जब भी आप म्यूचुअल फंड में निवेश करने जाते हो तो वहां आपको Direct Plan और Regular Plan देखने को मिलते हैं। अगर आप Direct plan और Regular plan के बारे में नहीं जानते हो तो आपके सामने समस्या खड़ी हो जाती है कि आपको कौन से प्लान के साथ जाना चाहिए।
अगर आप डायरेक्ट प्लान और रेगुलर प्लान के बीच अंतर नहीं जानते हैं तो इस पोस्ट के माध्यम से बताऊंगा की म्यूच्यूअल फण्ड Direct Plan vs Regular Plan में क्या अन्तर हैं।
इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आप खुद तय कर पाओगे कि आपको रेगुलर प्लान या डायरेक्ट प्लान किसके साथ म्यूच्यूअल फंड्स में निवेश करना चाहिए।
Direct Plan vs Regular Plan in Mutual Funds
म्यूच्यूअल फण्ड के इन दोनों प्लान्स को समझने से पहले इनके अर्थ को जानना आवश्यक हैं।
रेगुलर प्लान क्या होते हैं | What is Regular Plans
रेगुलर प्लान वह होते हैं जिसमें ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी/ फण्ड हाउस और इन्वेस्टर के बीच सीधा संबंध नहीं होता। इसका मतलब हुआ की रेगुलर फंड्स में म्यूच्यूअल फण्ड हाउस और निवेशक के बीच एक मध्यस्थ (mediator) होता है।
मध्यस्थ कोई एजेंट, एडवाइजर या सलाहकार, ब्रोकर या डिस्ट्रीब्यूटर/वितरक हो सकता है।
यह मध्यस्थ फंड हाउस के एजेंट के रूप में कार्य करते हैं। यानि इनका कार्य फंड हाउस के प्रोडक्ट बेचना होता है। जैसे LIC का एजेंट LIC की बीमा योजनाएं बेचता है वैसे ही म्यूच्यूअल फंड एजेंट म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम बेचने का कार्य करता है।
इन सेवाओं के बदले म्यूच्यूअल फण्ड डिस्ट्रीब्यूटर या एजेंट AMC से शुल्क या अपना कमीशन वसूलते हैं। AMC इन एजेंट्स को शुल्क, कमीशन का भुगतान करने के लिए निवेशकों से थोड़ा बहुत अतिरिक्त expense ratio चार्ज करता है।
अंतिम रूप से यह एक्सपेंस रेश्यो निवेशक को मिलने वाली NAV से ही काटा जाता हैं।
तो यहां आपको समझ में आया होगा कि Mutual Funds Regular Plans वह होते हैं जो एजेंट या ब्रोकर के माध्यम से खरीदे जाते हैं।
Regular Plans किन के लिए बेस्ट होते हैं?
रेगुलर प्लान में निवेशकों को डायरेक्ट प्लान की तुलना में थोड़ा अधिक expenses ratio देना होता है जिसके बदले में उन्हें इन्वेस्टमेंट सलाह प्राप्त होती है।
Regular Plan उन निवेशकों के लिए बेस्ट है जिनको शेयर मार्केट की जानकारी नहीं है और जिनके पास अपने पोर्टफोलियो को वाच करने के लिए समय का अभाव है। यह निवेशक मामूली एक्सपेंस रेशों का अधिक भुगतान करके प्रोफेशनल एक्सपर्ट्स की सुविधाएं प्राप्त कर सकते हैं।
डायरेक्ट प्लान क्या होते हैं | What is Direct Plans
Direct Plan and Regular Plan में कुछ खास अंतर नहीं होता है। यह दोनों लगभग समान ही होते हैं। जनवरी 2013 तक बस रेगुलर प्लान ही होते थे। उस समय तक डायरेक्ट प्लान की सुविधा फंड हाउस द्वारा नहीं दी जाती थी।
परंतु जनवरी 2013 से सेबी के दिशा निर्देशानुसार सभी फंड हाउस को Regular Plan के साथ Direct Plan लॉन्च करने को भी कहा गया।
म्यूच्यूअल फण्ड के डायरेक्ट प्लान वह होते हैं जो सीधे म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी द्वारा द्वारा निवेशक को पेश किए जाते हैं। यहां निवेशक और फंड हाउस के मध्य कोई मीडिएटर, एजेंट या ब्रोकर नहीं होता है।
फण्ड हाउस और निवेशक के बीच कोई एजेंट नहीं होने की वजह से Direct Plans में कोई कमिशन नहीं होता।
Mediator नहीं होने के कारण ही Direct Plans में Regular Plans की अपेक्षा कम एक्सपेंस रेश्यो होता है। परंतु इसमें निवेश संबंधित सभी कार्य निवेशक को स्वयं करने होते हैं।
Direct Plans किन के लिए बेस्ट होते हैं?
