किसी भी शेयर का फंडामेंटल एनालिसिस करने के लिए हमें अनेक पॉइंट देखने होते हैं जैसे कि P/E रेश्यो, कंपनी की अर्निंग्स, EPS, कंपनी की बैलेंस शीट और कई अन्य रेश्यो।
स्टॉक फंडामेंटल एनालिसिस में PEG Ratio बहुत इंपॉर्टेंट रेश्यो होता है। किसी भी कंपनी के शेयर में निवेश करने से पहले हमें कई चीजें देखनी होती है। उन सभी चीजों को एक साथ मिलाकर हम अपना निर्णय लेते हैं कि क्या हमें उस शेयर में निवेश करना चाहिए या नहीं।
तो दोस्तों, आज स्टॉक फंडामेंटल एनालिसिस की इस श्रेणी में हम PEG रेश्यो के बारे में बात करेंगे। इसमें शामिल होगा की PEG Ratio क्या होता है, PEG Ratio कैसे काम करता है और PEG Ratio का इस्तेमाल कैसे करें। तो, इस आर्टिकल के साथ बने रहे हैं जिससे कि आज आपको कुछ नया सीखने को मिलेगा।
PEG Ratio क्या होता है | PEG Ratio Meaning in Hindi
PEG Ratio यानि की Price/Earning to Growth Ratio. ये एक वैल्यूएशन रेश्यो हैं जो की हमें बताता हैं की कंपनी overvalued है या undervalued.
ये रेश्यो बताता है की कोई कंपनी अपने अर्निंग ग्रोथ के मुकाबले सस्ती है या महंगी। इस प्रकार PEG Ratio कंपनी के P/E रेश्यो और प्रोजेक्टेड अर्निंग ग्रोथ में एक निश्चित समय के लिए सम्बन्ध बताता है।
यदि बिलकुल आसान भाषा में समझे तो PEG Ratio कंपनी के अर्निंग ग्रोथ के साथ शेयर की वास्तविक वैल्यू दर्शाता है।
PEG Ratio और P/E Ratio
इस रेश्यो को ओर बढ़िया तरीके से समझने के लिए आपको P/E रेश्यो भी समझना होगा।
आमतौर पर Low P/E Ratio वाली कंपनिया undervalued मानी जाती हैं। जबकि High P/E Ratio वाली कंपनिया overvalued मानी जाती हैं। लेकिन केवल P/E Ratio के आधार पर कंपनियों को जज करना हर बार सही नहीं होता।
क्योंकि अच्छी और हाई ग्रोथ वाली कंपनियों का P/E Ratio अधिकतम समय बहुत ज्यादा होता हैं। इसलिए यदि आप हमेशा केवल हाई P/E Ratio देखकर किसी कंपनी में इन्वेस्ट नहीं करते है तो आप कभी भी ग्रोथ कंपनी नहीं खरीद पाएंगे।
P/E Ratio की इसी कमी को दूर करने के लिए PEG Ratio का कांसेप्ट लाया गया था।
1989 में पीटर लिंच ने अपनी बुक One Upon on Wall Street के माध्यम से PEG रेश्यो का सही उपयोग करना सिखाया था। जिसकी हम आगे बात करेंगे। उससे पहले हम जान लेते है की PEG रेश्यो कैसे निकालते है।
PEG Ratio Formula | PEG Ratio Calculation
PEG रेश्यो निकालने के लिए कंपनी के P/E Ratio में अर्निंग ग्रोथ का भाग लगाया जाता हैं।
यहाँ पर P/E Ratio को करंट शेयर प्राइस में EPS का भाग लगाकर निकाल सकते है। जबकि Earnings Annual Growth Rate पिछले साल का ले सकते है, या फिर आने वाले वर्ष की अनुमानित रेट ले सकते है।
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PEG Ratio का उपयोग कैसे करें
PEG Ratio को हम इस प्रकार इंटरप्रेट कर सकते है –
- यदि PEG Ratio एक से कम हैं तो कंपनी को undervalued माना जाता है।
- PEG Ratio एक के बराबर है तो कंपनी को फेयरली वैल्यूड माना जा सकता है।
- यदि PEG Ratio एक से अधिक है तो कंपनी को overvalued माना जाता है।
इस रेश्यो के उपयोग को हम एक उदाहरण की सहायता से समझते हैं:
मान लेते हैं की एक ही सेक्टर की दो कंपनिया हैं ABC Ltd और XYZ Ltd.
वर्तमान में इन दोनों कंपनियों का PE रेश्यो 15 है। जबकि ABC Ltd की earning growth 10% है और XYZ Ltd की 20%.
