कुछ सीख सकते हैं।
  3. अपने स्ट्रैटेजिस को टेस्ट करने के लिए आप पेपर ट्रेडिंग करें जिसमें आप रियल मार्केट का अनुभव ले सकते हैं लेकिन उसमें रियल मनी उपयोग नहीं करना होता।
  4. रेगुलर मार्केट की न्यूज़ को फॉलो करें ताकि आने वाले इवेंट पर ट्रेड करके प्रॉफिट कमाया जा सके।
  5. अलग अलग ट्रेडिंग कम्युनिटीज का हिस्सा बने। उदाहरण के लिए आप हमारा व्हाट्सअप ग्रुप ज्वाइन कर सकते हैं जिसमें आपको काफी कुछ सीखने को मिलेगा।
  6. अपने लॉस को कंट्रोल करने के लिए स्टॉपलॉस और द्वारा रिस्क मैनेजमेंट फॉलो करें।
  7. अपनी पुरानी गलतियों से सीखें।
  8. लगातार प्रैक्टिस करें।

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नमस्कार दोस्तों ! मैं राज कुमार बैरवा पूंजी गाइड ब्लॉग का फाउंडर हूँ। मैं पूंजी गाइड ब्लॉग पर शेयर मार्केट, म्यूचुअल फंड, पर्सनल फाइनेंस से सम्बंधित जानकारियां शेयर करता हूँ।

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