डिविडेंड क्या होता हैं | आपको Dividend कैसे प्राप्त होगा

जब भी आप किसी शेयर या स्टॉक में निवेश करते हो तो आपको दो तरह से फायदा हो सकता हैं, पहला आपके स्टॉक के मूल्य में वृद्धि और दूसरा Dividend. अगर आप भी स्टॉक मार्केट की जानकारी रखते हो तो आपने Dividend का नाम तो सुना ही होगा।

अगर आप किसी शेयर में निवेशित हो और उस शेयर से आपको डिविडेंड प्राप्त होता हैं तो आपको dividend इनकम प्राप्त करके ख़ुशी जरुर होती होगी।

अगर आप Dividends के बारे में जानने को उत्सुक हो तो इस आर्टिकल के माध्यम से आज मैं बताऊंगा Dividend क्या होता है या Dividend in Hindi, डिविडेंड क्यों दिया जाता हैं, डिविडेंड रिकॉर्ड डेट क्या होती हैं और डिविडेंड कैसे मिलता हैं?

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Dividend क्या होता है? Dividend Meaning in Hindi

दोस्तों, अगर Dividend Meaning in Hindi बात की जाये तो इसे हिंदी में लाभांश कहा जाता हैं। लाभांश यानि की लाभ का अंश या लाभ में से मिलने वाला हिस्सा।

Dividend वह होता हैं जो कंपनी अपने नेट प्रॉफिट में से अपने शेयरधारकों (shareholders) को बांटती हैं। कंपनी अपने शेयर होल्डर्स को कंपनी में निवेश करने और विश्वास जताने के कारण उन्हें भी कंपनी के लाभ में से कुछ हिस्सा रिवॉर्ड के रूप में देती हैं।

कोई भी कंपनी जो भी लाभ कमाती हैं उसमें से ऑपरेटिंग एक्सपेंसेस, ब्याज और टैक्स घटाने के बाद Net Profit बचता हैं। इस प्रकार सभी ख़र्चे निकालने के बाद जो लाभ बचता हैं कंपनी उसमें से अपने शेयर होल्डर्स को Dividend या लाभांश बाँट सकती हैं।

डिविडेंड क्या होता हैं?

“डिविडेंड का मतलब लाभांश होता हैं। डिविडेंड किसी कंपनी के प्रॉफिट का वह हिस्सा होता है जो वह अपने शेयरहोल्डर्स को अतिरिक्त लाभ के रूप में बांटती हैं। शेयर बाजार में केवल कुछ कंपनियां ही डिविडेंड का भुगतान करती हैं। निवेशकों को डिविडेंड का पैसा क्वार्टरली या सालाना बेसिस पर प्राप्त होता है।”

Dividend Income क्या होती हैं?

What is Dividend in Hindi Dividend meaning

डिविडेंड इनकम वह आय होती हैं जो आपको शेयर को होल्ड करने पर मिलती हैं। इसका मतलब हैं की आपके पास डिविडेंड देने वाली कंपनीज के जितने ज्यादा शेयर होंगे, उतना ही ज्यादा आपको dividend income प्राप्त होगी।

Dividend कैसे दिया जाता हैं?

शेयरधारकों को उनके द्वारा धारित शेयर्स के आधार पर Dividend दिया जाता हैं। Dividend की राशि प्रति शेयर घोषित की जाती हैं जिसके पास जितने शेयर होंगे उसको उतना डिविडेंड मिलेगा।

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मान लीजिये SBI बैंक ने प्रति शेयर ₹1 का डिविडेंड देने की घोषणा की। आपके पास SBI बैंक के कुल 1,000 शेयर हैं तो आपको कुल ₹1 × 1,000 =  ₹1,000 का डिविडेंड मिलेगा।

“डिविडेंड उसी शेयरहोल्डर को प्राप्त होता हैं जिसके पास रिकॉर्ड डेट पर कंपनी के शेयर्स डीमैट अकाउंट में मौजूद रहते हैं। रिकॉर्ड डेट क्या होती हैं की चर्चा हम आगे करेंगे”

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कंपनी Dividend क्यों देती हैं?

आपने ऊपर डिविडेंड मीनिंग जाना, अब बात आती हैं की आखिर कोई कंपनी डिविडेंड क्यों देती हैं?

