इक्विटी क्या है? इक्विटी बिलकुल आसान भाषा में

दोस्तों, शेयर मार्केट में इक्विटी (Equity) टर्म सबसे ज्यादा प्रयोग में आती है। अगर आप शेयर मार्केट में निवेश करना चाहते हैं तो आपको Equity का सही अर्थ पता होना चाहिए जिससे आपकी नॉलेज का मजबूत आधार तैयार हो।

तो आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से बहुत ही आसान भाषा में समझेंगे की इक्विटी क्या होता है, Equity Meaning in Hindi और इक्विटी की सम्पूर्ण जानकरी।

इक्विटी क्या होता है (Equity Meaning in Hindi)

अगर आसान भाषा में समझे तो इक्विटी कंपनी के मालिक या निवेशक की हिस्सेदारी होती है। जो पैसा निवेशक या मालिक कंपनी में लगाता हैं वो ही इक्विटी कहलाती हैं। जब आप भी किसी कंपनी में कुछ शेयर ख़रीदते हैं तो उन ख़रीदे हुए शेयर्स के अनुपात में आप कंपनी में मालिकाना हक़ प्राप्त कर लेते हैं। क्योंकि आपने शेयर के रूप में इक्विटी ख़रीदी हैं। 

चलिए इक्विटी का अर्थ हम एक आसान उदाहरण से समझते हैं:

जैसे कि आपने एसबीआई बैंक के 10 शेयर खरीद रखे हैं और एसबीआई के मार्केट में कुल 1,000 शेयर्स मौजूद हैं।

तो इसका मतलब हुआ कि आपकी एसबीआई बैंक में 1% की हिस्सेदारी हैं या आपके पास SBI Bank की 1% इक्विटी हैं। इसका सीधा सा अर्थ हुआ की आप एसबीआई बैंक में एक पर्सेंट के मालिक हैं।

Equity in Hindi with Example

Equity Meaning in Hindi

इक्विटी का मतलब यानी कि किसी कंपनी में स्वामित्व या हिस्सेदारी। किसी व्यापार को शुरू करने के लिए जो पैसा मालिक के द्वारा लगाया जाता है वो ही Equity होता है।

जैसे कि 5 दोस्तों ने मिलकर एक ₹10 करोड़ की कंपनी बनाई। जिसमें इन पांचों दोस्तों ने 2-2 करोड़ रूपये लगाए। इस तरह प्रत्येक दोस्त कंपनी में 20% की इक्विटी का मालिक हुआ।

ऐसा ही कांसेप्ट आप किसी कंपनी की इक्विटी देखते समय भी लगा सकते हैं। 

WhatsApp Group (Join Now) Join Now
Telegram Group (Join Now) Join Now

ये भी पढ़े:

Equity Meaning in Business in Hindi

दोस्तों, एक बिज़नेस और कंपनी दोनों एक ही माने जा सकते हैं। इसलिए इन दोनों की Equity Meaning में कोई अन्तर नहीं होता हैं। 

एक बिज़नेस और कंपनी दोनों में जो इनके मालिक के द्वारा पूंजी लगाई जाती हैं वो ही इक्विटी कहलाती हैं। कुछ कंपनियां शेयर मार्केट में लिस्ट होकर अपनी इक्विटी में इजाफ़ा भी करती हैं। 

Equity and Debt में संबंध

कई बार ऐसा होता है कि कोई कंपनी को शुरू करने के लिए या चलाने के लिए प्रमोटर्स को डेब्ट (कर्ज) की आवश्यकता होती है। 

ऐसी स्थिति में इक्विटी को आपको कुछ अलग तरीक़े से समझना पड़ता हैं। जिसे आप निम्न उदाहरण की मदद से समझ सकते हैं:

उदाहरण: जैसे कि मिस्टर रॉकी ने कुल ₹10 करोड़ की कंपनी बनाई। जिसमें रॉकी ने स्वयं के ₹7 करोड रुपए डाले और बाकी तीन करोड रुपए कर्ज के रूप में लिए।

इस प्रकार इस कंपनी में इक्विटी 70% की हुई और 30% का डेब्ट हुआ। जो पैसा प्रमोटर्स के द्वारा लगाया गया है उसे इक्विटी कैपिटल कहा जाता है जबकि उधार या कर्ज का पैसा दायित्व (liability) कहलाता है।

Equity Meaning in Hindi

इस तरह अगर किसी कंपनी की कुल Equity और Liabilities को जोड़ दिया जाए तो कुल Asset प्राप्त होती हैं।

ऊपर वाले उदाहरण में ₹7 करोड़ की इक्विटी और ₹3 करोड रुपए का कर्ज (liability) मिलकर ₹10 करोड़ की कुल एसेट बना रहे हैं।

शेयर होल्डर्स इक्विटी (Equity Shares meaning in Hindi)

चलिए दोस्तों, अब हम शेयर्स के आधार पर Equity को समझते हैं।

मान लेते हैं कि दो दोस्त हैं जिन्होंने ₹5-5 लाख लगाकर एक ₹10 लाख की कंपनी बनाई। यहाँ दोनों दोस्त कंपनी में 50%-50% इक्विटी के मालिक हैं।