Direct plans उन निवेशकों के लिए सही है जो स्टॉक मार्केट की थोड़ी बहुत जानकारी रखते हैं और अपने पोर्टफोलियो के निर्माण और नियमित रिव्यु के लिए थोड़ा समय निकाल पाते हैं।
डायरेक्ट प्लान में निवेश करने वाले निवेशकों को फंड हाउस, एक्सपेंस रेशों, रिस्क और रिटर्न आदि की थोड़ी-बहुत जानकारी होना आवश्यक है। डायरेक्ट प्लान के निवेशक को कम एक्सपेंस रेश्यो के कारण रेगुलर प्लान की तुलना में ज्यादा रिटर्न मिलता है।
कैसे पहचाने Direct Plan और Regular Plan को
किसी भी म्यूच्यूअल फंड स्कीम में Direct vs Regular Mutual Fund पहचाना बहुत ही आसान होता है। जब भी आप म्यूच्यूअल फण्ड खरीदते हो उस समय स्कीम के आगे लिखा होता है कि वह डायरेक्ट प्लान है या रेगुलर प्लान। जैसे –
- SBI Bluechip Fund- Regular
- SBI Bluechip Fund- Direct
आप डायरेक्ट प्लान और रेगुलर प्लान दोनों में ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों में से किसी भी तरीके से निवेश कर सकते हैं।
क्या अंतर है डायरेक्ट प्लान और रेगुलर प्लान में | Regular vs Direct Mutual Funds
वर्तमान में प्रत्येक फंड हाउस एक ही म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम में रेगुलर और डायरेक्ट प्लान दोनों ऑफर करते हैं। Direct Plan vs Regular Plan दोनों के फंड मैनेजर एक ही होते हैं।
इन दोनों प्लान में फंड मैनेजर द्वारा एक ही प्रकार की सिक्योरिटीज, शेयर, बांड्स में निवेश किया जाता हैं। परंतु यह सब समानताएं होने के बावजूद इनमें कुछ अंतर भी होता है जो हम निम्न टेबल के माध्यम से समझेंगे।
Parameters | Regular Plan | Direct Plan |
मध्यस्थ | एजेंट/ब्रोकर होते है | कोई मध्यस्थ नहीं |
एक्सपेंसिस रेश्यो | डायरेक्ट प्लान से ज्यादा | एजेंट नहीं होने से कम |
रिटर्न्स | डायरेक्ट की तुलना में कम | ज्यादा |
NAV | कम | ज्यादा |
मार्केट रिसर्च | एडवाइजर के द्वारा | स्वयं करनी होती है |
इन्वेस्टमेंट सलाह | एडवाइजर के द्वारा | उपलब्ध नहीं |
दोस्तों ऊपर दी गई टेबल से आपको समझ में आया होगा कि म्यूच्यूअल फण्ड के डायरेक्ट प्लान और रेगुलर प्लान के बीच में क्या मुख्य अन्तर होते है।
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रेगुलर प्लान के फायदे | Advantages of Regular plan
म्यूच्यूअल फण्ड रेगुलर प्लान में एडवाइजर की सुविधा उपलब्ध होने की वजह से निवेशक को स्वयं कोई रिसर्च नहीं करनी पड़ती है एवं समय देने की आवश्यकता भी नहीं पड़ती। रेगुलर प्लान में कुछ अन्य सेवाएं प्राप्त होती है जैसे कि इन्वेस्टर के रिकॉर्ड रखना, रिडेम्पशन में सहायता आदि।
फाइनेंसियल एडवाइजर आपको पोर्टफोलियो रिव्यू एवं मैनेज करने में सहायता करते हैं।
रेगुलर प्लान के नुकसान | Disadvantages of Regular Plan
Mediator होने की वजह से आपकों ज्यादा एक्सपेंस रेशों का भुगतान करना होता है जिससे आपको डायरेक्ट प्लान की तुलना में कम रिटर्न मिलता है।
रेगुलर प्लान की NAV कम होती है जिससे आपके पोर्टफोलियो का वैल्यूएशन थोड़ा कम रहता है। यह प्रारंभ में कम लगता है परंतु जब आप ज्यादा लंबे समय के लिए निवेश करते है तो यह अंतर बहुत ज्यादा हो जाता है।
डायरेक्ट प्लान के फायदे | Advantages of Direct plans
डायरेक्ट प्लान में आपको कम एक्सपेंस रेशों का भुगतान करना होता है जिससे आपको अधिक NAV मिलती हैं। इससे आपके पोर्टफोलियो का वैल्यूएशन रेगुलर प्लान की तुलना में ज्यादा रहता है।
इसके अतिरिक्त लंबे समय में डायरेक्ट प्लान और रेगुलर प्लान के रिटर्न में काफी ज्यादा अंतर पैदा हो जाता है। इसमे आप अपनी इच्छा अनुसार आपके पोर्टफोलियो का निर्माण कर सकते हैं।
डायरेक्ट प्लान के नुकसान | Disadvantages of Direct plan Mutual Fund