अगर किसी वित्तीय वर्ष (F/Y) में कोई कंपनी शुद्ध लाभ कमाती हैं तो कंपनी अपने शेयर होल्डर्स को डिविडेंड बाँट सकती हैं। अगर कंपनी को डिविडेंड देना होता हैं तो कंपनी अपनी AGM में इसकी घोषणा करती हैं।

यदि कंपनी का व्यापार सही तरीके से स्थापित हो गया हैं और उन्हें व्यापार को आगे बढ़ाने (business expansion) के लिए अतिरिक्त पैसों की आवश्यकता नहीं हैं तो मैनजमेंट शेयर होल्डर्स को प्रॉफिट में से लाभांश बाँट सकती हैं।

Dividend देना या न देना पूर्णतया मैनजमेंट का फ़ैसला होता हैं। वे चाहे तो प्रॉफिट होने होने के बावजूद भी डिविडेंड न देकर उन पैसों को किसी ओर काम में ले सकती हैं।

क्या loss making कंपनी डिविडेंड दे सकती हैं?

अधिकतर मामलों में लाभ में रहने वाली कंपनियां ही डिविडेंड का भुगतान करती हैं। यदि किसी कंपनी को किसी वित्त वर्ष में नुकसान हुआ हैं हालाँकि उनके पास अच्छा-खासा cash reserve पड़ा हैं तो कंपनी अपने कैश रिज़र्व में से ही लाभांश का भुगतान कर सकती हैं।

प्रोपोसड डिविडेंड क्या होता हैं – Prposed Dividend Meanning in Hindi

किसी कंपनी के बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स एक वित्तीय वर्ष के अंत में लाभांश का प्रस्ताव (propose) करते है। वे उस वर्ष के लिए फाइनेंसियल स्टेटमेंट्स से पहले लाभांश का प्रस्ताव करते हैं। इस डिविडेंड के प्रस्ताव को ही Proposed Dividend कहा जाता हैं।

दूसरे शब्दों में, ऐसा डिविडेंड जो बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स द्वारा रेकमेंडेड डिविडेंड हैं लेकिन उसके भुगतान के लिए शेयरधारकों द्वारा अप्रूवल की आवश्यकता होती है, इसे ही Proposed Dividend कहा जाता है।

Proposed Dividend का भुगतान अगले वित्तीय वर्ष में शेयरधारकों को कर दिया जाता है।

डिविडेंड की कैलकुलेशन कैसे करें – Calculation of Dividend

शेयर मार्केट में प्रत्येक लिस्टेड कंपनी की एक फेस वैल्यू (Face value) होती हैं। इस फेस वैल्यू के आधार पर ही कंपनी द्वारा dividend घोषित किया जाता हैं।

यहां यह बात ध्यान देने योग्य हैं की शेयर की करंट मार्केट प्राइस (CMP)  से Dividend की कैलकुलेशन का कोई सम्बन्ध नहीं हैं।

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चलिए इसे एक उदाहरण की सहायता से समझते हैं।

मान लीजिये आपके पास Coal India के कुछ शेयर्स हैं। Coal India की मार्केट प्राइस ₹150 चल रही हैं और इसकी Face value ₹10 हैं।

यदि कंपनी ने 100% डिविडेंड की घोषणा की हैं तो इसका मतलब हुआ की प्रति शेयर ₹10 का डिविडेंड। यहीं अगर कंपनी ने 50% डिविडेंड की घोषणा की होती तो प्रति शेयर ₹5 का डिविडेंड होता।

कई निवेशक 100% डिविडेंड का मतलब स्टॉक की करंट मार्केट प्राइस से लगा लेते हैं। जो की गलत कैलकुलेशन होती हैं। डिविडेंड का भुगतान हमेशा फेस वैल्यू के आधार पर ही किया जाता हैं।

वर्तमान में अब  सेबी के आदेशानुसार सभी कंपनियों को प्रति शेयर रुपये में भी डिविडेंड बताना अनिवार्य होगा।

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Dividend कैसे काम करता हैं – How a Dividend works

दोस्तों, आपने Dividend in Hindi तो समझ लिया। अब बात करते है की आखिर डिविडेंड काम कैसे करता हैं। जैसे के एक नए निवेशक को डिविडेंड को समझना थोड़ा मुश्किल काम होता हैं। लेकिन मैंने यहाँ एक समरी तैयार की हैं जो की आपको डिविडेंड को समझने में बहुत मदद करेगी।

