शेयर खरीदने के नियम | शेयर बाजार के सख़्त नियम

शेयर मार्केट में शेयर खरीदने के नियम बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं। समय के अनुसार शेयर खरीदने के नियम में कुछ बदलाव जरूर हो सकते हैं लेकिन अधिकतर शेयर खरीदने के नियम स्थाई होते है।

यदि आज के समय में निवेश की बात की जाएं तो स्टॉक मार्केट को सबसे बेहतरीन निवेश विकल्प माना जाता हैं। लेकिन शेयर खरीदनें से पहले शेयर मार्केट के नियम समझना जरुरी हैं।

शेयर खरीदने के नियम

हम एक-एक करके शेयर खरीदने के नियम समझेंगे जिन्हें आप आसानी से अपनी शेयर मार्केट की यात्रा में अपना सकें।

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शेयर खरीदने के नियम शेयर बाज़ार में अकाउंट खुलवाने से पहले और अकाउंट खुलवाने के बाद अलग-अलग होते हैं। सबसे पहले मैं आपको शेयर मार्केट में अकाउंट खुलवाने तक के नियम बताता हूँ। उसके बाद हम आगे के नियमों की बात करेंगे।

शेयर खरीदने के नियम:

  1. सबसे पहले आपके पास डीमैट अकाउंट होना चाहिए
  2. इसके लिए आपके पास आधार कार्ड और पैन कार्ड होना चाहिए
  3. सही ब्रोकर का चयन करें
  4. एक बैंक अकाउंट होना चाहिए
  5. मार्केट की नॉलेज होनी चाहिए
  6. किसी के बहकावें में आकर शेयर नहीं खरीदना चाहिए
  7. डीमैट अकाउंट की जानकारी किसी को न दे
  8. शेयर खरीदने से पहले कंपनी के बारें में सम्पूर्ण जानकारी ले
  9. टिप्स और बहकावें से दूर रहें
  10. अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखें

चलिए अब विस्तार से शेयर खरीदने के नियम के बारें में चर्चा करते हैं।

1. डीमैट अकाउंट की आवश्यकता

शेयर खरीदने के नियम में सबसे बेसिक नियम हैं की शेयर खरीदने के लिए आपके पास में एक डीमैट अकाउंट होना चाहिए। आपके ख़रीदे हुए शेयर डीमैट अकाउंट में स्टोर होते हैं जबकि शेयर खरीदने के ट्रेडिंग अकाउंट की आवश्यकता होती हैं।

आज के समय में डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट एक साथ ऑफर किये जाते हैं। आप अपना डीमैट अकाउंट किसी भी अच्छे स्टॉक ब्रोकर के साथ खुलवा सकते हैं।

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डीमैट अकाउंट खुलवाने के लिए आपके पास निम्न दस्तावेज होने जरुरी हैं –

  • आधार कार्ड
  • पैन कार्ड
  • बैंक अकाउंट

स्टॉक ब्रोकर का सही होना बहुत जरुरी होता हैं। शेयर ब्रोकर चुनने से पहले निम्न पॉइंट्स का ध्यान जरूर रखें –

  • शेयर ब्रोकर विश्वसनीय होना चाहिए
  • उसकी मोबाइल एप्प स्मूथ होनी चाहिए
  • कस्टमर सपोर्ट अच्छा होना चाहिए
  • ब्रोकरेज न्यूनतम होनी चाहिए

आप ऊपर दिए गए लिंक पर जाकर अपना ऑनलाइन डीमैट अकाउंट कुछ ही समय में खुलवा सकते हैं।

2. तय करें की आप एक इन्वेस्टर है या ट्रेडर?

स्टॉक मार्केट में अधिकतर लोग बस इसी वजह से पैसे नहीं बना पाते की वे तय नहीं कर पाते की वे एक ट्रेडर हैं या इन्वेस्टर। ट्रेडर वह होता हैं जो लगातार शेयर ख़रीदता और बेचता हैं। इसमें बहुत ही ज़्यादा रिस्क होती हैं लेकिन साथ में रिवॉर्ड भी ज्यादा होता हैं।

दूसरी ओर इन्वेस्टिंग में लॉन्ग टर्म के लिए निवेश किया जाता हैं। इसमें अच्छी और क्वॉलिटी कंपनीज ख़रीदकर 5-10 साल या ज्यादा के लिए निवेश किया जाता हैं। लॉन्ग टर्म में कंसिस्टेंट कम्पाउंडिंग बेनिफिट प्राप्त किया जा सकता हैं।

