इंट्रा डे ट्रेडिंग के नियम | Intraday Trading Rules in Hindi

यदि कोई व्यक्ति इंट्राडे ट्रेडिंग की शुरुवात कर रहा हैं या इंट्राडे ट्रेडिंग सीखना चाहता हैं तो उसे कुछ इंट्रा डे ट्रेडिंग के नियम फॉलो करने होते हैं।

कोई नया व्यक्ति यदि ऐसा सोचता हैं की शेयर मार्केट कैसे सीखे तो उसे इंट्राडे ट्रेडिंग को भी अलग से सीखना होता हैं। एक ट्रेडर के सामने शेयर मार्केट निवेशक की तुलना में अधिक चुनौतियां होती हैं।

जब आप एक ट्रेडर के रूप में इंट्राडे ट्रेडिंग के नियम ध्यान में रखते हो और उनका सक्ती से पालन करते हो तो आपके सफल होने की संभावना अधिक हो जाती हैं।

तो इस आर्टिकल में हम इंट्रा डे ट्रेडिंग के नियम विस्तार से समझेंगे। यदि आप इन इंट्राडे ट्रेडिंग के रूल्स को सही से फॉलो करते हैं तो आपकी ट्रेडिंग जर्नी ओर आसान हो जाएगी।

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1 इंट्रा डे ट्रेडिंग के नियम| Intraday Trading Rules in Hindi

इंट्रा डे ट्रेडिंग के नियम| Intraday Trading Rules in Hindi

शॉर्ट ट्रेडिंग काफी रिस्की मानी जाती हैं। इसलिए आपको कभी भी जल्दबाज़ी में निर्णय नहीं लेने चाहिए। पहले आपको इंट्राडे के सभी पहलुओं को विस्तार में समझ लेना चाहिए।

Intraday Trading ke niyam

1. इंट्राडे ट्रेडिंग सीखें फिर एंट्री ले

स्टॉक मार्केट में इंट्राडे ट्रेडिंग बहुत जोखिम भरी हुई होती हैं। यदि कोई व्यक्ति बिना इसे सीखें और समझें करता हैं तो उसे नुकसान होने की पूर्ण सम्भावना होती हैं।

यदि आप किसी दोस्त की या टेलीग्राम वगैरह की टिप्स को फॉलो करके इंट्राडे ट्रेडिंग करते हैं तो आपको आज नहीं तो कल नुकसान ही होगा। साथ ही ये नुकसान इतना बड़ा हो सकता हैं की आप सदा के लिए शेयर बाजार छोड़ सकते हैं।

लेकिन यदि आप इंट्राडे के बारें में सीखकर और समझकर इसे करते हैं तो आप बेहतर कर पाते हैं। खासतौर पर आपको चार्ट पैटर्न को सही से पढ़ना सीखना चाहिए।

इंट्राडे ट्रेडिंग सीखने के बाद आप –

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  • सही ट्रेडिंग रणनीति बना पाते हो,
  • बेहतर निर्णय ले पाते हो,
  • सही तरीके से अपना प्लान एक्सीक्यूट कर पाते हो।

लेकिन अब सवाल ये खड़ा होता हैं की आखिर इंट्राडे ट्रेडिंग सीखें कैसे?

देखिये इंट्राडे ट्रेडिंग सीखने के लिए कई अलग-अलग तरीके हैं जो की निम्न प्रकार हैं –

2. कम क्वांटिटी में ट्रेडिंग की शुरुवात करें

इंट्रा डे ट्रेडिंग के पहले नियम में हमने इंट्राडे ट्रेडिंग को सीखने की बात की। जब आप इंट्राडे ट्रेडिंग थोड़ी बहुत सीख लेते हैं तो फिर आप अपने आपको ट्रेडिंग के द्वारा आजमाना चाहते हैं।

यदि आप कम क्वांटिटी से इंट्राडे ट्रेडिंग की शुरुवात करते हैं तो आपको नुकसान भी कम होगा। साथ ही जैसे-जैसे विश्वास आते जाएं आप अपनी क्वांटिटी को बढ़ा भी सकते हैं।

यदि आप जल्दबाजी में अधिक में मात्रा में ट्रेड कर लेते हैं और किसी कारणवश आपका ट्रेड भी गलत साबित हो जाता हैं। तो इस स्थिति में अपना पूरा पैसा एक साथ गंवा देंगे।

