इन्वेस्टमेंट क्या होता हैं | हमें निवेश क्यों करना चाहिए?

“आज के आर्टिकल में हम जानेंगे इन्वेस्टमेंट क्या होता है या Investment Meaning in Hindi. इसमें हम Investing in Hindi को विस्तार में समझेंगे।”

आज के समय में इन्वेस्टमेंट करना बहुत ही जरुरी हैं। क्योंकि यदि आप इन्वेस्टमेंट नहीं करेंगे तो आप अन्य लोगों के मुकाबले काफी पीछे रह जाएंगे।

और मैं आपके दोस्त के तौर पर, यह बिलकुल नहीं चाहता कि आप किसी से पीछे रहें। इसलिए आज मैं आपको इन्वेस्टमेंट को शुरू से लेकर अंत तक बिलकुल आसान भाषा में समझाऊंगा।

इसमें मैं निम्न पॉइंट्स कवर करूँगा-

  • इन्वेस्टमेंट क्या होता हैं (Investment in Hindi)
  • हमें इंवेस्टमेंट्स क्यों करना चाहिए?
  • इन्वेस्टमेंट कहां करें? 

तो चलिए, बिना समय गवाएं जानकारी शुरू करते हैं।

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2 Investment in Hindi

Investment Meaning in Hindi

इन्वेस्टमेंट को हिंदी में निवेश कहा जाता हैं। अगर बिलकुल आसान भाषा में समझें तो इन्वेस्टमेंट का मतलब होता हैं आपके पैसो को कही इन्वेस्ट करना जिससे की आपको भविष्य में कुछ रिटर्न बनाकर दे सकें।

आप अपना पैसा कोई सी भी ऐसी जगह लगाएं जहां पर पैसे से पैसे बनता हो वो इन्वेस्टमेंट होता हैं। चाहे फिर वो स्टॉक हो सकता हैं, म्यूचुअल फंड, गोल्ड, रियल स्टेट हो सकता हैं।

जैसे की यदि आप बिज़नेस में पैसा लगाते हैं तो वो बिज़नेस इंवेस्टमेंट्स कहलाता हैं। वैसे आप शेयर मार्केट में पैसा लगाते हैं तो वो शेयर मार्केट इन्वेस्टमेंट कहलाता हैं।

कुल मिलाकर जिस भी जगह आप पैसा लगाते हैं और बदले में आपको कुछ रिटर्न मिलता हैं वो इन्वेस्टमेंट होता हैं।

Investment in Hindi

Investment Meaning in Hindi

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इन्वेस्टमेंट का मतलब होता हैं, कि आप अपने किसी लक्ष्य की प्राप्ति के लिए अपना पैसा शेयर मार्केट, PPF, रियल एस्टेट, बॉन्ड्स, सुकन्या समृद्धि योजना, म्यूचुअल फण्ड जैसी जगह लगाए। इन इन्वेस्टमेंट विकल्पों में पैसा लगाने से आपका पैसा समय के साथ ग्रो करने लगता हैं। इससे आप लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं।

उदाहरण के लिए आज आपके पास ₹100 हैं और आप इन्हें स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट कर देते हैं। यदि 5 वर्ष बाद में यह ₹200 बन जाते हैं। तो इस प्रकार आपने अपने लिए ₹100 को इन्वेस्ट किया जिसने आपको अतिरिक्त ₹100 बनाकर दिए। इस तरह इन्वेस्टमेंट का अर्थ हुआ पैसे से पैसा कमाना।

सामान्यतः इंवेस्टमेंट्स लॉन्ग टर्म के लिए ही किया जाता हैं। वैसे कम समय के लिए भी इन्वेस्टमेंट किया जा सकता हैं। परन्तु जो प्रॉफिट आपको लॉन्ग टर्म में हो सकता हैं वो आपको शॉर्ट टर्म में नहीं हो पाता।

