इंट्रा डे ट्रेडिंग फॉर्मूला | Intraday Trading Formula in Hindi

जब कोई ट्रेडर इंट्राडे ट्रेडिंग करता हैं तो उसे इंट्रा डे ट्रेडिंग फॉर्मूला की आवश्यकता होती हैं। बिना इंट्रा डे ट्रेडिंग फॉर्मूला सीखें ट्रेडिंग करना ठीक वैसे ही होगा जैसे बिना पेट्रोल के बाइक चलाना।

शेयर मार्केट के गणित में कुछ महत्वपूर्ण इंट्रा डे ट्रेडिंग फॉर्मूला बताए गए हैं जिनका इस्तेमाल इंट्राडे ट्रेडिंग के दौरान किया जाता हैं। जैसे की हम लॉन्ग टर्म इन्वेस्टिंग के लिए कंपनी के फाइनेंसियल, मैनेजमेंट आदि देखते हैं वैसे ही इंट्राडे ट्रेडिंग में इंट्रा डे ट्रेडिंग फॉर्मूला प्रयोग करना जरुरी हो जाता हैं।

हम सब ये तो जानते ही हैं की इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है। जिसमें एक ही ट्रेडिंग डे में पोजीशन लेकर पोजीशन काट दी जाती हैं।

तो आज इस आर्टिकल में हम इंट्रा डे ट्रेडिंग फॉर्मूला या Intraday Trading Formula in Hindi सीखेंगे जो आपकी ट्रेडिंग यात्रा में बहुत काम आने वाले हैं।

इंट्रा डे ट्रेडिंग फॉर्मूला | Intraday Trading Formula in Hindi

यदि किसी व्यक्ति को शेयर मार्केट से कम समय में पैसा कमाना हैं तो उसे ट्रेडिंग का रास्ता अपनाना पड़ता हैं। ट्रेडिंग में यदि कोई ट्रेडर बिना सीखें और बिना इंट्रा डे ट्रेडिंग फॉर्मूला की जानकारी के उतरता हैं तो उसे बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता हैं।

चलिए हम आपको कुछ इंट्राडे से सम्बंधित ट्रेडिंग फार्मूला बताते हैं जिससे आपकी इंट्राडे ट्रेडिंग या शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग में बहुत मदद होगी।

लेकिन ऐसा नहीं की आपको ये इंट्रा डे ट्रेडिंग फॉर्मूला एक ही बार में समझ में आ जाएंगे। यदि आप पहली बार इंट्राडे से सम्बंधित कुछ पढ़ रहे हैं तो आपको इसे 2-3 बार पढ़ना पड़ सकता हैं। 

Intraday Trading Formula in Hindi

(1) Candlestick knowhow : इंट्रा डे ट्रेडिंग फॉर्मूला

कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न की शुरुआत 1700 के दशक में जापान देश में हुई थी। एक कैंडलस्टिक, जिसे लाल और हरे रंग में प्रदर्शित किया जाता है। ये लाल और हरा रंग पूरे दिन के बाजार, ओपन, लॉ और हाई को दर्शाता हैं।

मान लीजिए यदि कैंडल का चौड़ा हिस्सा हरे रंग से भरा हुआ है। इसका मतलब है शेयर मार्केट जब खुला तो वो कल के क्लोज से ज्यादा हाई पर था।

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लेकिन इसकी विपरीत कंडीशन में कैंडलस्टिक को लाल रंग में दर्शाया जाएगा।

यदि कैंडल की वास्तविक बॉडी के ऊपर और नीचे ‘बिक्स’ या छाया हैं। तो ये उस दिन के कारोबार के उतार-चढ़ाव को बताते हैं। उदाहरण के लिए, मान लें कि लाल मोमबत्ती की ऊपरी बत्ती छोटी है। तो इसका मतलब हुआ की ओपन प्राइस दिन के हाई के करीब है।

यदि संक्षेप में समझा जाए, तो एक डाउन कैंडल को लाल और एक अप कैंडल को हरे रंग में शेड किया जाता हैं।

(2) Opening Range Breakout Theory : इंट्रा डे ट्रेडिंग फॉर्मूला

माकेट से प्रॉफिट कमाने के लिए ओपनिंग रेंज ब्रेकआउट थ्योरी बहुत ही बढ़िया मानी जाती हैं।

मार्केट खुलते ही इसमें हाई वोलैटिलिटी देखी जाती हैं। यह वोलैटिलिटी अवधि आमतौर पर शुरुआती 30 मिनट या एक घंटे के लिए ही होती है।

इस अवधि में ही आपको दिन के उतार-चढ़ाव को पहचानना होता है। इसी तरह, आपको मार्केट के Previous High और Low को पहचानना होगा। क्योंकि शुरुवाती मार्केट ही Up और Down की दिशा तय करता हैं।

इस तरह आप स्टॉक मूवमेंट का फ़ायदा उठाकर प्रॉफिट बना सकते हैं। 

(3) Pivot पॉइंट थ्योरी

अगले इंट्रा डे ट्रेडिंग फॉर्मूला में हम पाइवोट पॉइंट थ्योरी को समझते हैं।

इस फॉर्मूले के द्वारा हम स्टॉक के पिछले दिन के प्रदर्शन के आधार पर उसकी मूवमेंट का अनुमान लगाते हैं।

