करंट रेश्यो क्या हैं | कैलकुलेशन और उपयोग

यदि आप स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करते हैं तो आपने करंट रेशों के बारे में जरूर सुना होगा। शेयर मार्केट में निवेश करते समय किसी स्टॉक के फंडामेंटल एनालिसिस में करंट रेशों काफी महत्वपूर्ण होता हैं।

महान निवेशक पीटर लिंच ने कहा हैं की ” हमें तब अधिक नुकसान होता हैं जब हम कमजोर बैलेंस शीट वाली कंपनी में निवेश कर देते हैं “

current ratio meaning in hindi

तो आज स्टॉक को फंडामेंटली कैसे एनालिसिस करें कि इस आर्टिकल में हम बात करेंगे कि करंट रेशों क्या होता हैं (What is Current Ratio), करंट रेश्यो की कैलकुलेशन और इसका उपयोग कैसे करें। तो इस इंटरेस्टिंग आर्टिकल के साथ में बने रहिए।

Current Ratio क्या होता है | What is Current Ratio in Hindi

करंट रेश्यो एक लिक्विडिटी रेश्यो होता हैं जिसे Working Capital रेश्यो भी कहा जाता हैं। करंट रेश्यो को हिंदी में चालू अनुपात कहा जाता हैं।

लिक्विडिटी रेश्यो या करंट रेश्यो हमें ये बताता हैं की कोई कंपनी अपने आने वाले एक वर्ष में अपनी Liabilities (दायित्वों) को चुकाने में कितनी सक्षम हैं। इस प्रकार ये रेश्यो कंपनी में शॉर्ट टर्म लिक्विडिटी की पोजीशन की बताता हैं।

करंट रेश्यो कैसे निकालते है | Current Ratio Calculation

इस रेश्यो को करंट एसेट्स में करंट liabilities का भाग लगाकर निकालते हैं।

Current Ratio Formula

हमें Current Assets और Current Liabilities दोनों कंपनी की बैलेंस शीट से मिल जाते हैं।

Current Assets : ये वो सम्पतियाँ होती हैं जिन्हे कंपनी एक साल के अंदर cash में बदल सकती हैं। आसान भाषा में करंट एसेट्स वो सम्पतियाँ होती हैं जो आसानी से नकद में बदली जा सकती हैं।

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जैसे की –

  • Cash & Cash Equivalents
  • Current Investment
  • Inventories
  • Trade Receivable
  • Other Current Assets
  • Short term Loan & Advance

Current Liabilities : करंट एसेट के अलावा कंपनी के पास शॉर्ट टर्म दायित्व भी होते हैं जिन्हें कंपनी को एक वर्ष के भीतर चुकाना होता हैं।

जैसे की –

  • Short Term Borrowings
  • Bank Overdraft
  • Trade Payable
  • Short Term Provisions

Current Ratio Calculation

चलिए इसे अब एक उदाहरण की सहायता से समझते हैं –

ABC Ltd की फाइनेंसियल ईयर 2022 की समाप्ति पर बैलेंस शीट कुछ इस प्रकार हैं :

Cash₹ 100Short Term Borrowings₹ 50
Inventories₹ 20Bank Overdraft₹ 10
Trade Receivable₹ 80Trade Payable₹ 40
Total CA₹ 200Total CL₹ 100

इस बैलेंस शीट के अनुसार ABC Ltd. का करंट रेश्यो होगा –

Current Ratio =  ₹ 200  ÷  ₹ 100 = 2

करंट रेश्यो कितना होना चाहिए ?

स्टैण्डर्ड करंट रेश्यो 1 (एक) को माना जाता हैं। यानि की करंट रेश्यो कम से कम एक तो होना ही चाहिए। यदि ये एक से ज्यादा हो तो इसे ओर भी बढ़िया माना जाता हैं।

एक्सपर्टस के अनुसार 1.5 से लेकर 3 तक का करंट रेश्यो सबसे बेहतरीन माना जाता हैं।

लेकिन करंट रेश्यो अपने इंडस्ट्री के Average Current Ratio से अधिक हो तो भी इसे अच्छा नहीं माना जाता। क्योंकि इसमें ऐसा माना जाता हैं की वो कंपनी अपनी करंट एसेट्स को सही से उपयोग नहीं कर पा रही हैं।

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करंट रेश्यो का इस्तेमाल कैसे करें ?

