म्यूचुअल फण्ड पोर्टफोलियो कैसे बनाएं?

एक नए म्यूचुअल फंड निवेशक के मन में अपने म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट को लेकर कई सवाल हो सकते हैं। इनमें से ही एक महत्वपूर्ण सवाल होता हैं की अपना म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो कैसे बनाएं।

किसी भी निवेशक के लिए उसका बेस्ट म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो अनेक चीजों पर निर्भर करता हैं जैसे कि निवेशक की उम्र, रिस्क लेने की क्षमता, गोल्स, निवेश की अवधि आदि। अगर आप इन सब पॉइंट्स को लेकर क्लियर हो तो आप आसानी से अपने लिए बेस्ट म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो बना सकते हैं।

एक अच्छा पोर्टफोलियो वही माना जाता हैं जो एक अच्छा बैलेंस्ड पोर्टफोलियो हो जो आपको अधिकतम रिटर्न दे सकें। आज आपको मैं इन्वेस्टर की age wise बताऊंगा की आप अपने लिए बेस्ट म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो कैसे बना सकते हैं या पोर्टफोलियो कैसे बनाते है?

लेकिन इससे पहले मैं आपको अच्छा पोर्टफोलियो बनाने के लिए कुछ गोल्डन रूल्स बताऊंगा जिनका आप अपने म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो बनाते वक्त समय जरूर ध्यान रखना चाहिए।

पोर्टफोलियो बनाते समय किन बातों का ध्यान रखें?

आप ये तो जानते ही होंगे की पोर्टफोलियो क्या है। पोर्टफोलियो अलग-अलग प्रकार की सिक्योरिटीज से मिलकर बनता हैं। जिसमें म्यूचुअल फंड, स्टॉक, बांड्स शामिल हो सकते हैं।

best portfolio kaise banaye

  • आपको इक्विटी म्यूचुअल फंड में हमेशा लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहिए। निवेश की अवधि न्यूनतम 5 वर्ष तो होनी ही चाहिए।
  • एक ही म्यूचुअल फंड केटेगरी के एक से अधिक फण्ड अपने पोर्टफोलियो में ना रखें। ऐसा करने से फंड ओवरलैपिंग की समस्या हो सकती हैं। फण्ड ओवरलैप यानि की अलग-अलग म्यूचुअल फण्ड स्कीम्स में समान स्टॉक्स की उपलब्धता। फण्ड ओवरलैपिंग को आप इस लिंक पर जाकर चेक भी कर सकते हैं – Fund Overlapping
  • कभी भी म्यूचुअल फण्ड ख़रीदते समय आप सिर्फ Absolute रिटर्न नहीं देखें। इसकी जगह आपको Annualized रिटर्न देखने चाहिए। साथ ही आप फण्ड के रोलिंग रिटर्न्स भी देख सकते हैं जिसमें आप पांच 5-5 वर्ष के अंतराल में फंड के रिटर्न चेक कर सकते हैं।
  • आपको अपने म्यूचुअल फण्ड पोर्टफोलियो में अधिकतम 3 से 5 फण्ड ही रखने चाहिए। साथ में यह फंड अलग-अलग कैटेगरी के होने चाहिए। समान केटेगरी की एक से अधिक स्कीम होने से पोर्टफोलियो में फण्ड ओवरलैप हो सकता हैं।
  • अपने म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो को आपको एक वर्ष में एक बार तो रिव्यू करना ही चाहिए। इससे आप अपने स्कीम्स के प्रदर्शन को लेकर सुनिश्चित हो सकते हैं। इसमें आपको देखना चाहिए कि आपकी स्कीम कैसा प्रदर्शन कर रही हैं, फंड मैनेजर में कोई बदलाव तो नहीं हुआ हैं आदि।

म्यूचुअल फण्ड पोर्टफोलियो कैसे बनाएं?