पिछले ट्रेडिंग डे के अनुमान से हमें तीन इनपुट डाटा का उपयोग करना होता हैं –

  • प्रीवियस ट्रेडिंग डे हाई प्राइस (H)
  • प्रीवियस ट्रेडिंग डे लॉ प्राइस (L)
  • पिछले ट्रेडिंग डे की क्लोजिंग प्राइस (C)

अब हमें इन तीनों प्राइस को जोड़ना होता हैं।

H + L + C = X 

नेक्स्ट हमें X की वैल्यू को तीन से भाग (Divide) देना होता हैं।

X/3 = P  जिसे पाईवोट पॉइंट थ्योरी (Pivot Point Theory) कहा जाता हैं।

उसके बाद P को 2 से मल्टीप्लाई करते हैं।

P x 2 = Y 
  • प्रथम रेजिस्टेंस स्तर (R1) = Y-L
  • द्वितीय रेजिस्टेंस स्तर (R2) = P+(H-L)

यहां पर = (L)  –  प्रीवियस ट्रेडिंग डे लॉ प्राइस

उसी प्रकार हम सपोर्ट स्तर भी कैलकुलेट कर सकते हैं। 

  • प्रथम सपोर्ट स्तर (S1) = Y-H
  • द्वितीय सपोर्ट स्तर (S2) =  P-(H-L)

उदाहरण के लिए हम SBI Cards के पिछले दिन का डाटा उठाते हैं –

H = 678.85
L =  646
C =  678

अब,     X = H + L + C 

= 678.85+646+678 = 2002 (लगभग) = X

P = 2002/3 = 667

Y =667 x 2 = 1334

रेजिस्टेंस स्तर की गणना 

  • पहला रेजिस्टेंस स्तर (R1) =  646  (Y-L )
  • दूसरा रेजिस्टेंस स्टार (R2) = 699   P+(H-L)

और सपोर्ट स्तर की गणना

  • प्रथम सपोर्ट स्तर (S1) = 656  (Y-H)
  • द्वितीय सपोर्ट स्तर (S2) = 635  P-(H-L)

इस तरह आप पाईवोट पॉइंट फॉर्मूला का उपयोग करके सपोर्ट या रेसिस्टेंट पॉइंट कैलकुलेट कर सकते हैं।

पाईवोट पॉइंट फॉर्मूला के फायदे

  • इस फॉर्मूला से मार्केट ट्रेंड को निर्धारित करने में सहायता मिलती हैं।
  • ट्रेडर्स को शेयर मार्केट में कब प्रवेश करें और कब बाहर निकले के बारे में भी मदद मिलती है।

हालांकि ये इंट्रा डे ट्रेडिंग फॉर्मूला आपको शुरुवाती दौर में समझने में कठिन लग सकता हैं। परन्तु जब आप इसका नियमित अभ्यास करेंगे तो ये आपके लिए आसान हो जाएगा।

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(4) फ्रैक्शन थ्योरी : इंट्राडे ट्रेडिंग फॉर्मूला

चलिए अब बात करते हैं अगले इंट्राडे ट्रेडिंग फॉर्मूला की जो की हैं फ्रैक्शन थ्योरी।

पाईवोट पॉइंट थ्योरी के जैसे ही फ्रैक्शन थ्योरी (Fraction Theory) भी काफी लोकप्रिय ट्रेडिंग तकनीक हैं। इस तकनीक में भी पिछले ट्रेडिंग डे के स्टॉक डाटा के आधार पर स्टॉक की मूवमेंट का पता लगाया जाता है।

फ्रैक्शन थ्योरी को से स्टॉक की मूवमेंट निम्न तरह से कैलकुलेट की जाती हैं –

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(H + L + C) * 0.67 = Y 

S = Y-H

R = Y-L

PB = Y – C

इस फार्मूला में भी रेजिस्टेंस और सपोर्ट के लेवल्स को पाईवोट पॉइंट थ्योरी के जैसे ही कैलकुलेट किया जाता है।

उदाहरण के लिए, IRCTC शेयर के पिछले ट्रेडिंग दिन का मार्केट डाटा इस प्रकार है-

H = 640

L =  616

C = 639

Y = (640+616+639)* 0.67 = 1270

  • रेजिस्टेंस स्तर = 1270-616 = 654
  • सपोर्ट स्तर = 1270-640 = 630
  • PB = 1270-639 = 631

इस तरह फ्रैक्शन थ्योरी का इस्तेमाल शेयर के पॉसिबल Buy लेवल को निर्धारित करने के लिए किया जाता हैं।

साथ ही इससे उस दिन के रेजिस्टेंस को भी निर्धारित किया जा सकता है।

(5) RSI Indicator Formula

RSI जिसका मतलब होता हैं रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स। ये एक टेक्निकल इंडिकेटर है जो हमें बताता हैं की कोई शेयर अभी  ओवरसोल्ड (Oversold) या ओवरबॉट (Overbought) जोन में है या नहीं।

