IPO के फायदे और नुकसान

यदि आप भी IPO में अप्लाई करते हैं तो आपको भी सतर्क रहने की आवश्यकता हैं। IPO में जितना फायदे होने के चान्सेस होते हैं उतने ही नुकसान होने के भी होते हैं।

आईपीओ के माध्यम से कोई कंपनी पहली बार स्टॉक मार्केट पर लिस्ट होती हैं। इसलिए IPO को इनिशियल पब्लिक ऑफर भी कहा जाता हैं।

आज इस आर्टिकल में हम IPO के फायदे और नुकसान के बारें में बात करेंगे। तो इस रोचक जानकारी को समझने के लिए इस आर्टिकल को पढ़ते रहिये।

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IPO के फायदे और नुकसान

IPO ke fayde IPO ke Nuksan

वैसे IPO के कुछ फायदे होते हैं तो कुछ नुकसान भी। इसलिए हमें इन दोनों को अलग-अलग समझने की आवश्यकता हैं। प्रत्येक निवेशक आईपीओ में अलग-अलग उद्देश्य के साथ में निवेश करता हैं। इसलिए कभी भी किसी को अंधभक्त होकर फॉलो नहीं करना चाहिए।

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IPO के फायदे (Benefits of IPO in Hindi)

एक आम निवेशक सिर्फ उन्हीं कंपनीज में निवेश के बारें में सोचता हैं जो की स्टॉक मार्केट पर लिस्ट हैं। लेकिन IPO आपको सुविधा देता हैं की आप किसी नई कंपनी के शेयर बाजार में लिस्ट होने से पहले ही पकड़ ले।

चलिए अब IPO के फायदे के ऊपर बात करते हैं, जो की निम्न प्रकार हैं।

1. लिस्टिंग गेन की प्राप्ति

जब भी कोई कंपनी अपना आईपीओ मार्केट में लेकर आती हैं तो वो पहले से अपने शेयर का इशू प्राइस निर्धारित करती हैं। यदि IPO लेकर आने वाली कंपनी का ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा हैं और कंपनी अच्छा प्रॉफिट बना रही हैं और उसे लगातार बढ़ा रही हैं तो काफी ज्यादा निवेशक कंपनी को उत्साहित रहते हैं।

ऐसी अच्छी कंपनीज में बहुत लोग निवेश करना चाहते हैं जिसकी वजह से इनके शेयर्स की डिमांड मार्केट में बहुत ही ज्यादा हो जाती हैं। जब स्टॉक मार्केट में किसी शेयर की डिमांड बढ़ती हैं तो वो शेयर ऊपर की ओर जाता हैं।

इस तरह जब कोई कंपनी आईपीओ के माध्यम से लिस्ट होती हैं तो उस शेयर की ज्यादा डिमांड की वजह से उस शेयर की कीमत में अच्छी बढ़ोतरी देखी जाती हैं।

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कोई आईपीओ का शेयर अच्छे प्रीमियम के साथ लिस्ट होगा या नहीं इसे आप IPO के GMP (ग्रे मार्केट प्रीमियम) से पता कर सकते हैं। ग्रे मार्केट एक Unofficial मार्केट होता हैं जहां मार्केट में लिस्ट होने से पहले शेयर की ट्रेडिंग की जाती हैं।

चलिए IPO लिस्टिंग गेन को एक उदाहरण की सहायता से समझते हैं –

“मान लीजिये कोई कंपनी हैं जो की ₹100 के इशू प्राइस पर अपना IPO लेकर आती हैं। कंपनी का ट्रैक रिकॉर्ड काफी बढ़िया हैं जिससे कंपनी को बहुत ही अच्छा सब्सक्रिप्शन प्राप्त हुआ। जिस वजह से कंपनी का स्टॉक ₹150 पर लिस्ट हुआ। इस तरह यदि आपको इस आईपीओ का अलॉटमेंट प्राप्त हुआ हैं तो आप अपने शेयर को बेचकर ₹50 प्रति शेयर का मुनाफा कमा सकते हैं।”

2. अच्छी कंपनी में निवेश करने का मौका

यदि IPO के फायदे की बात की जाये तो ये आपको अच्छी और सॉलिड कंपनीज में निवेश करने का मौका भी देता हैं। जब किसी कंपनी का बिज़नेस मॉडल आपको बहुत ही बढ़िया लगता हो लेकिन वो कंपनी स्टॉक मार्केट पर लिस्ट न हो तो आप उसमें निवेश नहीं कर सकते।