यदि आप इंट्राडे ट्रेडिंग या शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग के लिए शेयर खरीदते हैं तो इसमें अधिक नॉलेज और स्किल की आवश्यकता होती हैं।

लेकिन अधिकतर निवेशक लॉन्ग टर्म इन्वेस्टिंग के नाम पर स्टॉक ख़रीदते हैं। परन्तु वे थोड़ा-बहुत प्रॉफिट दिखाई देने पर ही अपने शेयर बेच देते हैं जिससे वे भारी मुनाफ़ा कमाने से चूक जाते हैं।

इसलिए शेयर खरीदने के नियम यहीं कहता हैं की अपने निवेश के साथ धैर्य के साथ बनें रहें जिससे आप अच्छा प्रॉफिट कमा सके।

3. शेयर को सही प्राइस पर ख़रीदने का प्रयास करें

शेयर खरीदने के नियम का अगला रूल हैं की स्टॉक को सही मूल्य पर ख़रीदने का प्रयास करें। अधिकतर निवेशक गलत प्राइस पर शेयर में एंट्री करते हैं और नुकसान कर बैठते हैं। इसके लिए आप थोड़ा बहुत सपोर्ट और रेसिस्टेंस के बारें में जानकारी हांसिल कर सकते हैं।

आपको एक अच्छे शेयर को उसके प्राइस करेक्शन के समय खरीदना चाहिए। न की उस समय जब वो अपने पीक पर पहुंच चुका हो।

जैसे की ABC Ltd का एक शेयर अभी ₹200 चल रहा हैं। यदि आप ₹200 पर इस शेयर को ख़रीदते हैं और शेयर 2 साल बाद ₹300 पर चला जाता हैं तो आपको प्रति शेयर ₹100 का फायदा होगा।

वही यदि आपने इस शेयर को इसके करेक्शन में ₹150 पर ख़रीद लिया होता तो आपको ₹150 प्रति शेयर का फायदा होता।

मिस्टर वारेन बफेट का एक प्रसिद्ध क्वोट भी है –

“स्टॉक मार्केट में जब सब डर रहे हो तब लालची बनें और जब सभी लालची बन रहे हों तब डरें” 

कभी भी स्टॉक मार्केट में बहुत ही हाई प्राइस पर शेयर ख़रीदकर वहां से बहुत ज्यादा तेजी की उम्मीद नहीं की जा सकती। सही प्राइस पर शेयर ख़रीदने से मार्जिन ऑफ़ सेफ्टी भी बढ़ती हैं।

4. अपनी रिसर्च स्वयं करें

अधिकतर लोग बस टिप्स और दूसरों के बताये शेयर्स में ही निवेश करते हैं। इससे यदि उनका ख़रीदा हुआ शेयर गिरता हैं तो वे उस स्क्रिप्ट में से विश्वास खो देते हैं। जिसकी वजह वे नुकसान में अपने शेयर बेच देते हैं।

लेकिन आपने स्वयं अपनी रिसर्च से शेयर खरीदते हैं तो आपको अपनी कंपनी पर विश्वास होता हैं जिससे आप धैर्य से अपने स्टॉक को होल्ड कर पाते हैं।

आपको कंपनी का एनालिसिस करते समय निम्न पॉइंट्स जरूर देखने चाहिए –

  • कंपनी का बैकग्राउंड
  • कंपनी के फाइनेंसियल स्टेटमेंट्स
  • प्रमोटर्स का बैकग्राउंड
  • कंपनी के बिज़नेस की भविष्य में ग्रोथ का अनुमान

कोई भी व्यक्ति बस टिप्स के आधार पर शेयर मार्केट में इन्वेस्टिंग के द्वारा पैसा नहीं बना सकता हैं। साथ ही आपको अपनी खरीदी हुई कंपनीज को समय-समय पर रिव्यु भी करना चाहिए। इसमें आपको कंपनी के क्वार्टली रिजल्ट पर ज्यादा फ़ोकस करना चाहिए।

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5. कमजोर फंडामेंटल वाली कंपनियों से बचें

अगर आप अच्छी कंपनियों में लॉन्ग टर्म के लिए इन्वेस्ट करना चाहते हैं तो आपको फाइनेंसियल स्टेटमेंट्स थोड़े-बहुत समझने होंगे। लॉन्ग टर्म इन्वेस्टिंग के लिए बहुत ज्यादा रॉकेट साइंस नहीं चाहिए।