ये RSI सिग्नल हमें बताता हैं की शेयर अभी सामान्य स्तिथि में पहुँच चुका हैं। मतलब की वो अभी ओवरसोल्ड या ओवरबॉट जोन में नहीं हैं।

यदि कोई शेयर अभी ओवरबॉट ज़ोन में है, तो वह कुछ टाइम बाद अपनी सामान्य स्थिति में आ जाएगा, इसमें ये इंडिकेटर आपकी बहुत मदद करता हैं।

RSI इंडिकेटर का उपयोग किसी भी समय अवधि के लिए किया जा सकता है। लेकिन ये आमतौर पर 14 दिन की समय सीमा में उपयोग किया जाता है।

(6) मूविंग एवरेज थ्योरी

इंट्रा डे ट्रेडिंग फॉर्मूला तकनीक में अगला हैं मूविंग एवरेज थ्योरी।

मूविंग एवरेज का आमतौर पर कैपिटल मार्केट में उपयोग किया जाता है। इस फार्मूला को माध्य की एक श्रृंखला के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जो स्टॉक प्राइस की क्रमिक अवधि से प्राप्त होता है।

मूविंग एवरेज का फॉर्मूला है:

मूविंग एवरेज: C1+C2+C3+…. + CN

इस मामले में, C1, C2, और Cn क्लोजिंग प्राइस होगी।

N – इसमें वो समय अवधि आएगी जिसका हम मूविंग एवरेज निकालना चाहते हैं।

FAQ : इंट्रा डे ट्रेडिंग फॉर्मूला सम्बंधित

  1. इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए कौनसा फार्मूला बेस्ट है?

    Pivot पॉइंट थ्योरी इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए बहुत ही बढ़िया फार्मूला माना जाता हैं।

  2. इंट्राडे में शेयर खरीदने का सही समय क्या है?

    यदि किसी ट्रेडर को इंट्राडे ट्रेड के लिए शेयर खरीदना हैं तो वो सुबह के एक घंटे में शेयर खरीद सकता हैं। ट्रेडिंग डे का पहला 1 घंटा ट्रेडिंग के लिए बहुत ही अच्छा माना जाता हैं।

  3. इंट्रा डे ट्रेडिंग में मार्जिन क्या होता है?

    आपको एक ट्रेडर के रूप में, मार्जिन ट्रेडिंग करते वक़्त अपने अकाउंट में एक निश्चित राशि मेन्टेन करने की आवश्यकता होती है। यदि आप उस ट्रेडिंग दिन के अंदर इस राशि को बनाए रखने में विफल रहते हैं, तो मार्जिन कॉल जारी किया जाता हैं।

  4. क्या मैं 500 रुपये से इंट्राडे ट्रेडिंग शुरू कर सकता हूँ?

    इंट्राडे ट्रेडिंग में कोई भी ट्रेडिंग अमाउंट की सीमा नहीं हैं। आप कितने भी अमाउंट से ट्रेडिंग कर सकते हैं।

निष्कर्ष

इंट्रा डे ट्रेडिंग फॉर्मूला मार्केट में ट्रेडिंग करने के लिए बहुत ही कारगर माना जाता हैं। इन फॉर्मूला को सीखकर शेयर मार्केट में ट्रेडिंग से अच्छा पैसा कमाया जा सकता हैं। 

लेकिन जब तक आप इसकी अच्छी प्रैक्टिस नहीं करते आपको बहुत ज्यादा मात्रा में ट्रेडिंग नहीं करनी चाहिए। 

साथ ही आपको ट्रेडिंग करते समय अनुशासन भी बनाये रखने की आवश्यकता हैं। जिसमें आपको स्टॉप लॉस और इंट्राडे ट्रेडिंग टाइम का विशेष ध्यान रखना चाहिए। 

“इन सबके अतिरिक्त मैं आपको ये ही सलाह देना चाहूंगा की कभी भी सिर्फ टिप्स और किसी के कहने के आधार पर ट्रेडिंग न करें। यदि आप ऐसा करते हैं तो आप भी उन व्यक्तियों की श्रेणी में शामिल हो सकते हैं जो की शेयर मार्केट में बड़ा नुकसान कर बैठते हैं।”  

तो आज आपने इस आर्टिकल इंट्रा डे ट्रेडिंग फॉर्मूला या Intraday Trading Formula in Hindi सीखा। यदि ये जानकारी आपको अच्छी लगी हो तो इसे सोशल मीडिया नेटवर्क्स पर अवश्य शेयर करें। यदि आपके कोई सवाल या सुझाव हैं तो वो कमेंट बॉक्स में आमंत्रित हैं।  

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नमस्कार दोस्तों ! मैं राज कुमार बैरवा पूंजी गाइड ब्लॉग का फाउंडर हूँ। मैं पूंजी गाइड ब्लॉग पर शेयर मार्केट, म्यूचुअल फंड, पर्सनल फाइनेंस से सम्बंधित जानकारियां शेयर करता हूँ।

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