ELSS क्या हैं | ELSS Mutual Fund meaning in Hindi

आज के समय में टैक्स बचाने के लिए मार्केट में कई विकल्प उपलब्ध है। जैसे कि LIC, PPF, NPS, ELSS आदि। ELSS एक ऐसी टैक्स सेविंग स्कीम है जो 3 वर्ष के लॉक-इन-पीरियड के साथ आती है।

ELSS म्यूचुअल फंड आप में से कई निवेशकों के लिए नया हो सकता है। साथ ही आपके मन में ELSS से संबंधित कई सवाल भी होंगे। तो आज हम इस आर्टिकल से समझेंगे कि ELSS क्या हैं (ELSS Meaning in Hindi) और इससे जुड़े हर सवाल का जवाब। 

ELSS क्या हैं | ELSS Meaning in Hindi

ELSS meaning in Hindi की बात की जाएं तो इसकी फुल फॉर्म इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम होती हैं। ELSS स्कीम Mutual Fund का ही एक प्रकार हैं। ELSS का मुख्य उद्देश्य निवेशक का टैक्स बचाने के साथ-साथ उसे हाई रिटर्न्स देना होता है। ELSS म्यूच्यूअल फण्ड अपना अधिकांश निवेश इक्विटी में करते हैं जिससे उनका रिटर्न अन्य टैक्स सेविंग स्कीम्स के मुकाबले ज्यादा रहता हैं। 

ELSS स्कीम के Tax Benefits

ELSS Meaning in Hindi ELSS Kya hai

2005 में वित्त मंत्रालय एवं सेबी (SEBI) द्वारा ELSS Scheme को नई टैक्स सेविंग स्कीम के रूप में नोटिफाई किया गया था। वर्तमान में टैक्स प्लानिंग हम सब की जरूरत है।

एक बेहतरीन तरीके से की गई टैक्स प्लानिंग से अधिकतम टैक्स बेनिफिट्स प्राप्त कर सकते हैं। ELSS Scheme में निवेश करके आप इनकम टैक्स एक्ट – 1961 की धारा 80(c) के अंतर्गत अधिकतम  ₹1,50,000/- तक के निवेश पर छूट प्राप्त कर सकते हैं।

इनकम टैक्स की छूट मात्र ELSS Mutual Funds पर ही प्राप्त होती हैं। यहां यह बात ध्यान देने योग्य है कि आपने जिस वित्त वर्ष (Financial year) में ELSS में निवेश किया होता है आप उसी वित्त वर्ष के लिए इनकम टैक्स की छूट प्राप्त कर सकते हैं।

उदाहरण के तौर पर अगर आपने ELSS स्कीम में F/Y 2020-21 में 50,000 रुपये निवेश किया है तो आप 2020-21  में 50,000 रुपये पर छूट प्राप्त कर सकते हैं।   

ELSS में लॉक-इन-पीरियड कितना होता हैं – Lock-in-Period in ELSS

किसी भी टैक्स सेविंग स्कीम में lock-in-period जरूर होता हैं। Lock-in-period किसी स्कीम में कम तो किसी में ज्यादा हो सकता हैं। वर्तमान में सभी ELSS Mutual Funds में लॉक-इन-पीरियड 3 वर्ष का होता है।

Lock-in-period का मतलब हैं की आप इस समय के पूरा होने से पहले अपने निवेश किये गए पैसे नहीं निकलवा सकते। अगर आपने अप्रैल- 2021 में ELSS में निवेश किया है तो वह पैसे आप अप्रैल – 2024 के बाद ही निकलवा सकते हैं।  

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सरकार की सभी टैक्स सेविंग schemes के मुकाबले ELSS का Lock-in-period सबसे कम हैं।

ELSS SIP में Lock-in-period कैसे काम करता हैं?

