CIBIL Score क्या होता हैं | Credit Score कैसे बढ़ाये

दोस्तों,  आज के फाइनेंसियल वर्ल्ड में CIBIL Score या Credit Score का बहुत महत्व हैं। जब हमको कोई लोन या क्रेडिट कार्ड लेना हो तो हमें अच्छे CIBIL Score की आवश्यकता होती हैं। हम सब को एक वित्तीय रूप से समझदार व्यक्ति होने के नाते CIBIL Score की जानकारी होनी आवश्यक हैं, ख़ासतौर पर जब हमें लोन या क्रेडिट कार्ड लेना हैं।

आज इस आर्टिकल के माध्यम से आप जानेंगे की CIBIL Score क्या होता हैं, CIBIL Score कैसे कैलकुलेट किया जाता हैं, Credit Score कैसे चेक करें और इससे जुड़े हर सवाल का जवाब।

CIBIL Score क्या होता हैं – What is CIBIL Score in Hindi

Cibil score kya hota hai

CIBIL Score meaning की बात की जाये तो CIBIL की फुल फॉर्म Credit Information Bureau of India Ltd. होती हैं। CIBIL Score या Credit Score दोनों एक ही होते हैं। सर्वप्रथम क्रेडिट स्कोर सिबिल रेटिंग एजेंसी द्वारा दिया गया था। इसलिए क्रेडिट स्कोर को सिबिल स्कोर भी कहा जाता हैं।

Credit Score तीन डिजिट की एक अंकीय संख्या होती हैं जो किसी व्यक्ति की क्रेडिट हिस्ट्री की summary के आधार पर बनाई जाती हैं। क्रेडिट स्कोर की रेंज 300 से 900 होती हैं। यह स्कोर बताता है की कोई व्यक्ति अपने लोन्स, क्रेडिट कार्ड बिल्स और अन्य देनदारियों को चुकाने में कितना सक्षम हैं।

CIBIL Score समय-समय पर बदलता रहता हैं। सामान्यतः ये हर महीने बदलता हैं।

क्रेडिट स्कोर CIBIL Report के आधार पर ही कैलकुलेट किया जाता हैं। CIBIL Report को CIR यानि की Credit Information Report के नाम से भी जाना जाता हैं।

CIR रिपोर्ट किसी व्यक्ति की क्रेडिट पेमेंट हिस्ट्री होती हैं जिसमें उसके लोन और क्रेडिट पेमेंट की जानकारी शामिल होती हैं। परन्तु इस रिपोर्ट में कोई भी सेविंग और इन्वस्टमेंट जैसी सूचनाएं शामिल नहीं होती हैं।

CIBIL Report क्या होती हैं?

जब भी आप किसी बैंक या वित्तीय संस्थान (Financial Institution) के पास लोन जैसे के होम लोन, कार लोन या क्रेडिट कार्ड लेने जाते हैं तो बैंक सबसे पहले आपकी सिबिल रिपोर्ट देखता हैं।

CIBIL Report एक विस्तारित रिकॉर्ड होता हैं जो बैंको और वित्तीय संस्थानों की दी गई क्रेडिट हिस्ट्री की जानकारी के आधार पर बनाया जाता हैं। इस CIBIL Report में निम्न जानकारी शामिल होती हैं –

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  • आपका सिबिल स्कोर
  • एड्रेस और Contact की जानकारी
  • व्यवसाय की जानकारी
  • लोन्स और क्रेडिट कार्ड्स की जानकारी
  • डिफॉल्ट्स और क्रेडिट inquiry की जानकारी

Credit Score कौन जारी करता हैं – List of Credit Bureau’s

भारत में अभी के समय 4 क्रेडिट एजेंसी हैं जो क्रेडिट स्कोर जारी करती हैं।

1. CIBIL यह कंपनी Transunion credit information Bureau (India) Ltd. हैं। यह भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा मान्यता प्राप्त एजेंसी हैं।

यह एजेंसी 2010 में स्थापित हुई थी। बैंकों द्वारा मुख्य रूप से CIBIL एजेंसी की रिपोर्ट ही प्रयोग में लाई जाती हैं। इस एजेंसी का क्रेडिट स्कोर सबसे विश्वसनीय माना जाता हैं। CIBIL कंपनियों और अन्य Entities को भी स्कोर देती हैं जिसे “PERFORM” स्कोर के नाम से जाना जाता हैं।