डिविडेंड की प्रक्रिया (summary) –

  1. कंपनी शुद्ध लाभ कमाती हैं या healthy cash reserve मेन्टेन करती हैं।
  2. मैनजमेंट तय करता हैं की लाभ का कुछ हिस्सा reinvest करने के बजाय शेयर धारकों में बाँट दिया जाये।
  3. बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स के द्वारा डिविडेंड अप्प्रूव किया जाता हैं।
  4. कंपनी Dividend देने की घोषणा करती हैं जिसमे Dividend प्रति शेयर, डिविडेंड कब दिया जायेगा और रिकॉर्ड डेट डिक्लेअर करती हैं।
  5. रिकॉर्ड डेट पर जिन व्यक्तियों के पास शेयर होते हैं, उसे रिकॉर्ड किया जाता हैं।
  6. अंत में डिविडेंड का शेयर होल्डर्स को भुगतान कर दिया जाता हैं।
  7. डिविडेंड डीमैट अकाउंट से लिंक बैंक अकाउंट में क्रेडिट होता हैं।

What is Dividend process and Record date

डिविडेंड के प्रकार – Types of Dividend

कंपनी कई तरीकों से अपने शेयर होल्डर्स को डिविडेंड देकर रिवॉर्ड कर सकती हैं। जैसे –

  • Cash Dividend
  • Stock Dividend
  • Property Dividend
  • Scrip Dividend
  • Liquidating Dividend

परन्तु इन सब तरीकों में से cash dividend सबसे लोकप्रिय हैं और अधिकांश कंपनिया cash dividend के माध्यम से ही डिविडेंड बांटती हैं। कोई कंपनी cash dividend को दो तरीकों से बांट सकती हैं –

1. Interim Dividend

यदि Interim Dividend Meaning in Hindi की बात की जाएं तो ये वित्तीय वर्ष के दौरान दिए जाने वाला डिविडेंड होता हैं। इसे हिंदी में अंतरिम लाभांश भी कहा जाता हैं।

यदि कोई कंपनी किसी वित्तीय वर्ष के दौरान अपने अंतिम फाइनेंसियल स्टेटमेंट्स जारी होने से पूर्व ही dividend देने की घोषणा करती हैं तो इसे Interim Dividend कहा जाता हैं।

Interim Dividend कंपनी के बचे हुए प्रॉफिट (retained profit) या Cash Reserve में से दिया जाता हैं।

2. Final Dividend

किसी कंपनी के द्वारा वित्त वर्ष के अंतिम फाइनेंसियल स्टेटमेंट्स जारी करने के बाद जो डिविडेंड डिक्लेअर किया जाता हैं वो Final Dividend होता हैं।

इसमें कंपनी को अनिवार्यतः अपने प्रॉफिट में से कुछ हिस्सा सरप्लस में डालना होता हैं।

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डिविडेंड की महत्वपूर्ण तारीखें

लाभांश में तारीख से सम्बंधित कई सवाल होते हैं जैसे की रिकॉर्ड डेट क्या होती हैं, एक्स-डिविडेंड डेट क्या होती हैं। इन्हें आपको जानना बहुत आवश्यक हैं।

Dividend declaration Date – यह डेट वह होती हैं जिस दिन कंपनी के बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स shareholders को डिविडेंड देने की घोषणा करते हैं। इस घोषणा में डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन की तारीख, डिविडेंड की राशि और रिकॉर्ड डेट की घोषणा की जाती हैं।

Record Date – डिविडेंड डिक्लेरेशन डेट को ही रिकॉर्ड डेट की भी जानकारी दी जाती हैं। प्रत्येक कंपनी के शेयर होल्डर्स की एक रिकॉर्ड बुक होती हैं जिसमें सभी शेयर होल्डर्स के नाम दर्ज होते हैं।

यह प्रतिदिन बदलती रहती हैं। इसीलिए रिकॉर्ड डेट तय की जाती हैं। Record Date के दिन जिन अंशधारकों का नाम रिकॉर्ड बुक में दर्ज होगा वे डिविडेंड पाने के हक़दार होंगे।

Ex-Dividend Date – Ex-Dividend Date सामान्य तौर पर रिकॉर्ड डेट के 2 दिन पहले होती है। अगर आपको किसी कंपनी का डिविडेंड प्राप्त करना है तो आपको उस कंपनी के शेयर एक्स डिविडेंड डेट से पहले खरीदने होंगे।