इन्वेस्टमेंट और इन्वेस्टिंग दोनों एक ही होते हैं। लेकिन जब आप किसी इन्वेस्टमेंट को निरंतर करते रहते हैं तो वो इन्वेस्टिंग कहलाता हैं। जैसे की SIP में मंथली इन्वेस्ट करना।

इसलिए इन्वेस्टमेंट एक ऐसा विकल्प होता हैं जो कि आपके पैसों को ग्रो करने के काम आता हैं। दूसरी ओर कुछ व्यक्ति ऐसे भी होते हैं जो सिर्फ बैंक में पैसा रखते हैं। लेकिन बैंक में पैसा रखना मतलब की पैसों को कम करना जैसा हो गया। क्योंकि बैंक में आपको बहुत की कम ब्याज मिलता हैं जो की इन्फ्लेशन से भी कम होता हैं।

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Example of Investment in Hindi

चलिए अब हम इन्वेस्टमेंट के कुछ उदाहरण देख लेते हैं।

जैसे की राजेश ने एक छोटे बिज़नेस की शुरुआत की। फिर उसने अपनी बचत से ₹5 लाख निकालकर एक बढ़िया कंपनी के शेयर खरीद लिए। उसके बाद, उस कंपनी के शेयरों की कीमत बढ़ जाती हैं। दो साल बाद, राजेश ने उन शेयरों ₹7 लाख में बेच दिया।

इस तरह उसने इन्वेस्टमेंट से ₹ 2 लाख रुपये का फ़ायदा कर लिया।

इसके अलावा यदि राजेश ने एक ₹10 लाख की रियल एस्टेट की प्रॉपर्टी भी खरीदी। इसे उसने रहने के लिए नहीं बल्कि निवेश के लिए ख़रीदा था। तो यहाँ पर भी यह रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट कहलायेगा।

हमें इंवेस्टमेंट्स क्यों करना चाहिए?

अगर देखा जाये तो इन्वेस्टमेंट्स करने के कई कारण होते हैं जो आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं।

हमारे देश में हम लगभग 16-17 साल पढ़ाई करते हैं ताकि हमें एक अच्छी नौकरी प्राप्त हो सके।

हम मान भी लेते हैं कि हमको एक अच्छी नौकरी मिल गई। परन्तु हमें हमारी शिक्षा में हमें ये कभी नहीं सिखाया जाता कि कमाए पैसे को मैनेज कैसे करें और इसे कैसे इन्वेस्ट करें।

कुल मिलाकर हमें इन्वेस्टमेंट का महत्व कभी सिखाया ही नहीं जाता।

मैं आपको यहां पर कुछ इन्वेस्टमेंट करने के कारण बता रहा हूँ:

  • प्रॉफिट कमाने का अवसर: इन्वेस्टमेंट्स करके हम अपने पैसे को बढ़ा सकते हैं। साथ ही अच्छा प्रॉफिट प्राप्त कर सकते हैं। इन्वेस्टमेंट पर प्रॉफिट होने से हमारी वित्तीय स्थिति में सुधार होता है और भविष्य में आर्थिक सुरक्षा भी मिलती है।
  • इन्वेस्टमेंट के माध्यम से ज्यादा धन इकट्ठा किया जा सकता हैं: निवेश से हम नियमित रूप से धन का एकत्रीकरण कर सकते हैं। इससे हमारी बचत बढ़ती हैं और हमारे पास पैसे बचने लगते हैं। ये इकट्ठा किया हुआ पैसा हमारे भविष्य में बहुत काम आ सकता हैं।
  • रेगुलर इनकम: कई इन्वेस्टमेंट ऑप्शन ऐसे होते हैं जो की आपको एक रेगुलर इनकम दे सकते हैं। जैसे की डिविडेंड, किराया आदि। इस प्रकार हम इन्वेस्टमेंट से एक सेकंड इनकम बना सकते हैं।
  • इंफ्लेशन से बचाव: मुद्रास्फीति हमारे पैसों के लिए दीमक के जैसे होती हैं जो की हमारे पैसों की वैल्यू को समय के साथ कम करती रहती हैं। इसलिए इंफ्लेशन से बचने के लिए भी इन्वेस्टमेंट्स महत्वपूर्ण माने जाते हैं। जैसे की इन्फ्लेशन की रेट 6% हैं और आपको अपने निवेश पर 12% का रिटर्न मिल रहा हैं। तो स्थिति में आपको प्लस में 6% की ग्रोथ मिल रही हैं। लेकिन यदि आपने बैंक में पैसा रखा होता तो वहा आपको मात्र 2-3% का ब्याज प्राप्त होता हैं। इसका मतलब की आपके पैसे की वैल्यू बैंक में पड़ी-पड़ी कम हो जाती हैं।
  • आयकर छूट: कुछ निवेश विकल्प तो आपको इनकम टैक्स की छूट भी प्रदान करते हैं। इससे आपकी कुल आय पर टैक्स का बोझ कम होता है। जैसे की PPF, NPS, ELSS म्यूचुअल फंड आदि।