इसलिए आपको शुरुवात में अधिक रिस्क उठाने से बचना चाहिए और इंट्रा डे ट्रेडिंग के नियम के अनुसार कम क्वांटिटी में ट्रेडिंग करनी चाहिए।

3. अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखें

अधिकतर मामलों में इंट्राडे ट्रेडिंग में आपको कितना प्रॉफिट या लॉस होगा ये आपकी भावनाएं तय करती हैं। जितना अधिक आप अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखेंगे उतना आपका प्रॉफिट बढ़ता जायेगा।

वैसे ही जितना आप भावनाओं में बहकर निर्णय लेंगे आपका नुकसान बढ़ता जाएगा।

ट्रेडिंग करते समय आपको अपनी भावनाओं को एक तरफ रखना चाहिए। आपको प्रॉफिट या लॉस से अत्यधिक प्रभावित नहीं होना चाहिए। भावनाएं आपके निर्णय को गलत तरीके से प्रभावित करती हैं।

जब भी आपको Buy-Sell का निर्णय लेना हो तब आपको अच्छी तरह से सोच-समझकर निर्णय लेना चाहिए। इमोशन कण्ट्रोल रखने के तरीकें आपको सीखने होंगे।

4. इंट्रा डे ट्रेडिंग के नियम के अनुसार रिस्क को ध्यान में रखें

अगले इंट्राडे ट्रेडिंग के नियम के मुताबिक आपको सिर्फ उतनी ही रिस्क उठानी चाहिए जितनी आप सहन कर सकें। कई लोग जल्दी पैसा बनाने के चक्कर में अपनी रिस्क लेने की क्षमता से अधिक ट्रेडिंग कर लेते हैं जिससे उनको भारी नुकसान उठाना पड़ता हैं।

जैसे की किसी अतिउत्साही ट्रेडर ने अधिक प्रॉफिट बनाने के लिए किसी से पैसा उधार लेकर या बैंक से लोन लेकर ट्रेडिंग कर डाली। दुर्भाग्यवश उसे ट्रेडिंग में नुकसान हो गया।

ऐसी स्थिति बहुत विभस्त होती हैं जिसमें हमें उस पैसे को भारी ब्याज के साथ चुकाना भी होता हैं। इसलिए जितना आप नुकसान बिना किसी परेशानी के उठा सकते हैं उसके मुताबिक ही आपको जोख़िम उठाना चाहिए।

5. रिसर्च करके ही स्टॉक चुनें

ऐसा नहीं हैं की आप ट्रेडर बनते ही किसी भी स्टॉक को उठाया और उसमें इंट्राडे ट्रेडिंग शुरू कर दी। ये आपकी एक बहुत बड़ी गलती हो सकती हैं।

बिना रिसर्च वाला स्टॉक चुनने से आप सही समय पर सही निर्णय नहीं ले पाएंगे जिससे नुकसान होने की संभावना प्रबल हो जाती हैं।

आपको सिर्फ वो ही स्टॉक में ट्रेड करना चाहिए जिसकी आपने सही से रिसर्च की हैं। जैसे की आपने उस स्टॉक का टेक्निकल एनालिसिस किया हो, उससे सम्बंधित न्यूज़ को कवर किया हो। इंट्राडे के लिए स्टॉक चुनने के लिए आप इंट्रा डे ट्रेडिंग फॉर्मूला प्रयोग कर सकते हैं।  

साथ ही विभिन्न तरह के चार्ट्स को फॉलो कर सकते हैं। यदि आप चार्ट की सही से स्टडी करने में कामयाब हो पाते हो तो आप अच्छा स्टॉक चुन सकते हैं।

6. स्टॉप लॉस के साथ ट्रेडिंग करें

इंट्राडे का अगला नियम ये कहता हैं की आपको हमेशा स्टॉप लॉस के साथ में ट्रेडिंग करनी चाहिए। अति आत्मविश्वास के कारण हम अधिकतर मामलों में स्टॉप लॉस नहीं लगाते हैं जिससे छोटा सा नुकसान बहुत बड़े नुकसान में तब्दील हो जाता हैं।