अगर आप Ex-Dividend Date को या उसके बाद शेयर खरीदते हैं तो आपको कोई डिविडेंड नहीं मिलेगा। ऐसी स्थिति में जिस व्यक्ति ने आपको शेयर बेचे हैं उसको डिविडेंड प्राप्त होगा।

Ex-Dividend Date स्टॉक एक्सचेंज के द्वारा तय की जाती हैं। स्टॉक एक्सचेंज ऐसा इसलिए करता है कि रिकॉर्ड डेट पर सभी सही शेयर होल्डर्स के नाम दर्ज हो।

Payment Date – पेमेंट डेट वह तारीख़ होती हैं जिस दिनशेयर होल्डर्स को डिविडेंड का भुगतान कर दिया जाता है।

इन सभी डेट्स को एक उदाहरण की सहायता से समझते हैं।

मान लीजिए SBI ने 1 अप्रैल 2021 को डिविडेंड देने की घोषणा की साथ में उन्होंने 28 अप्रैल 2021 को रिकॉर्ड डेट तय की।

यहां पर Ex-Dividend Date रिकॉर्ड डेट से 2 दिन पहले होगी यानि कि 26 अप्रैल 2021.

डिविडेंड भुगतान की तारीख 15 मई -2021 रखी गई।

  • Dividend declaration Date – 1 अप्रैल 2021
  • Ex-Dividend Date – 26 अप्रैल 2021
  • Record Date – 28 अप्रैल 2021
  • Payment Date – 15 मई 2021

केस – 1

यदि विजय के पास SBI के 100 शेयर हैं और उसने 26 अप्रैल 2021 को अपने सभी शेयर राजेश को बेच दिए।

ऐसी स्थिति में विजय का नाम एक्स डिविडेंड डेट को शेयर होल्डर बुक में दर्ज रहेगा। इस कारण विजय को ही 100 शेयर्स पर डिविडेंड प्राप्त होगा ना कि राजेश को।

केस – 2

अगर 25 अप्रैल 2021 को महेश ने एसबीआई के 100 शेयर खरीद लिए और एक्स डिविडेंड डेट 26 अप्रैल 2021 है तो महेश को डिविडेंड मिलने का अधिकार होगा।

आपको Dividend कब मिलता हैं?

अब बात आती हैं की आखिर डिविडेंड कब मिलता है। कई नए निवेशकों को यह भ्रम होता है कि डिविडेंड उनके ट्रेडिंग अकाउंट के बैलेंस में आता हैं।

डिविडेंड हमेशा उस बैंक अकाउंट में क्रेडिट होता है जो आपके डिमैट अकाउंट से जुड़ा हो। अगर आपका डिमैट अकाउंट UPSTOX में है और आपका डिमैट अकाउंट SBI Bank से जुड़ा हैं तो आपको आपके SBI बैंक अकाउंट में डिविडेंड प्राप्त होगा।

डिविडेंड का शेयर प्राइस पर क्या प्रभाव पड़ता हैं – Dividend Meaning in Hindi with Example

दोस्तों यह एक बहुत ही दिलचस्प टॉपिक है। डिविडेंड का शेयर प्राइस पड़ने वाले प्रभाव को समझने के लिए एक उदाहरण देखते हैं।

1 अप्रैल को SBI जो कि ₹100 की मार्केट प्राइस पर चल रहा हैं, कंपनी ने ₹5 का डिविडेंड घोषित किया।

एक्स डिविडेंड डेट 26 अप्रैल 2021 रखी गई।

अब यहाँ पर डिविडेंड अनाउंसमेंट डेट को प्राइस बढ़कर ₹100 से ₹105 हो जाएगी।

एक्स डिविडेंड डेट जो की 26 अप्रैल 2021 हैं उस दिन शेयर की करंट मार्केट प्राइस में से ₹5 कम कर दिए जायेंगे।

अगर CMP ₹115 चल रही हैं तो नई मार्केट प्राइस ₹110 हो जाएगी।

ऐसा इसलिए किया जाता है कि कोई डिविडेंड घोषित करने का गलत फायदा नहीं उठा पाए। एक्स डिविडेंड डेट को प्राइस इसलिए घटा दी जाती है क्योंकि इस डेट से कोई शेयर खरीदता भी है तो उसे डिविडेंड नहीं मिलता।

Dividend Per Share क्या होता हैं?

