EBITDA क्या होता हैं | EBITDA से चुने क्वॉलिटी स्टॉक

नमस्कार दोस्तों……!!!

किसी स्टॉक का फंडामेंटल एनालिसिस करते समय हमें अनेक महत्वपूर्ण पैरामीटर्स देखने होते हैं जैसे कि प्रॉफिट एंड लॉस, P/E Ratio, कैश फ्लो स्टेटमेंट। इन सब में से एक महत्वपूर्ण पैरामीटर होता है EBITDA.

अगर आपको लॉन्ग टर्म के लिए फंडामेंटल स्ट्रांग कंपनी चुननी है तो आपको उसका EBITDA के आधार पर वैल्यूएशन करना बहुत जरूरी हो जाता है।

बेस्ट शेयर कैसे चुने के इस आर्टिकल में आज हम बात करेंगे कि EBITDA क्या होता है (EBITDA meaning in Hindi), EBITDA मार्जिन क्या होता है और EBITDA का उपयोग कैसे करें।

EBITDA क्या होता है | EBITDA meaning in Hindi

EBITDA meaning in Hindi

EBITDA की फुल फॉर्म या अर्थ होता है Earning Before Interest Tax Depreciation and Amortization.

इस प्रकार EBITDA वो प्रॉफिट होता है जो कंपनी Interest, Tax, Depreciation और Amortization को घटाने से पहले कमाती हैं।

अगर आसान भाषा में समझे तो EBITDA किसी कंपनी का ऑपरेशनल लेवल का प्रॉफिट होता है यानि कि इंटरेस्ट, टैक्स, डेप्रिसिएशन और अमोरटाइजेशन ना हो तो EBITDA कंपनी का वास्तविक प्रॉफिट माना जा सकता है।

EBITDA के घटक:

Earning (कमाई) – यह कंपनी की कमाई होती है जो सभी ऑपरेशनल एक्सपेंडिचर निकालने के बाद निकलकर आती हैं।

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Interest (ब्याज) – यदि कंपनी ने कोई लोन ले रखा है तो कंपनी को उस पर ब्याज चुकाना होता है।

टैक्स – जो पैसा कंपनी सरकार को टैक्स के रूप में देती है वो इस केटेगरी में आता हैं।

Deprecation (मूल्यह्रास) – किसी एसेट का समय गुजरने के साथ उपयोग करने से मूल्य करता है। साथ ही टूट-फूट और अप्रचलन के कारण भी वैल्यू घट जाती है। इस प्रकार कंपनी की सभी एसेट का मूल्य प्रत्येक वर्ष डेप्रिसिएशन की वजह से कम होता रहता है जो प्रॉफिट में से घटाया जाता है।

अमोरटाइजेशन (Amortisation) – अमोरटाइजेशन एक एकाउंटिंग टेक्निक होती है जो एक निश्चित अवधि में किसी लोन को या intangible asset को कम करने में उपयोग की जाती है। अमोरटाइजेशन डेप्रिसिएशन के समान ही होता है।

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EBIDTA को कैसे कैलकुलेट करें ?

अगर आप किसी कंपनी के फाइनेंसियल स्टेटमेंट को देख रहे हैं तो आपको उसके इनकम स्टेटमेंट में EBITDA देखने को मिल जाएगा।

EBITDA को कैसे निकालते हैं इसे एक उदाहरण से समझते हैं –

मान लेते हैं कि एक कंपनी है XYZ लिमिटेड जिसका इस वर्ष का नेट प्रॉफिट ₹100 है। जबकि –

  • इंटरेस्ट = ₹10
  • टैक्स = ₹20
  • डेप्रिसिएशन और अमोरटाइजेशन = ₹20

EBITDA = ₹100 + ₹10 + ₹20 + ₹20 = ₹150

EBITDA मार्जिन क्या होता है ?

EBITDA मार्जिन प्रतिशत के रूप में EBITDA के मार्जिन को दर्शाती है। EBITDA मार्जिन कंपनी की कुल sales की मदद से निकाला जाता है।

ये रेश्यो बताता हैं की EBITDA मार्जिन कुल बिक्री का कितना प्रतिशत है।

ebitda-margin-formula

उदाहरण –

  • EBITDA = 150
  • Sales = 500

EBITDA Margin  = (150 ÷ 500) × 100  = 30%

इस उदाहरण में XYZ कंपनी का एबिटडा मार्जिन 30% निकल कर आया है। इसका मतलब है कि कंपनी के पास सेल्स के ऊपर 30% का मार्जिन है। EBITDA मार्जिन जितना अधिक होता है उतना बढ़िया माना जाता है।

EBITDA का उपयोग कैसे करें ?