2. EQUIFAX – यह एजेंसी 2010 में लाइसेंस लेकर क्रेडिट एजेंसी के रूप में अस्तित्व में आई।

3. Experian – यह कंपनी भी 2010 में ही स्थापित हुई थी।

4. CRIF यह एजेंसी भी भारत में क्रेडिट एजेंसी के रूप में कार्य करती हैं।

CIBIL Score महत्वपूर्ण क्यों हैं – Why CIBIL Score is Important?

किसी भी व्यक्ति का पास्ट ट्रैक रिकॉर्ड उसके फ्यूचर एक्शन को इंगित करता हैं। CIBIL किसी की ऋणकर्ता का उसके उधारदाता (Lender) के पास पहला इम्प्रैशन होता हैं।

आसान भाषा में समझे तो जब भी कोई व्यक्ति बैंक के पास लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई करता हैं तो सबसे पहले उसका क्रेडिट स्कोर ही देखा जाता हैं। यह बैंक को अनुमान देता हैं की Borrower अपना ऋण वापस चूका पायेगा या नहीं। यदि उसका क्रेडिट स्कोर कम हैं तो बैंक उसकी एप्लीकेशन को रिजेक्ट कर सकता हैं।

जिस व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर ज्यादा रहता हैं बैंक उसे कम पेपरवर्क में ज्यादा लिमिट कम इंटरेस्ट रेट पर ऑफर कर सकता हैं। कम क्रेडिट स्कोर वाले व्यक्ति को अगर बैंक लोन भी देना चाहे तो उस व्यक्ति को ज्यादा पेपरवर्क करना पडता है। साथ ही उच्च ब्याज दर के साथ कम लिमिट ऑफर की जाती हैं।

इसलिए अगर आपको आसानी से हाई लिमिट पर क्रेडिट कार्ड या ज्यादा राशि का लोन लेना हैं तो आपका Credit Score ज्यादा होना चाहिए।

दोस्तों, ऐसा नहीं हैं की मात्र क्रेडिट स्कोर ही मात्र एक पैमाना हैं। इसके अतिरिक्त कई अन्य फैक्टर्स होते हैं जिन्हे बैंक चेक करता हैं। परन्तु इन सब में CIBIL Score सबसे महत्वपूर्ण होता हैं।

CREDIT SCORE कितना होना चाहिए?

क्रेडिट स्कोर की रेंज 300 से 900 के बीच होती हैं। Credit Score जितना ज्यादा होता हैं उतना अच्छा माना जाता हैं। आमतौर पर 700 से ऊपर का सिबिल स्कोर अच्छा होता हैं।

Which Credit Score is Best

750-900 – इस रेंज का क्रेडिट स्कोर सबसे बेस्ट माना जाता हैं। इस रेंज में क्रेडिट स्कोर होने का मतलब हैं की आपने पास्ट में अपने सभी dues का भुगतान समय से किया हैं। इस Credit Score के साथ आपको सिक्योर्ड लोन्स के साथ-साथ unsecured loans मिलने में भी आसानी रहती हैं जैसे की पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड।

700-750 – इस रेंज का क्रेडिट स्कोर भी अच्छी repayment हिस्ट्री को दर्शाता हैं और अच्छा माना जाता हैं। लेकिन इस रेंज में सिबिल स्कोर होने पर बैंक आपकी क्रेडिट हिस्ट्री को ओर जांचने के लिए क्रेडिट एनालिसिस कर सकता हैं।

इस रेंज में आपका क्रेडिट स्कोर हैं तो repayments में थोड़ी और नियमितता लेकर आप अपना क्रेडिट स्कोर 750 से ऊपर ले जा सकते हैं।

550-700 – यह क्रेडिट स्कोर रेंज बताती हैं की वह व्यक्ति अपने पास्ट पेमेंट्स में अनियमित रहा हैं। कुछ बैंक्स इस क्रेडिट रेंज वाले व्यक्तियों को लोन या क्रेडिट कार्ड्स ऑफर नहीं करते हैं। अगर कुछ बैंक ऑफर करते भी हैं तो वो सिक्योर्ड लोन ही होते है साथ में उनकी ब्याज दर ज्यादा हो सकती हैं।

