रिटायरमेंट प्लानिंग कैसे करें | (7) करोड़ का कॉर्पस

जब तक आदमी के हाथ-पैर सलामत रहते हैं वह कैसे भी कमा कर खा सकता हैं। लेकिन मुख्य समस्या तब पैदा होती हैं जब आदमी अपनी 60 वर्ष की उम्र के करीब पहुंचता हैं।

आप में से कोई भी व्यक्ति यह नहीं चाहेगा कि रिटायरमेंट की उम्र पर उसे वित्तीय समस्याओं का सामना करना पड़े। इसलिए आपको समय रहते अपनी रिटायरमेंट प्लानिंग अवश्य करनी चाहिए जिससे आप अपना बुढ़ापा बिना किसी पर निर्भरता के बीता सकें।

रिटायरमेंट प्लानिंग करने के तीन मुख्य कारण हैं –

  1. बढ़ती जीवन प्रत्याशा
  2. इन्फ्लेशन
  3. कोई सोशल सिक्योरिटी नहीं

इस आर्टिकल में हम बात करेंगे रिटायरमेंट प्लानिंग कैसे करें, रिटायरमेंट फंड कैसे बनाएं। साथ ही हम रिटायरमेंट के लिए बेस्ट रणनीति के ऊपर भी बात करेंगे।

रिटायरमेंट प्लानिंग कैसे करें ?

What is Retirement Planning in Hindi

अगर आप कोई सरकारी या PSU की नौकरी करते हैं तो आप NPS या EPF में अवश्य कवर होंगे। यदि आप NPS या EPF से बीच में कोई बड़ा विथड्रावल नहीं करते तो आपके पास रिटायरमेंट पर अच्छा – खासा कॉर्पस इक्क्ट्ठा हो जायेगा।

लेकिन ये कॉर्पस आपके लिए पर्याप्त होगा या नहीं ये आपका मासिक कंट्रीब्यूशन पर अधिक निर्भर करता हैं।

परन्तु अगर आप कोई प्राइवेट नौकरी या कोई बिजनेस करते हैं तो आपको अलग से रिटायरमेंट फंड बनाने की आवश्यकता होती हैं।

रिटायरमेंट प्लानिंग करने से पहले आपको कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना जरूरी होता हैं जिससे कि आपकी रणनीति असफल न हो –

  • जब से आप कमाना शुरू करें तभी से आपको रिटायरमेंट प्लानिंग शुरू कर देनी चाहिए। इसके लिए आपको इंतजार नहीं करना चाहिए कि अभी क्या रिटायरमेंट प्लानिंग की आवश्यकता हैं।
  • जितना जल्दी आप अपनी रिटायरमेंट फण्ड बनाने की शुरुवात करेंगे, उतने आसानी से आपको अपने गोल्स प्राप्त होंगे।
  • आज के समय में लाइफ का कोई भरोसा नहीं हैं इसलिए कोई भी प्लानिंग करने से पहले एक टर्म प्लान अवश्य लेना चाहिए।
  • किसी भी बड़ी बीमारी से कर्ज के बोझ तले दबने से अच्छा हैं की आप पहले से एक हेल्थ इंश्योरेंस लेके रखें।
  • रिटायरमेंट प्लानिंग करते समय आपको मुद्रास्फीति (inflation) का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता हैं। मुद्रास्फीति एक दीमक की तरह होती हैं जो आपके पैसों की वैल्यू को कम करती रहती हैं। अगर आज आपकी उम्र 25 वर्ष हैं और 60 वर्ष बाद आपको एक करोड़ रुपए चाहिए तो 6% की मुद्रास्फीति के हिसाब से आपको उस समय लगभग 7.50 करोड रुपए चाहिए होंगे। इसलिए आपको इन्फ्लेशन के मुताबिक ही निवेश करना चाहिए।

आप अपनी फ्यूचर प्लानिंग और रिटायरमेंट प्लानिंग को एक साथ लेकर चल सकते हैं। इन दोनों को प्राप्त करने का एकमात्र जरिया हैं इन्वेस्टमेंट।

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रिटायरमेंट फण्ड कैसे बनाये ?

