8 गलतियाँ जो आपको SIP में नहीं करनी चाहिए

हाल ही में मेरे एक मित्र ने मुझे बताया कि वो पिछले कुछ समय से म्यूच्यूअल फण्ड में SIP के जरिए निवेश कर रहा हैं परंतु 5-6 वर्ष होने के बावजूद भी उसके रिटर्न्स कुछ खास नहीं दिखाई दे रहे हैं। साथ ही कुछ अच्छी वेल्थ का निर्माण भी नहीं हो पा रहा हैं।

मैंने उससे कुछ सवाल पूछे और मैंने पाया कि वह कुछ गलतियां कर रहा हैं। मैंने तो अपने मित्र को उसकी SIP mistakes बता दी जो वह  कर रहा था। तो मैंने सोचा कि क्यों ना आपको मैं इन गलतियों के बारे में बताऊं जो हमें ऐसा SIP इन्वेस्टमेंट करते समय नहीं करनी चाहिए।

दोस्तों, अगर आप भी SIP के द्वारा इन्वेस्टमेंट करते हैं तो आप यह गलतियां नहीं करोगे तो आपको ये अपने लक्ष्य सही समय पर प्राप्त करने में मदद करेगा। साथ ही SIP में जो लाभ अभी मिल रहा है उससे कहीं अधिक फायदा मिल सकेगा।

Mistakes to avoid in SIP

sip mistakes to avoid

1. SIP Installment amount

कई निवेशक सही SIP इंस्टॉलमेंट चुनने में गलतियां कर बैठते हैं। अधिकांश निवेशक कम उम्र में अपनी आय का अधिकतम हिस्सा SIP के द्वारा इन्वेस्टमेंट करना चालू कर देते हैं।

कम उम्र में आपके ऊपर कम जिम्मेदारियां होती है परंतु उम्र बढ़ने के साथ-साथ आप की जिम्मेदारियों में इजाफा होता रहता है। आपको कार लोन, होम लोन और परिवार के अन्य दायित्वों का सामना करना पड़ सकता हैं।

अगर आपकी आय में पर्याप्त वृद्धि नहीं होती है तो आपको अपनी SIP इंस्टॉलमेंट को कट करना पड़ सकता है जो शायद आपके गोल को सही समय पर प्राप्त करने के लिए पर्याप्त ना हो।

आपको क्या करना चाहिए???

SIP का मतलब है सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट यानी आपको SIP के लिए एक फाइनेंसियल रणनीति बनानी होगी। आप अपनी आवश्यकता और गोल्स के अनुसार ही SIP स्टार्ट करें।

शुरुआत में SIP अमाउंट ज्यादा और बाद में कम करना, आपके लक्ष्यों को आप की पहुंच से बाहर बना सकता है। इसलिए अपनी आने वाली जिम्मेदारियों का अनुमान लगाकर ही SIP अमाउंट का चुनाव करें।

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2. Short Term SIP

हम ऐसे कई निवेशक कम समय में ही SIP से अच्छी वेल्थ बनाना चाहते हैं। SIP करते समय यह सबसे बड़ी गलती मानी जाती हैं।

अगर आप Debt Fund में SIP कर रहे हो तो आपके गोल के अनुसार दो-तीन साल ठीक है परंतु जब बात इक्विटी SIP की आती है तो आपको उसको कम से कम 5 से 7 साल का समय तो देना ही होगा।

Equity SIP में आप कम समय को चुनकर स्वयं को बड़ी रिस्क के सामने एक्सपोज कर रहे हो। SIP में रूपी कॉस्ट एवरेजिंग का फायदा मिलता है परंतु आप कम समय के लिए ही SIP को होल्ड करोगे तो आपको एवरेज कॉस्ट का कोई खास फायदा नहीं मिलेगा।

इसलिए अच्छे इन्फ्लेशन एडजेस्टेड रिटर्न प्राप्त करने के लिए लंबे समय के लिए ही SIP करें। ये long duration आपके रिस्क और रिटर्न में अच्छा तालमेल बना देता हैं।

3. SIP को स्टॉप करना

एक बड़ी गलती जो निवेशक करते हैं वे अपनी SIP को ही स्टॉप कर देते हैं। किसी निवेशक द्वारा SIP स्टॉप करने के दो कारण हो सकते हैं-

  1. पैसों की समस्या
  2. मार्केट अस्थिरता (volatility)