300-550 – इस रेंज में क्रेडिट स्कोर poor माना जाता हैं। अपने देय भुगतान (due payments) को डिफ़ॉल्ट करने की स्थिति में इस प्रकार का क्रेडिट स्कोर रहता हैं। इस प्रकार के CIBIL Score से बैंको से लोन और क्रेडिट कार्ड्स लेना काफी मुश्किल काम हो सकता हैं।

अपना सिबिल स्कोर कैसे चेक करे – How to Check Credit Score online

आप अपना क्रेडिट स्कोर ऑनलाइन आसानी से चेक कर सकते हैं। सभी अलग-अलग क्रेडिट रेटिंग एजेंसीज का क्रेडिट स्कोर अलग-अलग हो सकता हैं।

CIBIL एजेंसी द्वारा दिया गया क्रेडिट स्कोर सबसे अधिक विश्वसनीय माना जाता हैं। CIBIL के माध्यम से आप फ्री में एक बार अपना क्रेडिट स्कोर चेक कर सकते हैं। उसके बाद आपको सिबिल की सेवाओं के लिए कुछ शुल्क का भुगतान करना होता हैं।

CREDIT SCORE CHECK – Steps

अपना क्रेडिट स्कोर CIBIL के माध्यम से चेक करने के लिए आप निम्न स्टेप्स फॉलो कर सकते हैं –

स्टेप – 1 : CIBIL की वेबसाइट पर जाये – https://myscore.cibil.com/

स्टेप – 2 : अपना एक यूजर अकाउंट बनाये जिसमे आपको अपना ईमेल, पासवर्ड, आपका नाम, DOB, पिन कोड और मोबाइल नंबर डालना होता हैं।

इसमें आपको अपनी एक Identity Proof देना होगा जो की पैन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर ID हो सकता हैं।

स्टेप – 3 : इस स्टेप में आपको अपनी आइडेंटिटी वेरीफाई करनी होगी। इसमें आपको ईमेल और मोबाइल पर आया हुआ OTP दर्ज करना होगा।

स्टेप – 4 : OTP वेरीफाई करने के बाद आपका अकाउंट बन जायेगा। इसमें आप अपनी क्रेडिट रिपोर्ट और सिबिल स्कोर देख सकते हैं।

आप अपना क्रेडिट स्कोर Equifax, Experian और CRIF के द्वारा भी चेक कर सकते हैं। मैंने यहां इनके लिंक दिए हैं आप इनकी वेबसाइट पर जाकर अपना क्रेडिट स्कोर चेक कर सकते हैं।

Credit Score को प्रभावित करने वाले फैक्टर – CREDIT SCORE Factors

वैसे प्रत्येक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी का क्रेडिट स्कोर criteria अलग-अलग हो सकता हैं। परन्तु फिर भी ये पॉइंट्स क्रेडिट स्कोर के निर्धारण में सर्वाधिक ध्यान रखा जाता हैं –

1. Payment History – किसी व्यक्ति की पेमेंट हिस्ट्री उसके क्रेडिट स्कोर को सर्वाधिक प्रभावित करती हैं। मात्र एक late payment भी आपके क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता हैं।

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लेंडर्स अपने ऋणी से आशा करते हैं की वो अपने dues का  भुगतान समय पर करे। सिबिल स्कोर के निर्धारण में पेमेंट हिस्ट्री का 30 से 35% weighted होता हैं।

2. Credit Utilization – क्रेडिट कार्ड के ख़र्चे भी आपके क्रेडिट स्कोर को प्रभावित करते हैं। आपके क्रेडिट कार्ड की लिमिट का आदर्श रूप से 30% से अधिक utilization नहीं होना चाहिए।

अगर आप अपनी लिमिट को पूरा प्रयोग में लेते हैं तो ऐसा करना क्रेडिट स्कोर पर गलत प्रभाव डाल सकता हैं।