यदि Stop Loss Meaning in Hindi की बात की जाए तो Stop Loss ट्रेडिंग के दौरान होने वाले नुकसान को कम करने के लिए इस्तेमाल किया जाता हैं।

ये एक ऐसी तकनीक हैं जिससे ट्रेडर अपने नुकसान को सीमित (limit) कर सकता हैं। Stop Loss का इस्तेमाल करने से ट्रेडिंग रिस्क काफी हद तक कम हो जाती हैं।

स्टॉप लॉस उन ट्रेडर्स के लिए बेस्ट रहता हैं जो की नियमित रूप से अपने ट्रेड को देख नहीं पाते हैं या ट्रेड लगाकर भूल जाते हैं।

“स्टॉप लॉस को भावनाओं के साथ में जोड़ा जा सकता हैं।” 

Intraday Trading Rules in Hindi

जैसे की किसी ट्रेडर के सौदा लेने के बाद वो स्टॉक उसकी आशा के विपरीत परफॉर्म कर रहा हैं। वो स्टॉक लगातार नीचे जा रहा हैं परन्तु उसे ट्रेडर को ऐसा लग रहा हैं शायद वो स्टॉक वापस ऊपर की ओर आएगा।

लेकिन वो स्टॉक ऊपर नहीं आता हैं बल्कि ओर नीचे चला जाता हैं। जिससे उसका नुकसान बहुत अधिक हो जाता हैं।

लेकिन यदि उसने स्टॉप लॉस का इस्तेमाल किया होता हैं तो उसका नुकसान बहुत ही कम होता। इसलिए आपको स्टॉप लॉस के इंट्रा डे ट्रेडिंग के नियम को सख़्ती से फॉलो करना चाहिए।

7. रुझान के साथ ट्रेडिंग करें

इंट्राडे ट्रेडिंग में रुझान बहुत मायने रखते हैं। आपको ट्रेडिंग डे के दिन शेयर मार्केट का रुझान देखना चाहिए की मार्किट किस दिशा में जा रहा हैं।

एक इंट्राडे ट्रेडर के रूप में आपको स्टॉक मार्केट के रुझान के साथ ही जाना चाहिए। यदि आप बाजार की विपरीत दिशा में काम करते हैं तो आपकी रणनीति गलत साबित हो सकती हैं।

“उदाहरण के तौर पर जैसे अभी शेयर बाजार में तेजी हैं तो आपको इसी तेजी को फॉलो करना चाहिए। जिसमें आपको बढ़ने वाले ही स्टॉक ही चुनने चाहिए।”

इसी तरह यदि मार्केट डाउन ट्रेंड में हैं तो आपको गिरने वाले स्टॉक्स में ही ट्रेडिंग करनी चाहिए। मार्केट की दिशा के विपरीत जाना आपका गलत निर्णय हो सकता हैं।

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8. ओवरट्रेडिंग न करें

हमनें हमेशा ये सुना हैं की अति किसी भी चीज की नुकसान देह ही होती हैं। ये नियम इंट्रा डे ट्रेडिंग के नियम में भी शामिल हैं।

हम सब जानते हैं की मार्केट में काफी ज्यादा वोलैटिलिटी होती हैं जिसकी वजह से इसमें हाई रिस्क मौजूद होती हैं। इसलिए यदि आप लगातार बिना किसी अवसर के ट्रेडिंग करते हैं तो आपको नुकसान हो सकता हैं।

साथ ही हम कई बार अपने नुकसान की भरपाई करने के लिए भी अधिक मात्रा में ट्रेड करते हैं जो की एक गलत तरीका होता हैं।

जब आपको स्टॉक मार्केट में किसी स्टॉक में कोई विशेष अवसर नहीं दिखाई दे रहा हैं तो आपको उसमें ट्रेड लेने से बचना चाहिए।

9. केवल लिक्विड स्टॉक में ट्रेड करें

जब भी आप इंट्राडे ट्रेडिंग करें सबसे पहले ये सुनिश्चित करें की जिस स्टॉक में आप इंट्राडे खेल रहें हैं वो लिक्विड तो हैं। 

कई बार हम ऐसा स्टॉक चुन लेते हैं जिसमें लिक्विडिटी (तरलता) की मात्रा बहुत ही कम होती हैं। इस वजह से जब हमें शेयर बेचना या खरीदना होता हैं तो हमारा ऑर्डर आसानी से एक्सीक्यूट नहीं होता। 