लेकिन जब वो कंपनी स्टॉक मार्केट में लिस्ट होने के लिए अपना आईपीओ लेकर आती हैं तो आपके पास में विकल्प होता हैं की आप उस कंपनी के शेयर ख़रीदकर उसमें निवेश कर सकें।

जब भी आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते हो तो आप अपने शेयर के अनुपात में उस कंपनी में मालिक बन जाते हैं। इस तरह आप एक अनलिस्टेड कंपनी में निवेश नहीं कर सकते परन्तु एक लिस्टेड कंपनी में निवेश कर सकते हैं।

3. अधिक ज्ञान की आवश्यकता नहीं

यदि किसी व्यक्ति को सिर्फ IPO में लिस्टिंग गेन के माध्यम से पैसा कमाना हैं तो उसे स्टॉक मार्केट के अधिक ज्ञान की आवश्यकता नहीं होती हैं। यदि आप कुछ विश्वशनीय वेबसाइट से कंपनी का ग्रे मार्केट प्रीमियम भी देखकर निवेश करते हैं तो आप अच्छा लिस्टिंग गेन कमा सकते हैं।

आईपीओ के माध्यम से लिस्ट होने वाली कंपनी के बारें में अधिक रिसर्च की जरुरत तब पड़ती हैं जब आप उस कंपनी में लॉन्ग टर्म के लिए निवेश करना चाहते हैं।

इसलिए यदि आप सिर्फ लिस्टिंग से पैसे कमाना चाहते हैं तो आप GMP के आधार पर भी आईपीओ में अप्लाई कर सकते हैं। हालांकि ये रणनीति कभी-कभार गलत भी साबित हो सकती हैं।

4. कम पैसों की आवश्यकता

आमतौर पर यदि हम किसी निवेश विकल्प के साथ जाते हैं तो हमें उसमें थोड़ा बड़ा पैसा निवेश करना होता हैं जैसे की गोल्ड, फिक्स्ड डिपाजिट, रियल एस्टेट। लेकिन IPO के मामले में एक रिटेल निवेशक को बहुत ज्यादा पैसों की आवश्यकता नहीं होती।

एक रिटेल निवेशक के लिए IPO के एक लॉट में अप्लाई करने के लिए अधिकतम ₹15,000 की जरुरत होती हैं। इस तरह यदि किसी व्यक्ति के पास कम पैसा हैं तो भी वो आईपीओ में निवेश कर सकता हैं।

5. कम समय में भारी मुनाफा

IPO में अप्लाई करने से IPO लिस्टिंग तक अधिकतम 10-12 दिन का समय लगता हैं। यदि आईपीओ अच्छे प्रीमियम के साथ लिस्ट हुआ हैं तो आप बहुत की कम समय में अच्छा प्रॉफिट कमा सकते हैं।

कई अच्छी कम्पनीज के आईपीओ तो डबल प्रीमियम के साथ लिस्ट होते हैं। जिसमें आपका पैसा सिर्फ 10 दिन के भीतर डबल हो जाता हैं।

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6. पारदर्शिता

जब भी कोई कंपनी अपना IPO लेकर आती हैं तो उसे SEBI की एक पूरी चेकलिस्ट से गुजरना होता हैं। सेबी हमेशा अपने निवेशकों का ध्यान रखता हैं और ऐसे निर्णय लेता हैं जो की निवेशकों के हित में हो।

जो कंपनी अपना आईपीओ लेकर आती हैं वो अपनी सम्पूर्ण जानकारी DRHP (Draft Red Herring Prospectus) के माध्यम से सेबी को सबमिट करती हैं। इसमें उस कंपनी की सम्पूर्ण जानकारी होती हैं। जैसे की कंपनी के फाइनेंसियल स्टेटमेंट, प्रमोटर्स, फ्यूचर प्लान्स आदि।

इसलिए यदि आप IPO लाने वाली कंपनी के बारें में सम्पूर्ण जानकारी हांसिल करना चाहते हैं तो आप DRHP पढ़ सकते हैं। DRHP को आप सेबी की वेबसाइट से पढ़ सकते हैं या डाउनलोड कर सकते हैं।