इस प्रकार इन्वेस्टमेंट करने से हमें अनेक प्रकार के फ़ायदे होते हैं।

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इन्वेस्टमेंट कितने प्रकार का होता है (Types of Investment in Hindi)

Investing in Hindi की जानकारी के बाद हम समझते हैं की इन्वेस्टमेंट कितने प्रकार के होते हैं।

वैसे आज के समय बहुत सारे इन्वेस्टमेंट ऑप्शन उपलब्ध हैं लेकिन मैं आपको लोकप्रिय इन्वेस्टमेंट विकल्प बता रहा हूँ।

(1) स्टॉक मार्केट

स्टॉक मार्केट को इन्वेस्टमेंट करने का सबसे अच्छा तरीका माना जाता हैं। लेकिन इसके लिए आपको शेयर मार्केट का गणित पता होना जरुरी हैं जिसे आप सीख भी सकते हैं। मिस्टर वारेन बफे, मिस्टर राकेश झुनझुनवाला आदि ऐसे निवेशक हैं जो कि शेयर मार्केट निवेश से ही इतने अमीर बने हैं।

हालांकि शेयर बाजार में गलत जानकारी या सिर्फ टिप के आधार पर किया गया इन्वेस्टमेंट बहुत ज्यादा जोख़िम भरा हो सकता हैं। इसलिए आपको सही जानकारी लेकर और पूरी रिसर्च के आधार पर ही शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट करना चाहिए।

स्टॉक माकेट में आप कंपनीज के शेयर्स में निवेश कर सकते हैं। इसके लिए आपको किसी स्टॉक ब्रोकर के पास अपना डीमैट अकाउंट खुलवाना होगा। यह अकाउंट आप ऑनलाइन ही घर बैठे-बैठे खुलवा सकते हैं।

(2) म्यूचुअल फण्ड

म्यूचुअल फंड शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने का एक इनडायरेक्ट तरीका होता हैं। यदि आप डायरेक्ट स्टॉक मार्केट की रिस्क नहीं उठाना चाहते हैं तो आप म्यूचुअल फंड के बारें में भी सोच सकते हैं।

अगर देखा जाएं तो एक म्यूचुअल फण्ड में अनेक लोग मिलकर इन्वेस्टमेंट करते हैं और जो भी पैसा इकट्ठा होता हैं उसे एक पेशेवर फण्ड मैनेजर द्वारा प्रबंधित किया जाता हैं।

यदि आप म्यूचुअल फंड से कमाई कैसे करे की अच्छी जानकारी प्राप्त कर लेते हैं तो आप आसानी से लॉन्ग टर्म में अच्छे रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही आपको अपनी आवश्यकतानुसार बहुत सारे म्यूचुअल फंड मिल जाएंगे। आप अपने गोल्स के अनुसार कोई सा भी म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट विकल्प चुन सकते हैं।