3. आपकी क्रेडिट हिस्ट्री की age – आपकी क्रेडिट हिस्ट्री की age सिबिल स्कोर की गणना में लगभग 15% तक हिस्सा रखती हैं। यदि आपका कोई क्रेडिट अकाउंट काफी पुराना हैं तो यह माना जाता हैं की आपको अपनी क्रेडिट हो हैंडल करने का अच्छा-खासा अनुभव हैं।

4. ऍप्लिकेशन्स की संख्या – यदि आप बहुत कम समय के अंतराल में ज्यादा एप्लीकेशन करते हैं जैसे कि लोन एप्लीकेशन और क्रेडिट कार्ड एप्लीकेशन और उनमें से कुछ एप्लीकेशन रिजेक्ट हो जाये। यह आपकी क्रेडिट हिस्ट्री के लिए अच्छा नहीं होता।

5. Enquiries की संख्या – लगातार रूप से क्रेडिट इंक्वायरी आने का भी क्रेडिट स्कोर पर प्रभाव पड़ता है। 1 – 2 इंक्वायरी से ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ता परंतु ज्यादा इंक्वायरी होने पर ये क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

यहां एक बात ध्यान देने योग्य है कि जब भी आप स्वयं अपनी क्रेडिट रिपोर्ट चेक करते हैं तो यह सॉफ्ट इंक्वायरी की कैटेगरी में आता है। इससे आपके क्रेडिट स्कोर पर कोई भी प्रभाव नहीं पड़ता हैं।

6. Secured Loans और Unsecured Loans – सिक्योर्ड लॉन्स वह लोन होते हैं जिसके बदले ऋणदाता कुछ एसेट collateral के रूप में लेता है। जिन लोंस के बदले कुछ भी asset नहीं रखी जाती, वे अनसिक्योर्ड लोन होते हैं जैसे की पर्सनल लोन।

सिक्योर्ड लोन और अनसिक्योर्ड लोन का अच्छा मिक्स क्रेडिट स्कोर पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। अगर आपके पास अनसिक्योर्ड लोन ही  है तो यह क्रेडिट स्कोर को कम करने का काम कर सकता हैं।

अपना CIBIL Score कैसे बढ़ाये – How to increase CIBIL Score in Hindi

how to improve credit score in hindi

एक अच्छा क्रेडिट स्कोर मेंटेन रखना बहुत जरूरी होता हैं। आज नहीं तो कल आपको अच्छे सिबिल स्कोर की आवश्यकता पड़ती ही है। अगर आप का क्रेडिट स्कोर पहले से अच्छा है तो उसे वैसे ही मेंटेन करना जरूरी है। यदि आप का क्रेडिट स्कोर अच्छा नहीं है तो आप कुछ बातों का ध्यान रखकर अपने क्रेडिट स्कोर को सुधार सकते हैं।

How to improve CIBIL Score

1. अपने सभी dues का समय से भुगतान करें – अपने क्रेडिट कार्ड बिल और Loan EMI का समय पर भुगतान बहुत ही मायने रखता हैं।  अगर आपका क्रेडिट स्कोर खराब है तो हो सकता हैं की आप अपने dues का समय से भुगतान नहीं करते हैं।

आप अपने पेमेंट का समय पर भुगतान करना चालू कर दें। इसके लिए आप बिल्स का रिमाइंडर भी सेट कर सकते हैं। आपको इसका बहुत ही जल्द सकारात्मक प्रभाव अपने क्रेडिट स्कोर पर दिखाई देगा।

2. CIBIL Report में errors का ध्यान रखें – अपनी क्रेडिट रिपोर्ट को नियमित रूप से चेक करना बहुत जरुरी होता हैं। कई बार हो सकता हैं की आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में कोई error हो। ऐसी स्थिति में आपका क्रेडिट स्कोर डाउन हो सकता हैं।

अगर आपकी रिपोर्ट में भी कोई गलती हैं तो आप क्रेडिट ब्यूरो को इसकी जानकारी दे सकते हैं। आप इस लिंक के द्वारा CIBIL में कोई भी डिस्प्यूट को raise कर सकते हैं। Raise a Dispute – CIBIL

