Enterprise Meaning in Hindi | एंटरप्राइज क्या होता है?

हेलो दोस्तों, यदि आप बिज़नेस के बारें में रूचि रखते हो तो आपने Enterprise का नाम तो जरूर सुना होगा। आपने अक्सर एंटरप्राइज को व्यापारिक संस्थानों के नाम के पीछे लगा देखा होगा। जैसे कि:

  • शर्मा इंटरप्राइजेज
  • रॉयल इंटरप्राइजेज
  • राज इंटरप्राइजेज आदि

लेकिन आपने कभी यह सोचा हैं की आखिर ये एंटरप्राइज का मतलब या Enterprise Meaning in Hindi क्या होता हैं?

परन्तु आज इस पोस्ट में आपको एंटरप्राइज से सम्बंधित सभी जानकारी प्राप्त हो जाएगी। इसमें हम एंटरप्राइज का अर्थ, Enterprises in Hindi, एंटरप्राइज के प्रकार और इसकी सम्पूर्ण जानकरी हांसिल करेंगे। यदि आपको अपने सभी सवालों के जवाब चाहिए हैं तो इस लेख के अंत तक जरूर बने रहिएगा।

Enterprise Meaning in Hindi

एंटरप्राइज (Enterprise) जिसे हिंदी में “उद्यम” कहा जाता हैं। एंटरप्राइज का अर्थ होता हैं कोई बिजनेस, कोई कंपनी, संस्था या ऑर्गेनाइजेशन जो अपने स्वयं में वित्तीय रूप से स्वतंत्र होती है। अगर आसान भाषा में समझे तो किसी भी बड़े व्यापार, उद्योग, संगठन या कॉरपोरेशन को ही एंटरप्राइज (Enterprises) कहा जाता हैं।

अगर दूसरे शब्दों में समझा जाए तो कोई भी ऐसा संगठन या संस्था जो किसी लाभ के लिए संचालित होती हैं और जिनका एक उद्देश्य होता हैं, एंटरप्राइज मानी जाती हैं। एंटरप्राइज में नवाचार की भावना अंतर्निहित होती हैं।

एंटरप्राइज क्या होता हैं | What is Enterprise in Hindi?

Enterprise Meaning in Hindi

एक एंटरप्राइज (Enterprises) एक ऐसी कंपनी या बिज़नेस होता हैं जिनका मुख्य उद्देश्य अपने ग्राहकों को प्रोडक्ट्स या सर्विस बेचकर रेवेन्यू कमाना होता हैं। इसमें यह अपने संसाधनों का प्रयोग करके जोखिम उठाते हैं और लाभ कमाते है।

एक प्राइवेट कंपनी, कोई कॉरपोरेशन या गवर्नमेंट कंपनी भी एंटरप्राइज हो सकती हैं।

निम्न संगठनों को भी Enterprise की श्रेणी में रखा जा सकता है-

  • Co-Operative Venture
  • नॉन प्रॉफिट आर्गेनाईजेशन (NGO)
  • पार्टनरशिप फर्म

Enterprise एक बिज़नेस या औद्योगिक प्रयास होता हैं जिसमें लोग नए और नवाचारी विचारों के साथ किसी काम को पूरा करने के लिए जुटते हैं। एंटरप्राइज में नए उत्पाद या सेवाओं को विकसित करने पर फ़ोकस किया जाता हैं।

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साथ में ध्यान देने वाली बात है यह कि इस एंटरप्राइज में जोखिम भी मौजूद होता है। जहां पर बिज़नेस होगा वहां रिस्क अपने-आप आ ही जाती हैं। एक Enterprise समाज और अर्थव्यवस्था में विकास लाता हैं और देश की अर्थव्यवस्था की धुरी बनता हैं। साथ ही Enterprises नए रोजगार के अवसर भी पैदा करते है।

एक एंटरप्राइज को मार्केट में टिके रहने के लिए बहुत ही कड़ी चुनौतियों का सामना भी करना पड़ता हैं।