आप में से मेरे कई दोस्त ELSS स्कीम में SIP के माध्यम से निवेश करते हैं। यहां पर एक महत्वपूर्ण सवाल कई निवेशकों के मन में रहता है कि SIP में लॉक इन पीरियड कैसे होता है। क्योंकि SIP में हर महीने निवेश होता रहता हैं।

दोस्तों यहां प्रत्येक SIP इंस्टॉलमेंट का लॉक-इन-पीरियड उस इंस्टॉलमेंट के 3 वर्ष के लिए होता हैं। आप इसे नीचे दी गई टेबल से समझ सकते हैं –

SIP SIP Date  Lock-in-period की अवधि
1.01st April-202101st April-2024
2.01st May-202101st May-2024
3.01st June-202101st June-2024

ELSS में निवेश कैसे करें – How to invest in ELSS

जैसे की ELSS एक म्यूच्यूअल फण्ड ही होता हैं इसलिए अगर आपने कभी म्यूच्यूअल फंड्स में invest किया हैं तो आपको इसमें ज्यादा समस्या नहीं होगी।

आपको जिस भी फण्ड हाउस की ELSS scheme ख़रीदनी हैं आप उस AMC की ऑफिसियल वेबसाइट से ही खरीद सकते हैं। अगर आपकी पहले से KYC  हो रखी हैं तो आप वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करने के बाद सीधा इन्वेस्ट कर सकते हैं।

इसके अतिरिक्त अगर आपका Demat account हैं तो आप अपने ब्रोकर के माध्यम से भी ELSS ख़रीद सकते हैं।

अगर आप बिलकुल सरलता से निवेश करना चाहते हैं तो आप Kuvera, Groww, Cams आदि एप्स का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।  

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ELSS में निवेश के विकल्प क्या हैं?

किसी भी ELSS Scheme में दो प्रकार से निवेश किया जा सकता है। 

  1. SIP 
  2. लम्प सम

अगर आप एकमुश्त निवेश करना चाहते हैं तो आप अपनी पसंद की ELSS Scheme में लम सम के माध्यम से निवेश कर सकते हैं। इसमें आपको बार-बार निवेश की जरूरत नहीं होती हैं।

दूसरे विकल्प में आप SIP के माध्यम से भी ELSS में निवेश कर सकते हैं। SIP निवेश का एक बहुत लोकप्रिय तरीका है। SIP के माध्यम से आप सामान्यतः प्रत्येक महीने की किसी निश्चित तारीख को एक निश्चित राशि SIP में डालते रहते हो। SIP एक recurring deposit की  तरह कार्य करता हैं। 

जितने भी SIP की इंस्टॉलमेंट 1 अप्रैल से 31 मार्च के मध्य जाएगी, उसके लिए आप उस फाइनेंसियल ईयर में टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं। 

ELSS में न्यूनतम कितना निवेश कर सकते हैं?

ELSS में आप न्यूनतम ₹500 से भी इन्वेस्ट शुरू कर सकते हैं। इसमें आप SIP या लम सम दोनों में कोई सा भी विकल्प चुन सकते हैं।

अगर आपका एक मात्र उद्देश्य टैक्स बचाना हैं तो आपके सभी निवेशों को मिलाकर ₹1,50,000/-  में जितनी भी राशि कम पड़ रही हो उतना निवेश आप ELSS में कर सकते हैं। 

ELSS में कोई भी ऊपरी सीमा नहीं हैं आप जितना चाहे निवेश कर सकते हैं। 

ELSS में किसे निवेश करना चाहिए?

वैसे कोई भी व्यक्ति ELSS में निवेश कर सकता है परंतु कुछ व्यक्तियों को ELSS में निवेश करना ज्यादा फायदेमंद हो सकता है।

Salaried Person – कोई भी वेतनभोगी व्यक्ति ELSS में टैक्स सेविंग के उद्देश्य के साथ-साथ अपने पोर्टफोलियो को थोड़ा डायवर्सिफाई करने के लिए निवेश कर सकता है। वेतनभोगी व्यक्ति का वैसे भी EPF या NPS में निवेश रहता है। इसलिए EPF में आने वाले वेतनभोगियों के लिए ELSS में निवेश उनके पोर्टफोलियो को Equity का एक्सपोजर भी देता है। 

नए निवेशक भी प्रारंभिक निवेश में ELSS के साथ शुरुवात कर सकते हैं। 

ELSS कितना रिटर्न देता हैं?

