Face Value क्या होती हैं | फेस वैल्यू का महत्व

“आज हम जानेंगे की फेस वैल्यू क्या होती है या Face value in Hindi, फेस वैल्यू कैसे निकालते हैं और फेस वैल्यू की सम्पूर्ण जानकारी”

अगर आप शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करते हैं तो आपने फेस वैल्यू (Face value) का नाम तो सुना ही होगा। शेयर मार्केट की शब्दावली में से फेस वैल्यू एक महत्वपूर्ण टर्म हैं। शेयर मार्केट के बेसिक कांसेप्ट को सही तरीक़े से समझने से के लिए आवश्यक हैं की आप इन सभी शब्दों का अर्थ अच्छे से समझे।

इस आर्टिकल में आज हम बात करेंगे की फेस वैल्यू क्या होता है (What is Face value in Hindi), फेस वैल्यू क्यों महत्वपूर्ण हैं और इससे जुड़े सभी सवालों का जवाब।

Face Value meaning in Hindi

फेस वैल्यू क्या होती है | What is Face value in Hindi

फेस वैल्यू वह मूल्य होता हैं जो कंपनी के द्वारा शेयर जारी करते समय निर्धारित किया जाता हैं। फेस वैल्यू को Par Value के नाम से भी जाना जाता हैं। फेस वैल्यू को हिंदी में अंकित मूल्य भी कहा जाता हैं। उदाहरण के लिए, यदि कोई कंपनी ₹10 का एक शेयर जारी करती है और उसके प्रोस्पेक्टस में इसे ₹10 रुपये के फेस वैल्यू के रूप में बताया गया है। तो इसका मतलब हुआ की इस शेयर का फेस वैल्यू ₹10 हैं।

जब कोई कंपनी IPO के माध्यम से पहली बार अपने शेयर जारी करती हैं तो कंपनी सबसे पहले Face value निर्धारित करती हैं। ये फेस वैल्यू एक शेयर की नाममात्र की वैल्यू होती हैं।

अधिकतर कंपनियां फेस वैल्यू से ज्यादा मूल्य पर ही अपने शेयर ऑफर करती हैं। सबसे महत्वपूर्ण हैं की फेस वैल्यू हमेशा फिक्स रहती हैं। फेस वैल्यू का शेयर की मार्केट प्राइस से कोई सीधा सम्बन्ध नहीं होता। फेस वैल्यू 1, 2, 5, 10 यहाँ तक की 100 रुपये भी हो सकती हैं।

Face Value Meaning in Hindi with Example

चलिए Face value क्या है को समझने के बाद फेस वैल्यू ऑफ़ शेयर मीनिंग को एक उदाहरण की सहायता से समझते हैं –

अगर IRFC कंपनी के आईपीओ की बात की जाये तो आईपीओ के समय इसकी फेस वैल्यू ₹10 रखी गई थी। परन्तु IRFC का एक शेयर ₹25-26 के प्राइस बैंड के साथ इशू किया गया था। इशू प्राइस और फेस वैल्यू के बीच का अंतर प्रीमियम होता हैं जो की कंपनी निवेशकों से चार्ज करती हैं। इस प्रकार –

Issue Price = Face value + Market Premium

फेस वैल्यू तय करने का कोई पैमाना नहीं हैं। कंपनी अपनी इच्छानुसार इसे तय करती हैं। जबकि मार्केट प्रीमियम पूर्णतया कंपनी की ग्रोथ, प्रॉफिट और भविष्य पर निर्भर करता हैं।

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इसलिए चाहे यहाँ पर कंपनी ने फेस वैल्यू ₹10 रखी हो। परन्तु वो शेयर्स को बेचने के लिए ज्यादा प्राइस मांग सकती हैं।

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फेस वैल्यू कैसे निकालते हैं?