बेस्ट म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो का निर्माण करने के लिए मैं आपको अलग-अलग उम्र के अनुसार पोर्टफोलियो बताऊंगा जिसमें आपको कुछ बातें ध्यान रखनी होगी।

  • यह सभी म्यूचुअल फंड एसआईपी मोड में होंगे।
  • आप इन स्कीम्स में न्यूनतम 5 वर्ष निवेशित रहेंगे।

20 से 30 वर्ष

अगर आप अपनी उम्र के 20’s में हो तो यह इन्वेस्टमेंट की शुरुआत करने के लिए सबसे बेस्ट उम्र मानी जाती हैं। अगर आप इस उम्र में लंबी अवधि के लिए निवेश करते हैं तो आप रिस्क भी उठा सकते हैं। यहां आप अपने लिए एक आक्रामक पोर्टफोलियो (Aggressive portfolio) बना सकते हैं।

यदि आप जल्दी निवेश की शुरुवात करते हैं तो आप लंबी अवधि में बहुत ही अच्छी वेल्थ बना सकते हैं क्योंकि आपके निवेश को कम्पाउंडिंग के लिए अधिक समय मिलता हैं।

अगर आप अभी के समय कम पैसा बचा पा रहे हैं और ₹500 या ₹1,000 रुपए प्रति महीना ही निवेश कर सकते हैं तो आप इन पैसों को सिर्फ एक फ्लेक्सी कैप फंड में इन्वेस्ट कर सकते हैं।

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लेकिन आप थोड़ा अधिक पैसा निवेश कर सकते हैं उदाहरण के लिए ₹5,000 तो आप यह रणनीति फॉलो कर सकते हैं –

₹1,000स्मॉल कैप फण्ड
₹2,000फ्लेक्सी कैप / मल्टी कैप फण्ड
₹1,000मिड कैप फण्ड
₹1,000ELSS फण्ड / ब्लू चिप फण्ड

आप अपनी आवश्यकतानुसार मल्टी कैप या फ्लेक्सी कैप फण्ड दोनों में किसी एक फण्ड का चुनाव कर सकते हैं। यदि आप टैक्स बचाने के लिए निवेश करना चाहते हैं तो आप ELSS केटेगरी में निवेश कर सकते हैं अन्यथा आप ब्लूचिप फंड या लार्ज  कैप फंड में भी इन्वेस्ट कर सकते हैं।

ऐसा नहीं है कि यह कोई बेस्ट पोर्टफोलियो ही हैं। ये बस आपके लिए बेस्ट पोर्टफोलियो का एक खाका हैं जिसमें आप अपनी आवश्यकतानुसार बदलाव कर सकते हैं।

आप बेस्ट म्यूचुअल फंड के लिए हमारी यह पोस्ट पढ़ सकते हैं।

30 से 40 वर्ष

अगर आप अपने 30’s में हो तो आप इस उम्र में अच्छा-खासा कमाने लग जाते हो। हालांकि आपके ऊपर कई जिम्मेदारियां भी बढ़ जाती हैं। लेकिन निवेश करना भी आपके लिए आवश्यक होता हैं जिससे आप अपने भविष्य में लोन के बोझ तले नहीं दबे।

इस उम्र में आपको एक बैलेंस पोर्टफोलियो बनाना होता हैं जिसमें रिस्क और रिवॉर्ड का अच्छा तालमेल हो। मान लेते हैं कि आप ₹10,000 प्रति माह निवेश कर सकते हैं –

₹2,000स्मॉल कैप फण्ड
₹5,000फ्लेक्सी कैप / मल्टी कैप फण्ड
₹1,000ब्लू चिप फण्ड
₹2,000ELSS फण्ड

अगर आपको टैक्स सेविंग विकल्प की जरूरत नहीं हैं तो आप ₹2,000 प्रति माह मिड कैप फंड में निवेश कर सकते हैं। यदि आप थोड़ी कम रिस्क उठाना चाहते हैं तो थोड़ा फ्लेक्सी कैप या मल्टीकैप में कम करके ब्लूचिप फंड में निवेश कर सकते हैं।

40 से 50 वर्ष

यह उम्र का पड़ाव निवेश के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जाता हैं। इस उम्र में आपको इक्विटी के साथ-साथ में अन्य सेफ इन्वेस्टमेंट विकल्पों में भी निवेश करना चाहिए। लेकिन यहां हम म्यूचुअल फंड की बात कर रहे हैं।

यहां हम मान लेते हैं कि आप ₹10,000 प्रति माह म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं।

₹2,000ब्लू चिप फण्ड
₹4,000फ्लेक्सी कैप / मल्टी कैप फण्ड
₹2,000मिड कैप फण्ड
₹2,000ELSS फण्ड

अगर आपको टैक्स सेविंग विकल्प की आवश्यकता नहीं है तो आप ELSS फण्ड को किसी अच्छे हाइब्रिड फंड से बदल सकते हैं। हाइब्रिड फण्ड में इक्विटी और डेब्ट का मिश्रण होता हैं। ये आपके पोर्टफोलियो को बैलेंस्ड पोर्टफोलियो बनाने में मदद करता हैं।