Returns किसी भी सेविंग स्कीम का मुख्य पैमाना होता हैं। ELSS अपना अधिकतम निवेश शेयर मार्केट में करता है। इसलिए इसके रिटर्न्स अन्य गवर्नमेंट स्कीम के जैसे फिक्स रिटर्न नहीं होते हैं।  

ELSS फंड हाउस ने आपका पैसा जिन स्टॉक्स ,इंस्ट्रूमेंट में लगाया होता हैं, उन्हीं स्टॉक्स और इंस्ट्रूमेंट्स की परफॉरमेंस आपका रिटर्न तय करती हैं। नीचे कुछ लोकप्रिय टैक्स सेवर फंड्स के रिटर्न्स की तालिका दे रखी हैं।

 As on  Jan- 2021
ELSS Fund3 Years Returns 5 Years Returns10 Years Returns
Mirae Asset Tax Saver Fund11.21%19.31%
Axis Long Term Equity Fund12.70%15.11%16.98%
Quant Tax Plan13.77%18.51%10.98%
DSP Tax Saver Fund7.71%14.51%13.14%
Aditya Birla Sun Life Tax Relief 965.51%12.46%12.36%

अन्य टैक्स सेविंग स्कीम्स के मुकाबले ELSS

अभी के समय बाजार में बहुत सारी टैक्स सेविंग्स स्कीम्स उपलब्ध है। इन सभी स्कीम्स के मुकाबले कम लॉक-इन-पीरियड के साथ उच्च रिटर्न्स ELSS को अन्य स्कीम्स से अलग बनाता है। यहां तक कि के रिटर्न्स पर टैक्स लगने के बाद भी ELSS के रिटर्न्स अन्य स्कीमो के मुकाबले ज्यादा रहते हैं। नीचे दी गई टेबल से आप इनकी आपस में तुलना कर सकते हैं। 

ParametersELSSPPFNPSFD/NSCULIP 
RiskModerateNILModerateNILModerate
Lock-in-Period3 Yrs.15 Yrs.Till Retirement5 Yrs.5 Yrs.
Returns Taxable or NotYesNoNoYesNo 
After Tax Annualized Returns (Approx.)12-13%8%8-13%5-6%8-10%  

ELSS कितना risky होता हैं?

स्टॉक मार्केट में निवेश करने के कारण ELSS अन्य Tax savings schemes के मुकाबले थोड़ा रिस्की होता हैं। कम समय अवधि में मार्केट रिस्की साबित हो सकता हैं। परन्तु लम्बी अवधि जैसे की 3 से 5 वर्ष में ELSS Funds बहुत अच्छे रिटर्न्स देने की क्षमता रखता हैं। वैसे भी ELSS Tax Saver में 3 साल का लॉक-इन-पीरियड होने के कारण ये काफी हद तक सुरक्षित रहता हैं।  

इसकी एक परेशानी हैं की जब भी आप अपना इन्वेस्टमेंट बेचने या redeem करने जा रहे हो और स्टॉक मार्केट डाउन हैं तो आपको वहां रिटर्न्स कम मिलेंगे। इसलिए आपको नुकसान से बचने के लिए मार्केट को थोड़ा ऊपर आने का इंतज़ार करना पड़ सकता हैं। 

ELSS Scheme में आपका पैसा कहां निवेश होता है?

हमनें ऊपर ELSS Meaning in Hindi तो समझ लिया अब बात करते हैं की ELSS में आपका पैसा कहां निवेश किया जाता हैं। 

ELSS में म्यूचुअल फंड हाउस अपना अधिकांश निवेश इक्विटी यानी कि स्टॉक मार्केट में करता है। वे अलग-अलग शेयर्स में निवेश करते हैं।

सुरक्षा के तौर पर थोड़ा हिस्सा गवर्नमेंट बांड्स, कॉरपोरेट बॉन्ड्स में भी निवेश किया जाता हैं। इसी इक्विटी निवेश के कारण ELSS हाई रिटर्न्स देते हैं। आपका पैसा कहां निवेश किया जाएगा यह फंड मैनेजर तय करते हैं। फंड मैनेजर मार्केट एक्सपर्ट होते हैं। 

ELSS Returns पर कितना टैक्स लगता है?

अधिकांश टैक्स सेविंग स्कीम्स के रिटर्न्स टैक्स फ्री होते है। परंतु E.L.S.S में ऐसा नहीं है। इसके रिटर्न्स टैक्सेबल होते हैं पर कुछ शर्तों के साथ। ELSS Investment के रिटर्न्स पर पहले कुछ टैक्स नहीं लगता था परंतु अभी returns पर LTCG (Long Term Capital Gain Tax) लगता है। 

ELSS में  ₹1,00,000/- से ज्यादा मुनाफे पर 10% LTCG लगता हैं। उदाहरण के तौर पर अगर आपने ₹5,00,000 के निवेश पर ₹1,50,000 का मुनाफा (Returns) कमाया हैं तो आपको 50,000 पर 10 % के हिसाब से 5,000 का LTCG देना होगा।

इसका मतलब हुआ की आपको ₹1,00,000/- तक के मुनाफे पर कुछ भी टैक्स नहीं देना होता हैं। 

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Growth vs Dividend Plan – कौनसा बेहतर हैं?