यदि आप केवल PE रेश्यो के आधार पर इन दोनों कंपनियों का वैल्यूएशन करेंगे तो आपको इन दोनों कंपनियों का सैम वैल्यूएशन लगेगा। लेकिन जब आप इन कंपनियों को PEG Ratio के आधार पर वैल्यू करेंगे तो पिक्चर कुछ इस प्रकार होगी।
ABC Ltd | XYZ Ltd | |
PE Ratio | 15 | 15 |
Earning Growth | 10% | 20% |
PEG Ratio | 15 ÷ 10 = 1.5 | 15 ÷ 20 = 0.75 |
तो यहां इन कंपनियों को PEG रेश्यो के आधार पर वैल्यू किया जाये तो ABC Ltd का PEG Ratio 1.5 हैं जबकि XYZ Ltd का PEG Ratio मात्र 0.75 है। इसका मतलब है की ABC Ltd अभी के समय XYZ से काफी महंगी हैं।
इस प्रकार ABC Ltd ओवरवैल्यूड हैं जबकि XYZ Ltd अंडरवैल्यूड।
जबकि PE रेश्यो के आधार पर इन दोनों कंपनियों का वैल्यूएशन एक जैसा ही लग रहा था।
यदि कम PEG रेश्यो वाली कंपनी में निवेश किया जाए तो लॉन्ग टर्म में वो अच्छे रिटर्न बनाकर दे सकती हैं।
PE Ratio vs PEG Ratio
सटीकता के आधार पर PEG रेश्यो को PE रेश्यो से बेहतर माना जाता है। क्योंकि PEG Ratio कंपनियों की ग्रोथ रेट का भी ध्यान रखता है जबकि PE Ratio में ऐसा कुछ नहीं होता।
PE रेश्यो में देखा जाता हैं की शेयर सस्ता है या महंगा। इसलिए अधिकांश निवेशक मात्र PE रेश्यो देखकर कंपनियों में इन्वेस्ट कर देते हैं। जिससे वे कई घटिया कंपनियों में भी इन्वेस्ट कर देते हैं।
जबकि वे PE रेश्यो के साथ PEG रेश्यो को भी देखे तो वे एक बढ़िया शेयर चुन सकते है।
क्या PEG Ratio नेगेटिव हो सकता है?
अब आपके दिमाग में ये सवाल भी आ सकता हैं की क्या PEG Ratio नेगेटिव भी हो सकता हैं।
यदि कंपनी की Earning Growth नेगेटिव है या अनुमानित अर्निंग ग्रोथ नेगेटिव हैं तो कंपनी का PEG रेश्यो ऋणात्मक भी हो सकता हैं।
PEG Ratio कैसे चेक करें?
PEG Ratio को आपको स्वयं कैलकुलेट करने की जरुरत नहीं हैं। आप स्टॉक रिसर्च वेबसाइट जैसे की स्क्रीनर, फिनोलॉजी, ट्रेंडलाइन से आसानी से इस वैल्यूएशन रेश्यो को चेक कर सकते हैं।
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निष्कर्ष
किसी भी स्टॉक का फंडामेंटल एनालिसिस करते समय सिर्फ एक पैरामीटर को देखकर उस में निवेश नहीं किया जा सकता। उसमें आपको कई पैरामीटर का एक साथ प्रयोग करना होता है और निष्कर्ष पर पहुंचना होता है कि आपको उस स्टॉक में निवेश करना है या नहीं।
दोस्तों PEG Ratio काफी अच्छा रेश्यो है जिससे हम ओवरवैल्यूड कंपनियों में निवेश करने से बच सकते हैं। हम उनको फेयर प्राइस पर खरीदकर अच्छे रिटर्न बना सकते हैं। केवल स्टॉक का PEG Ratio देखकर कभी भी आपको शेयर नहीं खरीदना चाहिए। ये काफी ज्यादा रिस्की हो सकता है।
आज आपने इस आर्टिकल में समझा की PEG Ratio क्या होता है (PEG Ratio meaning in Hindi) और PEG Ratio का प्रयोग कैसे करें। यदि ये आर्टिकल आपको अच्छा लगा हो तो इसे सोशल मीडिया नेटवर्क पर जरूर शेयर करें और यदि आपके कोई सवाल या सुझाव है तो आप मुझे कमेंट बॉक्स के माध्यम से बता सकते हैं।
FAQ
किसी शेयर का एक अच्छा PEG Ratio क्या होता है?
एक से कम का PEG ratio बढ़िया माना जा सकता हैं।
PEG Ratio कैसे निकाला जाता हैं?
कंपनी के PE Ratio में ग्रोथ रेट का भाग लगाकर इस रेश्यो को कैलकुलेट किया जाता हैं।
PEG Ratio कैसे देखें?
इस रेश्यो को आप स्टॉक रिसर्च की websites जैसे की ट्रेंडलाइन, स्क्रीनर से देख सकते हैं।