Direct Plan में कोई एडवाइजर नहीं होने की वजह से सही इन्वेस्टमेंट सलाह नहीं मिल पाती है।
आपको स्वयं अपनी रिसर्च करनी होती है। इसके लिए आपको अतिरिक्त समय निकालकर म्यूच्यूअल फंड का चुनाव, पोर्टफोलियो ट्रैकिंग करना होता है साथ ही पोर्टफोलियो को समय-समय पर खुद को ही रिव्यु करना होता हैं।
कितना अंतर होता है डायरेक्ट प्लान और रेगुलर प्लान के रिटर्न्स में | Returns Regular plan vs Direc plan
दोस्तों, अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं और आपने लंबे समय के लिए निवेश किया है तो आपके रिटर्न्स दोनों प्लान्स में अलग-अलग होते है। इसको हम इस टेबल के माध्यम से समझने का प्रयास करते हैं-
SBI Bluechip Fund | Regular Plan | Direct Plan |
SIP | 10,000 महीना | 10,000 महीना |
Start date | 01.04.2013 | 01.04.2013 |
Maturity date | 01.09.2020 | 01.09.2020 |
Current Value | 12,21,001 | 12,71,783 |
Actual Returns | 8.35% | 9.41% |
इस टेबल को देखने से आपको अंदाजा हो गया होगा कि लगभग 6 वर्ष के समय में म्यूच्यूअल फण्ड Direct Plan vs Regular Plan के बीच 1% से अधिक का अंतर आ गया है। यह अंतर ₹ 50,000 के आसपास का है।
अगर आपने लंबे समय के लिए निवेश किया है तो यह ओर ज्यादा हो जाएगा। Expenses ratio ही डायरेक्ट प्लान और रेगुलर प्लान के बीच रिटर्न्स में अंतर का मुख्य कारण बनता है।
कुछ म्यूच्यूअल फंड स्कीम के एक्सपेंस रेशों के उदाहरण-
As on 28 – Feb-2022
स्कीम | रेगुलर प्लान | डायरेक्ट प्लान |
SBI Bluechip Fund | 1.88% | 0.96% |
Kotak Flexicap Fund | 1.61% | 0.64% |
HDFC Small Cap Fund | 1.92% | 0.84% |
आपको कौन सा प्लान लेना चाहिए | Direct Plan or Regular Plan
दोस्तों, इसका जवाब बहुत ही आसान हैं। अगर आपको स्टॉक मार्केट के बारे में थोड़ी बहुत जानकारी है और आप थोड़ी बहुत रिसर्च कर सकते है तो डायरेक्ट प्लान के माध्यम से जा सकते हैं। इससे आपके रिटर्न्स ज्यादा होंगे और आप अपनी पसंद के पोर्टफोलियो का निर्माण कर सकेंगे।
अगर आपको बिल्कुल भी स्टॉक मार्केट की जानकारी नहीं है और आप थोड़ा बहुत मुनाफे के साथ समझौता कर सकते हैं तो आप रेगुलर प्लान के साथ जा सकते हैं। रेगुलर प्लान में आपको इन्वेस्टिंग सलाहें, redemption में सहायता और अन्य सुविधाएं प्राप्त हो जाएगी।
निष्कर्ष
मेरी राय के अनुसार दोस्तों जहां तक हो सके म्यूच्यूअल फण्ड खरीदते वक्त डायरेक्ट प्लान (Direct plan) का ही चुनाव करें। आज के इंटरनेट के जगत में आपको किसी जानकारी के लिए किसी पर मोहताज रहने की आवश्यकता नहीं है। अगर आप थोड़ा बहुत भी म्यूच्यूअल फंड के बेसिक्स के बारे में जान लेते हैं तो आप डायरेक्ट प्लान का चुनाव कर सकते हैं। जिससे आपको भविष्य में Regular plan की तुलना में अच्छा मुनाफा प्राप्त हो सके।
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तो आपको इस आर्टिकल के माध्यम से समझ में आया होगा कि डायरेक्ट प्लान और रेगुलर प्लान (Direct plan and Regular plan difference in Hindi) क्या होते हैं और इनमें क्या अंतर होता है। अगर आपको डायरेक्ट प्लान और रेगुलर प्लान से संबंधित कोई भी सवाल हो तो आप हमें नीचे कमेंट बॉक्स के माध्यम से पूछ सकते हैं या हमें मेल कर सकते हैं।
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Sir mera Mutual fund regular growth h m isko direct plan m convert krana chata h please help me
जिस प्लेटफार्म से आपने इन्वेस्ट किया हैं वहां देखे की फण्ड को डायरेक्ट प्लान में स्विच करने की सुविधा हैं या नहीं। अगर नहीं है तो आप पुरानी स्कीम को बंद करके नई SIP भी चालू कर सकते हैं।