डीमैट अकाउंट फ्रॉड कैसे होता हैं और इससे कैसे बचे

हाल ही में एक बिजनेस न्यूज़ चैनल ने डीमैट डाका के नाम से एक एपिसोड प्रसारित किया था। इसमें बताया गया की कुछ लोगों के साथ में डीमैट अकाउंट फ्रॉड हुआ हैं। जिसमें एक तो रिटायर्ड पर्सन के डेढ़ करोड़ रुपए के शेयर उड़ा लिए गए थे।

ये एपिसोड हमारे लिए आई ओपनर था कि डीमैट अकाउंट भी हैक हो सकता है। क्योंकि मैंने भी कभी ऐसा सोचा नहीं था की डीमैट अकाउंट के साथ में भी ऐसा कुछ हो सकता है।

दोस्तों, यह हमारे लिए बेहद ही ख़राब होगा कि हमारे साथ भी कुछ ऐसा हो जाए। क्योंकि हम जिंदगी भर की जमा पूंजी से शेयर खरीद कर हमारे डीमैट अकाउंट में रखते हैं। साथ ही इससे हम रिटायरमेंट प्लानिंग भी करते हैं, लेकिन यदि कोई हैकर एक दिन आये और हमारा डीमैट अकाउंट उड़ा ले जाये तो हमारी वर्षों की मेहनत तुरंत पानी फिर जाएगा।

तो आज इस आर्टिकल में हम डीमैट अकाउंट फ्रॉड के बारे में ही बात करेंगे जिसमें शामिल होगा डीमैट अकाउंट फ्रॉड क्या हैं, डीमैट हैक कैसे होता हैं और डीमैट अकाउंट को सेफ कैसे रखें।

डीमैट अकाउंट फ्रॉड कैसे होता हैं?

Demat account fraud hindi

जैसे कि बैंक फ्रॉड या क्रेडिट कार्ड फ्रॉड होता है ठीक वैसे ही डीमैट अकाउंट फ्रॉड होता है। हैकर आपकी व्यक्तिगत जानकारी निकालकर आपके पास फोन करते हैं या फिर ईमेल के द्वारा आपसे संपर्क करने की कोशिश करते हैं। जिसमें ये केवाईसी अपडेट, मोबाइल नंबर अपडेट या ईमेल अपडेट के नाम से आपसे पासवर्ड या OTP लेने की कोशिश करते हैं।

ये इतने कॉन्फिडेंस से बात करते हैं कि जिससे आपको यकीन हो जाता है की ये कॉल आपके ब्रोकर की तरफ से ही आया हैं। यदि आप उनके साथ पासवर्ड या OTP शेयर करते हैं तो आपका डीमैट अकाउंट हैक हो जाएगा।

तो दोस्तों, यह बात गांठ बांध लीजिए और यह बात में ही नहीं बाकी सभी एक्सपर्ट्स बताएंगे कि आपको किसी भी व्यक्ति के साथ में अपना पासवर्ड या ओटीपी बिल्कुल भी शेयर नहीं करना चाहिए। यदि फोन पर को भी व्यक्ति आपसे ओटीपी मांग रहा है तो आपको तुरंत समझ जाना चाहिए कि ये एक फेक कॉल है। यहां तक कि बैंक भी आपसे कभी ओटीपी नहीं मांगता।

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डीमैट अकाउंट हैकिंग के बाद क्या होता हैं?

आपका अकाउंट हैक करने के बाद में हैकर आपका पैसा उड़ाने की कोशिश करते हैं। मान लीजिए की आपके डीमैट अकाउंट में ₹1 करोड़ के शेयर पड़े हैं। यदि हैकर आपके इन ₹1 करोड़ के शेयर बेच भी देता है और फिर वो इन पैसों को निकालना भी भी चाहेगा तो वे आपके बैंक अकाउंट में ही क्रेडिट होंगे।

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लेकिन यहां हैकर बहुत ही चालाक होते हैं। ये कई स्टॉक मार्केट क्रिमिनल और ऑपरेटर्स के साथ मिलकर काम करते हैं। इन लोगों के पास में कुछ घटिया कंपनियों के शेयर होते हैं जिनमें कोई भी लिक्विडिटी नहीं होती।

उधर से ये ऑपरेटर एक करोड़ का सेल ऑर्डर डालेंगे और यहां से हैकर आपके डीमैट अकाउंट में जो एक करोड रुपए आ चुके हैं उनसे बाय आर्डर डाल कर वो शेयर ख़रीद लेगा। इस तरह आपके अकाउंट में एक करोड़ के घटिया शेयर क्रेडिट हो जाएंगे। जिन्हे कोई भी ख़रीदने को तैयार नहीं हैं।

