12 SIP के फ़ायदे | Benefits of SIP

SIP स्टॉक्स में निवेश करने का एक इनडायरेक्ट तरीका हैं जो की पैसे बनाने का एक बेहतरीन जरिया माना जाता हैं। इसीलिए भारत में पिछले कुछ वर्षों से SIP का प्रचलन काफी बढ़ा हैं। निवेशक SIP के द्वारा म्यूच्यूअल फंड्स में बढ़-चढ़कर पैसा लगा रहे हैं।

अगर आप भी SIP करना चाह रहे हैं और SIP के benefits के बारे में जानकारी चाहते हैं तो आप बिलकुल सही आर्टिकल पर हैं।आज मैं आपको SIP के फायदे (Benefits of SIP) बताऊंगा जिससे की आप SIP का सही महत्व समझ पाएं।

इन पॉइंट्स की मदद से आप यह जान पाएंगे की SIP आपकी निवेश की जरूरतों को को पूरा कर सकता है या नहीं और क्या ये आपके लक्ष्यों के अनुरूप साबित होगा। SIP के advantages जानने से पहले हम SIP का संक्षिप्त में अर्थ जान लेते हैं।

SIP क्या होती हैं (What is SIP)

SIP स्वयं में कोई निवेश प्लान नहीं होता बल्कि यह म्यूचुअल फंड में निवेश करने का एक जरिया होता हैं। म्यूचुअल फंड अनेक निवेशकों के पैसों से मिलकर बना एक फंड होता है जिसे एक प्रोफेशनल फंड मैनेजर द्वारा संचालित किया जाता हैं।

म्यूच्यूअल फंड में आप SIP के द्वारा निवेश कर सकते हैं जो की एक नियमित निवेश होता हैं। इसमें आप म्यूच्यूअल फंड स्कीम में एक निश्चित अंतराल (सामान्यतः एक महीने में) पर पैसा डालते रहते हैं जिससे मेच्योरिटी पर आपके पास में अच्छी धनराशि तैयार हो जाती हैं।

SIP के फायदे – Benefits of SIP in Hindi

Benefits of SIP in Hindi

SIP में निवेश करने के सभी फायदों को हम पॉइंट वाइज समझेंगे।

1. कम राशि की आवश्यकता

अगर SIP का सबसे बड़ा फायदा देखा जाए तो आप इसमें बहुत ही कम राशि से निवेश की शुरुआत कर सकते हैं। कई निवेश प्लान ऐसे होते हैं जिनमें निवेश की शुरुवात करने के लिए अधिक राशि की आवश्यकता होती हैं।

इनमे हर कोई व्यक्ति आसानी से निवेश नहीं कर पाता। लेकिन SIP में अगर आप मात्र ₹500 भी महीने के निकाल पाते हैं तो आप SIP की शुरुआत कर सकते हैं।

कई फण्ड हाउस तो ₹100 से भी SIP का विकल्प प्रदान करते हैं। शून्य निवेश से काफी बेहतर होता हैं की आप कुछ निवेश करें क्योंकि निवेश में राशि नहीं समय की अहमियत होती हैं।  

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2. कम जोखिम

डायरेक्ट स्टॉक्स में निवेश करने की अपेक्षाकृत म्यूच्यूअल फंड्स में कम जोखिम होता हैं। क्योंकि यहां आपके फण्ड को पेशेवर फण्ड मैनेजर द्वारा संचालित किया जाता हैं।

म्यूच्यूअल फण्ड के द्वारा आप इक्विटी और डेब्ट दोनों में SIP कर सकते हैं। डेब्ट फण्ड की एसआईपी में जोखिम की मात्रा बहुत ही कम होती हैं। वही स्टॉक मार्केट में निवेश के कारण इक्विटी फंड्स में थोड़ी जोखिम रहती हैं।

परंतु लंबी अवधि में यह रिस्क बिल्कुल कम या ना के बराबर हो जाती हैं। इसलिए Mutual Funds में SIP के जरिए निवेश करते समय सुनिश्चित करें की आप लंबे समय के लिए ही SIP कर रहे हैं।