एंटरप्राइज की विशेषताएं

वैसे एंटरप्राइज की विशेषताएं अलग-अलग प्रकार के बिज़नेस और उद्योगों में अलग-अलग हो सकती हैं। फिर भी कुछ महत्वपूर्ण और सामान्य पायी जाने वाली विशेषताएं निम्न हैं:

  • किसी भी एंटरप्राइज की स्थापना के पीछे एक विशेष उद्देश्य होता है।
  • एक एंटरप्राइज को विभिन्न तकनीकी, वित्तीय और बाजार की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
  • एक Enterprise में कई लोग जुड़े हो सकते हैं।
  • एक एंटरप्राइज सामाजिक और आर्थिक उपयोगिता प्रदान करता है। इसकी वजह से नौकरियों के अवसर पैदा होते हैं और अर्थव्यवस्था को अच्छा बढ़ावा मिलता है।
  • Enterprises लोगों की जीवनशैली को सुधारने और समृद्धि को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान देता हैं।

इनके अलावा भी एक एंटरप्राइज की कई विशेषताएं हो सकती हैं। जो की उसके निर्माण और उद्देश्य पर निर्भर करती हैं।

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एंटरप्राइज का उदाहरण | Example of Enterprise in Hindi

यदि एंटरप्राइज का उदाहरण देखा जाए तो, “Microsoft” भी एक एंटरप्राइज है। Microsoft एक वैश्विक स्तर की एक दिग्गज IT कंपनी हैं।

जैसे की Indigo एयरलाइन्स भी एक एंटरप्राइज हैं जिसमें बहुत से लोग शामिल हैं, संसाधनों की जरुरत पड़ती हैं। साथ ही इसमें बड़ा निवेश चाहिए।

एंटरप्राइज का उदाहरण:

  • एक मोबाइल की दुकान एंटरप्राइज हो सकती हैं।
  • किराना, फैंसी स्टोर जैसे बिज़नेस एंटरप्राइज हो सकते हैं।
  • एक बड़ा संगठन भी एंटरप्राइज की श्रेणी में आ सकता हैं।

इन सब में रेवेन्यू बनाने पर प्राथमिकता दी जाती हैं। साथ में कई लोगों को रोज़गार भी प्राप्त होता हैं। कुल मिलाकर कोई भी सर्विसेज या प्रोडक्ट बेचने वाली संस्था या यूनिट एंटरप्राइज का उदाहरण मानी जा सकती हैं।

एंटरप्राइज बनाने के क्या उद्देश्य होते हैं?

एक एंटरप्राइज उत्पादों का उत्पादन करके या सेवाएँ प्रदान करके लाभ कमाने के लिए कार्य करते हैं। बाद में वे इसे उपभोक्ताओं की जरूरतों और इच्छाओं को पूरा करने के लिए बेचते या ऑफर हैं।

उपभोक्ता सामान या सर्विस लेने के लिए एंटरप्राइज से संपर्क कर सकते हैं।

एंटरप्राइज किन क्षेत्रों में लागू हो सकता हैं?

कोई भी एंटरप्राइज एक व्यापारिक संगठन हो सकता है जो बिज़नेस, उद्योग, फाइनेंस, उत्पादन, विपणन, विक्रय, और रिसोर्स मैनेजमेंट जैसे कई क्षेत्रों में लागू हो सकता है।

Enterprises निम्न क्षेत्रों में लागू हो सकता हैं:

  • सरकारी उद्योग – इसमें सरकार द्वारा संचालित PSU शामिल हो सकते हैं।
  • रिटेल बिज़नस – खुदरा व्यापार में वस्त्र, खाद्य उत्पाद, गृह सामग्री, इलेक्ट्रॉनिक्स, व्हीकल, आभूषण आदि हो सकते हैं।
  • उत्पादन उद्योग – इसमें खनिज, कृषि, इंजीनियरिंग, आधुनिक प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स, और वाणिज्यिक उत्पादों को सम्मिलित किया जा सकता है।
  • सेवा उद्योग – सर्विस सेक्टर में भी विभिन्न सेवाएं प्रदान की जा सकती हैं, जैसे वित्तीय सेवाएं, बीमा, बैंकिंग, वित्तीय सलाह आदि।
  • वित्तीय उद्योग – इसमें बीमा कंपनियां, म्यूचुअल फंड हाउस, पेंशन निधियां, इन्वेस्टमेंट बैंकिंग आदि शामिल होते हैं।
  • सॉफ्टवेयर और टेक्नोलॉजी – यह आईटी समाधानों से संबंधित है।
  • स्टार्ट अप – इसमें नए विचारों के साथ बिज़नेस शुरू किया जाता हैं।
  • शैक्षिक संस्थान – शैक्षिक संस्थान भी एक प्रकार के एंटरप्राइज ही होते हैं जो शिक्षा से संबधित होते हैं।

इनके अतिरिक्त भी कई उदाहरण हो सकते हैं लेकिन इनमें लगभग सभी प्रमुख सेक्टर शामिल हो जाते हैं।

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एंटरप्राइज के प्रकार | Types of Enterprise in Hindi

चलिए अब हम एंटरप्राइज के प्रकार को देख लेते हैं। Enterprises के निम्न प्रकार हो सकते हैं जिसमें शामिल हैं-

  1. Sole Proprietorship – एकल स्वामित्व
  2. Partnership – पार्टनरशिप
  3. Limited Liability Company (LLC) – लिमिटेड लायबिलिटी कंपनी
  4. Public Limited Companies (PLC) – पब्लिक लिमिटेड कंपनी
  5. Corporation – कॉरपोरेशन
  6. Cooperative – सहकारिता
  7. Franchise – फ्रेंचाइजी
  8. Social Enterprise – सोशल एंटरप्राइज
  9. State-Owned Enterprise – राज्य के स्वामित्व वाला उद्यम
  10. Multinational Corporation (MNC) – मल्टीनेशनल कॉर्पोरेशन
  11. Small and Medium Enterprises (SMEs) – छोटे और मध्यम इंटरप्राइजेज

अब हम इन एंटरप्राइज के प्रकार को एक-एक करके थोड़ा विस्तार से समझते हैं।

एकल स्वामित्व (Sole Proprietorship)

इस प्रकार का बिज़नेस सिर्फ एक व्यक्ति के द्वारा चलाया जाता हैं। मतलब की इसमें एकल स्वामित्व मौजूद रहता हैं। जैसे की – किराने की दुकान या हार्डवेयर की दुकान।

पार्टनरशिप (Partnership)

जैसा की इसके नाम से ही पता चल रहा हैं इसमें एक से अधिक लोग मौजूद रहते हैं। इस प्रकार का एंटरप्राइज दो या दो से अधिक पार्टनर्स के द्वारा मिलकर चलाया जाता हैं। जैसे की CA की पार्टनरशिप फर्म या कुछ लॉयर्स की एसोसिएट।

लिमिटेड लायबिलिटी कंपनी (LLC)

इसमें मालिक स्वयं व्यक्तिगत रूप से कंपनी के लोन या देनदारियों के लिए उत्तरदायी नहीं होते। इस प्रकार लिमिटेड लायबिलिटी कंपनियां हाइब्रिड एंटिटीज होती हैं जिसमें एकल स्वामित्व और पार्टनरशिप का संयोजन होता हैं। जैसे की – Phoenix LLC, Mentor LLC.