इस प्रकार इनडायरेक्टली आपके एक करोड़ दूसरे के अकाउंट में ट्रांसफर हो गए हैं।

दूसरे तरीके में ये हैकर F & O यानि की फ्यूचर एंड ऑप्शन में ट्रेड करके आपको नुकसान दे सकते हैं। F & O भी ऐसे किये जाते हैं जो की बिलकुल घटिया और इनलिक्विड होते हैं। इससे आपके ट्रेडिंग अकाउंट में भारी नुकसान हो जाता हैं। जबकि हैकर अपने अकाउंट में प्रॉफिट कर लेता हैं।

डीमैट अकाउंट को हैक होने से कैसे बचाये | डीमैट सेफ्टी टिप्स

अब बात करते हैं उन 5 टिप्स की जिनकी मदद से आप अपने डीमैट अकाउंट को हैक होने से बचा सकते हैं। इन पांच टिप्स में से एक टिप ऐसी है जो कि 99% तक आपको नुकसान से बचा सकती है।

(1) स्ट्रांग पासवर्ड बनाये

पहले आपको अपने डीमैट अकाउंट का एक ऐसा पासवर्ड रखना है जो कि काफी ज्यादा स्ट्रांग हो। आपका पासवर्ड जितना अधिक कॉम्प्लेक्स होगा उतना ही हैकर को उसे क्रैक करने में समय लगेगा। जैसे कि आपका पासवर्ड है –

sunil@123

तो पासवर्ड स्ट्रेंथ मीटर के अनुसार आपका ये पासवर्ड 6.86 मिनट में क्रेक हो जाएगा। हैकर जो होता है वह लगातार बॉट्स की मदद से आपका पासवर्ड क्रैक करने की कोशिश करता है। जबकि यदि आप कुछ ऐसा पासवर्ड रखेंगे –

Sunil@561*17%#8

इस पासवर्ड को क्रैक करने में लगभग 6 मिलियन वर्ष लग जाएंगे। आप अपने पासवर्ड को इस लिंक पर जाकर टेस्ट कर सकते हैं।

(2) Two Factor Authentication (TOTP)

दूसरे स्टेप में आप अपने डीमैट अकाउंट पर TOTP इनेबल करना चाहिए। TOTP इनेबल करने के बाद प्रत्येक लॉगिन पर आपको एक OTP डालना होगा जो कि आपकी गूगल ऑथेंटिकेटर मोबाइल एप्प पर जनरेट होगा। ये TOTP हर 15 मिनट में रिफ्रेश होता है। गूगल ऑथेंटिकेटर मोबाइल एप्प आप प्ले स्टोर या IOS स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं।

इस प्रकार जो हैकर आपके अकाउंट में लॉगिन करना चाहेगा उसे एक टीओटीपी डालना होगा जो कि सिर्फ आपकी ऑथेंटिकेटर एप में ही जनरेट होगा।

ज़ेरोधा आपको टीओटीपी की सुविधा ऑफर कर सकता है। ज़ेरोधा में आप इस लिंक पर जाकर अपना डीमैट अकाउंट ओपन करवा सकते हैं।


(3) काम नहीं आने वाले सेग्मेंट्स को इनएक्टिव करें

आपको अपने डीमैट अकाउंट में सिर्फ वही सेगमेंट एक्टिव रखने चाहिए जिनकी आपको आवश्यकता है। जैसे कि आप बस लॉन्ग टर्म इन्वेस्टिंग करते हैं या सिर्फ इक्विटी में ट्रेड करते हैं तो आपको सिर्फ इक्विटी सेगमेंट को एक्टिव रखना चाहिए।

यदि आपको F&O, करेंसी और कमोडिटी सेगमेंट की आवश्यकता नहीं है तो आप इन्हें इनएक्टिव कर दें। ऐसा करने पर यदि आपका डीमैट अकाउंट हैक भी होता हैं तो हैकर आपके ट्रेडिंग अकाउंट में कोई फर्जी F&O ट्रांजैक्शन नहीं कर पायेगा।

आप ज़ेरोधा में Kill Switch का उपयोग करके सेगमेंट को इन एक्टिव कर सकते हैं।

साथ ही आपको ये बात भी ध्यान रखनी चाहिए की आपको अपने डीमैट अकाउंट को किसी भी थर्ड पार्टी ऐप से लिंक नहीं करना चाहिए। हम कई बार अपने पोर्टफोलियो को देखने के लिए या एनालाइज करने के लिए अपने डीमैट अकाउंट को किसी थर्ड पार्टी ऐप से लिंक कर देते हैं।