3. बेहतरीन रिटर्न्स

नियमित और अनुशासित रूप से की गई SIP के द्वारा निवेशित राशि पर long-term में शानदार रिटर्न देखे गए हैं। कोई भी सरकारी स्कीम या अन्य स्कीम्स में इतने रिटर्न नहीं देखे गए हैं।

कई निवेश विकल्प तो मुद्रास्फीति के बराबर भी रिटर्न नहीं दे पाते हैं। परंतु SIP आपको लंबी अवधि में औसत मुद्रास्फीति की दर से कहीं अधिक रिटर्न देने की क्षमता रखती हैं।

10 वर्ष से अधिक के निवेशित समय में SIP आपको 10 से 20% तक का रिटर्न देने की क्षमता रखती हैं। अलग-अलग फंड के प्रदर्शन के आधार पर रिटर्न थोड़े ऊपर-नीचे हो सकते हैं।

मैं आपको अनुमान के लिए कुछ लोकप्रिय म्यूच्यूअल फंड स्कीम्स के अंतिम 10 वर्ष के रिटर्न का डाटा सांझा कर रहा हूँ। (जनवरी -2022)

  • Kotal Smallcap Fund – 23.57%
  • SBI Contra Fund – 16.61%
  • Mirae Asset Emerging Bluechip Fund – 26.26%
  • Nippon India Focused Equity Fund – 20.17%

4. प्रोफेशनल फण्ड मैनेजर की सुविधा

अगर आपके पैसे को बहुत ही कम लागत पर पेशेवर फण्ड मैनेजर मैनेज करें तो कैसा रहें ?

SIP में आपको ऐसी सुविधा मिलती हैं। अगर आप सीधे स्टॉक मार्केट में निवेश करना चाहते हैं तो आपको रिसर्च करनी होगी साथ ही नियमित रूप से स्टॉक्स के बारे में अपडेट रहना होगा।

परंतु आपके पास इतना समय नहीं है और आप स्टॉक मार्केट के रिटर्न का फायदा भी उठाना चाहते हैं तो म्यूच्यूअल फंड आपके लिए बेस्ट हैं।

म्यूच्यूअल फंड में आपको प्रोफेशनल फंड मैनेजर की सेवाएं मिलती हैं। ये फण्ड मैनेजर मार्केट एक्सपर्ट होते हैं जो काफी अनुभवी होते हैं। बहुत से लोगों के द्वारा निवेश करने के कारण प्रोफेशनल फंड मैनेजर आपको बहुत ही कम लागत में पड़ता हैं।

5. कम्पाउंडिंग बेनिफिट

कंपाउंडिंग का मतलब होता हैं की कमाए हुए रिटर्न्स पर भी रिटर्न प्राप्त होना। जैसे-जैसे समय गुजरता जाता हैं कंपाउंडिंग उतनी ही तेज होने लगती हैं।

SIP में भी जबरदस्त कंपाउंडिंग देखी जाती है जिससे ये long-term में जबरदस्त मेच्योरिटी अमाउंट बना कर देती हैं। ये कम्पाउंडिंग आपके गोल या लक्ष्यों के लिए बहुत ही अच्छे तरीके से कार्य करती हैं।

कंपाउंडिंग को समझने के लिए हम इस उदाहरण को देखते हैं –

यहाँ पर हमने ₹500 की मासिक SIP रखी हैं जिस पर 12% वार्षिक रिटर्न लिए हैं।

Compounding Returns
Investment PeriodInvested AmountMaturity
5 वर्ष3 लाख4.12 लाख
10 वर्ष6 लाख11.6 लाख
15 वर्ष9 लाख25.2 लाख
20 वर्ष12 लाख50 लाख
25 वर्ष15 लाख95 लाख
30 वर्ष18 लाख1.77 करोड़
35 वर्ष21 लाख3.25 करोड़

इस उदाहरण में आपने देखा की जैसे-जैसे निवेशित रहने का समय बढ़ता जा रहा हैं रिटर्न्स भी उतनी तेजी से बढ़ रहे हैं। इन अच्छे रिटर्न्स को प्राप्त करने के लिए आपको चाहिए कि आप SIP की जल्दी शुरुआत करें। चाहे यह राशि कम ही क्यों ना हो।