(3) गोल्ड

चाहे पुराने ज़माने की बात हो या अभी की गोल्ड वर्तमान में भी एक एवरग्रीन इन्वेस्टमेंट विकल्प हैं। गोल्ड में इन्वेस्टमेंट भी एक अच्छा विकल्प माना जा सकता हैं। सिल्वर की जगह गोल्ड एक बहुत ही बढ़िया निवेश ऑप्शन हैं क्योंकि ये लगातार रिटर्न बनाकर देने में सक्षम हैं।

अगर देखा जाएं तो लंबे समय में गोल्ड आपको 8-9% के आसपास के रिटर्न दे सकता हैं। यह रिटर्न वैसे शेयर मार्केट से बहुत कम हैं लेकिन इसमें जोख़िम भी बहुत कम होता हैं।

यदि आपको गोल्ड इन्वेस्टमेंट पसंद हैं तो आप फिजिकल गोल्ड की जगह डिजिटल गोल्ड या सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम के बारें में रिसर्च कर सकते हैं।

दोस्तों, आपको कभी भी गोल्ड में फिजिकल फॉर्म में इन्वेस्ट नहीं करना चाहिए। क्योंकि फिजिकल गोल्ड की वैल्यू भविष्य में डिजिटल गोल्ड के मुकाबले कम बढ़ती हैं साथ ही इसमें मेकिंग चार्जेज भी लगते हैं और चोरी होने का ख़तरा भी रहता हैं।  

(4) रियल एस्टेट

आज के समय में रियल एस्टेट भी बहुत ही अधिक इन्वेस्टमेंट किया जाता हैं। रियल एस्टेट इंवेस्टमेंट्स में कम समय में शानदार कैपिटल अप्प्रेसिअशन प्राप्त हो सकता हैं।

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हालांकि रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट के लिए आपको बहुत ही अधिक पैसों की आवश्यकता होती हैं। लेकिन जिन लोगों के पास अच्छा-ख़ासा पैसा हैं वो जरूर अच्छे रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट के अवसर तलाश सकते हैं।

साथ ही आपको रियल एस्टेट से रेंट भी प्राप्त हो सकता हैं जो की एक अच्छा कमाई का जरिया बन सकता हैं।

(5) पीपीएफ अकाउंट

PPF यानि की पब्लिक प्रोविडेंड फण्ड खाता। यह योजना भारत सरकार द्वारा नागरिकों के लिए बचत के साथ टैक्स सेविंग के लिए बनाई गई योजना हैं।

इस स्कीम में आपको एक निश्चित ब्याज दर प्राप्त होती हैं जो प्रत्येक क्वॉर्टर में रिव्यु की जाती हैं। PPF में आपको 7 से 8% का रिटर्न तो मिल ही जाता हैं।

साथ ही इस स्कीम की खासियत हैं की इसका रिटर्न टैक्स फ्री होता हैं। PPF में आप टैक्स सेविंग के साथ-साथ 15 वर्ष के लॉक-इन-पीरियड में अच्छी-खासी मैच्योरिटी भी बना सकते हैं।

(6) बॉन्ड और फिक्स्ड डिपाजिट

बांड्स भी पैसों को इन्वेस्ट करने का एक अच्छा विकल्प हैं। इस विकल्प में आपके पास गवर्नमेंट बॉन्ड्स और कॉरपोरेट बॉन्ड्स में निवेश करने का विकल्प होता है।

देखा जाए तो बॉन्ड एक सर्टिफिकेट के रूप में होता हैं जिसे आप किसी को पैसे उधार देकर खरीदते हैं। बांड एक निश्चित ब्याज दर के साथ ऑफर किए जाते हैं। इसमें एक निश्चित मेच्योरिटी डेट रहती है।