(1) EBITDA का उपयोग स्टॉक मार्केट में क्वालिटी स्टॉक चुनने में किया जाता हैं।

ये रेश्यो आपको बताता हैं की कंपनी अपने लिए हुए कर्ज (debt) को वापस कर सकती हैं या नहीं। जैसे की किसी कंपनी का EBITDA ₹100 हैं जबकि टैक्स, डेप्रिसिएशन ₹50 हैं और ब्याज ₹20 हैं।

तो यहाँ EBITDA ₹100 हैं और इंटरेस्ट मात्र ₹20 हैं। यानि की कंपनी अपने इंटरेस्ट को चुकाने में सक्षम नज़र आती हैं।

जबकि इस कंपनी का EBITDA मात्र ₹20 होता और इंटरेस्ट ₹30 तो इस उदाहरण में साफ-साफ दिखाई दे रहा हैं की ये कंपनी अपने डेब्ट चुकाने में असक्षम हैं।

(2) EBITDA को एंटरप्राइज वैल्यू से भी compare किया जाता हैं।

(3) Capital intensive business में EV/EBITDA की मदद से कंपनी की प्राइस को जज किया जाता हैं। ये रेश्यो जितना कम हो उतना बढ़िया माना जाता हैं।

(4) EBITDA कंपनी के वास्तविक cash flow को दर्शाता हैं जो एक्टिव ऑपरेशन के माध्यम से जेनेरेट होता हैं।

(5) समान कंपनियों को EBITDA के आधार पर evaluate किया जा सकता हैं।

EBITDA के नुकसान

  • इससे कंपनी की वास्तविक कमाई का पता नहीं चलता।
  • कई कंपनियां अपने गलत फाइनेंस निर्णयों को छुपाने के लिए EBITDA का प्रयोग करती है।
  • किसी कंपनी को सटीक तरीके से वैल्यू करने के लिए EBITDA का प्रयोग अन्य वित्तीय मैट्रिक्स के साथ करना पड़ता है।

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कैश फ्लो स्टेटमेंट क्या होता है

EBIT क्या होता हैं ?

EBIT यानि की Earning Before Interest and Taxes. ब्याज और टैक्स को घटाएं बिना जो earning निकल कर आती है वही EBIT होती है।

निष्कर्ष

स्टॉक मार्केट में फंडामेंटली अच्छे स्टॉक चुनने के लिए हमें अनेक पैरामीटर देखने होते हैं। साथ ही उन पैरामीटर्स को समय-समय पर रिव्यु भी करना होता हैं। इन्हीं पैरामीटर्स में से ही EBITDA को आज हमने इस आर्टिकल में समझा।

आप EBITDA और EBITDA मार्जिन का उपयोग करके क्वालिटी स्टॉक्स को फिल्टर कर सकते हैं।

तो दोस्तों, आज आपने इस आर्टिकल में जाना कि EBITDA क्या होता है (EBITDA Meaning in Hindi), EBITDA मार्जिन क्या हैं और EBITDA का उपयोग कैसे करें।

अगर आपको ये आर्टिकल अच्छा लगा हो तो आप इसे सोशल मीडिया नेटवर्क पर शेयर कर सकते हैं और अगर आपके कोई सवाल है तो आप मुझे कमेंट बॉक्स के माध्यम से बता सकते हैं। 

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FAQ:

  1. EBITDA की फुल फॉर्म क्या होती हैं?

    EBITDA की फुल फॉर्म Earning Before Interest Tax Deprecation and Amortization होती हैं।

  2. एक कंपनी के EBITDA और नेट प्रॉफिट के बीच क्या अंतर होता हैं?

    EBITDA को ब्याज, टैक्स, डेप्रिसिएशन और amortization को घटाने से पहले निकाला जाता हैं। जबकी इन सब को EBITDA से घटाने के बाद नेट प्रॉफिट या शुद्ध लाभ निकल कर आता हैं।

  3. EBITDA मार्जिन कितना होना चाहिए?

    वैसे इसका कोई स्टैण्डर्ड नहीं हैं परन्तु अगर ये न्यूनतम 10% हो तो अच्छा माना जाता हैं।

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नमस्कार दोस्तों ! मैं राज कुमार बैरवा पूंजी गाइड ब्लॉग का फाउंडर हूँ। मैं पूंजी गाइड ब्लॉग पर शेयर मार्केट, म्यूचुअल फंड, पर्सनल फाइनेंस से सम्बंधित जानकारियां शेयर करता हूँ।

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