7. सस्ते में शेयर उपलब्ध

जब कंपनियां सार्वजनिक (पब्लिक) होती हैं, तो वे डिस्काउंटेड दरों पर शेयर ऑफर करती हैं। यदि आईपीओ वाली कंपनी के पास बड़े पैमाने पर ग्रोथ करने की क्षमता हैं, तो ये निवेशकों को कम कीमत पर शेयर खरीदने की अनुमति हैं।

साथ ही कंपनीज रिटेल इन्वेस्टर्स और कर्मचारियों के लिए भी डिस्काउंट ऑफर करती हैं।

8. इक्विटी ओनरशिप और डिविडेंड की प्राप्ति

जब भी को निवेशक किसी कंपनी के शेयर खरीदता हैं तो उसे उस कंपनी की अपने शेयर्स के अनुपात में इक्विटी ओनरशिप प्राप्त हो जाती हैं। आसान भाषा में समझे तो कंपनी की ग्रोथ के लिए जो भी बड़े फैसले लिए जाते हैं उसमे शेयरधारक को भी वोटिंग राइट दिया जाता हैं।

इनके अतिरिक्त कम्पनीज अपने निवेशकों को कंपनी के प्रॉफिट में से डिविडेंड या बोनस शेयर के रूप में रिवॉर्ड करती हैं। आईपीओ के फायदे में एक फायदा ये भी है की आप किसी भी शेयर होल्डर को मिलने वाले सभी प्रकार के लाभों के लिए भागीदार बन जाते है।

उम्मीद हैं की आपको IPO के फायदे समझ में आये होंगे। आगे हम IPO के नुकसान के बारें में बात करेंगे।

IPO के नुकसान

चलिए अब हम IPO के फायदे समझने के बाद अब IPO के नुकसान के ऊपर विस्तार से चर्चा करते हैं।

1. IPO के नुकसान मार्केट की स्थिति पर निर्भर

IPO के नुकसान का सबसे पहला और महत्वपूर्ण पॉइंट हैं की आपको IPO में निवेश करने से पहले बाजार की स्थिति को सही से समझना जरूरी हैं। आपको आईपीओ से फायदा होगा या नुकसान इसका निर्धारण मार्केट की कंडीशन पर निर्भर करता हैं।

यदि मार्केट Bull फेज में हैं तो आपको IPO में अधिक फायदा हो सकता हैं। जबकि यदि मार्केट नेगेटिव सेंटीमेंट्स हैं यानि की मार्केट Bear फेज में हैं तो अच्छे आईपीओ में भी नुकसान हो सकता हैं। जैसा की कोरोना के समय SBI कार्ड्स के IPO में हुआ था।

इसलिए, आपको निश्चित तौर पर IPO में इन्वेस्ट करने से पहले बाजार की स्थिति को ध्यान से देखना जरूरी है। आसान भाषा में समझे तो आपको मौजूदा बाजार ट्रेंड और आर्थिक संकेतकों को ट्रैक करना चाहिए। इससे आपको पता चल सकेगा की शेयर बाजार में क्या चल रहा हैं। इसके अनुसार आप आईपीओ में निवेश करने या नहीं करने का सही फैसला कर सकें।

2. फंडामेंटल एनालिसिस न करने का नुकसान

अधिकतर रिटेल निवेशक आईपीओ में सिर्फ लिस्टिंग गेन के लिए अप्लाई करते हैं। जिसकी वजह से वे बिना कंपनी का एनालिसिस करें उसके आईपीओ में अप्लाई कर देते हैं।

इसके चक्कर में वो कई बार ख़राब कंपनीज के IPO में भी निवेश कर देते हैं जिससे शॉर्ट टर्म का पैसा लम्बे समय तक फंस जाता हैं। दूसरा वे नुकसान में अपने शेयर्स बेच देते हैं।

आईपीओ में निवेश करने से पहले कंपनी का फंडामेंटल एनालिसिस न करना आपको बड़ा नुकसान दे सकता हैं। जब आप कंपनी के फाइनेंसियल, बिजनेस मॉडल और जोखिमों के बारे में रिसर्च करते हैं तभी आपको कंपनी के बारें में सही जानकारी प्राप्त होती हैं।