Bonds में रिस्क बहुत कम होता हैं इसलिए ऐसे निवेशक जो कम रिस्क के साथ निवेश करना चाहते हैं वे बॉन्ड्स के बारें में विचार कर सकते हैं। अगर आपको बॉन्ड में निवेश करना हैं तो आप ज़ेरोधा के डीमैट अकाउंट से इसमें इन्वेस्ट कर सकते हैं।

(7) NPS

यह योजना भी भारत सरकार द्वारा प्रस्तुत पेंशन योजना है। यदि आपको इन्वेस्टमेंट के साथ-साथ रिटायरमेंट के लिए भी प्लान करना हैं तो आप एनपीएस में इन्वेस्टमेंट के बारें में सोच सकते हैं।

एनपीएस में 60 वर्ष की आयु के बाद आपको एन्युटी के माध्यम से पेंशन भी प्राप्त होती है। साथ ही इस इन्वेस्टमेंट विकल्प में आपको अनेक टैक्स बेनिफिट भी मिल जाते हैं। एनपीएस को केंद्रीय कमर्चारियों के लिए अनिवार्य किया गया हैं।

लेकिन अभी NPS में कोई भी आम नागरिक निवेश कर सकता हैं।

इनके अलावा भी कई इन्वेस्टमेंट विकल्प होते हैं जैसे की:

  • फिक्स्ड डिपाजिट
  • सुकन्या समृद्धि योजना
  • अटल पेंशन योजना
  • क्रिप्टो इन्वेस्टमेंट
  • SIP इन्वेस्टमेंट

इन्वेस्टमेंट कैसे करें

चलिए अब मुद्दे की बात आती हैं की आखिर मैं कैसे इन्वेस्टमेंट कर सकता हूँ?

मैं आपको इन्वेस्टमेंट वाइज उसे करने के बारें में जानकारी दूंगा। बाकी आप विस्तार से उसके बारें में हमारे ब्लॉग के अन्य आर्टिकल पढ़ सकते हैं।

# शेयर मार्केट में कैसे इन्वेस्ट करें

यदि आपको शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करना हैं तो आपको एक डीमैट & ट्रेडिंग खोलना होगा। यह डीमैट अकाउंट आप किसी भी स्टॉक ब्रोकर के साथ खुलवा सकते हैं।

डीमैट अकाउंट के द्वारा आप किसी भी कंपनी के शेयर ख़रीद कर होल्ड कर सकते हैं। आप किसी भी डिस्काउंट ब्रोकर के साथ अपना डीमैट खाता खुलवा सकते हैं जैसे की अपस्टॉक्स, ज़ेरोधा, एंजेल वन आदि।

# म्यूचुअल फंड में कैसे इन्वेस्ट करें

यदि आप म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करना चाहते हैं तो आप अपस्टॉक्स, ज़ेरोधा कॉइन, एंजेल वन जैसे ब्रोकर्स के साथ में कर सकते हैं। दूसरे तरीके में आप सीधे फंड हाउस की वेबसाइट से भी इन्वेस्ट कर सकते हैं।

इनमें आपको डायरेक्ट प्लान और रेगुलर प्लान दोनों का विकल्प मिल जाता हैं।

# गोल्ड में इन्वेस्ट कैसे करें

आप डिजिटल गोल्ड सेफ गोल्ड, तनिष्क, फ़ोन पे या किसी बैंक से खरीद सकते हैं। वही यदि आपको सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में इन्वेस्ट करना हैं तो आप इसे RBI, बैंक या अपने ब्रोकर के माध्यम से खरीद सकते हैं।

यदि आप सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को डीमैट फॉर्म में रखते हैं तो आप इसे इसकी मैच्योरिटी से पहले भी बेच सकते हैं।