किसी स्टॉक के फंडामेंटल एनालिसिस में फेस वैल्यू का कोई विशेष महत्व नहीं होता हैं। फेस वैल्यू कंपनी के द्वारा अपनी इच्छानुसार तय की जाती हैं।

किसी कंपनी की फेस वैल्यू 1, 2, 5, 10,100 रुपये भी हो सकती हैं। निम्न सूत्र से फेस वैल्यू निकाली जाती हैं –

Face Value = Equity Share Capital / Number of Outstanding Shares

मार्केट वैल्यू और फेस वैल्यू में क्या अन्तर होता हैं?

मार्केट वैल्यू और फेस वैल्यू दोनों अलग-अलग होते हैं। किसी शेयर की मार्केट वैल्यू शेयर की मांग और पूर्ति, कंपनी की परफॉरमेंस के आधार पर तय होती हैं। शेयर्स की मार्केट वैल्यू प्रत्येक ट्रेडिंग डे के दौरान बदलती रहती हैं।

दूसरी ओर फेस वैल्यू का मूल्य फिक्स रहता हैं। फेस वैल्यू में तभी बदलाव होता हैं जब स्टॉक स्प्लिट हो। फेस वैल्यू को कंपनी के द्वारा तय किया जाता हैं परन्तु मार्केट वैल्यू को नहीं।

महत्वपूर्ण पॉइंट्स

  • फेस वैल्यू और Par वैल्यू एक ही होते हैं। फेस वैल्यू  संक्षिप्त में FV भी कहा जाता हैं।
  • फेस वैल्यू कंपनी के एक शेयर का एकाउंटिंग मूल्य होता हैं।
  • यदि कोई शेयर अपनी फेस वैल्यू से अधिक मूल्य पर बिक रहा हैं तो ऐसे शेयर की प्राइस को Premium value या at discount कहा जाएगा।
  • अगर किसी कंपनी का शेयर फेस वैल्यू से कम मूल्य पर बिक रहा हैं तो उस शेयर की प्राइस को discounted value या at discount कहा जाएगा।

Face value in Hindi समझने के बाद ये समझना महत्वपूर्ण हैं की फेस वैल्यू का क्या महत्त्व हैं।

फेस वैल्यू का महत्व (Importance of Face Value)

शेयर फेस वैल्यू का उपयोग अनेक कार्यों के लिए किया जाता हैं –

(i) डिविडेंड पेमेंट के लिए – डिविडेंड की गणना के लिए फेस वैल्यू बहुत महत्वपूर्ण होता हैं। फेस वैल्यू को आधार मानकर ही डिविडेंड घोषित किया जाता हैं। यदि किसी कंपनी के शेयर की फेस वैल्यू ₹10 हैं और उस कंपनी ने 150% का डिविडेंड घोषित किया हैं तो कंपनी एक शेयर पर ₹15 का डिविडेंड देगी।

(ii) स्टॉक स्प्लिट के लिए – यदि कोई कंपनी स्टॉक स्प्लिट लेकर आती हैं तो स्प्लिट के अनुपात में फेस वैल्यू में भी बदलाव आता हैं।

उदाहरण के लिए किसी कंपनी के शेयर की मार्केट प्राइस ₹1,000 हैं और उसकी फेस वैल्यू ₹10 हैं। यदि कंपनी एक शेयर को 2 शेयर में स्प्लिट (split) करने का निर्णय करती हैं तो उस शेयर की फेस वैल्यू भी ₹5 हो जाएगी।

(iii) फेस वैल्यू का प्रयोग शेयर प्रीमियम कैलकुलेट करने के लिए भी किया जाता हैं।

Face Value कितना होना चाहिए?

जैसा की ऊपर हमने आपको बताया की फेस वैल्यू का निर्धारण कंपनी की इच्छा पर होता हैं। इसलिए इसके कम और ज्यादा होने से कोई विशेष फर्क नहीं पड़ता।

फेस वैल्यू और मार्केट वैल्यू का आपस में कोई संबंध नहीं होता। इसलिए आपको शेयर चुनते समय फेस वैल्यू को इतना महत्व नहीं देना चाहिए।

क्या शेयर की फेस वैल्यू चेंज हो सकती हैं?