मान लीजिये आपकी उम्र 20 वर्ष हैं और आप मात्र ₹500 से SIP की शुरुआत करते हैं। अगर आप अपनी को SIP हर वर्ष ₹500 से बढ़ा देते हैं। तो यकीन मानिए दोस्तों इसमें आपका कुल निवेश होगा ₹49 लाख और आपकी 60 वर्ष की उम्र में आपको 5 करोड से भी ज्यादा की मैच्योरिटी राशि प्राप्त होगी।

6. Rupee cost averaging का फायदा

SIP benefits में रूपी कॉस्ट एवरेजिंग भी काफी महत्वपूर्ण हैं। SIP में आपको अपने निवेश के अनुसार वर्तमान NAV के आधार पर यूनिट्स आवंटित की जाती हैं।

जब स्टॉक मार्केट ऊपर होता हैं तो आपको कम यूनिट प्राप्त होती हैं। उसी प्रकार अगर मार्केट डाउन हो तो आपको ज्यादा यूनिट प्राप्त होती हैं। इस प्रकार आपकी निवेश की लागत एवरेज होती रहती हैं।

म्यूच्यूअल फण्ड में लम सम की भांति SIP में आपको चिंतित होने की आवश्यकता नहीं हैं की कहीं आपने अपना निवेश हाई मार्केट में तो नहीं कर दिया।

साथ ही SIP में आपको कभी भी मार्केट को टाइम करने की जरुरत नहीं पड़ती।

SIP ke fayde hindi me

7. डाइवर्सिफाइड इन्वेस्टमेंट

आप SIP के माध्यम से Mutual Fund में निवेश करते हो। उस म्यूच्यूअल फण्ड का पोर्टफोलियो अलग-अलग प्रकार की प्रकार की सिक्योरिटीज से मिलकर बना होता हैं जैसे की स्टॉक्स, गवर्नमेंट बांड्स, कॉर्पोरेट बांड्स आदि।

इस सब का फायदा SIP में आपको एक साथ मिलता हैं जो की आपके पोर्टफोलियो को विविधता देने का कार्य करता हैं।

8. Flexibility

SIP में आपको बहुत ही शानदार फ्लैक्सेबिलिटी की सुविधा मिलती हैं। यदि आप फिक्स्ड लॉक-इन-पीरियड वाले विकल्पों जैसे की PPF, ULIP आदि में निवेश नहीं करना चाहते तो आपके लिए SIP बेस्ट विकल्प हो सकता हैं।

SIP में आप अपनी इच्छा अनुसार अपना निवेश जब चाहे रीडम करवा सकते हैं। दूसरे शब्दों में बात करें तो SIP में कोई भी लॉक-इन-पीरियड या fixed tenor नहीं होता हैं। (ELSS के अलावा)

आप SIP निवेश को फुल या पार्शियल कभी भी रीडम करवा सकते हैं। अगर SIP रिडेम्पशन निवेश के 1 साल के भीतर किया गया हैं तो आमतौर पर 1% एग्जिट लोड देना होता हैं।

वही बाद में रिडेम्पशन पर कोई भी शुल्क नहीं होता। SIP निवेश में SIP अमाउंट से संबंधित फ्लैक्सिबिलिटी भी रहती हैं। आप जब चाहे अपनी SIP की राशि को घटा-बढ़ा सकते हैं।

9. Liquidity

SIP के द्वारा किया गया निवेश आपको अच्छी लिक्विडिटी देता हैं। जब भी आपको पैसों की आवश्यकता हो या कोई इमरजेंसी हो तो रिडेम्पशन रिक्वेस्ट से 2 से 3 दिन के भीतर पैसा आपके बैंक अकाउंट में आ जाता हैं।

लिक्विडटी का बेनिफिट इस निवेश को ओर आकर्षक बनाता हैं।

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10. स्वचालित निवेश

SIP में निवेश करने का निवेशकों को सबसे बड़ा फायदा यह हैं की इसके लिए आपको अतिरिक्त समय निकालना नहीं होता। न ही बार-बार स्वयं को अपनी क़िस्त का भुगतान करने के लिए बैंक जाना होता हैं।

आपको एक बार अपनी SIP scheme की ECS या बैंक मैंडेट करवानी होती हैं। इसके बाद SIP इंस्टॉलमेंट ड्यू डेट पर स्वतः ही आपके बैंक अकाउंट से ऑटो डेबिट हो जाती हैं।