पैसों की समस्या को मैं पहले पॉइंट में भी बता चूका हूँ। इस समस्या से निजात पाने के लिए हमेशा SIP अमाउंट ऐसा चुनें जिसे आप नियमित रूप से पेमेंट कर सकें। अपने बजट के हिसाब से ही SIP इन्सटॉलमेंट की राशि चुने।

कुछ निवेशक market volatility के कारण अपनी SIP को स्टॉप या pause कर देते हैं। मैं उनको एक ही बात कहना चाहूंगा अगर आप ऐसा कर सकते हैं तो आपको शेयर मार्केट में निवेश करना चाहिए।

दोस्तों SIP एक नियमित निवेश प्लान होता है। इसमें आपको प्रत्येक मार्केट स्थिति में निवेश करते रहना चाहिए। कभी भी मार्केट को टाइम करने का प्रयास ना करें। बीच-बीच में SIP इन्सटॉलमेंट जमा नहीं करवाने से आपकी compounding बहुत फर्क पड़ता हैं।

अगर शेयर मार्केट डाउन है तो आप अपनी SIP में अतिरिक्त निवेश (Additional investment) कर सकते हैं जिससे आपकी कॉस्ट ज्यादा एवरेज होगी और आपको ज्यादा फायदा मिलेगा।

4. ज़्यादा फंड्स में निवेश कर देना

बतौर निवेशक हम रिस्क diversify करने के लिए मल्टीपल फंड्स में SIP चालू कर देते हैं। जैसे की आपकी किसी मिड कैप फण्ड में ₹3,000 की SIP चल रही हैं और  आपने ₹1,000 की तीन अलग-अलग मिड कैप स्कीम्स चुन कर SIP चालू कर दी।

इसे बिलकुल भी अच्छा विकल्प नहीं माना जाता हैं। इससे आपका पोर्टफोलियो over diversify हो जायेगा। इससे आपके रिटर्न्स पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता हैं।

एक ही म्यूच्यूअल फण्ड केटेगरी के अलग-अलग फंड्स लेने से आपको फण्ड overlapping की समस्या का सामना भी करना पड़ सकता हैं। Fund Overlapping यानि की आपने एक ही केटेगरी की अलग-अलग स्कीम्स तो ले ली परन्तु उनमें अधिकांश स्टॉक कॉमन हैं।

कई बार हो सकता हैं की आप अपनी एक ही SIP को split करके अलग-अलग तारीखों में बाँट देते हैं। यह एक अच्छा विकल्प हो सकता हैं परन्तु अलग-अलग तारीखों पर SIP रखने से उस समय बैंक में पर्याप्त बैलेंस न होने से SIP की क़िस्त डिफ़ॉल्ट हो सकती हैं।

आपके पास प्रत्येक म्यूच्यूअल फण्ड केटेगरी का एक ही फण्ड हो तो इसे बेस्ट माना जाता हैं। वैसे अधिकतम फंड्स का कोई मानक नहीं है परन्तु फिर भी आपको अपने पोर्टफोलियो में 5 से ज्यादा फंड्स नहीं रखने चाहिए।

5. रिस्क प्रोफाइल पर ध्यान न देना

कई निवेशक अपनी रिस्क प्रोफाइल के अनुसार निवेश नहीं करते और बाद में बहुत जल्दी पैनिक कर जाते हैं। इक्विटी SIP में हमेशा रिस्क बनी रहती हैं जो की शॉर्ट टर्म में बहुत ही ज्यादा होती हैं।

रिस्क प्रोफाइल?

रिस्क प्रोफाइल ये बताता हैं की आप कितनी रिस्क उठाने को तैयार हैं। अगर आप ऐसे निवेशक हैं जो बिलकुल भी रिस्क नहीं ले सकते और इक्विटी SIP में निवेश कर देते हैं। इसमें आपको शॉर्ट पीरियड में आपके रिटर्न्स नेगेटिव में दिखाई दे सकते हैं और हो सकता हैं की आप पैनिक में आकर अपना निवेश नुकसान में ही बेच दे।

वैसे ही अगर आप ऐसे निवेशक हैं जो थोड़ी बहुत रिस्क ले सकता हैं परन्तु आपने स्मॉल कैप फंड्स में निवेश कर दिया। इस स्थिति में भी आपके लिए स्मॉल कैप आपके लिए अच्छा विकल्प नहीं माना जाता। इस केटेगरी में आप ब्लूचिप फंड्स में निवेश कर सकते हैं।