रिटायरमेंट फण्ड बनाने के लिए आपको अपनी आय या सेविंग में से कुछ हिस्सा बचाकर इन्वेस्टमेंट विकल्पों में निवेश करना होगा। निवेश के माध्यम से ही आप अपने लिए एक अच्छा रिटायरमेंट फण्ड बना सकते हैं।

पैसे को मैनेज करने का 50:30:20 का फार्मूला काफी बढ़िया माना जाता हैं। जिसमें 50% बेसिक आवश्यकताओं पर, 30% इच्छाओं पर और 20% इन्वेस्टमेंट पर खर्च करना होता हैं।

यह अनुपात कोई स्टैण्डर्ड अनुपात नहीं हैं इसमें आप अपनी जरूरतों के अनुसार बदलाव कर सकते हैं। आय बढ़ने के साथ-साथ इस अनुपात में बदलाव करना बहुत जरूरी होता हैं जो इस प्रकार हो सकता हैं –

21-30 वर्ष 
50% Basic Needs30% Wants20% Investment
31-35 वर्ष
40% Basic Needs30% Wants30% Investment
36-45 वर्ष
30% Basic Needs25% Wants45% Investment
46-60 वर्ष
25% Basic Needs20% Wants55% Investment

इस टेबल में बेसिक नीड्स का रेश्यो उम्र के मुताबिक कम होता जा रहा हैं इसकी मुख्य वजह उम्र के अनुसार आपकी आमदनी में वृद्धि होगी जिससे आप निवेश के हिस्से को बढ़ा सकते हैं।

जितना अधिक आप निवेश करेंगे उतना अधिक आपको रिटायरमेंट पर कॉर्पस प्राप्त होगा।

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रिटायरमेंट फण्ड के लिए कहाँ निवेश करें ?

रिटायरमेंट फण्ड तैयार करने के लिए आपको इक्विटी के साथ-साथ फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट वाले विकल्पों में निवेश करना पड़ेगा। इन दोनों के मिश्रण से आपके पोर्टफोलियो को स्थायित्व प्राप्त होगा।

निवेश करते समय किन बातों का ध्यान रखें –

  • कभी भी अपना संपूर्ण इन्वेस्टमेंट किसी एक निवेश प्लान में नहीं करें। इससे रिस्क की मात्रा बहुत अधिक बढ़ जाती हैं।
  • पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करें और अलग-अलग जगह निवेश करें।
  • उम्र के शुरुआती दौर में इक्विटी में अधिक निवेश करने का प्रयास करें।
  • लंबी अवधि के लिए निवेश करें, इससे आपको कंपाउंडिंग का मैजिक देखने को मिलेगा।
  • अपने निवेश में प्रति वर्ष वृद्धि करें और उसे बीच में बंद ना करें।

Investment Plans :

(i) स्टॉक्स (Stocks) – इक्विटी मार्केट लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए सबसे बढ़िया विकल्प माना जाता हैं। बशर्ते आप अपनी रिस्क लेने की क्षमता के मुताबिक Quality स्टॉक्स में निवेश करें। अगर सही से निवेश किया जाएँ तो शेयर्स में 15-20% के औसत रिटर्न प्राप्त किये जा सकते हैं।

(ii) म्यूचुअल फंड – म्यूच्यूअल फंड्स स्टॉक्स में निवेश करने का एक इनडायरेक्ट तरीका हैं। म्यूच्यूअल फण्ड में लॉन्ग टर्म में 12-15% के रिटर्न प्राप्त किए जा सकते हैं।