लेकिन आप ऐसी कंपनीज में इन्वेस्ट करते हैं जिनके फाइनेंसियल स्टेटमेंट्स काफी कमजोर होते हैं तो आपको शेयर बाजार में नुकसान हो सकता हैं। उदाहरण के लिए मैं आपको कुछ वित्तीय रूप से कमजोर कंपनीज के उदाहरण बताता हूँ –

  • कंपनी की अंतिम 3 वर्षों में 10% से कम प्रॉफिट और सेल्स ग्रोथ।
  • 10% से कम ROE और ROCE
  • नुकसान वाली कंपनी।
  • बहुत ज़्यादा कर्जे वाली कंपनी।
  • बहुत ही कम प्रमोटर होल्डिंग।

यदि आप भी ऊपर बताई गई कंपनीज में निवेश करते हैं तो आपको फायदे का तो पता नहीं परन्तु नुकसान जरूर हो सकता हैं। इसलिए शेयर खरीदने के नियम के अनुसार आपको फंडामेंटली कमजोर कंपनी के शेयर ख़रीदने से बचना चाहिए।

6. बहुत अधिक क्वांटिटी में शेयर एक साथ न ख़रीदे

अधिकांश लोग जल्दी अमीर बनने के लिए किसी एक ही कंपनी के स्टॉक्स एक साथ भारी मात्रा में ख़रीद लेते हैं। एक साथ बड़ी मात्रा में स्टॉक्स खरीदना वैसे ही ख़तरनाक हैं जैसे की म्यूच्यूअल फण्ड में लम सम इन्वेस्ट करना। वही थोड़ी-थोड़ी मात्रा में शेयर खरीदना वैसे ही फायदेमंद हैं जैसे की SIP के माध्यम से निवेश करना।

एक साथ बड़ी मात्रा में शेयर खरीदने से पूरे पैसे एक साथ चले जाते हैं। उसके बाद वो शेयर गिरावट दिखाता हैं तो फिर उस स्टॉक को एवरेज करने के लिए हमारे पास पैसा बचेगा ही नहीं तो हम उसे एवरेज कैसे करेंगे।

इसलिए स्टॉक्स ख़रीदते समय भी संयमता दिखाना जरुरी होता हैं जिससे आपकी एवरेज प्राइस सही बनी रहें।

7. न्यूज़ देखकर शेयर न ख़रीदे

शेयर खरीदते समय ये जरूर ध्यान रखें की शेयर मार्केट में नुकसान होने की एक वजह हैं न्यूज़ देखकर ट्रेडिंग करना। यदि कोई भी व्यक्ति सिर्फ न्यूज़ चैनल की दी गई कॉल्स के हिसाब से ट्रेड करता हैं तो उसके ट्रैप होने के चान्सेस सबसे ज्यादा होते हैं।

अधिकतर न्यूज़ चैनल रिटेल इन्वेस्टर्स को केवल बेवकूफ बनाते हैं। ये न्यूज़ चैनल वाले आपको ऐसे स्टॉक बताएँगे जो की ऑपरेटर्स द्वारा ऑपरेट किये जाते हैं जिनमें पम्पिंग एंड डंपिंग का सिस्टम होता हैं। यानि की पहले शेयर को बहुत ऊपर की प्राइस पर पहुंचाया जाता हैं और फिर ऑपरेटर्स उस शेयर को बेचना चालू कर देते हैं। इससे रिटेल निवेशक हाई लेवल पर शेयर buy करके ट्रैप हो जाते हैं।

दूसरे तरीके में ये आपको स्टॉक ब्रेकआउट बताते हैं जो की एक लॉन्ग टर्म निवेशक के लिए तो बिलकुल भी मतलब का नहीं हैं। ब्रेकआउट में आपको ये एक्सपर्ट स्टॉक प्राइस को हाई होने पर ख़रीदने की सलाह देते हैं। लेकिन आप ही बताइये जब कोई चीज पहले से सस्ती में मिल रही हैं तो उसे महंगी प्राइस पर क्यों खरीदना।

इसलिए आप नॉलेज प्राप्त करने के लिए न्यूज़ चैनल देख सकते हैं लेकिन ट्रेडिंग करने के लिए आपको इसे नजरंअदाज करना चाहिए।

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8. टिप्स और अफवाहों से दूर रहें

आपका शेयर बाजार में निवेश अपने साथ में हर ओर से बेकार मार्केट टिप्‍स और अफवाहें लेकर आता हैं। इसमें आपके दोस्त और सहकर्मी किसी विशेष स्टॉक को खरीदने या बेचने के लिए सुझाव देंगे या किसी F&O में ट्रेड करने के लिए प्रेरित करेंगे।

