Stock Market Crash क्या होता हैं | Crash होने पर क्या करें?

Share Market का क्रैश होना निवेशकों के लिए एक भयानक सपने से कम नहीं हैं। भारतीय स्टॉक मार्केट में भी कई बार Stock Market Crash देखे गए हैं चाहे वो 2008 का क्रैश हो या 2020 का। इन crashes में स्टॉक मार्केट से निवेशकों ने अरबों रूपये गवाएं हैं।

दोस्तों, एक जागरूक निवेशक होने के कारण हमें स्टॉक मार्केट क्रैश की जानकारी होनी आवश्यक हैं। आज इस आर्टिकल के माध्यम से मैं आपको बताऊंगा की Stock Market Crash क्या हैं (Market Crash meaning in Hindi), Stock Market क्रैश होने के कारण और स्टॉक मार्केट क्रैश होने पर क्या करें।

Stock Market Crash क्या होता हैं | Share Market Crash meaning in Hindi

What is Stock Market Crash in Hindi

वैसे निश्चित तौर पर शेयर मार्केट क्रैश को परिभाषित नहीं किया जा सकता। अगर पिछले 5 से 10 दिनों में लगभग सभी शेयर्स और इंडेक्स में भारी गिरावट दर्ज की गई हैं तो यह स्टॉक मार्केट क्रैश का सिग्नल हैं।

यह गिरावट बहुत ही कम समय में देखी जाती हैं जिससे स्टॉक मार्केट में मंदी छा जाती हैं। लगभग सभी स्टॉक्स लाल निशान के साथ दिखाई देते हैं। निवेशक स्टॉक मार्केट में नया पैसा लगाने से दूरी बना लेते हैं जिससे गिरावट में ओर तेजी आती हैं।

इस प्रकार Share Market Crash के कारण bearish मार्केट की स्थिति हो जाती हैं और मार्केट में शेयर्स के बहुत ही ज्यादा सेलर्स खड़े हो जाते हैं।

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Stock Market Crash के कारण (Why Stock Market Crash)

शेयर मार्केट क्रैश होने का कोई एक कारण नहीं होता बल्कि इसके कई कारण हो सकते हैं। यह कई बार प्रत्याशित और कई बार अप्रत्याशित हो सकता हैं।

शेयर मार्केट क्रैश कैसे होता हैं ?

1. वैश्विक आर्थिक मंदी के कारण – (Global Economy Recession)   

वैश्विक आर्थिक मंदी अधिकांश विश्व के देशों में आर्थिक गतिविधियों में भारी गिरावट आने से बनती हैं। अर्थव्यवस्था की चाल ही स्टॉक मार्केट की दिशा तय करता हैं। वैश्विक मंदी से डिमांड में कमी आती हैं जिससे उत्पादन कम होता हैं जो शेयर्स के दामों में गिरावट का कारण बनता हैं।

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2008 की वैश्विक मंदी से अमेरिकी स्टॉक मार्केट में जबरदस्त गिरावट देखी गई जिसका असर विश्व के सभी महत्वपूर्ण स्टॉक एक्सचैंजेस पर देखा गया। भारतीय स्टॉक मार्केट भी इससे अछूता नहीं रहा।

2. Bull मार्केट की वजह से bubble बनना

जब स्टॉक मार्केट में जबरदस्त तेजी हो तो सभी निवेशक ओर अधिक पैसा लगाकर ज्यादा मुनाफा कमाने की कोशिश करते हैं। इस प्रकार मार्केट लगातार ऊपर की ओर चढ़ता जाता हैं और earning को छोड़कर sentiments पर चलना चालू हो जाता हैं।

ऐसी स्थिति में स्टॉक मार्केट में overvaluation के कारण एक बहुत बड़ा bubble बन जाता हैं। अंत में ये बबल फूटकर Stock Market Crash का कारण बनता हैं।