# रियल एस्टेट में कैसे निवेश करें

यदि आपको रियल एस्टेट में निवेश करना हैं तो आपको आपकी लोकेशन या जहां पर आपको प्रॉपर्टी लेनी हैं वहां स्वयं से तलाश करनी होगी। लेकिन रियल एस्टेट खरीदते समय आपको बहुत ही ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए। क्योंकि इसमें धोखा-धड़ी होने के चान्सेस होते हैं।

दूसरे विकल्प के तौर पर आजकल रेंटल यील्ड देने वाले रियल एस्टेट वाले म्यूचुअल फंड भी उपलब्ध हैं। इसमें आपको स्वयं के नाम से कोई प्रॉपर्टी नहीं खरीदनी होती। बल्कि फंड हाउस आपके एवज में सभी कार्य करता हैं।

रियल एस्टेट वाले म्यूचुअल फंड में रिस्क की मात्रा भी कम होती हैं।

# PPF और NPS में कैसे इन्वेस्ट करें

आप अपने बैंक के माध्यम से PPF स्कीम या NPS में निवेश कर सकते हैं। आजकल लगभग सभी बैंक ऑनलाइन ही यह अकाउंट खोलने की सुविधा देते हैं।

यदि आपके पास में इंटरनेट बैंकिंग हैं तो आप ऑनलाइन ही अपना NPS या PPF अकाउंट ऑपरेट कर सकते हैं।

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Types of Investments in Hindi

आखिर अमीर आदमी इन्वेस्टमेंट क्यों करते हैं?

आपने ऊपर Investment in Hindi तो समझ लिया। लेकिन अब सवाल ये खड़ा होता हैं कि आखिर में अमीर व्यक्ति इन्वेस्टमेंट क्यों करते हैं। चलिए इसको विस्तार में समझते हैं।

अगर देखा जाये तो दोस्तों, चाहे आप महीने का कितना पैसा कमा रहे हैं या आपकी सैलरी कितनी हैं? यह इतना मायने नहीं रखता हैं। यह मायने रखता हैं लेकिन इन्वेस्टमेंट जितना नहीं।

चलिए इसे एक आसान उदाहरण से समझते हैं।

मान लेते हैं कि आप एक नौकरी करते हैं जिसमें आपकी मासिक आय ₹20,000 हैं। साथ ही आपका दोस्त भी एक नौकरी करता हैं जिसकी मासिक आय ₹30,000 हैं। यहाँ पर आपका दोस्त कहीं पर भी इन्वेस्टमेंट नहीं करता। वो अपनी बचत को सेविंग बैंक अकाउंट में रखता हैं।

लेकिन दूसरी ओर आप शुरू से नियमित रूप से इन्वेस्टमेंट कर रहे हैं। आप मात्र ₹4,000 मासिक इन्वेस्टमेंट कर रहे हैं जबकि आपका दोस्त ₹8,000 मासिक बैंक में बचा रहा हैं।

लेकिन 20 साल बाद आप अपने दोस्त से कई ज्यादा पैसे बना चुके होंगे।

अब आप पूछेंगे कैसे…………………?

 आप (इन्वेस्टमेंट म्यूच्यूअल फण्ड/स्टॉक मार्केट) आपका दोस्त (बैंक अकाउंट सेविंग)
इन्वेस्टमेंट/सेविंग₹4,000 महीना₹8,000 महीना
रेट ऑफ़ रिटर्न12%3%
20 वर्ष के बाद कुल इन्वेस्टमेंट₹9.60 लाख₹19.20 लाख
मैच्योरिटी राशि₹40 लाख ₹26.3 लाख 

अब आप दोनों की मैच्योरिटी राशि में इतना फर्क कैसे आया? जबकि आपका दोस्त तो आपसे डबल इन्वेस्टमेंट कर रहा था।