आपको इन सभी को इग्नोर करना सीखना होगा। साथ ही आप बाजार के मुलभूत सिद्धांतों का पालन करते जाएं आपको सफलता जरूर प्राप्त होगी।

साथ आपको अपने निवेशित कंपनी से सम्बंधित भी कई बार अफवाहें सुनने को मिलेगी। इसमें आपको न्यूज़ को पुख्ता करने के बाद ही निर्णय लेना चाहिए। आपको जल्दी बाजी में कोई भी निर्णय नहीं लेना चाहिए।

9. स्टॉप लॉस लगाए

स्टॉक मार्केट में स्टॉप लॉस ट्रेडर के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता हैं। स्टॉप लॉस का इस्तेमाल न करने पर अच्छा-ख़ासा नुकसान हो सकता हैं। 

आप स्टॉप लॉस का इस्तेमाल करके अपने नुकसान को लिमिट कर सकते हैं। स्टॉप लॉस मुख्य रूप से ऑप्शन ट्रेडिंग और शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग में काम आता हैं। यदि आप अपने ऑर्डर में स्टॉप लॉस का प्रयोग करेंगे तो इससे आपका लॉस सीमित हो जाएगा।

जैसे की आपने कोई शेयर इंट्राडे के लिए ₹100 में ख़रीदा। अब आप इसमें स्टॉप लॉस लगा सकते हैं की यदि किसी कारणवश इसकी प्राइस गिरती हैं तो यह ₹90 पर आते ही बिक जाएं। इस तरह आपका ₹10 का अधिकतम नुकसान हो सकता हैं।

Stop Loss Meaning in Hindi को आप इस पोस्ट से विस्तार से समझ सकते हैं।

10. पैनी स्टॉक ख़रीदने से बचे

कई लोग ऐसा सोचते हैं की मार्किट में ₹1 से ₹10 वाले शेयर ही बढ़िया होते हैं। क्योंकि ये शेयर प्राइस में सस्ते होते हैं तो ये बहुत तेजी से बढ़ सकते हैं। लेकिन वास्तव में ऐसा होता ही नहीं है। बल्कि ऐसे पैनी शेयर ऑपरेटर्स के द्वारा मैनुपुलेट किये जाते हैं। जिसकी वजह से रिटेल इन्वेस्टर्स बहुत नुकसान उठाते हैं।

निवेशक सिर्फ यह सोचते हैं की कम प्राइस वाले शेयर सस्ते होते हैं, वे जल्दी बढ़ेंगे और बढ़िया पैसा बनाएंगे। लेकिन वास्तव में सिर्फ स्टॉक प्राइस देखकर यह नहीं बताया जा सकता की कोई शेयर सस्ता हैं महंगा।  

इस प्रकार के अधिकतर शेयर्स में लंबी अवधि में कोई भी रिटर्न नहीं बनते। हालांकि ट्रेडिंग के लिए इस प्रकार के स्टॉक्स के बारें में विचार किया जा सकता हैं।

इसलिए शेयर खरीदने के नियम के अनुसार आपको पैनी स्टॉक्स में निवेश करने से बचना चाहिए।

11. शेयर ख़रीदने के लिए ऋण न लें

शेयर मार्केट में फायदा होगा या नहीं, काफी हद तक इस बात पर निर्भर करता है कि आप शेयर को कितने समय तक होल्ड रख पाते हैं।

यदि आप स्टॉक मार्केट में निवेश करने के लिए पैसे उधार लेते हैं, तो ये ऋण चुकाने के समय आपके पास समय कम पड़ सकता हैं। क्योंकि आपका शेयर में निवेश आपको तुरंत फायदा नहीं देगा। शेयर मार्केट में हमेशा वोलैटिलिटी बनी रहती हैं। इसमें शॉर्ट टर्म में कुछ नहीं कहा जा सकता की मार्केट किस दिशा में जाने वाला हैं। 

इसलिए हमेशा अपने अतिरिक्त धन को शेयर बाजार में इन्वेस्ट करें। वह पैसा जिसकी आपको आने वाले कुछ समय में आवश्यकता नहीं पड़ने वाली उसे निवेश करना बेहतर होता हैं। इससे आप अपने निवेश को बिना किसी चिंता के होल्ड कर सकते हैं।