DPS यह दर्शाता हैं की कंपनी ने प्रति शेयर कितना डिविडेंड देने का वादा किया हैं। यानि की प्रत्येक शेयर पर मिलने वाला डिविडेंड, Dividend Per Share कहा जाता हैं।

DPS = Total Dividend ÷ Total Number of Shares

Dividend Yield क्या होता हैं – Dividend Yield Meaning in Hindi?

Dividend Yield एक फाइनेंसियल रेश्यो होता हैं जो किसी स्टॉक की डिविडेंड देने क्षमता को दर्शाता हैं।

कहने का मतलब हैं अगर आप किसी स्टॉक में निवेश कर रहे हो तो आपको उस स्टॉक की मार्केट प्राइस पर साल भर में कितनी वैल्यू प्राप्त हो रही हैं।

Dividend Yield = Annual Dividends per share ÷  Current Market Price

यदि IRCTC शेयर की फेयर वैल्यू ₹10 हैं और कंपनी ने 100% डिविडेंड की घोषणा की। IRCTC की मार्केट प्राइस ₹100 हैं।

इसमें प्रति शेयर मिलने वाले डिविडेंड की राशि होगी – 10 × 100% = ₹10

यहाँ IRCTC का Dividend Yield होगा –     ( 10 ÷ 1500 ) × 100 =  0.66%

डिविडेंड यील्ड शेयर प्राइस के आधार पर लगातार घटता-बढ़ता रहता हैं।

Cum Dividend और Ex. Dividend क्या होता हैं?

यदि कोई निवेशक ex. dividend date से पहले शेयर्स खरीदता हैं तो वह डिविडेंड प्राप्त करने का हक़दार होता हैं, इस Cum Dividend कहते हैं।

जो निवेशक ex. dividend date को या उसके बाद शेयर खरीदता हैं तो उसे डिविडेंड प्राप्त करने का अधिकार नहीं होता इसे Ex. Dividend कहते हैं।

डिविडेंड का फार्मूला क्या होता हैं?

निम्न फार्मूला से आप आपको मिलने वाले डिविडेंड की राशि निकाल सकते हैं।

Dividend Amount = Current Share Price × Dividend Yield × Number of Shares  (जो आपके पास हैं)

ऊपर दिए गए फार्मूले से डिविडेंड का कैलकुलेशन करने के लिए आपको तीन चीज़े पता करनी होगी:―

  1. पहला, कंपनी का करंट मार्केट प्राइस (CMP) जो आप गूगल पर सर्च करके पता कर सकते हैं।
  2. दूसरा, डिविडेंड यील्ड ये आपको मोनीकंट्रोल, टिकरटेप या स्क्रीनर पर मिल जायेगा।
  3. तीसरा, ये आपके उस कंपनी के शेयर्स की संख्या होगी।

डिविडेंड के फायदे और नुकसान

जैसे की डिविडेंड एक कंपनी द्वारा अपने शेयरहोल्डर्स को उनके निवेश पर चुकाया जाने वाला पैसा होता है। यह डिविडेंड नकदी रूप में या बोनस शेयर के रूप में दिया जा सकता है।

डिविडेंड के फायदे:

  • निवेशकों को मुनाफा: डिविडेंड आपके बैंक अकाउंट में मिलता हैं जिससे आपके पास में लिक्विड पैसा आता हैं।
  • निवेशकों के लिए आकर्षक: डिविडेंड को एक कंपनी की वित्तीय स्थिति और उसकी अच्छी स्थिति का प्रमाण माना जाता है। एक कंपनी जो नियमित रूप से हाई डिविडेंड का भुगतान करती है, वह निवेशकों के लिए आकर्षक हो सकती है और उन्हें बाजार में सुरक्षित महसूस कराती है।

डिविडेंड के नुकसान:

  • कंपनी के विकास पर प्रतिक्रिया: नियमित रूप से डिविडेंड का भुगतान करने से कंपनी के पास विकास और पूंजीकरण के लिए कम धन बचता है। इसलिए,अधिक डिविडेंड देने के कारण कंपनी में ग्रोथ कम देखी जाती हैं।
  • बाजार मूड पर प्रभाव: डिविडेंड के भुगतान के बाद कंपनी के शेयर प्राइस पर भी प्रभाव पड़ सकता है। डिविडेंड के भुगतान के बाद अधिकांश निवेशक अपने स्टॉक्स को बेच देते हैं, जिससे स्टॉक की कीमत गिर सकती है।