लिक्विडिटी का मतलब हैं की शेयर में भारी मात्रा में Buyer और Seller हो। 

10. टारगेट कम्पलीट हो जाने पर संयम रखें

अगले इंट्रा डे ट्रेडिंग के नियम के अनुसार आपके प्रत्येक ट्रेडिंग डे के टारगेट होने चाहिए। आपको इन टार्गेट्स को ध्यान में रखते हुए ही ट्रेडिंग प्लान करनी चाहिए।

अगर आसान भाषा में बात की जाए तो जैसे की आज आपका ₹10,000 कमाने का टारगेट हैं और आपने ये प्रॉफिट कमा भी लिया। लेकिन अब आप ओर प्रॉफिट कमाने के चक्कर में ओर ट्रेडिंग करते हैं लेकिन अगले ट्रेड में आपको नुकसान होता हैं।

फिर आप वापस उस प्रॉफिट के फिगर को प्राप्त करने के लिए लगातार ट्रेडिंग करते हो और उस ट्रेडिंग चक्रव्यूह में फंस जाते हो।

लेकिन यदि आप पहले ट्रेड में प्रॉफिट कमाने के बाद वही रुक जाते तो आपको ओर नुकसान नहीं होता।

इसलिए आपको यहां संतुष्टि दिखाने की आवश्यकता होती हैं जिससे आपका प्रॉफिट बरकरार रहें।

11. प्लानिंग के साथ ट्रेडिंग करें

आपको ट्रेडिंग में सफलता प्राप्त करने के लिए एक प्लानिंग के साथ में ट्रेडिंग करनी चाहिए। साथ ही आपने जिस योजना के साथ में ट्रेडिंग शुरू की हैं आपको उसके साथ बने रहना चाहिए।

आपको किसी भी प्रकार की खबर या सूचनाओं विश्वास नहीं करना चाहिए जब तक खबर का कोई अधिकृत सोर्स न हो। इंट्राडे ट्रेडिंग में जिम्मेदारी के साथ निर्णय लें और शेयर मार्केट के ट्रेंड को समझने का प्रयास करें।

एक साथ कई रणनीतियों का उपयोग करने से आपको समस्याओं का सामना करना पड़ सकता हैं।

12. प्रॉफिट को अपना बनाए

मार्केट में हमेशा एक वोलैटिलिटी बनी रहती हैं। मार्केट कभी ऊपर तो कभी नीचे की ओर चलता हैं।

इसलिए आपको अत्यधिक लालची नहीं बनाना चाहिए। जो प्रॉफिट आपका हो चुका हैं उसे बुक करने का प्रयास करें।

इंट्रा डे ट्रेडिंग के नियम के मुताबिक जब ट्रेडर अपना लक्ष्य प्राप्त कर लेता हैं तो उसे अपनी पोजीशन काटकर एग्जिट कर जाना चाहिए।

13. बार-बार नुकसान होने पर ट्रेडिंग को बंद करें

यदि आप लगातार ट्रेडिंग कर रहे हैं लेकिन आपके अधिकतर इंट्राडे ट्रेड लॉस में जा रहे हैं तो आपको कुछ समय के लिए ट्रेडिंग बंद कर देनी चाहिए।

यहाँ आपको संयम रखकर सिर्फ अपने नुकसान को कवर करने के बारें में नहीं सोचना चाहिए। बल्कि आपको उस ख़ामि की तलाश करनी चाहिए जिसकी वजह से आपको लगातार लॉस हो रहा हैं।

इसलिए ऐसी स्थिति में आपको थोड़ा धैर्य दिखाना चाहिए।

14. अपने लाभ-हानि को कैलकुलेट करें

इंट्राडे ट्रेडिंग में लाभ और हानि का दौर चलता रहता हैं। कभी आपको लाभ होता हैं तो कभी नुकसान।

आपको हानियों से घबराना नहीं चाहिए। बल्कि अपनी गलतियों को पहचान कर उसमें सुधार करना चाहिए।

इंट्राडे ट्रेडिंग में ट्रेडर का एकमात्र लक्ष्य लाभ कमाना होता हैं। इसलिए आपको अपने लाभ की गणना करनी चाहिए। यदि आप अपने लाभ-हानि को कैलकुलेट करते हैं तो आप आगे के लिए सही लक्ष्य बना पाते हैं।