कुछ समय बाद कंपनी को भविष्य की ग्रोथ के लिए ₹5 लाख की आवश्यकता पड़ी। इन पैसों की आवश्यकता को पूरा करने के लिए 50% इक्विटी को कंपनी ने आईपीओ (IPO) के माध्यम से बेचने का फैसला किया।

IPO के माध्यम से कंपनी ने कुल 50,000 शेयर जारी किए। कहने का मतलब है कि अब इन दोनों दोस्तों की हिस्सेदारी 50% की रह गई है।

कंपनी ने 50% की हिस्सेदारी के लिए 50,000 शेयर जारी किए। यदि आप इस कंपनी के 5,000 शेयर खरीद लेते हैं तो आप इस कंपनी में 1% इक्विटी के मालिक हो गए हैं।

किसी भी कंपनी का प्रत्येक शेयर इक्विटी शेयर कहलाता हैं। इस प्रकार इक्विटी और शेयर में कोई अंतर नहीं होता।

किसी कंपनी में इक्विटी किनके पास हो सकती है?

अगर कोई कंपनी स्टॉक मार्केट में लिस्टेड है सामान्यतः उसकी इक्विटी दो प्रकार के व्यक्तियों के पास हो सकती है।

  1. प्रमोटर्स – कंपनी के प्रमोटर जिन्होंने कंपनी को खड़ा किया है।
  2. शेयरहोल्डर्स – शेयरहोल्डर्स में पब्लिक, FII, DII, म्यूच्यूअल फंड हाउस शामिल होते हैं।

Owners Equity Meaning in Hindi

कंपनी के Owners ही कंपनी के प्रमोटर्स होते हैं। इसलिए Owners Equity को प्रमोटर्स इक्विटी भी कहा जाता हैं। 

जब कोई कंपनी स्थापित होती हैं तो उसमें उसके मालिक कुछ पूंजी लगाते हैं उस पैसे को Equity Capital कहा जाता हैं। और यही उस कंपनी की owenrs equity भी होती हैं। 

इसे एक आसान उदाहरण से समझते हैं:

चार दोस्तों ने मिलकर एक ₹10 करोड़ की कंपनी बनाई। इसमें सनी, रॉकी, अक्की और तनिष्क ने इस प्रकार पैसा लगाया –

  • सनी – ₹4 करोड़
  • रॉकी – ₹2 करोड़
  • अक्की – ₹3 करोड़
  • तनिष्क – ₹1 करोड़

अब इन चारों पार्टनर्स में Owners Equity इस प्रकार बटेगी:

Owner लगाई गई कैपिटलOwners Equity (in %)
सनी₹4 करोड़40%
रॉकी₹2 करोड़20%
अक्की₹3 करोड़30%
तनिष्क₹1 करोड़10%
 Total Owners Equity100%

Promoters Equity क्या होती हैं?

दोस्तों, प्रमोटर्स वो व्यक्ति होते हैं जिन्होंने कंपनी को शुरू किया हैं। प्रमोटर्स ही कंपनी में प्रारंभिक कैपिटल डालते हैं। जो पैसा प्रमोटर्स के द्वारा कंपनी में डाला जाता हैं उसे ही प्रमोटर्स इक्विटी कहा जाता हैं।

इक्विटी मार्केट क्या होता हैं?

आपने कई बार इक्विटी मार्केट का नाम भी सुना होगा। इक्विटी मार्केट ओर कुछ नहीं बल्कि स्टॉक मार्केट या शेयर मार्केट का ही दूसरा नाम हैं।

इक्विटी मार्केट के माध्यम से किसी भी लिस्टेड कंपनी के शेयर ख़रीदे और बेचे जा सकते हैं।

इक्विटी फण्ड और डेब्ट फण्ड में अंतर

हम निवेश के आधार पर इन दोनों टर्म्स को समझते हैं।

अगर आप किसी कंपनी की इक्विटी में निवेश करते हैं तो इसका मतलब हैं की आप उस व्यापार में पैसा लगा रहे हैं। जैसे-जैसे उस कंपनी का बिज़नेस ग्रो करेगा आपका लगाया हुआ पैसा भी बढ़ता रहेगा। जो की आपके शेयर प्राइस में बढ़ोतरी की वजह से होगा। इक्विटी फण्ड में रिस्क की मात्रा बहुत अधिक होती हैं लेकिन रिवॉर्ड भी ज्यादा होता हैं।

वैसे ही अगर आप डेब्ट फण्ड में निवेश करते हैं तो वहां आप कोई मालिकाना हक़ प्राप्त नहीं कर रहे हैं। डेब्ट फण्ड में आपको मात्र ब्याज मिलेगा जो की पहले से निश्चित किया गया हैं। डेब्ट्स में रिस्क न्यूनतम होती हैं जबकि रिटर्न्स लिमिटेड होते हैं।

ये भी पढ़े:

Capital Meaning in Hindi

जो पूंजी व्यवसाय में उसके मालिक द्वारा लगाई जाती हैं उसे कैपिटल कहा जाता हैं। कैपिटल को Equity की अपेक्षा अधिक ब्रॉड माना जाता हैं।

WhatsApp Join Now
Telegram Join Now

पूँजी या कैपिटल को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है :-

    1. स्थिर पूँजी (Fixed Capital) :- कंपनी में Assets को प्राप्त करने के लिए जो धनराशि लगाई जाती है, वो फिक्स्ड कैपिटल कहलाती है, जैसे – प्लांट और मशीनरी ख़रीदना, लैंड और बिल्डिंग खरीदना।
    2. कार्यशील पूँजी (Working Capital) :- कैपिटल का वो हिस्सा जो व्यवसाय के दैनिक कार्यों के लिए इस्तेमाल होता है, उसे वर्किंग कैपिटल कहा जाता है। इसे Current Assets में से Current Liabilities को नई घटाकर प्राप्त किया जाता हैं।

Capital meaning in Hindi

Equity में इन्वेस्ट कैसे करें?

Equity meaning in Hindi समझने के बाद अब सबसे महत्वपूर्ण सवाल आता हैं की इक्विटी में निवेश कैसे करें?

इक्विटी में निवेश करना यानि की किसी कंपनी के शेयर खरीदना। शेयर मार्किट में शेयर ख़रीदने के लिए आपको किसी स्टॉक ब्रोकर के पास एक डीमैट अकाउंट खुलवाना होता हैं।

डीमैट अकाउंट खुलवाने के बाद में आप आसानी से किसी भी कंपनी के शेयर खरीद और बेच सकते हैं।

शेयर मार्केट में कैसे इन्वेस्ट करे, इसके लिए आप हमारा ये आर्टिकल पढ़ सकते हैं।

FAQ on Equity Meaning in Hindi

  1. शेयर मार्केट में इक्विटी क्या होता है?

    शेयर मार्केट में इक्विटी का मतलब साधारण शेयर्स से होता हैं। किसी कंपनी के शेयर खरीदकर आप उस कंपनी के व्यवसाय में भाग ले सकते हैं।

  2. शेयर कितने प्रकार के होते हैं?

    शेयर मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते है जिनमें Equity share, Preference Share और DVR Share शामिल होते हैं।

  3. इक्विटी ट्रेडिंग क्या होती हैं?

    इक्विटी ट्रेडिंग मुख्यतः किसी लिस्टेड कंपनी के शेयरों की खरीद और बिक्री से संबंधित होती हैं।

  4. क्या इक्विटी और शेयर अलग-अलग होते हैं?

    नहीं, ये दोनों टर्म्स एक ही होती हैं। लेकिन शेयर सम्पूर्ण इक्विटी का सबसे छोटा हिस्सा होता हैं। ये हिस्सा शेयर के रूप में स्टॉक मार्केट में ट्रेड होता हैं।

  5. इक्विटी म्यूचुअल फण्ड क्या होते हैं?

    जो म्यूच्यूअल फण्ड अपना पैसा शेयर मार्केट में डायरेक्ट स्टॉक्स में निवेश करते हैं वो इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड होते हैं।

  6. 50% इक्विटी का मतलब क्या है?

    अगर किसी व्यक्ति के पास 50% इक्विटी मौजूद हैं तो वो कंपनी में 50% का मालिक हैं। जो व्यक्ति जितने शेयर किसी कंपनी के होल्ड करता हैं वो उसी अनुपात में उस कंपनी में मालिक बन जाता हैं।

  7. इक्विटी की कैलकुलेशन कैसे करें?

    इक्विटी = संपत्ति – ऋण
    यहां संपत्ति (Assets) कंपनी की संपत्तियों होती है और ऋण (Liabilities) कंपनी के कुल ऋणों का योग होते है।

निष्कर्ष

दोस्तों, स्टॉक मार्केट में निवेश करने से पहले अगर आप सही तरीके से सही जानकारी प्राप्त करके निवेश करेंगे तो आपको स्टॉक मार्केट में नुकसान होने की संभावना काफी कम हो जाएगी।

इसलिए आपको हर छोटी बेसिक चीज को शुरुआत में ध्यान से समझना चाहिए।

आज हमने इस आर्टिकल में बात की इक्विटी क्या होता है, Equity Meaning in Hindi और कैपिटल क्या होती है। दोस्तों, अगर आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा हो तो इसे सोशल मीडिया नेटवर्क पर जरूर शेयर करें और अगर आपके कोई सवाल या सुझाव हैं तो आप मुझे कमेंट बॉक्स के माध्यम से बता सकते हैं।

5/5 - (6 votes)

नमस्कार दोस्तों ! मैं राज कुमार बैरवा पूंजी गाइड ब्लॉग का फाउंडर हूँ। मैं पूंजी गाइड ब्लॉग पर शेयर मार्केट, म्यूचुअल फंड, पर्सनल फाइनेंस से सम्बंधित जानकारियां शेयर करता हूँ।

Leave a Reply

Punji Guide