डिविडेंड देने वाली कंपनियों की जानकारी

आप इस लिंक पर जाकर डिविडेंड देने वाली कंपनियों के बारे में सूचना प्राप्त कर सकते हैं – मनीकंट्रोल लिंक

डिविडेंड पर टैक्स – Tax on Dividend

₹5,000 से अधिक डिविडेंड प्राप्त करने पर 10% की दर से TDS काटा जाता हैं। Dividend इनकम आपकी आय में जुड़कर आपकी टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्सेबल होती हैं।

डिविडेंड के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण बातें

  • डिविडेंड में परसेंट की जगह डिविडेंड यील्ड को चेक कीजिये।
  • सिर्फ डिविडेंड के लालच में किसी कंपनी के अंदर निवेश न करें।
  • टैक्स के बारें में जानकर रहें।
  • सिर्फ डिविडेंड के लिए PSU कंपनीज के स्टॉक के पीछे न भागे।

FAQ

  1. डिविडेंड को हिंदी में क्या कहते हैं?

    डिविडेंड को हिंदी में लाभांश कहा जाता हैं। मतलब की लाभ का अंश।

  2. सबसे ज्यादा डिविडेंड देने वाली कंपनी कौनसी है?

    अधिकतर PSU कंपनीज अपने निवेशकों को हाई डिविडेंड का भुगतान करती हैं। क्योंकि सरकार इन कंपनीज में हाई स्टेक रखती हैं अतः इनमें ज्यादा डिविडेंड का भुगतान किया जाता हैं।

  3. शेयर मार्केट में डिविडेंड का मतलब क्या होता है?

    डिविडेंड का मतलब लाभांश होता हैं। ये किसी कंपनी के प्रॉफिट का वह हिस्सा होता हैं जो कंपनी अपने शेयरधारकों को अतिरिक्त लाभ के रूप में बांटती हैं। ये पैसा आपके बैंक अकाउंट में क्रेडिट होता हैं।

  4. Dividend कब मिलता है?

    जब कंपनी के बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स डिविडेंड का अनुमोदन करते हैं तो शेयर होल्डर्स की अप्रूवल के बाद डिविडेंड आपको प्राप्त होता हैं। डिविडेंड का पैसा आपके बैंक अकाउंट में क्रेडिट होता हैं जो की आपके डीमैट अकाउंट से लिंक होता हैं।

  5. आपको कैसे पता चलेगा कि कोई कंपनी लाभांश का भुगतान करती है?

    इसे आप मोनीकंट्रोल, मॉर्निंग स्टार, ET मनी जैसे वेबसाइट पर स्टॉक के डिविडेंड यील्ड सेक्शन में जाकर देख सकते हैं। यदि डिविडेंड यील्ड जीरो से अधिक हैं तो इसका मतलब हैं की वो कंपनी डिविडेंड का भुगतान करती हैं।

  6. डिविडेंड साल में कितनी बार मिलता है?

    मार्केट में कुछ कंपनियां साल में 2-3 बार डिविडेंड का भुगतान करती हैं तो कुछ एक बार देती हैं और कई कंपनीज डिविडेंड का भुगतान ही नहीं करती हैं।

निष्कर्ष – Dividend Meaning in Hindi

दोस्तों, Dividends एक नियमित आय प्राप्त करने का अच्छा जरिया हैं। इसीलिए अपने पोर्टफोलियो को संतुलित बनाये रखने के लिए हमेशा कुछ अच्छे डिविडेंड देने वाले शेयर जरूर रखें।

आशा करता हूँ, की आपको डिविडेंड के बारे में यह जानकारी अच्छी लगी होगी। आज आपने जाना की Dividend क्या होता हैं, Interim Dividend meaning in Hindi और इससे जुड़े हर सवाल का जवाब।

जानकारी लगी हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर कीजिए।

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नमस्कार दोस्तों ! मैं राज कुमार बैरवा पूंजी गाइड ब्लॉग का फाउंडर हूँ। मैं पूंजी गाइड ब्लॉग पर शेयर मार्केट, म्यूचुअल फंड, पर्सनल फाइनेंस से सम्बंधित जानकारियां शेयर करता हूँ।

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