3. राजनीतिक अस्थिरता

अगर किसी भी देश में राजनीतिक अस्थिरता की स्थिति उत्पन हो गई हैं तो ये भी शेयर मार्केट के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं। राजनीतिक अस्थिरता से देश की स्थिति को लेकर लोगों में भय की स्थिति पैदा हो जाती हैं अंततः  ये शेयर मार्केट क्रैश का कारण हो सकता हैं।

4. युद्ध की स्थिति

युद्ध किसी भी देश की आर्थिक स्थिति को चौपट करने के लिए पर्याप्त होता हैं। अगर दो या दो से अधिक देशों के बीच युद्ध की स्थिति बनी हुई हैं तो भी मार्केट क्रैश की ओर बढ़ सकता हैं।

वैसे आजकल युद्ध वैश्विक प्रतिबंधों के कारण होना मुश्किल हैं। परन्तु आंतरिक और सीमा तनाव भी स्टॉक मार्केट में बड़ी गिरावट दर्ज करवा सकते हैं। जैसे की भारत-चीन सीमा विवाद, रूस – यूक्रैन विवाद।

5. आर्थिक मंदी

वैश्विक मंदी का प्रभाव तो सम्पूर्ण विश्व पर पड़ता ही हैं। साथ में किसी देश में आर्थिक मंदी के कारण भी अर्थव्यवस्था सुस्त पड़ जाती हैं। किसी देश में आर्थिक मंदी कई कारणों से हो सकती हैं।

लगातार मंदी और धीमी विकास की गति सीधे तौर पर स्टॉक मार्केट पर नकारात्मक प्रभाव डालती हैं।

6. प्राकृतिक प्रकोप (Natural Disaster)

किसी देश में लगातार प्राकृतिक प्रकोप जैसे कि बाढ़, तूफान के कारण भी स्टॉक मार्केट क्रैश की तरफ बढ़ सकता है।

Share Market Crash के प्रभाव

शेयर मार्केट के 10% या ज्यादा गिरने से स्टॉक मार्केट क्रैश की स्थिति बन जाती हैं जिससे स्टॉक मार्केट Bear स्टॉक मार्केट में तब्दील हो जाता हैं।

  • क्रैश से अर्थव्यवस्था में मंदी पैदा हो जाती हैं।
  • शेयर्स के दामों में भारी गिरावट आने से निवेशकों की वेल्थ में भी जबरदस्त गिरावट आती हैं।
  • शेयर मार्केट क्रैश से कई छोटी कंपनियों के अस्त्तिव पर खतरा मंडराने लगता हैं।
  • मंदी के कारण उत्पादकता में आई गिरावट से कई लोगो के रोजगार चले जाते हैं।

Stock Market crash का फायदा कैसे उठाये?

आपने Stock Market crash meaning in Hindi तो समझ लिया। अब बात करते हैं मार्केट क्रैश का फायदा कैसे उठाए।

स्टॉक मार्केट क्रैश देखा जाए तो निवेशकों के लिए एक अवसर भी होता हैं, जिसका स्मार्ट इन्वेस्टर फायदा उठाते भी हैं। इस समय पेनिक होने की बजाय अगर कुछ समझदारी दिखाई जाये तो इससे सुनहरा अवसर नहीं हो सकता।

स्टॉक मार्केट क्रैश में लगभग सभी शेयर्स के दामों में भारी गिरावट आ जाती है जिससे कि वे काफी सस्ते हो जाते हैं।

लेकिन अधिकतर निवेशक एक बड़ी गलती करते हैं जब शेयर के दाम लगातार बढ़ रहे होते हैं तो वे अधिक दाम देकर भी शेयर की प्राइस बढ़ने की आस में शेयर खरीद लेते हैं। जबकि जब वही शेयर काफी सस्ते में मिल रहे होते हैं तो वह खरीदने से कतराते हैं।

वैसे भी प्रसिद्ध निवेशक वॉरेन बफे ने कहा हैं –

“जब सभी खरीद रहे हो तब आप बेचो और जब सब बेच रहे हो तब आप खरीदो।”

मान लीजिये की वर्तमान में SBI के शेयर का मूल्य ₹350 और मार्केट क्रैश की वजह से शेयर का मूल्य  ₹150 पर आ गया। अब आप ही बताइए आप इसे ₹350 में खरीदा पसंद करोगे या ₹150 में?