पब्लिक लिमिटेड कंपनी (PLC)

पब्लिक लिमिटेड कंपनियां कॉर्पोरेट इकाइयां होती हैं जो भारतीय कंपनी अधिनियम के तहत रजिस्टर्ड होती हैं। इनकी एक अलग कानूनी पहचान होती है। साथ ही PLC को इसके मालिकों से अलग माना जाता हैं। जैसे की – HDFC बैंक, इंफोसिस।

कॉरपोरेशन (Corporation)

एक कॉर्पोरेशन बिज़नेस का एक कानूनी रूप है जो अपने मालिकों से अलग होता हैं। दूसरे शब्दों में समझे तो, यह एक ऐसा बिज़नेस होता है जो अपने शेयरधारकों से अलग लीगल एंटिटी होता है। जैसे की – ABC कॉर्पोरेशन।

सहकारिता (Co-operative)

सहकारी समिति (co-operative) लोगों का एक ऐसा संघ होता है जो अपने पारस्परिक लाभ के लिए स्वेच्छापूर्वक बिज़नेस में सहयोग करते हैं। सहकारी समिति का लाभ सभी सदस्यों के बीच विभाजित होता हैं। जैसे की – हिम्मतनगर को-ऑपरेटिव सोसाइटी, फार्मर्स को-ऑपरेटिव।

फ्रेंचाइजी (Franchise)

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इस प्रकार के एंटरप्राइज में पहले से स्थापित किसी ब्रांड या कंपनी की फ्रैंचाइज़ी लेकर उसके नाम से बिज़नेस चलाया जाता हैं। इसमें नाम उस ब्रांड का होगा लेकिन चलाने वाले लोग अलग होंगे। जैसे की – पेप्सिको फ्रैंचाइज़ी, टेलीकॉम फ्रैंचाइज़ी, डोमिनोस फ्रैंचाइज़ी।

सोशल एंटरप्राइज (Social Enterprise)

इस प्रकार का एंटरप्राइज लाभ के साथ-साथ सोशल और एनवायरनमेंटल लक्ष्य भी प्राप्त करने के लिए बनाया गया होता हैं। जैसे की – हाइड्रोजन सॉल्यूशंस, ABC रिन्यूएबल एनर्जी।

राज्य के स्वामित्व वाला उद्यम (State-Owned Enterprise)

इसमें सरकार के मालिकाना हक़ वाले बिज़नेस शामिल होते हैं। इनका प्रमुख उद्देश्य सरकार के लिए प्रॉफिट बनाना होता हैं। जैसे की – राजस्थान सरकार इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड, इंडियन रेलवे।

मल्टीनेशनल कॉर्पोरेशन (MNC)   

इस प्रकार के बिज़नेस में ऐसे एंटरप्राइज आते हैं जिनका आकार काफी बड़ा होता हैं। इसकी उपस्थिति देश-विदेश में होती हैं। इसकी वजह से इन्हें MNC कहा जाता हैं। जैसे की – एप्पल, अमेज़न, मैक डी, पेप्सिको।

छोटे और मध्यम इंटरप्राइजेज (SMEs)

इस तरह के एंटरप्राइज में छोटे और मध्यम आकार के बिज़नेस आते हैं। इसे आगे माइक्रो, स्माल और मीडियम में विभाजित किया जा सकता हैं। SME इंटरप्राइजेज स्थानीय या लोकल रूप से संचालित किये जाते हैं। जैसे की – हेयर एंड ब्यूटी सैलून, मेडिकल सेंटर, जिम।

इंटरप्राइजेज में कौन-कौन से बिजनेस आते हैं?

वैसे देखा जाएं तो इंटरप्राइजेज (Enterprises) में कई प्रकार के बिज़नेस आते हैं जो विभिन्न उद्योगों में सक्रिय होते हैं। ये बिज़नेस विभिन्न सेक्टरों में अपनी विशेषज्ञता से अपने उत्पादों और सेवाओं के माध्यम से ग्राहकों को संतुष्ट करने का प्रयास करते हैं। इस तरह इसमें हर प्रकार के बिज़नेस शामिल हो सकते हैं।