ELSS Investment करने के दो विकल्प मौजूद है। 

  1. Growth Option 
  2. Dividend Option 

अगर आप ग्रोथ प्लान को चुनते हैं तो जो भी आपको मुनाफा हो रहा है या आपके निवेश में वृद्धि हो रही हैं वह स्वयं ही reinvest होती रहती हैं। इससे आपको कंपाउंडिंग का अच्छा फायदा मिलता है। इस वजह से आपके maturity पर returns डिविडेंड ऑप्शन के मुकाबले बहुत ज्यादा होते है।

डिविडेंड ऑप्शन में म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी आपको बीच-बीच में Dividend का भुगतान करती रहती है। Dividends मिलने के कारण रिटर्न्स reinvest नहीं हो पाते। इसी वजह से डिविडेंड ऑप्शन में maturity ग्रोथ ऑप्शन के मुकाबले बहुत कम रहती है।

इसलिए अगर आपको एक अच्छी वेल्थ का निर्माण करना है तो आपको ग्रोथ ऑप्शन का ही चुनाव करना चाहिए। वही अगर आपको बीच-बीच में पैसों की आवश्यकता पड़ती रहती है तो आप डिविडेंड विकल्प का चयन कर सकते हैं।

यहां यह बात ध्यान देने योग्य है कि मिलने वाला डिविडेंड टैक्स फ्री रहता है। 

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अपने लिए बेस्ट ELSS कैसे चुने – How to choose Best ELSS in Hindi

अपने लिए Best ELSS Mutual Fund चुनने के लिए आपको कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना होता हैं। आप नीचे दिए गए कुछ पॉइंट्स को ध्यान में रखकर स्वयं अपने लिए Best ELSS चुन सकते हैं। 

1- Past Performance

किसी भी ELSS में निवेश करने से पहले उसकी past performance जरूर चेक कर लेनी चाहिए। Past Performance का मतलब हैं की उस फण्ड ने पिछले कुछ वर्षो में कैसा प्रदर्शन किया हैं। इसके लिए आप फण्ड के पिछले कुछ वर्षों के returns जरूर चेक करने चाहिए। कहीं ऐसा तो नहीं की फण्ड below स्टैन्डर्ड प्रदर्शन कर रहा हैं।

पिछले प्रदर्शन उसी फण्ड का चेक किया जा सकता हैं जिसकी age पुरानी हो। इसलिए NFO या New Fund Offer से दूर रहना चाहिए। 

वैसे पास्ट परफोरमेन्स किसी फण्ड का भविष्य के प्रदर्शन की guarantee नहीं हैं। परन्तु ये आपको एक अंदाज़ा जरूर दे सकता हैं।  

2- Returns में consistency

 किसी भी ELSS Mutual fund के returns में समानता होनी आवश्यक हैं। अच्छे मार्केट और गिरते हुए मार्केट में फण्ड का प्रदर्शन जांचना चाहिए।

ये सब अगर आप थोड़ा बहुत स्वयं से रिसर्च करेंगे तो ये जानकारी आपको आराम से मिल जाएगी। ये जानकारी आप Value research या Moneycontrol से प्राप्त कर सकते हैं। 

3- रिस्क

निवेश में जोखिम और रिटर्न्स आपस में जुड़े हुए हैं। अधिक रिटर्न देने वाले Mutual Funds अधिक जोखिम के साथ आते हैं और कम रिटर्न देने वाले म्यूचुअल फंड में दूसरों की तुलना में कम जोखिम होता है।

इसलिए अगर आप एक एग्रेसिव निवेशक हैं तो आप बेशक ईएलएसएस फंड में निवेश कर सकते हैं। परंतु अगर आप अधिक रिस्क नहीं उठाना चाहते तो आपको ऐसे ELSS Fund का चुनाव करना है जिसके पोर्टफोलियो में लार्ज कैप हो ज्यादा हो। इससे आपका रिस्क थोड़ा कम हो जाएगा और दूसरे उपाय में शामिल है कि आपको ELSS को थोड़ा लंबा समय देना होगा जिससे रिस्क स्वतः ही कम हो जाएगी। 