म्यूच्यूअल फण्ड में आप SIP के जरिये प्रत्येक महीने सिस्टेमेटिक तरीके से निवेश कर सकते हैं। म्यूच्यूअल फण्ड क्या होता हैं, जानने के लिए आप ये पोस्ट पढ़ सकते हैं।

(iii) NPS – NPS यानि की नेशनल पेंशन स्कीम। यह लॉन्ग टर्म रिटायरमेंट स्कीम हैं जो कि PFRDA के अंतर्गत आती हैं।  एनपीएस के माध्यम से आपको 60 वर्ष की उम्र से एन्युटी के माध्यम से पेंशन प्राप्त होती हैं।

इसलिए मासिक पेंशन प्राप्त करने के लिए आप NPS का चुनाव भी कर सकते हैं।

(iv) PPF – पीपीएफ की मैच्योरिटी अवधि 15 वर्ष तक होती हैं जिससे आपको कंपाउंडिंग का अच्छा बेनिफिट मिल सकता हैं। इसकी मैच्योरिटी टैक्स फ्री भी होती हैं।

यह एक रिस्क फ्री निवेश विकल्प हैं जो आपके पोर्टफोलियो को संतुलन प्रदान करता हैं।

इन सबके अतिरिक्त आप गोल्ड, सुकन्या समृद्धि योजना, रियल स्टेट, फिक्स्ड डिपाजिट जैसे विकल्पों में भी अपना ऐसेट एलोकेशन कर सकते हैं।

रिटायरमेंट फण्ड स्ट्रैटजी

मान लेते हैं कि आप अपनी उम्र के 25 वर्ष में कमाना शुरू कर देते हैं और ₹3,000 प्रति माह निवेश की शुरुआत करते हैं। आप अपने निवेश को प्रति वर्ष 10% से बढ़ाते हैं और 35 वर्ष तक निवेश करते हैं।

इसमें आपके 60 वर्ष की उम्र में कुल निवेश होगा 97.57 लाख रुपए।

इतनी लंबी अवधि में हम 14% के औसत वार्षिक रिटर्न की उम्मीद तो कर सकते हैं। इस प्रकार इसमें आपकी मैच्योरिटी 7.06 करोड़ की होगी।

यदि आप ₹1,000 प्रति माह से निवेश की शुरुआत करते हैं और अपने निवेश को वार्षिक 10% से बढ़ाते हैं तो आपके 60 वर्ष की उम्र में कुल इन्वेस्टमेंट 32.52 लाख होगा। आपके कुल कॉर्पस की वैल्यू 2.35 करोड़ होगी।

इस प्रकार यदि आप समय रहते निवेश की शुरुआत करते हैं तो आप रिटायरमेंट की उम्र तक अच्छा-खासा फंड इकट्ठा कर सकते हैं।

कम उम्र में निवेश की शुरुआत करने से आप इक्विटी का एक्सपोज़र ज्यादा ले सकते हैं जिससे आपके रिटर्न ओर भी बढ़िया हो सकते हैं।

रिटायरमेंट प्लानिंग 40 वर्ष की उम्र में

अगर आपने पहले से कोई रिटायरमेंट प्लानिंग नहीं की हैं तो आपकी रिटायरमेंट लाइफ बिगड़ सकती हैं। लेकिन इसमें आपको निराश होने की आवश्यकता नहीं हैं।

लेकिन आपको थोड़े अधिक प्रयास करने होंगे जिससे कि आप अच्छा कॉरपस बना सकें। इसके लिए जरूरी है कि आप अनावश्यक खर्चो पर रोक लगाएं और अधिक से अधिक निवेश करें।

मान लेते हैं कि आप 40 वर्ष की उम्र में निवेश शुरू करते हैं और 60 वर्ष तक जारी रखते हैं। 40 वर्ष की आयु में आप अच्छा-ख़ासा कमा रहे होंगे जिससे आप अधिक निवेश कर सकते हैं।