15. अपनी पोजीशन को हमेशा टाइम से स्क्वायर ऑफ करें

ये इंट्रा डे ट्रेडिंग के नियम का अंतिम नियम हैं जो की हमें बताता हैं की आपको हमेशा अपनी पोजीशन स्क्वायर ऑफ करनी चाहिए।

यदि आपने इंट्राडे में शॉर्ट सेल्लिंग की हैं तो पोजीशन स्क्वायर ऑफ अति महत्वपूर्ण हो जाता हैं। यदि आप शॉर्ट सेल्लिंग में अपनी पोजीशन नहीं काटते हो तो आपको भारी पेनल्टी चुकानी होती हैं। 

आप Intraday Trading Time in Hindi को यहां विस्तार से समझ सकते हैं। 

Intraday Trading Rules in Hindi : FAQ’s

  1. शुरुआती लोगों के लिए इंट्राडे ट्रेडिंग टिप्स कौनसे हैं?

    कम राशि के साथ शुरुवात करें, लिक्विड स्टॉक में ट्रेडिंग करें, टारगेट तय करें और लालची न बनें।

  2. इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए क्या जरूरी है?

    इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए आपके पास में एक डीमैट अकाउंट होना चाहिए। इंट्राडे ट्रेडिंग में एक ही दिन में शेयर ख़रीदकर वापस बेचना होता हैं।

  3. इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए कौन सा दिन सबसे अच्छा है?

    इंट्राडे डे ट्रेडिंग के लिए सुबह का समय सबसे बेस्ट होता हैं। सुबह-सुबह मार्केट में हाई वोलैटिलिटी होती हैं जिसका एक ट्रेडर फायदा उठा सकता हैं।

  4. इंट्राडे में खरीदार न होने पर क्या होता है?

    यदि आपने कोई शेयर खरीद रखा हैं और वो स्टॉक लोअर सर्किट हिट करता है। तो इस स्थिति में Buyers नहीं होंगे जिससे आप शेयर्स को बेच नहीं पाएंगे।
    इस स्थिति में या तो आपको पेनल्टी लगेगी या आपके शेयर डिलीवरी में कन्वर्ट हो जाएंगे।

  5. मुझे इंट्राडे शेयर कब बेचना चाहिए?

    जब आपका टारगेट प्रॉफिट प्राप्त हो चुका हो तब आप अपने शेयर बेच सकते हैं। वैसे आप ट्रेडिंग डे के 03:30 बजे तक शेयर बेच सकते हैं।

  6. क्या शनिवार के दिन इंट्राडे ट्रेडिंग कर सकते हैं?

    नहीं, शनिवार को मार्केट बंद रहता हैं।

निष्कर्ष

यदि किसी व्यक्ति को स्टॉक मार्केट में कम समय में अच्छा पैसा कमाना हैं तो आपको इंट्राडे ट्रेडिंग सर्वोत्तम मौका देती हैं। लेकिन जहां लाभ अधिक होगा वहाँ रिस्क भी ज्यादा होगी। 

इसलिए आपको हमेशा इंट्राडे ट्रेडिंग को सोच-समझकर, जोखिम को जांचकर ही इंट्राडे ट्रेडिंग करनी चाहिए। यदि आप इंट्राडे ट्रेडिंग के नियम सही से फॉलो करेंगे तो आपको लाभ होने की संभावनाएं अधिक हो जाएगी। 

तो आज इस आर्टिकल में हमने इंट्रा डे ट्रेडिंग के नियम या Intraday Trading Rules in Hindi समझें जो की आपको अच्छे लगे होंगे। 

आप इस जानकारी को सोशल मीडिया नेटवर्क्स पर जरूर शेयर करें। यदि आपके कोई सवाल या सुझाव हैं तो आप कमेंट करके बता सकते हैं। 

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नमस्कार दोस्तों ! मैं राज कुमार बैरवा पूंजी गाइड ब्लॉग का फाउंडर हूँ। मैं पूंजी गाइड ब्लॉग पर शेयर मार्केट, म्यूचुअल फंड, पर्सनल फाइनेंस से सम्बंधित जानकारियां शेयर करता हूँ।

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