50 से 60 वर्ष

अगर आप इस कैटेगरी में आते हैं तो अपने रिटायरमेंट के करीब होते हैं। इसलिए यहां आप अपने पैसों के साथ ज्यादा रिस्क नहीं उठा सकते। इसलिए आपको ऐसे फंड्स में निवेश करना चाहिए जिनमें रिस्क की मात्रा कम हो।

इस उम्र में यदि आप ₹10,000 प्रति माह निवेश कर रहे हैं तो आप अपना एसेट लोकेशन इस प्रकार कर सकते हैं –

₹5,000ब्लू चिप फण्ड
₹2,000फ्लेक्सी कैप / मल्टी कैप फण्ड
₹3,000हाइब्रिड फण्ड

यदि आपको टैक्स बचाने के लिए निवेश करना हैं तो आप हाइब्रिड फंड की जगह ELSS फण्ड भी खरीद सकते हैं।

ब्लूचिप फण्ड भी इक्विटी निवेश की ठीक-ठाक रिस्क कैरी करता हैं। अगर आप थोड़ी कम रिस्क उठाना चाहते हैं तो ब्लूचिप फंड के कुछ हिस्से को डेट म्यूचुअल फंड से रिप्लेस कर सकते हैं।

इस केटेगरी वाले निवेशकों को स्मॉल कैप फंड्स जैसे रिस्की विकल्पों में निवेश करने से बचना चाहिए।

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60+ की उम्र

ये उम्र निवेश में पैसे लगाने की कम और कैपिटल बचाने की अधिक होती हैं। अगर आप इस उम्र में भी किसी विशेष वजह से निवेश कर रहे हैं तो आपको लगभग रिस्क फ्री इन्वेस्टमेंट विकल्पों का ही चुनाव करना चाहिए।

यदि आप पहले से ही निवेश की शुरुआत की होगी तो इस उम्र के पड़ाव में आपके पास अच्छी-खासी वेल्थ का निर्माण हो गया होगा। परंतु इस आयु में आपको कुछ भी निवेश करना हैं तो आपको अपना पैसा डेट फंड, हाइब्रिड फंड या बैलेंस फंड में ही लगाना चाहिए।

अगर आप ₹10,000 प्रति माह निवेश करना चाहते हैं तो आप अपना एसेट एलोकेशन इस प्रकार कर सकते हैं –

₹7,000डेब्ट फंड्स
₹3,000हाइब्रिड फंड्स

इस प्रकार के फंड्स में रिस्क की मात्रा बहुत ही कम होती हैं। इसलिए इस उम्र में इक्विटी की बजाय डेब्ट फण्ड अच्छा विकल्प हो सकता हैं।

निष्कर्ष

म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो का निर्माण उम्र के मुताबिक हर व्यक्ति के लिए अलग-अलग हो सकता हैं। साथ में पोर्टफोलियो निर्माण में आप कितनी रिस्क उठा सकते हैं, महत्वपूर्ण रोल अदा करता हैं।

वैसे म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो बनाने के लिए कोई स्टैंडर्ड मापदंड नहीं हैं लेकिन आपको अपने रिस्क लेने की क्षमता के अनुसार और अपनी आयु के आधार पर एक अच्छे म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो का निर्माण करना चाहिए।

साथ में अपने पोर्टफोलियो को ओवर डायवर्सिफाई करने का प्रयास कभी भी ना करें जिसमें कई निवेशक 10-15 स्कीम्स में इन्वेस्टमेंट कर देते हैं। ऐसा करने से उनको लंबी अवधि में वे रिटर्न्स नहीं मिल पाते जितना वे आशा करते हैं।

अपने म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो को आपको नियमित रूप से रिव्यू भी करते रहना चाहिए। अगर उस में कुछ बदलाव की आवश्यकता हैं तो वह भी निश्चित तौर पर करें।

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डिस्क्लेमर – यह आर्टिकल मात्र एजुकेशन के उद्देश्य से ही लिखा गया हैं। इस आर्टिकल में कोई भी निवेश की राय नहीं दी गई हैं। कोई भी निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह जरूर लें।

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नमस्कार दोस्तों ! मैं राज कुमार बैरवा पूंजी गाइड ब्लॉग का फाउंडर हूँ। मैं पूंजी गाइड ब्लॉग पर शेयर मार्केट, म्यूचुअल फंड, पर्सनल फाइनेंस से सम्बंधित जानकारियां शेयर करता हूँ।

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