3. हमेशा क्रेडिट कार्ड का पूरा भुगतान करें –  कई बार हम क्रेडिट कार्ड का फुल पेमेंट नहीं करके बस minimum dues का ही भुगतान करते हैं। इससे आप क्रेडिट कार्ड की पेनल्टी से तो बच जाते हो परन्तु इससे क्रेडिट स्कोर कम होने का खतरा होता हैं।

इसलिए हमेशा due date पर फुल क्रेडिट कार्ड का पेमेंट करने की कोशिश करें। नियमित और फुल पेमेंट से कुछ ही समय में आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा दिखने लग जायेगा।

4. क्रेडिट कार्ड की लिमिट का उपयोग – कभी भी अपनी क्रेडिट कार्ड की संपूर्ण लिमिट का प्रयोग करने से बचें। अगर आप अपनी पूरी क्रेडिट लिमिट को यूज कर लेते हैं तो ऐसा माना जाता है कि आपको कुछ वित्तीय समस्याओं का सामना करना पड़ रहा हैं।

कभी भी अपने क्रेडिट लिमिट की 30 से 50% से अधिक लिमिट का प्रयोग नहीं करना चाहिए। हो सके तो अपने क्रेडिट कार्ड की लिमिट को बढ़ाने का प्रयास जरूर करें।

5. Guarantor या जॉइंट अकाउंट होल्डर बनने से बचे – अगर आप किसी के साथ जॉइंट अकाउंट होल्डर या लोन guarantor हैं और वे अपने लोन पेमेंट में डिफ़ॉल्ट करते हैं तो बैंक आपकी रिपोर्ट भी सिबिल को नेगेटिव भेज सकते हैं।

इसलिए Guarantor या जॉइंट अकाउंट होल्डर बनने से बचे।

6. क्रेडिट मिक्स – अच्छे क्रेडिट स्कोर के लिए सिक्योर लोन और अनसिक्योर्ड लोन का सही बैलेंस होना जरूरी है।

7. मल्टीपल क्रेडिट कार्ड एप्लीकेशन नहीं करें – कम टाइम पीरियड में एक से अधिक क्रेडिट कार्ड और लोन एप्लीकेशन करने से बचना चाहिए। ज्यादा इंक्वायरी और एप्लीकेशन रिजेक्शन से क्रेडिट स्कोर पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

निष्कर्ष – Credit Score in Hindi

सिबिल स्कोर हमारे लिए बहुत मायने रखता हैं इसलिए एक समझदार व्यक्ति की भांति हमेशा अपने dues का समय से भुगतान करें। आपका क्रेडिट स्कोर खुद-ब-खुद सही हो जायेगा।

दोस्तों, आज आपने इस आर्टिकल के माध्यम से सीखा की सिबिल स्कोर क्या हैं (What is CIBIL Score in Hindi), अपना सिबिल स्कोर कैसे इम्प्रूव करें।

ये भी पढ़े – क्या Term Insurance Policy लेना जरूरी हैं?

अगर आपको CIBIL Score Hindi का आर्टिकल अच्छा लगा हो तो कृपया इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करना ना भूले। अगर आपके कोई सवाल हो तो हमें कमेंट बॉक्स के माध्यम से जरूर पूछे।

FAQ

Q.1 सिबिल स्कोर क्या हैं?

यह 3 अंको की संख्या होती हैं जो 300 से 900 के बीच होती है। यह व्यक्ति की लोन और क्रेडिट कार्ड लेने की क्षमता बताती हैं।

Q.2 अपना सिबिल स्कोर कैसे पता करे?

आप www.cibil.com पर जाकर अपना सिबिल स्कोर चेक कर सकते हैं।

Q.3 क्रेडिट स्कोर कैसे सुधारे?

समय से अपने क्रेडिट कार्ड और EMI का समय भुगतान करे, क्रेडिट तालमेल बनाये और गारंटीकर्ता बनने से बचे।

Q.4 सिबिल स्कोर कितना होना चाहिए?

700 से ऊपर का सिबिल स्कोर अच्छा माना जाता हैं।

Q.5 सिबिल स्कोर कितने समय में अपडेट होता हैं?

सामान्यतः सिबिल स्कोर 30 से 45 दिनों में अपडेट होता हैं।

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