  • निवेश ₹10,000 प्रति माह
  • ₹1,000 प्रति वर्ष इजाफ़ा
  • औसत रिटर्न – 14%

इसमें आप कुल निवेश होगा 46.8 लाख और 60 वर्ष में मैच्योरिटी होगी 2.03 करोड़ की।

अगर आप इसी निवेश को 5 वर्ष ओर निवेशित रहने देते हैं तो आपकी 65 वर्ष की उम्र में मैच्योरिटी होगी 4.03 करोड़ रूपये। यहाँ हमने अपना मासिक निवेश 60 वर्ष की उम्र में ही बंद कर दिया हैं।

दूसरा अगर आप 40 वर्ष की उम्र में निवेश शुरू करते हैं और 60 वर्ष तक जारी रखते हैं।

  • निवेश ₹15,000 प्रति माह
  • ₹1,000 प्रति वर्ष इजाफ़ा
  • औसत रिटर्न – 14%

इसमें आप कुल निवेश होगा 58.8 लाख और 60 वर्ष में मैच्योरिटी होगी 2.68 करोड़ की।

अगर आप इसी निवेश को 5 वर्ष ओर निवेशित रहने देते हैं और 60 वर्ष में निवेश बंद कर देते हैं तो आपकी 65 वर्ष की उम्र में 5.40 करोड़ की मैच्योरिटी होगी।

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अगर आप 60 + 25 वर्ष की रिटायरमेंट प्लानिंग करते हो और आपने कैसे भी करके 60 वर्ष की उम्र में तीन करोड़ का कॉरपस बना लिया हैं।

ऐसी स्थिति में हम ₹ 3 करोड़ को 25 वर्ष में बांट देते हैं। इसमें प्रत्येक महीने आप एक लाख रूपये (एक वर्ष का 12 लाख) का इस्तेमाल कर सकते हैं, जो की एक पर्याप्त राशि मानी जाती हैं।

साथ ही अगर आप बाकी बचे पैसों को निवेशित रहने देंगे तो आपको उन पर रिटर्न भी मिलता रहेगा। इसलिए अगर आप लेट भी हो चुके हैं तो अनावश्यक पेनिक करने के बजाय आज ही निवेश की शुरुआत करें।

निष्कर्ष

हमारे देश में आज के समय में भी कई ऐसे लोग हैं जो अपने फ्यूचर प्लानिंग को सीरियस रूप से नहीं लेते। वे जो भी कमाते हैं उसे साथ के साथ खर्च करते जाते हैं। जिसकी वजह से वे कोई निवेश भी नहीं करते।

निवेश के कई फायदे हैं जो आपको आपके भविष्य में अनावश्यक कर्ज और लोन के बोझ से बचा सकते हैं। जिससे की आप बड़े आराम से अपनी रिटायरमेंट लाइफ जी सकते हैं, साथ ही अपने सभी दायित्वों को निभा सकते हैं।

इसीलिए निवेश करना बहुत ही जरूरी हैं। निवेश में आपको केवल बैंक फिक्स्ड डिपाजिट जो कि एक पारंपरिक तरीका हैं, उस पर ही निर्भर नहीं रहना चाहिए। बल्कि अन्य निवेश विकल्प भी तलाशने चाहिए जिसमें आपको अच्छे रिटर्न मिल सके।

दोस्तों, उम्मीद करता हूं कि रिटायरमेंट प्लानिंग कैसे करे, का ये आर्टिकल आपको अच्छा लगा होगा। कृपया इसे अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया नेटवर्क पर जरूर शेयर करें। यदि आपके कोई सवाल हैं तो मुझे कमेंट बॉक्स के माध्यम से पूछ सकते हैं।

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नमस्कार दोस्तों ! मैं राज कुमार बैरवा पूंजी गाइड ब्लॉग का फाउंडर हूँ। मैं पूंजी गाइड ब्लॉग पर शेयर मार्केट, म्यूचुअल फंड, पर्सनल फाइनेंस से सम्बंधित जानकारियां शेयर करता हूँ।

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