इसमें आपका दोस्त सिर्फ बचत कर रहा हैं जबकि दूसरी ओर आप इन्वेस्ट कर रहे हैं। आप अपने दोस्त से आधी राशि निवेश करके भी उससे कहीं आगे पहुंच चुके हैं। क्योंकि आपने एक स्मार्ट निर्णय लिया हैं जबकि आपके दोस्त ने सिर्फ बैंक अकाउंट में सेविंग रखकर बड़ी गलती कर दी।

लेकिन यहाँ पर सबसे मजे की बात यह हैं की अगर मुद्रास्फीति (inflation) की औसत दर को 6% भी रखा जाए। तो आपका मित्र एक वर्ष में नेगेटिव -3% का रिटर्न बना रहा हैं। जबकि आप 6% का पॉजिटिव रिटर्न बना रहे हैं।

इसलिए आप इन्वेस्टिंग को कम नहीं आंक सकते।

अमीर लोग अपने पैसे को काम पर लगाते हैं जिससे वो पैसा उनके लिए ओर पैसा बनाकर देता हैं। क्योंकि उनकों पता हैं की पैसो का सही इस्तेमाल कैसे करना हैं। जबकि अधिकतर मिडिल क्लास लोग इन्वेस्टमेंट के महत्व को समझते ही नहीं हैं। वो सिर्फ पैसे के भागते हैं और इन्वेस्टमेंट के बारें में कभी सही से सीख ही नहीं पाते हैं।

इन्वेस्टमेंट में कितनी रिस्क होती हैं?

चाहे कोई सा भी निवेश हो उसमें रिस्क जरूर मौजूद रहती हैं। इसलिए आपको किसी भी इन्वेस्टमेंट को करने से पहले उसके जोखिम के बारें में सही से जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए।

किसी इन्वेस्टमेंट में कम तो किसी में रिस्क ज्यादा रहती हैं। यह रिस्क कई प्रकार की हो सकती हैं जैसे की मार्केट वोलैटिलिटी, इन्फ्लेशन, मंदी, ब्याज दरों में बदलाव आदि।

जो इन्वेस्टमेंट मार्केट सीधे मार्केट से सम्बंधित होते हैं उनमें रिस्क की मात्रा ज्यादा रहती हैं जैसे की-

  • स्टॉक मार्केट
  • म्यूचुअल फंड
  • NPS

हालाँकि यदि आप इन निवेश विकल्पों में शॉर्ट टर्म के लिए इन्वेस्ट करते हैं तो जोखिम ज्यादा हो जाती हैं। लेकिन लॉन्ग टर्म में शेयर मार्केट अच्छा परफॉर्म करता हैं इसलिए लम्बी अवधि के निवेश की मात्रा बहुत कम हो जाती हैं।

दूसरी ओर कुछ स्कीम्स में मॉडरेट रिस्क होती हैं जैसे की-

  • डेब्ट फंड
  • बॉन्ड्स
  • गोल्ड

जबकि सरकारी योजनाओं में रिस्क की मात्रा न के बराबर होती हैं जैसे की-

  • PPF
  • सुकन्या समृद्धि योजना

इसलिए कभी भी निवेश करते समय आपको पहले उससे से सम्बंधित सभी रिस्क फैक्टर्स के बारे में जानकारी हांसिल कर लेनी चाहिए।

इन्वेस्टमेंट करने से पहले किन बातों का ध्यान रखें

आपको इन्वेस्टमेंट करने से पहले कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना आवश्यक होता है। इसमें निम्नलिखित पॉइंट्स आपकी सहायता कर सकते हैं:

अपने इन्वेस्टमेंट के पीछे का उद्देश्य तय करें। जैसे की आपको वेल्थ बनानी हैं, बच्चों की शादी, बच्चों की शिक्षा, रिटायरमेंट प्लानिंग।