11. बहुत ही कम लागत

SIP में निवेश करने की बहुत ही कम लागत होती हैं। यह लागत Expense Ratio के रूप में आपके रिटर्न्स से सीधे काट ली जाती हैं। ये एक्सपेंस रेश्यो 1 से 2% के आसपास हो सकता हैं।

म्यूच्यूअल फण्ड के डायरेक्ट प्लान में ये एक्सपेंस रेश्यो ओर भी कम हो जाता हैं। इसके अतिरिक्त SIP में कोई शुल्क नहीं होता।

12. सुरक्षित निवेश

कई निवेशकों को चिंता रहती हैं की वो जिस एप्प या प्लेटफॉर्म से SIP कर रहे हैं वो कुछ वर्षो बाद बंद हो गया या भाग गया तो हमारे जमा राशि का क्या होगा?

इसमें आपको बिलकुल भी घबराने की आवश्यकता नहीं हैं क्योंकि ये प्लेटफॉर्म्स SEBI द्वारा पंजीकृत और रेगुलेटेड होते हैं। ये एप्प्स कभी भी आपका पैसा अपने पास नहीं रखती हैं।

आपकी राशि प्राप्त होते ही ये सम्बंधित फण्ड हाउस को भेज दी जाती हैं। इस प्रकार सुरक्षा के मामले में म्यूच्यूअल फण्ड सुरक्षित माने जाते हैं।

Still need more

कुछ अन्य Benefits of SIP इस प्रकार हैं –

  • अगर आपको SIP के द्वारा एक नियमित आय चाहिए तो आप SIP में डिविडेंड प्लान चुन सकते हैं। डिविडेंड प्लान में आपको समय-समय पर डिविडेंड प्राप्त होता रहता हैं।
  • आप Mutual Fund ELSS स्कीम में SIP करके अपना टैक्स बचा सकते हैं। इसमें आपको इनकम टैक्स की धारा 80(c) के तहत 1.50 लाख रुपए तक के निवेश पर छूट प्राप्त हो जाती हैं।
  • आज के समय में सभी बैंकों द्वारा एफडी पर अपनी ब्याज दर को काफी घटा दिया गया हैं। अधिकतम एफडी मुद्रास्फीति से भी कम रिटर्न दे रही हैं। इसमें SIP का महत्व ओर बढ़ जाता हैं।
  • आप जब चाहे अपनी SIP को बंद कर सकते हैं। इसमें आपको कोई भी पेनल्टी नहीं देनी होती हैं।
  • अगर आपके पास पैसों की कमी हैं तो आप अपनी SIP इन्सटॉलमेंट को एक-दो महीनों के लिए पॉज (pause) भी कर सकते हैं।
  • SIP में निवेश करने की कोई सीमा नहीं हैं। आप अपने सामर्थ्य के अनुसार जितनी राशि चाहे निवेश कर सकते हैं।

क्या आपको SIP करनी चाहिए?

मुझे लगता हैं की इसका जवाब मैंने पहले ही दे दिया हैं। अगर आप इन सभी SIP Benefits से संतुष्ट हैं तो निःसंकोच आप SIP निवेश शुरू कर सकते हैं।

अगर आप सीधे स्टॉक्स में निवेश नहीं करना चाहते तो SIP से बेस्ट आपके लिए कुछ भी नहीं हो सकता। पंरतु एक बात आपको ध्यान रखनी होगी की आपको SIP स्कीम को पर्याप्त समय देना होगा जिससे वो आपकी अपेक्षाओं पर खरा उतर सकें।

निष्कर्ष

आज आपने SIP के फ़ायदे क्या हैं (SIP Benefits in Hindi) की जानकारी प्राप्त की। आशा करते हैं की ये जानकारी आपको अच्छी लगी होगी।

आप इस आर्टिकल को अपने दोस्तों और जरूरतमंदों को शेयर भी कर सकते हैं।

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नमस्कार दोस्तों ! मैं राज कुमार बैरवा पूंजी गाइड ब्लॉग का फाउंडर हूँ। मैं पूंजी गाइड ब्लॉग पर शेयर मार्केट, म्यूचुअल फंड, पर्सनल फाइनेंस से सम्बंधित जानकारियां शेयर करता हूँ।

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