यदि आपको ये ही पता नहीं होगा कि आईपीओ लाने वाली कंपनी कितनी फंडामेंटली मजबूत है तो आप आईपीओ में नुकसान कर सकते हैं।

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3. लिक्विडिटी की समस्या

अगले IPO के नुकसान की बात की जाये तो आईपीओ के शेयर्स में लिक्विडिटी की समस्या हो सकती हैं। जब आईपीओ के माध्यम से कंपनी के शेयर सेकेंडरी मार्केट में लिस्ट होते हैं तो कुछ समय बाद लिक्विडिटी की समस्या आ सकती हैं।

ये मुख्यतः उन कंपनीज के साथ होता हैं जिनके शेयर्स की डिमांड मार्केट में कम होती हैं।

4. IPO के नुकसान में विंडो ड्रेसिंग शामिल

जो भी कंपनी पहली बार अपने शेयर आईपीओ के माध्यम से जनता को प्रस्तुत करती हैं वो अपनी पोजीशन को अच्छा दिखाने के लिए विंडो ड्रेसिंग कर सकती हैं।

“विंडो ड्रेसिंग का मतलब होता हैं की कंपनी अपनी अच्छी छवि प्रस्तुत करने  के लिए गलत तथ्य प्रस्तुत कर सकती हैं। कंपनी ऐसा इसलिए करती हैं की उनके आईपीओ को अच्छा रेस्पोंस मिले। मतलब की जो भी शेयर उन्होंने बेचने के लिए आमंत्रित किये हैं वो  पूरे बिक जाए।” 

इस विंडो ड्रेसिंग से अच्छा-खासा ज्ञान रखने वाला निवेशक भी झांसे में आ जायेगा। ऐसी स्थिति में यदि कोई निवेशक फंस जाता हैं तो उसे IPO में नुकसान हो सकता हैं। जब निवेशक लॉन्ग टर्म के लिए निवेश करता हैं तो ये नुकसान ओर भी बढ़ सकता हैं।

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5. लम्बी अवधि के लिए भविष्य की संभावनाएं देखना जरुरी

अगला IPO का नुकसान हैं की IPO में पैसा इन्वेस्ट करने से पहले उस कंपनी का फ्यूचर देखना बहुत जरूरी हो जाता हैं। ऐसा इसलिए की हो सकता हैं कि कंपनी का बिजनेस मॉडल भविष्य में काम नहीं कर पाए। या कंपनी के प्रोडक्ट्स की डिमांड बिलकुल ही समाप्त हो जाये।

“उदाहरण के तौर पर 20 साल पहले तक यदि कोई कंपनी टाइपराइटर बनाती थी। तो आज के समय में टाइपराइटर की डिमांड बिलकुल समाप्त हो चुकी हैं। इससे ऐसी कंपनी में निवेश करने वालो को भारी नुकसान हो सकता हैं।” 

इसीलिए आप जिस भी कंपनी के आईपीओ में इन्वेस्ट करें उसके फ्यूचर बिज़नेस का अनुमान जरूर लगाए। यहाँ ये देखना महत्वपूर्ण हो जाता हैं की कंपनी का बिज़नेस आने वाले 10-20 सालों तक सस्टेन करने वाला होना चाहिए।

लेकिन अधिकतर रिटेल निवेशक बिना भविष्य की संभावनाएं देखे आईपीओ में निवेश करते हैं और नुकसान कर बैठते हैं।

6. SME आईपीओ में निवेश कर देना

SME आईपीओ स्मॉल मीडियम एंटरप्राइज के IPO होते हैं। इस प्रकार के आईपीओ में बहुत ही ज्यादा रिस्क होती हैं। लेकिन कई रिटेल निवेशक गुमराह होकर SME IPO में अप्लाई कर देते हैं जिससे उन्हें भारी नुकसान हो सकता हैं।

किसी व्यक्ति को SME कंपनी के IPO में तभी अप्लाई करना चाहिए जब वो उस बिज़नेस के बारें में निश्चित हो।

7. सिर्फ GMP देखकर निवेश से IPO के नुकसान

कई रिटेल निवेशक सिर्फ IPO के GMP (ग्रे मार्केट प्रीमियम) को देखकर ही निवेश कर देते हैं। लेकिन GMP का प्रीमियम कोई फाइनल नहीं होता हैं। ये जरुरी नहीं हैं की यदि आईपीओ का अच्छा प्रीमियम आ रहा हैं तो वो अच्छे प्रीमियम पर ही लिस्ट होगा।