स्टॉक मार्केट क्रैश में निसंदेह एक buying opportunity होती हैं। इसका मतलब यह नहीं कि आप कुछ भी खरीद लो। हमेशा वही शेयर खरीदे जिनको आपने एनालिसिस किया हुआ है और जिनके बिज़नेस मॉडल को आप समझते हैं।

अगर आप गिरावट के मार्केट में शेयर्स खरीद रहे हो तो शेयर्स को लोंग टर्म इन्वेस्टमेंट के हिसाब से ही ख़रीदे। इसमें आप ऐसे पैसे से ही स्टॉक ख़रीदे जिनकी आपको निकट भविष्य में आवश्यकता नहीं हैं।

बिना सोचे-समझे खरीदे गए शेयर आपको नुकसान भी दे सकते हैं। इसलिए हमेशा सोच-समझकर quantity के पीछे न भागकर क्वालिटी शेयर को थोड़ा-थोड़ा खरीदते रहे।

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Share Market Crash में क्या न करे?

आपने यह तो जान लिया कि आपको स्टॉक मार्केट क्रैश में क्या करना चाहिए परंतु स्टॉक मार्केट क्रैश में आपको क्या नहीं करना चाहिए ये भी आपको पता होना चाहिए। अनुभवी निवेशकों के लिए स्टॉक मार्केट क्रैश का अनुभव नया होता नहीं होता परंतु नए निवेशकों के लिए अनसैटल करने वाला हो सकता हैं।

क्रैश की स्थिति में अपने स्टॉक्स को पैनिक में आकर बेचना नहीं चाहिए। अगर आप ये जानते हैं की शेयर कैसे चुने जाते हैं और आपने अच्छे क्वालिटी शेयर खरीद रखे हैं और आपको उनके बिजनेस मॉडल में विश्वास है तो आप स्टॉक मार्केट क्रैश में अपने स्टॉक्स को बेचने से बचें।

Stock Market Crashes का इतिहास रहा हैं की जब भी crashes हुए हैं उसके बाद काफी तेजी से मार्केट में रिकवरी देखी गई हैं। इसलिए अच्छे शेयर्स को तो नुकसान में बिलकुल न बेचे।

जल्दबाजी में निर्णय लेकर ना तो शेयर ख़रीदे न ही बेचे। निवेशक के तौर पर यह बात याद रखिए की स्टॉक इन्वेस्टिंग के दौरान शेयर्स के दामों में गिरावट होना लाजमी हैं।

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Stock Market Crashes in India

Stock Market Crash Strategy

एक निवेशक के नाते आप जानते हैं कि स्टॉक मार्केट में क्रैश की स्थिति कभी भी उत्पन्न हो सकती हैं। इसलिए स्टॉक मार्केट में आपको एक रणनीति बनाकर चलनी होती है। अगर आप सही रणनीति से चलते हो तो आप कम से कम नुकसान होगा।

1. अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई रखें

एक समझदार निवेशक कभी भी अपना संपूर्ण निवेश मात्र स्टॉक मार्केट में नहीं करता। आपको भी सुरक्षा के तौर पर अपने निवेश का कुछ हिस्सा सुरक्षित जगह निवेश करना चाहिए जैसे कि एफडी, गोल्ड, PPF, डेब्ट फण्ड जो स्टॉक मार्केट क्रैश में आपके जोखिम को कम करने का कार्य करेंगे।

निश्चित ब्याज दर वाले निवेश हमेशा आपके पोर्टफोलियो को एक संतुलन प्रदान करते हैं।

2. डिफेंसिव स्टॉक्स

हमेशा अपने स्टॉक पोर्टफोलियो में कुछ डिफेंसिव स्टॉक जरूर रखें। डिफेंसिव स्टॉक जानी-मानी कंपनी के शेयर होते हैं जो अपने सेक्टर में लीडर होते हैं। इनकी ग्रोथ स्टेबल होती हैं साथ में शेयर मार्केट क्रैश होने पर इनमें ज्यादा गिरावट नहीं देखी जाती। ऐसे स्टॉक क्रैश के बाद रिकवर भी जल्दी करते हैं।