इंटरप्राइजेज में कौन-कौन से बिजनेस आते हैं-

  • सॉफ्टवेयर और टेक्नोलॉजी: ये व्यापार विभिन्न आईटी कंपनियों और स्टार्टअप्स द्वारा चलाए जाते हैं।
  • रिटेल बिज़नेस: खुदरा व्यापार में वस्त्र, खाद्य उत्पाद, किराना, गृह सामग्री, व्हीकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, जैवेलरी और अन्य सामानों की खरीदारी और बिक्री शामिल होती हैं। रिटेल बिज़नेस अलग-अलग प्रकार की दुकानों, शॉपिंग मॉल्स, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स, और ई-कॉमर्स के जरिए होता है।
  • उत्पादन उद्योग: इस प्रकार के इंटरप्राइजेज में खनिज, कृषि, आधुनिक प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स और वाणिज्यिक उत्पाद सम्मिलित रहते है।
  • सर्विस इंडस्ट्री: इसमें वित्तीय सेवाएं, इंश्योरंस, एकाउंटिंग, बैंकिंग, प्रबंधन सलाह, मॉबाइल सेवाएं, लॉगिस्टिक्स आते हैं।
  • स्वतंत्र व्यावसायिक: स्वतंत्र व्यावसायिक उद्यमी द्वारा संचालित छोटे बिज़नेस और स्टार्टअप्स को शामिल करता है।
  • सरकारी उद्योग: इसमें सरकार के उपक्रम शामिल होते हैं।

Commercial Enterprise Meaning in Hindi

कमर्शियल एंटरप्राइज प्रॉफिट कमाने के मकसद से स्थापित किया जाता हैं। इसमें बिज़नेस के माध्यम से ग्राहकों को माल या सर्विसेज दी जाती हैं। इसमें प्रोडक्शन, मार्केटिंग और सेल्स सम्मिलित होता हैं।

इस प्रकार के enterprises को मार्केट प्रतिस्पर्धा, कस्टमर संतुष्टि, मैनेजमेंट आदि पर विशेष ध्यान देना होता हैं। कमर्शियल एंटरप्राइज में NGO शामिल नहीं रहते क्योंकि इनका मुख्य उद्देश्य लाभ कमाना नहीं होता हैं।

कमर्शियल एंटरप्राइज के उदाहरण:

जैसे की आप विभिन्न ब्रांड्स के मोबाइल फ़ोन बेचने के लिए एक शोरूम बनाते हैं। इसमें आप ग्राहकों को मोबाइल बेचकर प्रॉफिट बनाएंगे तो यह एक कमर्शियल एंटरप्राइज कहलायेगा।

इसे आपको एक बड़ा बिज़नेस बनाने के लिए सभी महत्वपूर्ण पहलुओं पर जोर देना होता हैं।

Business Enterprise Meaning in Hindi

Business Enterprise एक व्यवसायिक संगठन होता है जो उत्पादों के निर्माण या सेवाओं प्रदान करने का बिज़नेस करता हैं। अपनी व्यापारिक गतिविधियों के माध्यम से यह लाभ कमाने का उद्देश्य रखता है।

इसमें सभी व्यवसायिक प्रक्रिया सम्मिलित होती है जो विभिन्न प्रकार के विनिर्माण, मार्केटिंग, सेल्स में बंटी होती हैं। इसमें लगभग सभी प्रकार के कमर्शियल बिज़नेस आते हैं जिनका मुख्य उद्देश्य अपने ग्राहकों को डिलीवर करना हैं।

Social Enterprise Meaning in Hindi

सोशल एंटरप्राइज (Social Enterprise) एक विशेष प्रकार का व्यापारिक संगठन होता है जो सामाजिक और पर्यावरणीय मुद्दों के समाधान के साथ-साथ प्रॉफिट बनाने पर भी काम करता है। इन Enterprises का प्राथमिक उद्देश्य लाभ कमाने के अतिरिक्त समाज और पर्यावरण के लिए सकारात्मक परिवर्तन लाने का होता है।

यह एंटरप्राइज सामाजिक समस्या के समाधान के लिए नए प्रोडक्ट्स का विकास करते हैं जिससे की समाज में सकारात्मक परिवर्तन हो सके।

सोशल एंटरप्राइज विशेषताएँ:

  • सामाजिक समस्या के समाधान
  • इसमें स्वास्थ्य सेवाएं, पर्यावरण संरक्षण, रोजगार संबंधित प्रशिक्षण आदि शामिल हो सकते हैं।
  • विभिन्न समूह और समुदाय इनके संरक्षण के लिए योगदान करते हैं।

इंटरप्राइजेज और ट्रेडर्स में क्या अंतर है?