आप ग्रे मार्केट प्रीमियम पर थोडा बहुत विश्वास कर सकते हैं। परन्तु साथ ही आपको कंपनी का थोडा बहुत फंडामेंटल एनालिसिस भी करना चाहिए जिससे आपका निर्णय मजबूत हो सके।

8. अधिक प्रतिस्पर्धा से आईपीओ के नुकसान

IPO का अगला नुकसान है कि आईपीओ कंपनी के प्रतिस्पर्धी और इंडस्ट्री ट्रेंड्स की वजह से आपका निवेश डूब सकता हैं। हो सकता हैं जिस इंडस्ट्री में आपने निवेश किया हैं वो इंडस्ट्री मंदी में आ गई हो।

साथ ही इंडस्ट्री में बहुत ही अधिक प्रतिस्पर्धा हो जाने की वजह से भी लॉन्ग टर्म IPO निवेशक को नुकसान हो सकता हैं। अधिक प्रतिस्पर्धा बढ़ जाने से मार्केट शेयर में गिरावट आ सकती हैं। साथ ही इनकम में भी गिरावट आ सकती हैं।

तो ये थे IPO के नुकसान जिनका आपको आईपीओ में निवेश करते समय जरूर ध्यान रखना चाहिए।

IPO के फायदे और नुकसान – निष्कर्ष

आज के समय में शॉर्ट टर्म में आईपीओ से पैसा कमाना बहुत ही लोकप्रिय हैं। किसी आईपीओ में अप्लाई करने के लिए आपके पास में एक डीमैट अकाउंट होना आवश्यक हैं। ये डीमैट अकाउंट आप Upstox, Zerodha या एंजेल वन जैसे ब्रोकर्स के साथ में ओपन करवा सकते हैं।

आप अपने IPO में अलॉटमेंट के चांस बढ़ाने के लिए अपने फॅमिली मेंबर्स के नाम से भी डीमैट खाता खुलवा सकते हैं।

अच्छे आईपीओ में निवेश के द्वारा अच्छा लिस्टिंग गेन कमाया जा सकता हैं। साथ ही आईपीओ में निवेश करके हम क्वॉलिटी कंपनीज में शुरुवात से ही निवेशित हो सकते हैं।

तो दोस्तों, आज आपने इस आर्टिकल में IPO के फायदे और IPO के नुकसान को विस्तार में समझा। यदि ये जानकारी आपको अच्छी लगी हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।

FAQ : IPO के नुकसान

  1. आईपीओ कैसे ख़रीदे?

    IPO खरीदने के लिए आपको एक डीमैट अकाउंट की आवश्यकता होती हैं। आप अपने डीमैट अकाउंट की मदद से आईपीओ खरीद सकते हैं।

  2. आईपीओ खरीदने से क्या फायदा है?

    आईपीओ से आप अच्छी कंपनीज में निवेश कर सकते हैं। साथ ही यदि आप लिस्टिंग गेन कमाना चाहते हैं तो भी आप आईपीओ खरीद सकते हैं।
    लिस्टिंग गेन का मतलब हैं की शेयर को जिस दाम में आपने ख़रीदा हैं, उस दाम से ज्यादा शेयर का लिस्ट होना। इससे आप अपने शेयर को अच्छे दाम पर बेचकर प्रॉफिट कमा सकते हैं।

  3. आईपीओ में कितना पैसा लगा सकते हैं?

    एक रिटेल निवेशक दो लाख रूपये तक आईपीओ में पैसा लगा सकता हैं।

  4. आईपीओ के शेयर कब बेच सकते हैं?

    IPO के सेकेंडरी मार्केट में लिस्ट होने के बाद आप अपने शेयर बेच सकते हैं।

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नमस्कार दोस्तों ! मैं राज कुमार बैरवा पूंजी गाइड ब्लॉग का फाउंडर हूँ। मैं पूंजी गाइड ब्लॉग पर शेयर मार्केट, म्यूचुअल फंड, पर्सनल फाइनेंस से सम्बंधित जानकारियां शेयर करता हूँ।

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