आमतौर पर कंपनी के शेयर की फेस वैल्यू में कोई बदलाव नहीं होता। परन्तु स्टॉक स्प्लिट के केस में स्टॉक स्प्लिट के अनुपात में शेयर की फेस वैल्यू भी बदल जाती हैं।

फेस वैल्यू और बुक वैल्यू में अंतर

किसी कंपनी की बुक वैल्यू वो मूल्य होता हैं जो कंपनी के समापन (liquidation) पर शेयरहोल्डर्स को मिलता हैं। बुक वैल्यू को कंपनी की कुल एसेट में से कुल दायित्वों को निकालकर कुल आउटस्टैंडिंग शेयर्स का भाग लगाकर निकाला जाता हैं।

Book Value per share = Total Assets – ( Intangible Assets + Total Liabilities ) / Total Outstanding Shares

फेस वैल्यू एक शेयर का नाममात्र का मूल्य होता जो की फिक्स होता हैं। वहीँ बुक वैल्यू नियमित रूप से बदलने वाला मूल्य होता हैं।

बुक वैल्यू का वैल्यू इन्वेस्टर्स के लिए काफी महत्व होता हैं। बुक वैल्यू बताता हैं की कंपनी की शेयर प्राइस, कंपनी की बुक वैल्यू को जस्टिफाई करती हैं या नहीं।

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Face Value कैसे चेक करें?

किसी भी शेयर की फेस वैल्यू को आप कंपनी के फाइनेंसियल स्टेटमेंट्स जैसे की बैलेंस शीट से चेक कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त आप moneycontrol, value research, finology जैसी वेबसाइट के माध्यम से भी शेयर की फेस वैल्यू चेक कर सकते हैं।

NSE की ऑफिसियल वेबसाइट पर भी कंपनियों की फेस वैल्यू की जानकारी मिल जाती हैं।

क्या फेस एक रूपये से कम हो सकती हैं?

स्टॉक मार्केट के रेगुलेटर सेबी ने किसी भी शेयर की फेस वैल्यू के लिए एक रुपये न्यूनतम मूल्य निर्धारित किया हैं। इसका मतलब की फेस वैल्यू एक रुपये से कम नहीं हो सकती।

FAQ:

  1. फेस वैल्यू को हिंदी में क्या कहते हैं?

    फेस वैल्यू को हिंदी में अंकित मूल्य कहा जाता हैं।

  2. बुक वैल्यू और फेस वैल्यू में क्या अन्तर होता हैं?

    बुक वैल्यू लगातार कंपनी के प्रदर्शन के आधार पर बदलती रहती हैं। जबकि फेस वैल्यू नाममात्र की प्राइस होती हैं जिसका कोई विशेष महत्व नहीं होता।

निष्कर्ष – Face Value meaning in Hindi

सारांश के रूप में बात की जाये तो फेस वैल्यू एक शेयर का अंकित मूल्य होता हैं जो की शेयर नाममात्र का मूल्य होता हैं। इसका उपयोग एकाउंटिंग, डिविडेंड और स्टॉक स्प्लिट के लिए किया जाता हैं।

अगर आप शेयर मार्केट में निवेश की शुरुवात करना चाह रहे हैं तो आपको इन सभी पॉइंट्स को पहले से समझ लेना चाहिए जिससे की आपको बाद में समस्याओं का सामना नहीं करना पड़े।

दोस्तों, अगर आपको Face value in Hindi, Face value meaning in Hindi के बारे में ये जानकारी अच्छी लगी हो तो इसे सोशल मीडिया नेटवर्क्स पर शेयर करना न भूलें।

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नमस्कार दोस्तों ! मैं राज कुमार बैरवा पूंजी गाइड ब्लॉग का फाउंडर हूँ। मैं पूंजी गाइड ब्लॉग पर शेयर मार्केट, म्यूचुअल फंड, पर्सनल फाइनेंस से सम्बंधित जानकारियां शेयर करता हूँ।

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