करंट रेश्यो का सर्वाधिक उपयोग किसी कंपनी की लिक्विडिटी पोजीशन निकालने में किया जाता हैं।

जैसे की ऊपर वाले उदाहरण में करंट रेश्यो 2 हैं। इसका मतलब हैं की इस कंपनी के पास अपनी प्रत्येक ₹ 1 की शॉर्ट टर्म लायबिलिटी को चुकाने के लिए ₹ 2 हैं। इस प्रकार ये कंपनी अपनी शॉर्ट टर्म liabilities को चुकाने में सक्षम मानी जाएगी।

वही कोई ऐसी कंपनी हैं जिसका करंट रेश्यो ₹ 0.50 हैं। इसका मतलब हैं की इस कंपनी के पास ₹ 1 की शॉर्ट टर्म लायबिलिटी को चुकाने के लिए मात्र ₹ 0.50 हैं। इसका अर्थ हैं की इस कंपनी की लिक्विडिटी पोजीशन स्ट्रांग नहीं हैं।

कंपनियों की तुलना करने के लिए

साथ ही करंट रेश्यो का उपयोग एक ही इंडस्ट्री की दो कंपनियों के बीच तुलना करने में भी किया जाता हैं। इसके लिए उस सेक्टर के Average Current Ratio से कंपनी के करंट रेश्यो की तुलना की जाती है।

जैसे की फार्मा सेक्टर की सभी कम्पनियों का Average Current Ratio हैं = 2.1

A Ltd (Pharma Company)B Ltd (Pharma Company)
Current Ratio = 1.5Current Ratio = 2.5
इस कंपनी का करंट रेश्यो अपनी इंडस्ट्री के Average Current Ratio से कम हैं। यानि की कंपनी की लिक्विडिटी पोजीशन इंडस्ट्री की अन्य कम्पनियों से Below Average हैं।इस कंपनी का करंट रेश्यो अपनी इंडस्ट्री के Average Current Ratio से अधिक हैं। यानि की कंपनी की लिक्विडिटी पोजीशन इंडस्ट्री की अन्य कम्पनियों से Above Average हैं।

इसलिए ऊपर वाले उदाहरण में B Ltd करंट रेश्यो comparison के आधार पर A Ltd से बढ़िया मानी जाएगी।

करंट रेश्यो को कैसे देखें ?

आपको करंट रेशों को किसी कंपनी की बैलेंस शीट से कैलकुलेट करने की बिल्कुल भी आवश्यकता नहीं है। आप मनीकंट्रोल या स्क्रीनर जैसी स्टॉक रिसर्च की वेबसाइट पर आसानी से करंट रेशों को देख सकते हैं।

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निष्कर्ष

दोस्तों, हमने अपने कई आर्टिकल्स में आपको बताया है कि कभी भी आपको किसी एक पॉइंट के आधार पर किसी स्टॉक में निवेश नहीं करना चाहिए। शेयर को चुनने में अनेक पैरामीटर काम में आते हैं उन सभी पैरामीटर पर खरा उतरने के बाद ही कोई शेयर को खरीदने या ना खरीदने का निर्णय लिया जा सकता है।

इसके लिए आप हमारी शेयर मार्केट की कैटेगरी में जाकर स्टॉक सिलेक्शन के सभी आर्टिकल पढ़ सकते हैं जो आपकी काफी मदद करेंगे और एक इंटेलिजेंट इन्वेस्टर बनने में मदद करेंगे।

तो दोस्तों आज आपने इस आर्टिकल में जाना की करंट रेशों क्या होता है (Current Ratio meaning in Hindi), करंट रेशों कैसे कैलकुलेट किया जाता है और करंट रेशों का उपयोग कैसे करें। अगर यह जानकारी आपको अच्छी लगी हो तो इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें। यदि आपके कोई सवाल या सुझाव हैं तो आप मुझे कमेंट बॉक्स के माध्यम से बता सकते हैं।

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नमस्कार दोस्तों ! मैं राज कुमार बैरवा पूंजी गाइड ब्लॉग का फाउंडर हूँ। मैं पूंजी गाइड ब्लॉग पर शेयर मार्केट, म्यूचुअल फंड, पर्सनल फाइनेंस से सम्बंधित जानकारियां शेयर करता हूँ।

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