4- फण्ड मैनेजर और Expense Ratio

किसी भी ELSS Tax Saving scheme को लेने से पहले उसके फंड मैनेजर के बारे में भी आप जानकारी जुटा सकते हैं। यह जानकारी आपको वैल्यू रिसर्च से मिल जाएगी।

इसमें आप यह देख सकते हैं कि वह फंड मैनेजर उस फंड को कितने समय से मैनेज कर रहा है, उसकी योग्यताएँ क्या हैं और उसके द्वारा मैनेज किए जा रहे अन्य फंड्स कैसा प्रदर्शन कर रहे हैं? यह काम थोड़ा मेहनत वाला हो सकता है लेकिन यकीन मानिए दोस्तों यह आपको एक अच्छा ELSS चुनने में बहुत सहायता करेगा। 

इसके अतिरिक्त Expenses Ratio भी बहुत मायने रखता है। एक्सपेंस रेशों का मतलब होता है कि कमीशन या खर्चा जो ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी द्वारा हमारे फंड को मैनेज करने के लिए हमसे लिया जाता है।

इसलिए ऐसे फंड का चुनाव करें जिसका Expenses Ratio थोड़ा कम हो। इसका सबसे बेहतरीन उपाय है कि आप हमेशा Direct Plan का चुनाव करें। डायरेक्ट प्लान में हमेशा रेगुलर प्लान की तुलंना में एक्सपेंसेस रेश्यो कम होता है। 

5- फण्ड हाउस

ELSS टैक्स सेविंग फंड का चयन करने के लिए Fund House भी महत्वपूर्ण होता है। आपको को एक नए फंड हाउस के बजाय एक स्थापित फंड हाउस के टैक्स सेविंग फंड्स को ही खरीदना चाहिए। 

नए फण्ड हाउस का पुराना प्रदर्शन ट्रैक नहीं किया जा सकता जबकि established फण्ड हाउस का रिकॉर्ड आसानी से देखा जा सकता हैं। 

6- AUM

AUM यानि की एसेट अंडर मैनजमेंट। आप जिस भी टैक्स सेविंग फंड को चुनने जा रहे हैं उसमें जांच करें कि उसका AUM कहीं बहुत कम तो नहीं हैं। सामान्य तौर पर थोड़ा अधिक AUM होने से ये माना जाता हैं की फण्ड पर लोग विश्वास कर रहे हैं एवं उसमे निवेशित हैं।

7- Rating

रेटिंग किसी भी बेस्ट ELSS फंड को चुनने का एक सरल एवं आसान तरीका है। आप उस फंड की रेटिंग चेक कीजिए। अगर उस फंड की रेटिंग चार या पांच है तो आप उस फंड पर विश्वास कर सकते हैं। फंड की रेटिंग मॉर्निंग स्टार, CRISIL, वैल्यू रिसर्च द्वारा विश्वसनीयता के साथ प्रदान की जाती है। आप उनकी रेटिंग का प्रयोग कर सकते हैं। 

दोस्तों यह सब जानकारी आपको एक सूचना के तौर पर प्रदान की गई है। कोई भी निवेश करने से पहले स्वयं रिसर्च करें या अपने फाइनेंसियल एडवाइजर से सलाह लें। 

निष्कर्ष 

दोस्तों, अगर आप भी इस वर्ष एक टैक्स सेविंग स्कीम के बारे में सोच रहे हैं तो ELSS Tax saving scheme एक बेहतरीन विकल्प हो सकता हैं। जो आपको कम लॉक-इन-पीरियड के साथ-साथ हाई रिटर्न्स भी देता हैं। 

आज आपने समझा ELSS Mutual Fund meaning in Hindi , ELSS क्या हैं। आपका ELSS Mutual fund से से संबंधित कोई भी सुझाव या सवाल हो तो हमें नीचे कमेंट बॉक्स के माध्यम से जरूर बताएं। 

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नमस्कार दोस्तों ! मैं राज कुमार बैरवा पूंजी गाइड ब्लॉग का फाउंडर हूँ। मैं पूंजी गाइड ब्लॉग पर शेयर मार्केट, म्यूचुअल फंड, पर्सनल फाइनेंस से सम्बंधित जानकारियां शेयर करता हूँ।

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