3. क्वालिटी स्टॉक्स को accumulate करना

स्टॉक मार्केट क्रैश में अच्छे और क्वालिटी स्टॉक्स भी कम दाम पर उपलब्ध होते हैं। यह आपके लिए शानदार अवसर होता है कि आप थोड़ा-थोड़ा करके अच्छे शेयर्स को अपने पोर्टफोलियो में ऐड करते रहे।

4. Long Term निवेश

चाहे आपको आपके पोर्टफोलियो को rebalance करना हो या नए शेयर खरीदने हो हमेशा लोंग टर्म पीरियड को लेकर ही चलना आवश्यक हैं क्योंकि शॉर्ट टर्म में स्टॉक मार्केट में काफी रिस्क को और अनिश्चितता हो सकती हैं।

लॉन्ग टर्म होल्ड करने पर आपकी रिस्क भी कम हो जाती हैं साथ ही आपके रिटर्न्स भी शानदार होते हैं।

भारत के कुछ प्रसिद्ध स्टॉक मार्केट क्रैश – Stock Market Crashes in India

भारतीय स्टॉक मार्केट में अब तक बहुत बार क्रेसेस देखे गए हैं।

1992 का क्रैश – 28 अप्रैल 1992 में हर्षद मेहता स्कैम के कारण BSE में 12.77% की गिरावट देखी गई थी। यह क्रैश निवेशकों के लिए एक Eye opener साबित हुआ।

2004 का क्रैश – 17 मई 2004 को NDA सरकार के चुनाव हार जाने और कांग्रेस के सत्ता में आने से BSE में एक दिन में 15.52% की जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई।

2008 का क्रैश – यह crash अमेरिकी वित्तीय संकट के कारण भारतीय स्टॉक मार्केट पर भी देखा गया। इस वर्ष लगातार स्टॉक मार्केट में जबरदस्त गिरावट देखी गई।

मार्च 2020 का क्रैश – ये हालियां क्रैश तो शायद आपने भी देखा होगा। कोरोना वायरस संकट के कारण संपूर्ण विश्व के स्टॉक मार्केट्स में भारी गिरावट दर्ज की गई। भारतीय स्टॉक मार्केट भी कुछ ही दिनों में 35 से 40% तक ढह गया।

निष्कर्ष

स्टॉक मार्केट में वित्तीय जोखिम तो होता हैं ही परन्तु इसके दिए जाने वाले रिटर्न्स को भी नदारद नहीं किया जा सकता हैं। शेयर मार्केट क्रैश या मार्केट में गिरावट अवांछनीय हैं। इसलिए इससे निजात पाने का बस एक उपाय हैं की आप हमेशा अच्छे स्टॉक्स में लॉन्ग टर्म निवेश करे।

Stock Market Crash होने के बावजूद अधिकांश मामलों में स्टॉक मार्केट ने अगले एक वर्ष में ही जबरदस्त रिकवरी भी दिखाई हैं। इसलिए अगर आप स्टॉक मार्केट में निवेश करते हैं तो आपको क्रैश के लिए स्वयं को तैयार अवश्य रखना होगा। क्योंकि Share Market Crash कब होगा इसका अनुमान लगाना हमेशा संभव नहीं होता।

दोस्तों, आशा करता हूँ की आपको स्टॉक मार्केट क्रैश क्या होता हैं, Stock Market crash meaning in Hindi और Stock Market Crashes in India की ये जानकारी पसंद आई होगी। इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।

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नमस्कार दोस्तों ! मैं राज कुमार बैरवा पूंजी गाइड ब्लॉग का फाउंडर हूँ। मैं पूंजी गाइड ब्लॉग पर शेयर मार्केट, म्यूचुअल फंड, पर्सनल फाइनेंस से सम्बंधित जानकारियां शेयर करता हूँ।

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