डीमैट अकाउंट को लिंक या सिंक करना थोड़ा रिस्की हो सकता है।

(4) Revoke Power of Attorney

दोस्तों, ये पॉइंट सबसे महत्वपूर्ण है। यदि आप एक ट्रेडर नहीं होकर एक इन्वेस्टर हैं तो ये आपके डीमैट अकाउंट को सेफ रखने का यह सबसे कारगर तरीका है।

जब आपको कोई शेयर खरीदते हैं तो ये ट्रेडिंग अकाउंट के द्वारा खरीदा जाता है। बाद में ये शेयर डीमैट अकाउंट में क्रेडिट होता है। ज़ेरोधा, अपस्टॉक्स के मामले में डीमैट अकाउंट सीडीएसएल (CDSL) द्वारा मैनेज किए जाते हैं।

जब आपने अपने डीमैट अकाउंट की पावर ऑफ़ अटॉर्नी (POA) अपने ब्रोकर को दे रखी है तो आप डायरेक्ट अपने शेयर बेच सकते हैं। क्योंकि POA की मदद से ब्रोकर आपकी रिक्वेस्ट पर शेयर तुरंत सेल कर देता है। लेकिन अब CDSL के मामले में पावर ऑफ़ अटॉर्नी देना आवश्यक नहीं है।

आप CDSL T-Pin की मदद से बिना किसी पावर ऑफ़ अटॉर्नी के भी अपने शेयर बेच सकते हैं। यदि आप CDSL T-Pin की मदद से शेयर बेचेंगे तो आपके पास में एक ओटीपी आएगा, उसे दर्ज करने के बाद ही आपके शेयर बिकेंगे।

इससे होगा ये कि यदि आपका अकाउंट हैक भी होता है तो हैकर आपके शेयर बेच नहीं पाएगा। क्योंकि उसे शेयर बेचने के लिए आपके मोबाइल पर आया हुआ OTP चाहिए होगा जो कि सिर्फ आपके पास होगा।

इसलिए आपको एक ऐसे ब्रोकर के साथ में डीमैट अकाउंट खुलवाना चाहिए जो की CDSL T-Pin की सुविधा देता हो। लेकिन यदि आपने पहले से पावर ऑफ़ अटॉर्नी दे रखी है तो आप अपने ब्रोकर से बात करके अपनी POA रिवॉक करवा सकते हैं।

(5) ट्रेडिंग अकाउंट में अतिरिक्त बैलेंस रखने से बचे

कभी भी अपने ट्रेडिंग अकाउंट में आइडल बैलेंस ना रखें। यदि आप अपने ट्रेडिंग अकाउंट में पैसा रखते हैं तो अकाउंट हैक होने पर आपका पैसा मिस यूज हो सकता है। वैसे भी आजकल UPI के माध्यम से ट्रेडिंग अकाउंट में बैलेंस जोड़ना बहुत आसान है।

साथ ही आपको ट्रेडिंग अकाउंट पर रखे पैसों पर कोई ब्याज भी नहीं मिलता। इसलिए आपको ट्रेडिंग अकाउंट में अतिरिक्त बैलेंस रखने से बचना चाहिए।

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निष्कर्ष

आज के समय में साइबर क्राइम की संख्या में तेजी से इजाफ़ा हो रहा हैं। इसलिए आपको इस प्रकार की धोखा-धड़ी से बचने के लिए अपनी तरफ से सभी प्रयास करने चाहिए।

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अपने निवेश, बैंक और क्रेडिट कार्ड की सुरक्षा के सम्बन्ध में आपको कोई भी कोताही नहीं बरतनी चाहिए। यदि आप अपने डीमैट अकाउंट को सेफ रखना चाहते हैं तो ऊपर दी गई Demat Account Safety Tips in Hindi को जरूर फॉलो करें।

तो दोस्तों, आज आपने इस आर्टिकल में जाना की डीमैट अकाउंट फ्रॉड क्या हैं, डीमैट अकाउंट फ्रॉड कैसे होता हैं और डीमैट अकाउंट फ्रॉड से कैसे बचे।

इस जानकारी को जरूरतमंदों के साथ सोशल मीडिया नेटवर्क्स पर जरूर शेयर करें और यदि आपके कोई सवाल या सुझाव हैं तो आप हमें कमेंट करके बता सकते हैं।

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नमस्कार दोस्तों ! मैं राज कुमार बैरवा पूंजी गाइड ब्लॉग का फाउंडर हूँ। मैं पूंजी गाइड ब्लॉग पर शेयर मार्केट, म्यूचुअल फंड, पर्सनल फाइनेंस से सम्बंधित जानकारियां शेयर करता हूँ।

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