वैसे उद्यम (Enterprises) और ट्रेडर्स (Traders) में कुछ समानताएं भी होती हैं, जैसे की इन दोनों का मकसद लाभ कमाना होता हैं। साथ ही ग्राहकों को उत्पाद और सेवाएं मुहैया करवाना होता हैं।

लेकिन इनमें आपस में महत्वपूर्ण अंतर भी होते हैं। यहां मैंने इंटरप्राइजेज और ट्रेडर्स के बीच मुख्य अंतरों को एक टेबल के फॉर्म में दिखाया है:

बिंदुइंटरप्राइजेजट्रेडर्स
उद्देश्यउत्पादों या सेवाओं का निर्माण और बेचनासामान खरीदना और फिर उसे बेचना
समय सीमाइंटरप्राइजेज एक स्थायी रूप से स्थापित होते हैं और दीर्घकालिक रूप से सक्रिय रहते हैंट्रेडर्स छोटे समय के लिए व्यापार करते हैं और बाजार की दिशा के अनुसार बदलते रहते हैं
ग्रोथ का मूल्यांकनसामाजिक, पर्यावरणीय और लाभ के आधार परवित्तीय लाभ के आधार पर
उत्पादों और सेवाओं का स्रोतउद्योग, तकनीक, विज्ञान, और नवाचारविभिन्न वित्तीय बाजारों से खरीदते है या इम्पोर्ट करते हैं
उद्योगीकरणहां, बड़े उद्योगों के साथ उद्योगीकृत हो सकते हैंनहीं, आमतौर पर छोटे स्तर पर काम करते हैं
संसाधन और मैन पॉवरअधिक मात्रा में संसाधन और मैन पॉवर की आवश्यकता होती हैकम मात्रा में संसाधन और मैन पॉवर की आवश्यकता

निष्कर्ष के रूप में एंटरप्राइज थोड़े बड़े स्केल पर कार्य करते हैं जबकि ट्रेडर्स का लेवल थोड़ा कम रहता हैं।

कंपनी और एंटरप्राइज में अंतर

कंपनी (Company) और एंटरप्राइज (Enterprise) के बीच मुख्य अंतर;

पॉइंट्सकंपनीएंटरप्राइज
परिभाषाएक कंपनी एक विशेष लॉ से नियंत्रित एक व्यावसायिक संगठन होता है, जिसका उद्देश्य लाभ कमाना होता हैयह एक कंपनी की तुलना में छोटा बिज़नेस हो सकता हैं
उद्देश्यलाभ कमानाएंटरप्राइज भले ही लाभ कमाने का उद्देश्य रखता है लेकिन इसका सामाजिक उत्तरदायित्व भी होता है
संरचना और संसाधनसामान्य रूप से एक संगठित संरचना में काम करती हैं, जो तकनीक, प्रक्रिया और संसाधनों का उपयोग करती हैएंटरप्राइजेज अलग-अलग संरचनाओं में हो सकती है
समय सीमालंबे समय तक काम करती हैंबदलते समय के साथ स्थायी नहीं

Enterprise in Hindi FAQ’s

  1. एंटरप्राइज का हिंदी अर्थ क्या होता है?

    एंटरप्राइज को हिंदी में “उद्यम” कहा जाता हैं। यह व्यक्ति या व्यक्तियों का समहू होता हैं जो लोगों को प्रोडक्ट या सेवाएं उपलब्ध करवाते हैं।

  2. इंटरप्राइजेज और ट्रेडिंग में क्या अंतर है?