  • आप अपनी वित्तीय स्थिति को देखें और देखें कि आप कितनी रिस्क उठा सकते हैं और कितने समय तक इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं।
  • निवेश को डाइवर्सिफाई करने का प्रयास करें। मतलब की आपको सिर्फ एक ही प्रकार के इन्वेस्टमेंट विकल्प में निवेश नहीं करना चाहिए। बल्कि अलग-अलग जगह अपना पैसों को इन्वेस्ट करना चाहिए।
  • आपको यह तय करना होगा कि आप निवेश को कितने समय तक होल्ड रखने को तैयार हैं।
  • उधार के पैसों को मार्केट में इन्वेस्ट करने से बचे।
  • कोई भी इन्वेस्टमेंट करने से पहले उसकी सही जानकारी प्राप्त कर ले।

FAQ on Investments Meaning in Hindi

  1. इन्वेस्टमेंट का क्या मतलब होता है?

    इन्वेस्टमेंट का मतलब अपना पैसा कही इन्वेस्ट करना जिससे भविष्य में हमें कुछ रिटर्न की उम्मीद हो। इन्वेस्टमेंट को हिंदी में निवेश कहते हैं। इन्वेस्टमेंट में म्यूचुअल फंड, स्टॉक मार्केट, रियल एस्टेट, पब्लिक प्रोविडेंड फंड आदि शामिल रहते हैं।

  2. इन्वेस्टमेंट कितने प्रकार के होते हैं?

    आमतौर पर इन्वेस्टमेंट को अल्पकालीन, दीर्घकालीन, सुरक्षित और असुरक्षित प्रकार में बांटा जा सकता हैं।

  3. सबसे सुरक्षित इन्वेस्टमेंट कौनसा होता हैं?

    PPF, सुकन्या समृद्धि योजना, अटल पेंशन योजना आदि सरकारी निवेश ऑप्शन ही सबसे अधिक सुरक्षित माने जाते हैं।

  4. इन्वेस्टमेंट क्यों जरूरी है?

    इन्वेस्टमेंट का मुख्य उद्देश्य वेल्थ बनाना और वित्तीय सुरक्षा बनाना होता है। इससे कोई व्यक्ति अपने भविष्य के विभिन्न लक्ष्यों को पूरा कर सकता है, जैसे कि रिटायरमेंट के लिए धन जमा करना, बच्चों की शिक्षा, या घर का निर्माण करना।

  5. इन्वेस्टमेंट करने से पहले कौन-कौन से सावधानियां बरतनी चाहिए?

    इन्वेस्टमेंट करते समय आपको निवेश के लक्ष्य, टारगेट अमाउंट का निर्धारण, इन्वेस्टमेंट के रिस्क और लाभ आदि पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इससे आप अपने इन्वेस्टमेंट में सफलता की संभावना को काफी बढ़ा सकते हैं।

  6. निवेश में सफलता के लिए कुछ टिप्स बताएं?

    इन्वेस्टमेंट में सफलता पाने के लिए विवेकपूर्वक निवेश करें, धीरे-धीरे शुरू करें, पोर्टफोलियो में विविधता बनाएं, निवेश को लंबा करें, पोर्टफोलियो को रिव्यु और अपडेट करें।

निष्कर्ष

आज के समय इन्वेस्टमेंट को समझना और उसके अनुसार निवेश करना बहुत जरुरी हो चुका हैं। क्योंकि जो गलती पुराने लोग करते थे अगर वही गलती आप करेंगे तो आप ज़माने से काफी पीछे रह जाएंगे। साथ ही आपको वित्तीय समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता हैं। 

तो आज आपने समझा Investments Meaning in Hindi या Investment in Hindi. अगर आपको यह जानकारी समझ में आई हो तो इसे अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर अवश्य शेयर करें।  

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नमस्कार दोस्तों ! मैं राज कुमार बैरवा पूंजी गाइड ब्लॉग का फाउंडर हूँ। मैं पूंजी गाइड ब्लॉग पर शेयर मार्केट, म्यूचुअल फंड, पर्सनल फाइनेंस से सम्बंधित जानकारियां शेयर करता हूँ।

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