12. जोखिम को ध्यान में रखें

आपको शेयर खरीदते समय अपनी जोखिम का आकलन जरूर कर लेना चाहिए। प्रत्येक व्यक्ति की जोखिम लेने की कैपेसिटी अलग-अलग होती हैं।

आप अपनी रिस्क कैपेसिटी के अनुसार ही शेयर मार्केट में निवेश करें। यदि आप अपनी रिस्क कैपेसिटी से अधिक जोख़िम उठाते हैं तो आपको भारी नुकसान हो सकता हैं। आपको अपनी जोखिम क्षमता का ध्यान रखते हुए ही अपने स्टॉक पोर्टफोलियो का निर्माण करना चाहिए। जब आप ये नहीं जानते की आप क्या कर रहे हैं तो रिस्क की मात्रा ओर बढ़ जाती हैं।

आप अपने पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाई कर सकते हैं। इसमें आप विभिन्न सेक्टर्स के 10-15 स्टॉक्स अपने पोर्टफोलियो में शामिल कर सकते हैं। इससे आपकी रिस्क अलग-अलग सेक्टर्स में बंटकर कम हो जाती हैं।

शेयर खरीदने के नियम – FAQ’s

  1. शेयर खरीदते समय किन-किन बातों का ध्यान रखें?

    आपको शेयर खरीदते समय कंपनी के फाइनेंसियल, हिस्ट्री, फ्यूचर ग्रोथ, मैनेजमेंट की जानकारी, कंपनी के ऊपर कर्जा, प्रॉफिट ग्रोथ आदि की सही से जानकारी ले लेनी चाहिए।

  2. क्या कोई व्यक्ति एक शेयर खरीद सकता है?

    आप डिलीवरी में किसी कंपनी के कितने भी शेयर खरीद सकते हैं। चाहे तो आप सिर्फ एक शेयर भी ख़रीद सकते हैं।

  3. शेयर बाजार में शेयर कैसे ख़रीदे?

    शेयर मार्केट में स्टॉक ख़रीदने के लिए आपके पास डीमैट एंड ट्रेडिंग अकाउंट होना जरुरी हैं। आप किसी भी बढ़िया ब्रोकर के पास में अपना डीमैट खाता खुलवाकर शेयर बाजार में निवेश कर सकते हैं।

  4. लॉन्ग टर्म और शॉर्ट टर्म निवेश में क्या अंतर होता हैं?

    जब आप शेयर 3-4 साल के लिए खरीदते हैं तो यह लॉन्ग टर्म निवेश की श्रेणी में आता हैं। जबकि ट्रेडिंग, ऑप्शन ट्रेडिंग, स्विंग ट्रेडिंग आदि शॉर्ट टर्म के दायरें में आते हैं।

शेयर खरीदने के नियम का निष्कर्ष

शेयर मार्केट निवेश करने की एक ऐसी जगह है जहां पर अच्छी तरह से निवेश करके एक मोटा पैसा कमाया जा सकता है।  लेकिन इसके लिए चाहिए कि आप शेयर मार्केट को सही ढंग से समझे और उसे निरंतर रूप से सीखते जाएं।

शेयर खरीदने के नियम बहुत सारे हैं जिन्हें आपको सही तरीके से फॉलो करना होगा। यदि आप शेयर मार्केट में बस तुक्के के हिसाब से ही चलने वाले हैं तो यकीन मानिए आपको नुकसान के अलावा कुछ नहीं होगा। क्योंकि स्टॉक मार्केट की हिस्ट्री बताती है कि मात्र 1-2% व्यक्ति ही शेयर मार्केट से पैसा कमा पाते हैं। बाकी अन्य सिर्फ नुकसान करते हैं।

इसलिए यदि आपको एक-दो प्रतिशत वाले निवेशकों की श्रेणी में आता है तो ऊपर दिए गए शेयर खरीदने के नियम जरूर फॉलो करें। तो आज आपने जाना की शेयर खरीदने के नियम क्या हैं।

उम्मीद हैं दोस्तों, यह जानकारी आपको अच्छी लगी होगी। इसे सोशल मीडिया नेटवर्क पर जरूर शेयर करें और यदि आपके कोई सवाल या सुझाव है तो आप मुझे कमेंट के माध्यम से बता सकते हैं।

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नमस्कार दोस्तों ! मैं राज कुमार बैरवा पूंजी गाइड ब्लॉग का फाउंडर हूँ। मैं पूंजी गाइड ब्लॉग पर शेयर मार्केट, म्यूचुअल फंड, पर्सनल फाइनेंस से सम्बंधित जानकारियां शेयर करता हूँ।

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