    मुख्य तौर पर एंटरप्राइज एक बिज़नेस होता हैं। जिसमें प्रॉफिट कमाना मुख्य उद्देश्य होता हैं। जबकि ट्रेडिंग शेयर मार्केट में की जाती हैं। इसमें भी अंतिम गोल प्रॉफिट बनाना ही होता हैं।

  3. एंटरप्राइज कंपनी क्या करती है?

    एक एंटरप्राइज कंपनी ग्राहकों को विभिन्न प्रकार के उत्पाद बेच सकती हैं या सेवाएं ऑफर कर सकती हैं। यह ग्राहकों की आवश्यकता के प्रोडक्ट या सेवाएं बनाकर ग्राहकों को बेचते हैं।

  4. इंटरप्राइजेज कितने प्रकार के होते हैं?

    Enterprises कई प्रकार के हो सकते हैं। इसमें मुख्य रूप से प्रोपराइटर, पार्टनरशिप, सीमित देयता कंपनी (LLC), प्राइवेट कंपनी, सहकारी मंडली, PSU, फ्रेंचाइजी, स्टेट PSU, बहुराष्ट्रीय निगम (MNC) और छोटे एवं मध्यम उद्यम (SME) शामिल होते हैं।

  5. एंटरप्राइज कैसे बनाये?

    आप जो भी बिज़नेस कर रहे हैं उसे आप एंटरप्राइज बना सकते हैं। इसमें आप अपने बिज़नेस को प्रोपराइटर या पार्टनरशिप फर्म के रूप में रजिस्टर भी करवा सकते हैं।

  6. प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का मतलब क्या होता है?

    एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी निजी तौर पर स्थापित एक बिज़नेस यूनिट हो सकती है। किसी भी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के सदस्यों की लाइबिलिटी उसके सदस्यों द्वारा धारित शेयरों की संख्या तक ही सीमित रहती है।

  7. एंटरप्राइज वैल्यू का मतलब क्या होता है?

    एंटरप्राइज वैल्यू का मतलब हैं बाजार में कंपनी की कुल कीमत क्या है। मतलब की यदि आज आपको किसी कंपनी को खरीदना हैं तो आपको उसकी कुल कितनी कीमत भुगतान करनी होगी वो एंटरप्राइज वैल्यू होती हैं।

  8. बिज़नेस एंटरप्राइज क्या होता हैं?

    बिज़नेस एंटरप्राइज एक व्यवसायिक संस्थान होता है। यह बिज़नेस एंटरप्राइज उत्पाद निर्माण या सेवा प्रदान करने का कार्य करता हैं। अपनी व्यापारिक गतिविधियों के द्वारा इसका लाभ कमाने का मुख्य उद्देश्य होता है।

  9. Enterprises में ग्रोथ कैसे होती है?

    किसी एंटरप्राइज में ग्रोथ इनोवेशन, मार्केट रिसर्च, ग्राहक संतुष्टि, कुशल मैनेजमेंट से तय होती हैं। जैसे-जैसे एंटरप्राइज प्रॉफिट कमाता हैं वैसे-वैसे उसकी अच्छी ग्रोथ होने लगती हैं।

Conclusion of Meaning of Enterprise in Hindi

निष्कर्ष में बात की जाए तो कोई भी बिज़नेस जो अपने प्रोडक्ट्स या सेवाएं अपने ग्राहकों को उपलब्ध करवाता हैं वो एंटरप्राइज हो सकता हैं। इनका प्रॉफिट बनाने का प्रमुख उद्देश्य रहता हैं। 

तो उम्मीद करता हूँ दोस्तों, Enterprise Meaning in Hindi की जानकारी आपको पसंद आई होगी। 

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नमस्कार दोस्तों ! मैं राज कुमार बैरवा पूंजी गाइड ब्लॉग का फाउंडर हूँ। मैं पूंजी गाइड ब्लॉग पर शेयर मार्केट, म्यूचुअल फंड, पर्सनल फाइनेंस से सम्बंधित जानकारियां शेयर करता हूँ।

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