इसलिए अपनी रिस्क लेने की क्षमता के अनुसार ही फंड्स चुनने चाहिए। कम उम्र में आप ज्यादा रिस्क उठा सकते हैं परन्तु अगर आपकी उम्र ज्यादा हैं जैसे 50 वर्ष से ऊपर तो आपको ज्यादा रिस्क नहीं उठानी चाहिए।

6. SIP को Step up नहीं करना

SIP इन्वेस्टमेंट में समय के अनुसार वृद्धि नहीं करना हमारी एक बड़ी भूल हो सकती हैं। अगर आज आपने ₹2,000 से SIP की शुरुवात की हैं तो इसका मतलब ये नहीं है की आप 5 साल बाद भी ₹2,000 की SIP ही जारी रखे।

समय के अनुसार आपकी आय में वृद्धि होती हैं। इसलिए उसके अनुसार अपने लक्ष्यों को समय पर तेजी से प्राप्त करने के लिए अपनी SIP को अपनी आय के अनुसार जरूर बढ़ाये।

ये न केवल आपकी compounding को तेज करेगा बल्कि आपके लक्ष्यों को जल्दी प्राप्त करने में मदद करेगा।

7. पोर्टफोलियो को समय-समय पर review नहीं करना

जैसे की किसी निवेश प्लान में नियमित रूप से इन्वेस्ट करना जरुरी हैं वैसे ही समय-समय पर अपने पोर्टफोलियो को रिव्यु करना भी बहुत जरुरी हैं। समय-समय पर अपने पोर्टफोलियो को ट्रैक करते रहने से आप यह तय कर पाते हैं की आप सही ट्रैक पर तो हैं।

SIP कोई ऐसा निवेश नहीं है जिसमे आपको रोज़-रोज़ अपने पोर्टफोलियो को देखना होता हैं। परन्तु आपको अपने म्यूच्यूअल फण्ड पोर्टफोलियो को एक साल में कम से कम एक बार तो रिव्यु करना ही चाहिए।

ऐसा इसलिए की अगर आपकी SIP स्कीम under perform कर रही है तो आप उसे दूसरी स्कीम से replace कर सकते हो। जिससे आपको अपने गोल्स को प्राप्त करने में मुश्किल न हो।

8. परफेक्ट टाइम के लिए इंतज़ार करना

“Time in the Market is better than timing the Market”

कई निवेशक SIP की शुरुवात करने के लिए भी सही समय का इंतज़ार करते रहते हैं। ऐसा सोचना की मार्केट अभी overvalued हैं, मार्केट डाउन होने पर SIP शुरू करेंगे। ऐसा करते-करते बहुत समय निकल जाता हैं।

SIP में सब समय का खेल हैं आप जितना समय अपनी SIP को देंगे आपकी compounding उतनी ही तेज होगी। SIP एक ऐसा निवेश है जो हमें कॉस्ट को एवरेज करने की सुविधा देता हैं। इसलिए SIP में शुरुवात करना हैं तो इसका कोई परफेक्ट समय नहीं हो सकता।

निष्कर्ष – SIP Mistakes

दोस्तों, SIP इन्वेस्टमेंट एक ऐसा टूल हैं जो आपके पोर्टफोलियो को इक्विटी का एक्सपोज़र देता हैं और आपके रिटर्न्स को भी बूस्ट करता हैं।

SIP में अनुशासित और नियमित रूप से निवेश आपके गोल को प्राप्त करने में सहायता करता हैं। SIP की राशि को समय-समय पर बढ़ाना, पोर्टफोलियो रिव्यु करना और SIP को नियमित रखना बहुत जरुरी हैं।

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इसलिए SIP में निवेश करें परन्तु ऊपर दी गई सभी बातों (SIP Mistakes) का ध्यान जरूर रखे जिससे जिस उद्देश्य से आपने SIP शुरू की है वो उद्देश्य पूरा हो सके।

ये भी पढ़े – 6 Best Mutual Funds to invest in 2021- हिंदी में

दोस्तों, अगर आपको ये SIP Mistakes in Hindi में जानकारी अच्छी लगी हो तो कृपया इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे।

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नमस्कार दोस्तों ! मैं राज कुमार बैरवा पूंजी गाइड ब्लॉग का फाउंडर हूँ। मैं पूंजी गाइड ब्लॉग पर शेयर मार्केट, म्यूचुअल फंड, पर्सनल फाइनेंस से सम्बंधित जानकारियां शेयर करता हूँ।

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